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Showing posts from September, 2019

मुंशी प्रेमचंद की कहानी "भूत" पर आधारित नाटक "एक रिश्ता" का सफल मंचन

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29 सितंबर 2019 को दिल्ली के लोक कला मंच के सभागार में "ये रिश्ता" नाटक का मंचन किया गया जो मुंशी प्रेमचंद की कहानी भूत पर आधारित है।  इस नाटक मे मानवीय रिश्तो की मर्यादा को बनाए रखने पर ताना बाना बुना गया है। अपने सशक्त अभिनय से  कलाकारों ने नाटक को जीवन्त बना दिया।   नाटक मे दर्शाया गया है कि वकील सीता नाथ को चार बेटे है और बेटी न होने का ग़म है। बेटी की कमी को पूरा करने के इरादे से वो अपनी चार साल की छोटी सी साली को ही बेटी मानकर पालने का निश्चय करता है, और उसे बहुत प्यार से पालता भी है। लेकिन समय बीतने के साथ और उसकी पत्नी के देहांत के बाद वकील साहब की नीयत मे फर्क आ जाता है, क्योंकि वह लड़की भी अब बड़ी और आकर्षित हो गई थी।  वकील साहब अब उसी लड़की से शादी कर लेते है जिसे कभी वो इस घर मे बेटी बना कर लाये थे।  यहाँ रिश्तों मे अनर्थ महान लेखक मुंशी प्रेमचंद भी कैसे होने देते। वकील साहब की पत्नी की आत्मा उसे झंझोर कर रख देती है और उसे अपनी गलती का अहसास होता है। बाबू भाई, बंसी धमेजा रानी भम्भानी, गिरीश चावला,योगीता वासवानी तथा कविता आनंद ने मंच पर अपनी अदाकारी के जौहर दिखाए

किशोर को चुनौती देते हुए महमूद ने कहा- एक दिन मैं भी बड़ा फिल्मकार बनूंगा

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कुछ सिनेमा, कुछ अदाकार अपने किसी खास प्रस्तुति और बेहतरीन अदायगी से सदाबहार हो जाते हैं। हर दौर में वे खास रूप में पसंद किये जाते हैं। सन 1968 में एक फिल्म पड़ोसन बनी जिसमें काम करने वाले दो कलाकारों ने अपने उच्च कोटि के हास्य अभिनय से लोगों को हंसा-हंसाकर लोट-पोट किया। आज भी उनके मुरीदों की कमी नहीं है। उन्हीं में से एक कलाकार महमूद का आज यानि 29 सितंबर को जन्मदिन मनाया जा रहा है। बात जब पड़ोसन की हुई है तो इन दोनों कलाकारों की मजेदार कहानी का जिक्र होना भी जरूरी है। उन  दिनों किशोर कुमार की कॉमेडी का जादू छाया था। महमूद ने अपने कैरियर के सुनहरे दौर से गुजर रहे किशोर से अपनी फिल्म में भूमिका देने की गुजारिश की थी, लेकिन महमूद की प्रतिभा से पूरी तरह वाकिफ किशोर ने कहा था कि वह ऐसे व्यक्ति को कैसे मौका दे सकते हैं, जो भविष्य में उन्हें चुनौती देने का माद्दा रखता हो। तब किशोर को चुनौती देते हुए महमूद ने कहा- एक दिन मैं भी बड़ा फिल्मकार बनूंगा और आपको अपनी फिल्म में भूमिका दूंगा। महमूद अपनी चुनौती पर खरे उतरे और अपनी होम प्रोडक्शन की फिल्म पड़ोसन में किशोर को भूमिका दी। इन दोनों महान कला

त्योहारों में मिठास की कैलोरी से ऐसे करें परहेज

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त्योहार ज़िंदगी में रंग भरने के लिये ही आते हैं, क्योंकि इनके साथ हमारे घर में हर्षोल्लास दबे पांव आ जाता है। इसका आना किसे पसंद नहीं। खुशियों के साथ त्योहार अपने साथ मिठास भी लेकर आता है। जी हाँ, मिठास जुबान के साथ ही मिठाई की भी होती है। बाजार हर तरफ मिठाईयों और स्नैक्स से अटे पड़े होते हैं, क्योंकि इस दौरान हम इन्हें सौगात के रूप में दूसरों को तो बांटते ही हैं, अपने घर में भी खूब इस्तेमाल करते हैं। मगर इस भागदौड़ और खुशी में हमारी तन्दुरूस्ती भी बहुत जरूरी है। त्योहारों के मौसम में जब आप इसके हर क्षण को जीना चाहते हैं तब उस हालात में कैलोरी से परहेज करना शायद मुश्किल होगा, ऐसा सोचना जरूरी नहीं है, क्योंकि वक्त के साथ नये बदलाव भी हुए हैं जिसे इस्तेमाल में लाने से आप उन सारी चीजों से परहेज कर सकते हैं, जिसे करना चाहते हैं। त्योहार के दौरान सेहत के लिये न्युट्रीशनिस्ट दिव्या चढ़ा के जरूरी टिप्स त्योहार के दौरान कम फैट और कम शुगर वाले खाने का इस्तेमाल करें खाना बनाने में सीमित मात्रा में तेल का इस्तेमाल करें त्योहार के इस मौसम में जब स्नैक लेने का वक्त हो , उस वक्त 2 ग्लास पानी पियें,

प्रसारण की आवाज के साथ जिंदा हैं बीरेंद्र कृष्ण भद्र

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बीरेंद्र कृष्ण भद्र और महालया दोनों के बीच करीब छह दशक से अधिक का सक्रिय संबंध रहा है। 1931 में जब पहली बार ऑल इंडिया रेडियो के कोलकाता केंद्र ने महालया के दिन अपने प्रातःकालीन कार्यक्रम में बीरेंद्र कृष्ण भद्र की आवाज में चंडीपाठ का प्रसारण किया, तब से रेडियो पर चंडीपाठ का प्रसारण एक स्थाई वार्षिक कार्यक्रम बन गया। आगे चलकर तो महालया के दिन का 'महिषासुरमर्दिनी' नामक यह कार्यक्रम आकाशवाणी के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम में बदल गया। इस सिलसिले को 3 नवंबर 1993 को तब भारी झटका लगा, जब 4 अगस्त 1905 को जन्मे आवाज के जादूगर श्री भद्र ने 86 वर्ष की आयु में न केवल रेडियो, बल्कि पूरी दुनिया का ही साथ छोड़ दिया। अब केवल उनकी यादें शेष रह गई हैं। विज्ञान व तकनीक की मदद से हम उनके चले जाने के बावजूद, उनकी आवाज को अपने कब्जे में रखने में कामयाब हैं। इस प्रकार बीरेंद्र कृष्ण भद्र प्रसारण की आवाज के साथ जिंदा हैं। बीरेंद्र कृष्ण भद्र की आवाज में जब 1983 मे पहली बार 'महिषासुरमर्दिनी' को कैसेटबद्ध किया गया, तब पंकज कुमार मल्लिक ने इसे संगीत दिया था। महालया पर होने वाले चंडीपाठ के रेडियो

दिल्ली में चुनावी धमक के बीच तैयारी में जुटी पार्टियां

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देश में हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में विधान सभा चुनाव सामने है, तो राजधानी में भी चुनाव दिल्ली दूर नहीं है। इसकी धमक भी अब सुनाई देने लगी है। बीजेपी ने दिल्ली में चुनाव प्रभारी और सह प्रभारियों के नाम का एलान कर दिया है तो वहीं आज दिल्ली में सरकार चला रही आप ने भी चुनाव प्रभारी चुन लिया। इस संबंध में आम आदमी पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (PAC) की गुरुवार को राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह चुनाव प्रभारी होंगे। पीएसी ने यह भी निर्णय लिया है कि पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार निदेशक होंगे।  आम आदमी पार्टी का मानना है कि जल्द ही झारखंड के साथ-साथ दिल्ली चुनावों की तारीखों की घोषणा हो जाएगी। आप दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपनी चुनी हुई सरकार के ऐतिहासिक प्रदर्शन के आधार पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी मानती है कि दिल्ली सरकार का हर महीने 200 यूनिट बिजली मुफ्त प्रदान करने का निर्णय, दिल्ली में सीसीटीवी लगाने की योजना

कालातीत व्यक्तित्व था पंडित दीनदयाल उपाध्याय का:डॉ.बाजपेयी

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संसद सदस्य डॉ अशोक बाजपेई ने कहा है, कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का  कालातीत व्यक्तित्व था और वह वर्तमान राजनीति के चाणक्य तो थे, किंतु बेहद सरल व्यक्ति थे।   बाजपेयी आज यहाँ पंडित उपाध्याय की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे ।उन्होंने कहा कि उपाध्याय जी राष्ट्र के उन गिने-चुने नेताओं में थे, जो जनता की निष्काम सेवा और आडंबरहीनता के लिए विख्यात थे।  वह उस नन्दादीप की तरह जीवन भर जलते रहे ,जो दूसरों का पथ आलोकित करता है। वैसे तो समय के साथ साथ सभी रिक्तियां भर जाती हैं ,किंतु पंडित उपाध्याय के रिक्त स्थान को भारतीय राजनीति आज तक नहीं भर पाई है।यह रिक्तता ऐसे समय में उत्पन्न हुई है,जब देश को उनकी सर्वाधिक जरूरत थी। उन्होंने कहा कि उपाध्याय जी ने राजनीति में रहते हुए भारत की आत्मा को पहचानने और तदनुरूप भारत की राजनीति और अर्थव्यवस्था को ढालने का बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य किया।  बाजपेयी ने कहा कि  उपाध्याय जी कहते थे ,कि भारत की आत्मा को समझना है ,तो उसे राजनीति के चश्मे से नहीं अपितु सांस्कृतिक दृष्टि से देखना होगा। भारतीयता की अभिव्यक्ति राजनीति के द्वारा न होकर उसकी संस्कृति के

29 सितंबर से शुरू होंगे शरद नवरात्र और 8  अक्टूबर को  मनाई जाएगी  विजयादशमी

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इस वर्ष 29 सितंबर से शुरू होंने शरद नवरात्र और 8  अक्टूबर को  विजयादशमी  मनाई जाएगी। इस बारे में राजधानी के कनाट प्लेस स्थित पिपलेश्वरी काली मंदिर के पुजारी संतोष महाराज एवं दीक्षित महाराज ने बताया कि शरद नवरात्र नौ दिनों तक चलता हैं । इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों को पूजा जाता है ।यह नौ रूप हैं: – शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, देवी कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी एवं सिद्धिदात्री । उन्होंने  बताया कि नवरात्र के दौरान देवी दुर्गा के भक्त पूरे रीति-रिवाज के साथ उपवास करते हैं । यह  पर्व देवी दुर्गा के 9 अवतारों को समर्पित हैं । श्रद्धालु इन दिनों दुर्गा और शक्ति के अलग-अलग रूपों की पूजा करते हैं । नवदुर्गा के विभिन्न रूपों को प्रसन्न करने के लिए खास तरह से पूजा की जाती है । लोगों के लिए नवरात्र का बहुत महत्व हैं । पंडितों के अनुसार ऐसा माना जाता है, कि इस दौरान देवी दुर्गा अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए स्वर्ग से आती हैं ।यहां देवी दुर्गा के नौ अवतारों की पूजा की जाती है । नवरात्र के हर दिन एक अलग भोग या प्रसाद बनाया जाता है ,ताकि मां दुर्गे का आशीर्वाद

23 साल पहले जीरो से शुरू हुई इस संस्था ने चढ़ लिये सफलता के कई पायदान

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एक बड़ी सोच और छोटी शुरूआत ही निरंतर व्यक्ति को उसकी मंजिल के करीब ले जाती है। इसके कई उदाहरण हमारे आस-पास देखने को मिल जाते हैं, और वह हमारी सफलता की राह में प्रेरक भी बनते हैं। उन्हीं में से एक नाम है गिरिजेश चौबे का। आज से 23 साल पहले गिरिजेश चौबे ने भी बड़ी सोच के साथ छोटी शुरूआत की थी और अब उनकी सोच बड़े स्तर पर सफलता के मापदंड तय कर रही है। 25 सितंबर 1996 को गिरिजेश चौबे ने “पाथेय”(पीपुल्स  एसोसिएशन फॉर टोटल हेल्प एंड युथ अप्लायज़) नामक स्वयं सेवी संगठन की शुरूआत की थी, जिसे शोषित एवं वंचित समुदाय के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए गठित किया गया था। यह संस्था खासकर ठोस अवशिष्ट प्रबंधन, शिक्षा,स्वास्थ्य, कौशल विकास, एवं महिला सशक्तिकरण  के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बना रही है। आज उस संगठन ने अपने 23 साल पूरे कर लिये। इस अवसर पर पाथेय के दिल्ली स्थित ऑफिस में वर्षगांठ मनाई गई, जिसमें “पाथेय” से संबंधित लगभग सभी महत्वपूर्ण लोग एवं प्रबंधक गीता चौबे मौजूद रहे। विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित भारत सरकार के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस टेक्नोलॉजी एंड डेवलपमेंट स्टडीज के पूर्व चीफ साइंटि

यू.एन. आई. की रक्षा के लिये रिसीवर नियुक्त करने की मांग

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यू. एन. आई.की बेंगलूर स्थित बिल्डिंग को सरकार द्वारा अपने कब्जे में लेने के बाद की स्थिति पर चर्चा के लिए "सेव् यू. एन. आई मूवमेंट" की दिल्ली में  बुलाई गई आपात बैठक के बाद यह मांग की गयी  कि देश की  पुरानी समाचार एजेंसी यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ इंडिया(यू. एन. आई.)की चल-अचल संम्पति की रक्षा के लिए केंद्र सरकार तुरंत रिसीवर नियुक्त करे और संस्थान पर अवैध रूप से कब्ज़ा जमाये मामा-भांजा को गिरफ्तार करे । बैठक की अध्यक्षता  मूवमेंट के संयोजक डॉ. आर.के रमन ने की । इस मौके पर मुख्य समन्वयक एवं वरिष्ठ पत्रकार डॉ. समरेंद्र पाठक भी मौजूद थे । बाद में मूवमेंट के प्रवक्ता सनंत सिंह , सिहेक्ट मीडिया के सी. एम. डी एवं सिने आजकल के प्रधान संपादक कुमार समत , उर्दू के वरिष्ठ पत्रकार सुल्तान कुरैशी , भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव नंदन झा , एन.डी. पी. ऍफ़ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बाबू मुन्ना , समाज सेवियों पी. मलिक , मोहन ठाकुर एवं आर.के झा ने कहा कि यू. एन. आई की रक्षा के लिए सरकार को तुरंत रिसीवर नियुक्ति करना चाहिए तथा इस संस्था पर अवैद्य रूप से काबिज मामा भांजे को शीघ्र गिरफ्तार किया जाना चाहि

भारतीय चमड़ा उद्योग में निर्यात की भारी संभावना

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भारत का विश्व में चमड़े के उत्पादन एवं जूते और चमड़े के उत्पाद में लगभग 13% हिस्सा है। चमड़ा और चमड़ा उत्पाद उद्योग भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 1% से कम का योगदान देता है और जूता उद्योग भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 2% योगदान देता है। भारतीय चमड़ा उद्योग में निर्यात की भारी संभावना है।   दो दिन पूर्व कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ महेन्द्र नाथ पांडे ने चेन्नई में एक समारोह में बोलते हुए कहा, चमड़ा क्षेत्र एक निर्यात संचालित क्षेत्र है और अगले 5 वर्षों में इसमें 2 मिलियन रोजगार सृजित करने की क्षमता है। भारत सरकार ने हाल ही में 2019 के बजट में घोषणा की थी कि इस क्षेत्र में  कच्चे और अर्ध-तैयार चमड़े के लिए निर्यात शुल्क को तर्कसंगत बनाया जाएगा। यह 2020 5.85 बिलियन अमरीकी डालर वर्तमान स्तर से से बढ़कर 9.0 बिलियन अमेरिकी तक पहुंच सकता है। भारत ने जापान, कोरिया, आसियान, चिली आदि के साथ व्यापार समझौते किए हैं, और यूरोपीय देशों, ऑस्ट्रेलिया आदि के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत कर रहा है। महेन्द्र नाथ पांडे ने कहा, “फैशन और ट्रेन्ड का इस उद्योग पर बहुत प्रभाव है। पारंपरिक च

स्वतंत्रता पूर्व विद्रोही कवि के रूप में स्थापित दिनकर स्वतंत्रता के बाद राष्ट्रकवि के रूप में जाने गए

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         23 सितंबर 1908 को बिहार के बेगुसराय जिले के सिमरिया गाँव में महान शख्सियत रामधारी सिंह दिनकर का जन्म हुआ था। इन्होंने संस्कृत, बंगला, अंग्रेजी और उर्दू का गहन अध्ययन किया। ये स्वतंत्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतंत्रता के बाद राष्ट्रकवि के रूप में जाने गए।      ये छायावादी कवियों की पहली पीढ़ी के कवि थे। इन्होंने सामाजिक और आर्थिक समानता और शोषण के खिलाफ कविताओं की रचना की। इनकी रचना उर्वशी स्वर्ग की एक अप्सरा पर आधारित है। वहीं कुरूक्षेत्र महाभारत के शांति पर्व का कविता रूप है। इनकी महान रचनाओं में रश्मिरथी और परशुराम की प्रतीक्षा शामिल हैं।       दिनकर,1950 से 1952 तक मुजफ्फरपुर कॉलेज में हिंदी विभागाध्यक्ष रहे। इन्होंने भागलपुर विश्वविद्यालय के उप कुलपति के पद पर कार्य किया। 1952 में देश के प्रथम संसद में ये राज्यसभा के लिए चुने गए और लगातार तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद ने 1959 में इन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया। 1965 से 1971 तक भारत सरकार के हिंदी सलाहकार रहे। 1972 में इनकी काव्य रचना उर्वशी

कभी इन राज्यों में माफिया राज खत्म करने में इस अधिकारी ने निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका, अब आप में हुए शामिल

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बिहार और झारखंड में माफिया राज से लोहा लेकर अलग पहचान बनाने वाले पूर्व आइपीएस अधिकारी डा. अजोय कुमार बृहस्पतिवार को आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। वह जमशेदपुर से सांसद रह चुके हैं। पिछले दिनों झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से उन्होंने इस्तीफा दिया था। डॉ अजोय कुमार ने वर्ष 1994 से 1996 तक जमशेदपुर के पुलिस अधीक्षक के तौर पर सेवायें दी।  उन्होंने शहर की कानून व्यवस्था को बेहतर किया। उन्हें ऐसे वक्त में जमशेदपुर का एसपी बनाया गया था जब माफिया राज से त्रस्त होकर टाटा स्टील शिफ्ट होने का प्लान कर रही थी। डा. अजोय कुमार के काम की वजह से जमशेदपुर में माफिया राज खत्म हुआ और टाटा ने पलायन का प्लान निरस्त कर दिया।  जिसके बाद वे जनता के हीरो बन गये।  आप पार्टी में उनका स्वागत करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि एक पुलिस अधिकारी और राजनीति दोनों में डॉ अजोय कुमार का सफर बेहद शानदार रहा है। उनका उद्देश्य हर मायने में जनता की सेवा रहा है। उन्होंने पहले 1990 से 1994 तक पटना में बतौर पुलिस अधीक्षक अपनी सेवाएं दी और बहुत से सकारात्मक बदलाव लाये। उनके जीवन में घटित होने वाली तमाम घटनाओं के आधार

ई-सिगरेटों के निषेध से बढ़ते बच्चों और युवाओं को ई-सिगरेटों के जोखिम से बचाने में मिलेगी मदद

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इलेक्‍ट्रॉनिक सिगरेट बैटरी-युक्‍त उपकरण है, जो निकोटिन वाले घोल को गर्म करके एयरोसोल पैदा करता है। एयरोसोल, सामान्‍य सिगरेटों में एक व्‍यसनकारी पदार्थ है। इनमें सभी प्रकार के इलेक्‍ट्रॉनिक निकोटिन डिलिवरी सिस्‍टम, जलाने नहीं, गर्म होने वाले (हिट नॉट बर्न) उत्‍पाद, ई-हुक्‍का और इस प्रकार के अन्‍य उपकरण शामिल हैं। ऐसे नए उत्‍पाद आकर्षक रूपों तथा विविध सुगंधों से युक्‍त होते हैं, इसलिये इसका इस्‍तेमाल काफी बढ़ा है। विकसित देशों में  विशेषकर युवाओं और बच्‍चों में इसने एक महामारी का रूप ले लिया है। जिसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इलेक्‍ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अध्‍यादेश, 2019 की घोषणा को अपनी मंजूरी दे दी है। इस अध्यादेश के लागू होने से सरकार द्वारा तंबाकू नियंत्रण के प्रयासों को बल मिलेगा और तंबाकू के इस्‍तेमाल में कमी लाने में मदद मिलेगी, साथ ही इससे जुड़़े आर्थिक बोझ और बीमारियों में भी कमी आएगी। अध्‍यादेश की घोषणा के बाद, ई-सिगरेटों का किसी प्रकार उत्‍पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय (ऑनलाइन विक्रय सहित), वितरण अथवा विज्ञापन

नये सिरे से लिखे जाएंगे भारतीय सीमाओं के इतिहास

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भारत की सीमाओं का इतिहास नए सिरे से लिखा जाएगा। रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह ने भारत की सीमाओं का इतिहास नए सिरे से लिखने की स्वीकृति दे दी है।  सिंह ने भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के प्रतिष्ठित व्‍यक्तियों, नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय, अभिलेखागार महानिदेशालय, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ 17 सितंबर, 2019 को इस बारे में नयी दिल्‍ली में एक बैठक की। बैठक में प्रस्तावित किया गया कि नए सिरे से सीमाओं का इतिहास लिखने के इस काम में सीमाओं से जुड़े विभिन्न पहलुओं को समाहित किया जाएगा , जिसमें सीमांकन और परिसीमन , बदलाव , सुरक्षा बलों की भूमिका; सीमावर्ती लोगों की भूमिका उनके जीवन के  सांस्‍कृतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थितियों को शामिल किया जाएगा। इस परियोजना के दो साल के भीतर पूरा हो जाने की उम्‍मीद है। रक्षा मंत्री ने कहा कि नए सिरे से सीमाओं का इतिहास लिखने से लोगों एवं विशेष रूप से अधिकारियों को देश की सीमाओं को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी। यह आम लोगों तथा खासतौर से सीमा क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को राष्ट्रीय सीमाओं के प्रति जागरूक ब

प्लास्टिक कचरा प्रबंधन में रेलवे का श्रमदान

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स्‍वच्‍छता पखवाड़े के उपलक्ष्‍य में रेलवे ने पूरे भारतीय रेलवे परिसरों में बड़े पैमाने पर श्रमदान आयोजित किया। इस श्रमदान में रेलवे बोर्ड के अध्‍यक्ष विनोद कुमार यादव ने रोलिंग स्‍टॉक सदस्‍य राजेश अग्रवाल ,  सदस्‍य यातायात पी.एस. मिश्रा ,  उत्‍तरी रेलवे के महाप्रबंधक टी.पी. सिंह तथा रेलवे बोर्ड के और उत्‍तरी रेलवे के अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ नई दिल्‍ली रेलवे स्‍टेशन पर आयोजित श्रमदान में हिस्‍सा लिया। इस मौके पर एसएनसीएफ जैसे चैरीटेबल संगठनों तथा अन्‍य संगठनों ने भी इस श्रम दान में भाग लिया। सभी ने स्‍वच्‍छता शपथ और सिंगल यूज प्‍लास्टिक पर अंकुश लगाने का भी संकल्‍प लिया। साथ ही प्‍लास्टिक की थैलियों के स्‍थान पर कपड़े के थैले भी यात्रियों और स्‍टॉल मालिकों को वितरित किए गए। गौरतलब है कि रेल मंत्रालय अपने समूचे नेटवर्क में 11 सितंबर से 2 अक्टूबर तक 'स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा' चला रहा है। इस पूरे स्वच्छता पखवाड़े के दौरान प्लास्टिक कचरे के संग्रह पर ध्यान दिया जा रहा है और इसके अन्तर्गत निम्नलिखित कार्रवाई की जा रही हैं: एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध का बड

60 वर्ष का हुआ दूरदर्शन

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15 सितंबर को दूरदर्शन ने अपने 60 वर्ष पूरे किये। इस अवसर पर दिल्ली में एक समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें भाग लेते हुए केन्‍द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दूरदर्शन द्वारा पिछले 60 वर्षों में निभाई गई भूमिका को रेखांकित किया। उन्‍होंने दूरदर्शन द्वारा दिखाए गए पुराने कार्यक्रमों की याद दिलाते हुए कहा कि किस तरह दूरदर्शन दशकों से लोगों का मनोरंजन करता आ रहा है। उन्‍होंने दूरदर्शन द्वारा नयी प्रौद्योगिकी अपनाए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि आज दूरदर्शन डिजिटल माध्‍यमों के जरिए लोगों की हथेलियों पर मोबाइल एप के रूप में पहुंच गया है। डीडी इंडिया अब जल्‍दी ही पूरी दुनिया में देखा जा सकेगा। जावड़ेकर ने कहा कि दूरदर्शन की विश्‍वसनीयता ही उसका यूएसपी है। दूरदर्शन पर डाक टिकट और अमिताभ बच्‍चन द्वारा प्रस्‍तुत कविता जारी    दूरदर्शन के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्‍य में प्रकाश जावड़ेकर ने विशेष डिजाइन वाला डाक टिकट जारी किया। साथ ही उन्होंने इस अवसर पर अमिताभ बच्‍चन की आवाज में रिकॉर्ड की गई  आलोक श्रीवास्‍तव की कविता भी जारी की। यह कविता अमिताभ बच्‍चन ने खासतौर से दूरदर्शन को स

देवताओं के शिल्पकार हैं विश्वकर्मा

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हमारे देश में रेल से लेकर सुई तक बड़े-बड़े इंजीनियर की सहायता से बनाए जाते हैं।, ब्रह्माण्ड को भी किसी ने बनाया होगा। हिंदू धर्म में देवताओं के इंजीनियर यानी शिल्पकार विश्वकर्मा को माना जाता है। पुराणों में वर्णित लेखों के अनुसार इस सृष्टि का रचनाकार ब्रह्मा को माना जाता है। विश्वकर्मा की सहायता से इस सृष्टि का निर्माण हुआ। इसी कारण विश्वकर्मा को देवताओं का शिल्पकार कहा जाता है। देवताओं का स्वर्ग हो या लंका के रावण की सोने की लंका या फिर भगवान कृष्ण की द्वारिका और पांडवों की राजधानी हस्तिनापुर। इन सभी राजधानियों का निर्माण भगवान विश्वकर्मा द्वारा की गई है जो कि वास्तुकला की अद्भुत मिसाल है। विश्वकर्मा को औजारों का देवता भी कहा जाता है। महृषि दधीचि द्वारा दी गई उनकी हड्डियों से ब्रज का निर्माण विश्वकर्मा ने किया जो कि देवताओं के राजा इंद्र का प्रमुख हथियार है। आज 17 सितंबर है, इस तारीख को देश के अधिकांश हिस्सों में विश्वकर्मा पूजा के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म में विश्वकर्मा को निर्माण और सृजन का देवता माना जाता है। विश्वकर्मा पूजा प्रसिद्ध हिंदू पर्व है जो हर साल भाद्रपद शुक्ल प्र

हरियाणवी म्युजिक का टशन लेकर एक बार फिर आ रहे म्युजिक स्टार तनु खरखोदा

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हरियाणवी म्युजिक सेंसेशन के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले म्युजिक स्टार तनु खरखोदा अपने नये म्युजिक एलबम के साथ एक बार फिर हरियाणवी दिलों पर राज करने आ रहे हैं। इसी महीने तनु की धमाकेदार म्युजिक आने वाली है, जिसका नाम है काला सूट। हरियाणवी म्युजिक फिल्ड में तनु एक जाना पहचाना नाम है, और सभी उनके गाने के दीवाने हैं। हरियाणा की मिट्टी से ताल्लुख रखने वाले तनु खरखोदा ने हरियाणवी गायिकी में अपनी खासी पैठ बना ली है। तनु ने मशहूर हरियाणवी कलाकार सपना चौधरी के साथ भी कुछ प्रोजेक्ट्स जैसे- काला डोरा, ज़ीरो फिगर, चॉकलेट, गैंग्स्टर, धूमा, आदि किये है। इनमें विशेष रूप से काला डोरा को बहुत लोगों का प्यार मिला। https://www.youtube.com/watch?v=p1caKKoDLZ8 हरियाणवी म्युजिक से साथ तनु ने हिंदी बॉलीवुड म्युजिक में भी काम किया। जिसका टायटल है- तेरे बिना जिया जाए ना। यह गाना भी लोगों को काफी अच्छा आया। तनु आज हरियाणवी एवं हिंदी म्युजिक में अपनी खास पहचान बना चुके हैं, लेकिन म्युजिक की दुनियां से तनु की पहचान 13 साल की उम्र में हुई। इस बारे में तनु बताते हैं कि- शुरूआत में मैंने पंडित श्री बृजमोहन जी से ह

मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्मदिन 15 सितंबर बना इंजीनियर्स डे

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15 सितंबर को मनाये जाने वाले इंजीनियर्स डे का श्रेय भारत के महान  इंजीनियर डॉक्टर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को है। इनका जन्म कर्नाटक स्थित मैसूर के कोलार जिले के चिक्काबल्लापुर में 15 सितंबर 1861 को हुआ था।      भारत को समृद्धशाली बनाने में इनका अभूतपूर्व योगदान है। जब भारत माता ब्रिटिश शासन के जंजीर में बंधी थी तब कई महान उपलब्धियां इनके प्रयास से संभव हो पाई। सिंचाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए इन्होंने ब्लॉक सिस्टम बनाया। इस सिस्टम की प्रशंसा ब्रिटिश अधिकारियों ने खुलकर की। इन्होंने एक बार जंजीर खींचकर ट्रेन रोक दी।   जब गार्ड ने पूछा तो कहा, ट्रेन की गति और आवाज के अनुसार आगे पटरी टूटी है। बात बिल्कुल सच साबित हुई। कुछ ही दूरी पर पटरी का जोड़ खुला था।       1905 में ब्रिटिश सरकार ने इन्हें  कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द इंडियन एंपायर से सम्मानित किया। 1947 में ये ऑल इंडिया मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष बने। 1955 में इनकी अभूतपूर्व जनहितकारी उपलब्धियों के लिए इन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। जब मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया 100 वर्ष के हुए तब भारत सरकार ने डाक टिकट जारी करके इनके

आजादी के जज्बातों को धार देने के लिये यहां संपर्क भाषा के रूप में हुआ हिंदी का प्रसार

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भारत के सुदूर दक्षिण में बंगाल की खाड़ी में अवस्थित अंडमान-निकोबार द्वीप समूह है जहां अंग्रेजी शासन ने काला पानी के नाम पर अनेक क्रांतिकारियों का निर्वासन किया। ये क्रांतिकारी देश के अलग-अलग कोनों से आए थे और भिन्न- भिन्न भाषा बोलते थे। आपसी संपर्क और आजादी के जज्बातों को धार देने के लिए उन्हें एक ऐसी भाषा की आवश्यकता थी, जिसे सभी लोग समझ- बोल सकते हों और इस प्रकार एक संपर्क भाषा के रूप में यहां हिंदी का तेजी से विकास हुआ। अंग्रेजी शासन के विरुद्ध लिखने के लिए अनेक लेखकों, संपादकों, कवियों आदि को अंडमान निर्वासित किया गया। इन लोगों ने यहां हिंदी के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अनेक क्रांतिकारियों ने सेल्युलर जेल की दीवारों पर हिंदी में अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त किया। वीर सावरकर ने कारावास के दौरान यहां न सिर्फ अन्य क्रांतिकारी कैदियों को पढ़ाना आरंभ किया, बल्कि एक हिंदी वाचनालय भी शुरू किया। सावरकर ने जेल की दीवारों पर ही 11 हजार पंक्तियों की अप्रतिम रचना कमला काव्य की रचना की। लेखनी के अभाव में उन्हें जेल की कोठरी की दीवारों पर कीलों और काटों से उत्कीणित कर कंठस्थ करने

रायपुर में बनेगा देश का एवीएशन हब

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  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री  हरदीप पुरी से मुलाक़ात कर रायपुर को एवीएशन हब बनाने का आग्रह किया हे। उन्होंने केंद्रीय मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि रायपुर भौगोलिक दृष्टि से देश के सभी दिशाओं से जुड़ा हुआ है। वर्तमान में देश के 11 नगरों से रायपुर का सीधा संपर्क है ओर प्रतिदिन  24  उड़ाने रायपुर एयरपोर्ट से संचालित होती है । उन्होंने केंद्र से माँग की, कि रायपुर को एविएशन हब घोषित  कर  इसके लिये केंद्र सरकार की ओर से आवश्यक बजटीय प्रावधान भी किया जाय।      बघेल ने कहा कि रायपुर विमान स्थल देश में एक धूरी की तरह है। यह  6  पड़ोसी राज्यों से जुड़ा है। हाल ही में इसे आधुनिकतम किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री  की बात को गंभीरता से सुनते हुए उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री  बघेल से बिलासपुर ओर जगदलपुर से उड़ान सेवा प्रारंभ किए जाने पर केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस सम्बंध में कार्य प्रगति पर है। नवम्बर ओर दिसम्बर तक जगदलपुर से विमान सेवा प्रारंभ हो जाएगी।

पुनपुन नदी के तट पर प्रथम पिंडदान से पितरों की आत्मा को मिलती है शांति 

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पुनपुन घाट पर आयोजित 'पुनपुन अंतराष्ट्रीय पितृपक्ष मेला 2019' का उद्घाटन बिहार के उद्योग मंत्री सह स्थानीय विधायक  श्याम रजक द्वारा किया गया।   मंत्री श्याम रजक ने कहा कि पिंडदान पूर्वजों को सम्मान देने की संस्कृति का ही रूप है। लाखों लोग अपने पूर्वजों के लिए पिंडदान करने के लिए यहां आते हैं। जो हमारी संस्कृति है, और अब भी यह संस्कार कायम है। हम अपनी सभ्यता और संस्कृति नहीं भूले हैं। इस स्थल के विकास के लिए सरकार हमेशा प्रयासरत रही है।   उन्होंने कहा कि पितृपक्ष मेला में देश ही नहीं विदेश से भी श्रद्धालु अपने पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए पहला पिंडदान करने पुनपुन प्रखंड मुख्यालय स्थित पुनपुन नदी घाट पहुंचते हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार पुनपुन नदी के तट पर प्रथम पिंडदान से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। ऐसी मान्यता है कि यहां प्रथम पिंडदान के बाद गया में पितरों को फिर पिंडदान किया जाता है।     

दिल्ली में सम्पन्न हुआ जीएनएन गौरव अवार्ड सम्मान समारोह 2019

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जीएनएन गौरव अवार्ड सम्मान समारोह 2019 के कार्यक्रम का आयोजन एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर संसद मार्ग पालिका केंद्र पर हुआ जहां कई पत्रकारों और समाजसेवी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ रिखब चंद जैन टीटी कंपनी के चेयरमैन एवं भारतीय मतदाता संगठन के प्रमुख राकेश प्रजापति, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष रिपब्लिकन सेना पार्टी राजेश कुमार झा, राष्ट्रीय प्रवक्ता भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा एवं श्री श्री 108 महंत रूणा साहू, राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत जननी सेवा संस्थान एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के गुरु जी स्वामी विवेकानंद जी,  श्री राजेश पंडित सर्व ब्राह्मण समाज उत्थान सेवा संस्थान के प्रधान मटियाला विधानसभा एवं श्री श्री 1008 महंत शिरोमणि लक्ष्मण दास त्यागी महाराज एवं बीके सहगल रिटायर जनरल रक्षा विशेषज्ञ एवं साध्वी आस्था मां एवं ज्योतिषाचार्य प्रदीप जेनी  एवं सखा फाउंडेशन के अध्यक्ष बृज भाटिया एवं पूर्व सांसद साउथ वेस्ट दिल्ली महाबल मिश्रा एवं राजौरी गार्डन के एसीपी के एस एन सुबुद्धि, बीएसएफ के कमांडेंट एवं करप्शन क्राइम रिफॉर्म आर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के के वर्

लैंगिक असमानता के खिलाफ महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए नीतिगत पहल की जरूरत : रतन लाल कटारिया

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मासिक धर्म स्वच्छता को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर अपने विचार देते हुए , सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री, रतन लाल कटारिया ने  कहा, "बचपन से दी जाने वाली मासिक धर्म के बारे में उचित जानकारी सुरक्षित प्रथाओं को बढ़ा सकती है और लाखों महिलाओं की पीड़ा को कम करने में मदद कर सकती है।" कटारिया दिल्ली में मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन और लैंगिक समानता पर एक एसोचैम द्वारा आयोजित सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, "विभिन्न उपायों पर लैंगिक समानता की दिशा में भारत की प्रगति निराशाजनक रही है। "सोच को बदलना होगा और महिलाओं और लड़कियों को मासिक धर्म के दौरान हाइजीनिक उत्पादों के उपयोग के महत्व का एहसास कराने के लिए उचित जागरूकता की आवश्यकता है।" "मासिक धर्म के प्रति सदियों पुराने सामाजिक दृष्टिकोण को बदलने और मौन और जड़ता की संस्कृति को तोड़ने के लिए सभी प्रयासों की आवश्यकता है, इसके अलावा किशोरियों की स्वस्थ विकास के लिए युवा शिक्षा में मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन (एमएचएम) को शामिल किया जाना चाहिए।" उन्होंने कहा, "सोच को बदलना होगा और महिलाओं और लड़क

मिट्टी के बर्तनों की कलाकृतियां ऐसी, कि मुंह से निकल ही जाता है, वाह क्या बात है!

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विकास के दौर में जहाँ एक ओर नये अविष्कारों के साथ लोगों ने रहना शुरू कर दिया, वहीं छत्तीसगढ़ में अभी भी लोग पर्यावरण अनुकूल वस्तुओं का देनिक जीवन में उपयोग कर रहे हे। छत्तीसगढ़ में टेराकोटा वस्तुओं का उपयोग करने का प्राचीन इतिहास है। खुदाई के दौरान यह पाया गया कि हड़प्पा युग में छत्तीसगढ़ में लोग टेराकोटा की दीवारों और टाइलों का उपयोग करके घर बनाते थे। टेराकोटा मिट्टी के बर्तन छत्तीसगढ़ में आदिवासी जीवन के रीति रिवाजों और उनकी भावनाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।    पर्यावरण प्रेमियों, जानकारों के अलावा अब तो विज्ञान भी मानता है कि मिश्रित धातु या प्लास्टिक के बर्तनों में भोजन, पानी ग्रहण करना बीमारियों को जन्म देने वाला है। जबकि टेराकोटा बर्तनों की खासियत है कि इन्हें नियमित उपयोग के साथ धोया जा सकेगा। ताकि इनका बार-बार उपयोग किया जा सके। बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन आदि जेसे कारकों ने लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सजग किया है। यही वजह है कि इन दिनों दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ के शबरी एम्पोरियम में चल रही प्रदर्शनी में उपलब्ध टेराकोटा के बरतनों के प्रति दिल्ली वासियों में भी काफ़ी

आधुनिक जीवन शैली नहीं, पुरानी परंपराओं में है स्वास्थ्य का मूलमंत्र

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अच्छे स्वास्थ्य के लिये शहरी लोग चुनिंदा खाने को पसंद करते हैं, तो कहना गलत नहीं होगा। दरअसल इन दिनों ग्रामीण कम मगर शहरी लोग अपने बेहतर स्वास्थ्य के लिये काफी फिक्रमंद रहने लगे हैं। जिसके लिये वह हर खाना को खाने से पहले इस बात के लिये आश्वस्त होते हैं कि खाना कितना सेहतमंद होगा। कहीं शुगर तो नहीं हो जाएगा, या फिर मोटापा, एसिडिटी, वगैरह-वगैरह। इसके लिये वह कई बार डायटीशियन से भी संपर्क करते हैं, और दिये गये डाइट चार्ट को फॉलो करते हैं। अधिकांश लोग जिम जाते हैं, या फिर समय मिलने पर घर में ही योगा, एक्सरसाईज करते हैं। खाना खाते वक्त इस बात का बखूबी ध्यान रखा जाता है कि उसमें सारे जरूरी पोषक तत्व- प्रोटीन, विटामीन, कैल्शियम और मिलरल्स शामिल हों, जो शरीर को स्वस्थ रखे। आखिर क्यों आजकल लोग अपनी सेहत को लेकर इतने सचेत रहते हैं, और उन्हें एक डाइट चार्ट की जरूरत पड़ने लगी है ? इसके जवाब में डायटीशियन दिव्या चड्डा कहती है, कि पुरानी जीवनशैली में लोग अधिक संतुलित खाना खाते थे। घर वाले पारंपरिक रूप से रोटी, सब्जी, दाल चावल, सीजनल फल खाते थे, जिससे लोगों को संतुलित आहार मिलता था। मगर बदलते वक्त मे

दुनियां में कोई भी ऐसा देश नहीं है, जहां भारत की तरह फिल्‍में बनाई जाती हैं- कैमरन बैली

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टोरंटो अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव (टीआईएफएफ) के कलात्‍मक निदेशक एवं सह-प्रमुख कैमरन बैली ने कहा कि भारतीय सिनेमा और टीआईएफएफ के बीच अत्‍यंत मजबूत जुड़ाव है। उन्‍होंने भारतीय सिनेमा की व्‍यापक पहुंच पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसका दायरा निश्चित तौर पर बॉलीवुड से कहीं अधिक है। उन्‍होंने विभिन्‍न शैलियों ,  भाषाओं एवं क्षेत्रीय परिवेश से भारतीय सिनेमा के और अधिक समृद्ध होने का उल्‍लेख किया ,  जो भारत में बड़े पैमाने पर बनने वाली कॉमेडी ,  संगीत ,  एनिमेशन के साथ-साथ फिल्मों की अन्य विधाओं में परिलक्षित होता है। उन्‍होंने यह भी कहा कि दुनिया में कोई भी ऐसा देश नहीं है ,  जहां भारत की तरह फिल्‍में बनाई जाती हैं। कैमरन ने यह बात टोरंटो अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव (टीआईएफएफ) 2019 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की   भागीदारी के दौरान मंत्रालय द्वारा आयोजित  ' इंडिया ब्रेकफास्‍ट-नेटवर्किंग सेशन '  में कही। इस सत्र में जाने-माने महोत्‍सव प्रमुख ,  अंतरराष्‍ट्रीय फिल्‍म एसोसिएशन ,  फिल्‍म एजेंसियों और विभिन्‍न प्रोडेक्‍शन हाउस के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। सभी हितधारकों ने भारत के

पटना में बन रहे खादी मॉल में मिलेंगे मधुबनी और भागलपुर के मशहूर खादी वस्त्र एवं हस्तशिल्प

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   बिहार में खादी को नई पहचान दिलाने एवं लोगों को उससे जोड़ने के लिये बिहार सरकार के उद्योग विभाग द्वारा  पटना के गाँधी मैदान निकट स्थित खादी भवन का आधुनिकरण कर "खादी मॉल" बनाया जा रहा है, जिसका 3 अक्टूबर 2019 को  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उद्घाटन करेंगे। इसकी जानकारी देते हुए उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा कि इस पहल से राज्य में खादी को अलग पहचान मिलेगी।   मॉल में मधुबनी, भागलपुर सहित कई जगहों की प्रशिद्ध खादी की दुकानें होंगे। उन्होंने कहा कि अब राज्य के लोगों को अच्छी गुणवत्ता की खादी के वस्त्रों के लिए कहीं भटकने की जरूरत नहीं होगी।  हर तरह के एक से एक खादी के कपड़े, हस्तशिल्प, मधुबनी पेंटिंग आदि एक ही छत के नीचे खादी मॉल में लोगों को उचित मूल्य पर उपलब्ध रहेगी।   गौरतलब है कि खादी हमारे देश की पहचान है। केन्द्र व राज्य सरकार खादी ग्रामोद्योग के साथ मिलकर खादी को युवाओं की पसंद बनाने की दिशा में निरंतर काम कर रहे हैं। खादी में कुछ बुनियादी गुण होते हैं जिन्हें अभी तक समझा नहीं गया है। इस बारे में लोगों को बताने की जरूरत है।   खादी एक प्राकृतिक वस्त्र है।  यह कार्बन रहित कप

क्या जीवन में कला के साथ कौशल भी है जरूरी?

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दो दिन पहले की एक घटना है, जब दिल्ली मेट्रो के सामने एक 26 वर्षीय लड़की ने छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। इससे पिछले महीने अगस्त में भी एक लड़के ने मेट्रो के आगे छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। दरअसल यह वाकया इक्का-दुक्का नहीं बल्कि अनगिनत मामले हैं। आत्महत्या करने वालों की पसंदीदा जगहों में दिल्ली मेट्रो है। मेट्रो प्रशासन के लाख उपायों के आजमाने के बाद भी यह दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। निगरानी के लिये सीसीटीवी हताश व्यक्ति के मन की बात को भांपने में सक्षम नहीं हो सकता, यह भी सच है। आज इस घटना का जिक्र करने का मतलब है, क्योंकि 10 सितंबर को दुनियां हर साल वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे(विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस) मनाती है।  जिसका उद्येश्य हताश और निराश लोगों को जिन्दगी की ओर लाने की कवायद है। ऐसा बिल्कुल नहीं है कि लोग अपने जीवन का अंत मेट्रो के सामने ही करते हैं, बल्कि अन्य कई तरीके आजमाते हैं, और सफल हो जाते है, क्योंकि उनके लिये मौत आसान होती है, और जिन्दगी मुश्किल। वह इस बात से बिल्कुल अंजान होते हैं कि जिन्दगी चाहे जिसकी भी हो, मुश्किलें साथ होती हैं, चुनौतियों से सामना होता है, औ

फेसबुक नहीं बुक लिखें युवा पीढ़ी : बुद्धिनाथ मिश्र

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सोशल मीडिया के आने से लिखने के अवसर बढ़े हैं। लोग लगातार लिख रहे हैं और चूंकि वहां कोई संपादक नहीं है इसलिए वह सीधे प्रसारित हो रहा है। मैं आज सब खासकर युवा पीढ़ी को आगाह कर रहा हूं कि आप फेसबुक को छोड़कर बुक (पुस्तक) लिखें। यह सच है कि फेसबुक लाइक देखकर आप खुश हो जाते हैं कि आपके लिखे को इतने लोगों ने लाइक किया। लेकिन सच यह है कि ज्यादातर लोग बिना पढ़े आपके लिखे को लाइक कर रहे हैं।यह प्रसन्नता का विषय नहीं है। यह उद्गार सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र ने व्यक्त किए। मिश्र मैथिली साहित्य महासभा (मैसाम) और मैथिली भोजपुरी अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पंचम विद्यापति स्मृति व्याख्यान एवं मैसाम युवा सम्मान 2019 के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे देश और खासकर मिथिला में कभी पेयजल कोई कमी नही थी लेकिन आज शुद्ध पेयजल उपलब्ध नही है। नदियां सूख रही है। तालाब सूख रहे हैं। इन्हें बचाने की जरूरत है।        कार्यक्रम में वरिष्ठ मैथिली साहित्यकार प्रदीप बिहारी ने अपने उद्बोधन में कहा जल प्रबंधन अंतर्राष्ट्रीय विषय है। इस पर चर्चा हो। लोग जागरूक हो। मैथिली साहित्य में इस व

युवाओं के बौद्धिक एवं भावनात्मक विकास की तरह ही उनका स्वास्थ्य और शारीरिक फिटनेस भी महत्वपूर्ण

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 युवाओं के बौद्धिक एवं भावनात्मक विकास की तरह ही उनका स्वास्थ्य और शारीरिक फिटनेस भी महत्वपूर्ण है। यह विशेष रूप से देश में गैर-संचारी रोगों में आई तेजी के मद्देनजर आवश्यक है। उपराष्ट्रपति ने शिक्षण संस्थानों को 'फिट इंडिया' और 'खेलो इंडिया' में भागीदार बनने की सलाह दी।  नई दिल्ली में महाराजा अग्रसेन कॉलेज के रजत जयंती समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने ऐसी बहु-विषयक और समग्र शिक्षा प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया जिसमें पाठ्यक्रम के साथ दूसरी गतिविधियां और सामुदायिक सेवा शामिल हो। उपराष्ट्रपति ने शिक्षाविदों से कहा कि वे छात्रों के बीच महत्वपूर्ण सोच, समस्याएं सुलझाने, सांस्कृतिक योग्यता, वैश्विक दृष्टिकोण, टीम वर्क, नैतिक तर्क, और सामाजिक दायित्वों को बढ़ावा दें। अधिकारियों को शिक्षण प्रणाली में सुधार और इसे वर्तमान समय की जरूरतों के अनुरूप बनाकर युवाओं को सशक्त करने की सलाह देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटल अंतर को पाटना, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और ग्रामीण युवाओं के कौशल को उन्नत बनाने के लिए उचित ढांचे का निर्माण भारत के जनसांख्यकीय लाभांश को सा

ऑस्ट्रेलिया ने जीता चौथा टेस्ट और रिटेन किया एशेज

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रविवार को ऑस्ट्रेलिया ने चौथे एशेज टेस्ट में 185 रनों से इंग्लैंड को शिकस्त दी। इसी के साथ उसने एशेज को भी रिटेन कर लिया। आखिरी बार इंग्लैंड में ऑस्ट्रेलिआ ने एशेज 2001 में रिटेन किया था। ओल्ड ट्राफ्फोर्ड में खेले गए इस टेस्ट में सबसे निर्णायक रहे ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ, जिन्होंने पहली पारी में 211 और दूसरी पारी में 82 रन बनाये। पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 8 विकेट के नुक्सान पर 497 रन बनाये जिसमे स्मिथ ने 211 और लाबुषाङ्गे ने 67 रनों की पारी खेली। कप्तान पेन (58) और स्टार्क (54) ने भी अपना अहम योगदान दिया। इसके जवाब में इंग्लैंड 301 पर ढेर हो गयी। उसकी तरफ से रोरी बर्न्स ने 81 और कप्तान रुट ने 71 रन बनाये। इस पारी में हेज़लवुड ने 4 और स्टार्क और कम्मिंस ने 3-3 विकेट झटके। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 196 रनों की लीड लेने के बाद 6 विकेट के नुकसान पर 186 रन बनाये और इंग्लैंड के सामने सामने 383 रनों का लक्ष्य रख दिया। इस पारी में स्मिथ ने 82 रन बनाये और आर्चर ने 3 विकेट लिए। इसके जवाब में इंग्लैंड मात्र 197 रन पर ढेर हो गया और ऑस्ट्रेलिया ने टेस्ट मैच जीत, एशेज को भी रिट

आदिवासियों का सबसे बड़ा त्योहार है कर्मा

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आज कर्मा त्योहार है। यह त्योहार आदिवासियों का सबसे बड़ा त्योहार है। इसे झारखंड के अलावा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, असम, पश्चिम बंगला व पूर्वोत्तर के सभी राज्यों सहित देश के तमाम आदिवासी बहुल इलाकों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार को मनाने के पीछे लोक कथा है, जिसके अनुसार कर्मा और धर्मा नामक दो भाई थे। दोनों ही बड़े प्रेम से रहते थे । वह गरीबों की सहायता भी किया करते थे। कुछ दिन बाद कर्मा की शादी हो गई। कर्मा की पत्नी बहुत ही अधार्मिक तथा बुद्धिहीन स्त्री थी। वह हर ऐसा काम किया करती थी,  जिससे लोगों में क्लेश हो और उन्हें हानि पहुंचे। यहां तक कि उसने धरती मां को भी नहीं छोड़ा।  वह चावल बनाने के बाद गरम मांड़ जो पसाती वह भी जमीन पर सीधे गिरा देती। इससे कर्मा को बड़ी तकलीफ हुई। वह धरती मां को घायल और दुखी देखकर काफी दुखी था। गुस्से में वह घर छोड़कर चला गया। उसके जाते ही पूरे इलाके के लोगों की तकदीर भी चली गई। अब वे काफी दुखी और पीड़ित जीवन बिताने लगे। कुछ दिन बाद धर्मा से नहीं रहा गया। इलाके के अकाल और भूखमरी से जब वह व्याकुल हो गया,  तब अपने भाई को ढ़ूंढने के लिए निकल पड़ा। चलते चलते

स्‍वच्‍छता कार्य योजना के कार्यान्‍वयन के लिए रेलवे सर्वश्रेष्‍ठ मंत्रालय घोषित 

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2018-19 के लिए स्‍वच्‍छता कार्य योजना के कार्यान्‍वयन के लिए भारतीय रेल को सर्वश्रेष्‍ठ मंत्रालय का पुरस्‍कार मिला। इस पुरस्कार को राष्‍ट्रपति  रामनाथ कोविंद ने 6 सितम्बर को विज्ञान भवन में  भारतीय रेल की ओर से रेलवे बोर्ड की चैयरमेन  विनोद कुमार यादव को दिया। राष्‍ट्रपति ने स्‍वच्‍छ भारत मिशन के तहत छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल (सीएसटी), मुंबई को सव्रश्रेष्‍ठ स्‍वच्‍छ प्रतिष्ठित स्‍थल का पुरस्‍कार प्रदान किया। 2018 के स्‍वच्‍छता सर्वेक्षण के तीन सबसे स्‍वच्‍छ स्‍टेशनों- जोधपुर, जयपुर और तिरुपति को भी पुरस्‍कार प्राप्‍त हुए।           रेल, वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री  पीयूष गोयल ने सभी रेल कर्मियों से आग्रह किया कि वे स्‍वच्‍छता को संगठन की संस्‍कृति बनाए तथा 2 अक्‍टूबर, 2019 से 10 दिनों के लिए सभी ट्रेनों और स्‍टेशनों में स्‍व्‍च्‍छता कार्यक्रम चलाए।                भारतीय रेल ने 2018-19 के दौरान अपनी परिसंपत्तियों की स्‍वच्‍छता पर 3000 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की है। रेलवे बोर्ड के चैयरमेन  विनोद कुमार यादव जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों के साथ वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए स्‍वच्‍छता पर

44वें टोरंटो अंतर्राष्‍ट्रीय  फिल्‍म महोत्‍सव 2019 में भारत पवेलियन का हुआ उद्घाटन

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कनाडा में भारत के उच्चायुक्त विकास स्‍वरूप ने 44 वें टोरंटो अंतर्राष्‍ट्रीय   फिल्‍म महोत्‍सव (टीआईएफएफ) 2019 में भारत पवेलियन का उद्घाटन किया गया, जिससे विदेशी बाजारों में भारतीय सिनेमा को दर्शाने के लिए एक मंच मिलने के साथ-साथ व्‍यापार के नये अवसर भी मिलेंगे। इस वर्ष गोवा में आयोजित भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव(आईएफएफआई) का स्‍वर्ण जयंती आयोजन इस उद्घाटन की मुख्‍य विशेषताओं में शामिल है। इस अवसर पर विकास स्‍वरूप ने कहा , ' भारतीय फिल्‍मों ने फिल्‍म के निर्माण में विश्‍व भर में एक नया मापदंड कायम किया है। आज प्रत्‍येक फिल्‍म महोत्‍सव भारत के सॉफ्ट पावर की व्‍यापक संभावना को मान्‍यता देता है। टीआईएफएफ , 50 वें भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव 2019 की वैश्विक पहुंच के लिए एक आदर्श मंच है।'   भारत पवेलियन के उद्घाटन समारोह में फिल्‍म निर्माण क्षेत्र और फिल्‍म महोत्‍सवों से जुड़े लगभग 60 प्रख्‍यात हस्तियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में विभिन्‍न विषयों पर चर्चा की गई , जिनमें आईएफएफआई 2019 के स्‍वर्ण जयंती आयोजन में भागीदारी और महोत्‍सव के दौरान प्रोग्रामिंग की