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Showing posts from June, 2021

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवा विभाग द्वारा खरसावां प्रखंड के पोटोबेड़ा गावं में किया गया पौधारोपन।

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सुकांति साहू, खरसावां प्रखंड स्थित कृष्णापुर पंचायत के पोटोबेड़ा गावं में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवा विभाग द्वारा   पौधारोपन किया गया। वृक्षारोपण मूल रूप से पौधों को पेड़ का रूप देने की प्रक्रिया है और इसीलिए उनका अलग-अलग स्थानों पर रोपण किया जा रहा है।  वृक्षारोपण के पीछे का कारण ज्यादातर वनों को बढ़ावा देना , भूनिर्माण और भूमि सुधार है। वृक्षारोपण के इन उद्देश्यों में से प्रत्येक अपने स्वयं के अनूठे कारण के लिए महत्वपूर्ण है। इस कार्य में जिला सेवा प्रमुख प्रभात सिंह स्वांसी के साथ अन्य स्वयंसेवक मौजूद थे।

अपने जीवनकाल में अधिकाधिक वृक्ष लगाएं और जो पृथ्वी पर हैं, उसे बचाएं- संजीव सरदार

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 चिन्मय दत्ता नारदा पंचायत के कुंदरूकोचा गांव में आयोजित ग्रामीण संवाद कार्यक्रम में पोटका के विधायक पोटका संजीव सरदार ने जेटीडीएस के पहल पर कुंदरूकोचा गांव में श्रमदान से बनाये गये तालाब के मेढ़ मे वृक्षारोपण किया। इस मौके पर विधायक ने कहा कि हमारे जीवन में वृक्ष का काफी महत्व है। प्रत्येक व्यक्ति को जीवन जीने के लिए अक्सीजन की जरूरत होती है , जो अक्सीजन हमे वृक्ष से मुफ्त मिलता है।  हमारे पृथ्वी मे वृक्ष की कमी मनुष्य जीवन को संकट मे डाल सकता है , इसलिए सभी से अपील है कि प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवनकाल में अधिकाधिक वृक्ष लगाएं और जो पृथ्वी पर वृक्ष है , उसे नष्ट नहीं करें , बल्क उसे बचायें। झारखंड ट्राईबल डेवलपमेंट सोसायटी (जेटीडीएस) झारखंड सरकार के कल्याण विभाग की एक इकाई है , जो राज्य के आदिवासियों के विकास के लिए काम करती है।  इस इकाई का मुख्य उद्देश्य आदिवासियों को जागरूक कर स्वरोजगार से जोड़ना एवं उनके जीवनस्तर को ऊंचा उठाना है। इसके लिए जेटीडीएस क्षेत्र मे काम भी कर रही है । संजीव सरदार ने कहा कि कुंदूरकोचा मे श्रमदान कर तालाब का निर्माण करना ग्रामीणों की बेहतर पहल है।  यहां ताल

जम्‍मू-कश्‍मीर के मसले पर सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री का लोकतंत्र की मजबूती एवं समग्र विकास पर जोर।

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  डॉ.समरेन्द्र पाठक वरिष्ठ पत्रकार। नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जम्‍मू-कश्‍मीर में लोकतंत्र की मजबूती एवं समग्र विकास के  लिए सहभागिता जरुरी है।  मोदी यहां जम्‍मू-कश्‍मीर के मसले पर आयोजित सर्वदलीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह,उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, कांग्रेस के गुलाम नवी आजाद,राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों  फारूक अब्दुल्ला एवं  महबूबा मुफ्ती के अलावा अन्य कई दलों के नेता मौजूद थे। यह बैठक प्रधानमंत्री के सरकारी आवास पर बुलाई गयी थी। इस बैठक में सभी नेताओं ने अपने विचार रखे। बैठक की शुरुआत में अमित शाह ने राज्य की ताजा हालात के बारे में जानकारी दी।सभी ने भारत के लोकतंत्र और संविधान के प्रति पूरी निष्‍ठा जताई।   आधिकारिक सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री ने बैठक में दो बड़ी बातों पर विशेष जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि जम्‍मू-कश्‍मीर में लोकतंत्र को जमीनी स्तर तक ले जाने के लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा।  उन्होंने यह भी कहा कि जम्‍मू-कश्‍मीर में समग्र विकास हो, हर इलाके एवं हर समुदाय तक विकास पहुंचे, इसके लिए साझेदारी हो और जनभागीदारी का माहौ

क्या व्यवहारिक जिम्मेदारी से हम रोक सकते हैं कोरोना की संभावित तीसरी लहर?

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  अगर हम गैर जिम्मेदाराना व्यवहार नहीं कर रहे, और वही करते हैं, जो करना चाहिये तो निश्चित रूप से हम कोविड की संभावित तीसरी लहर से बच सकते हैं। यह एक सरल महामारी विज्ञान का सिद्धांत है। यह बात नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने  दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में कोविड 19 पर आयोजित केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मीडिया को संबोधित करते हुए कही। वह नई महामारी के लहरों के उद्भव के पीछे के कारणों को स्पष्ट कर रहे थे। क्यों पैदा होती हैं नई लहरें ? डॉ पॉल ने कहा कि चार कारणों से एक नई लहर पैदा होती है। 1.   वायरस का व्यवहार:वायरस में फैलने की क्षमता और योग्यता है । 2.   अतिसंवेदनशील/ग्रहणशील मेजबान: वायरस जीवित रहने के लिए अतिसंवेदनशील मेजबानों की तलाश में रहता है। इसलिए यदि हम टीकाकरण के माध्यम से या पिछले संक्रमण से सुरक्षित नहीं हैं , तो हम एक ग्रहणशील मेजबान हैं। 3.   संक्रामकता:   वायरस जहां रूपांतरित हो जाता है , और अधिक संक्रामक हो जाता है तथा पर्याप्त रूप से स्मार्ट बन सकता है। एक ही वायरस जो तीन मेजबानों को संक्रमित किया करता था , 13 मेज़बानों को संक्रमित करने में सक्षम हो

कोविड 19 में मानव सेवा के साथ प्रकृति संरक्षण के लिये भी सामाजिक उद्यमी शेरपुरिया की सराहनीय पहल, पौधरोपन कर बढ़ाएंगे गंगा तट की सुंदरता।

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  गाजीपुर कोविड 19 की दूसरी लहर ने जिस तरह बड़ी संख्या में मानव जीवन को छीनने का काम किया उससे मृत इंसानों के दाह संस्कारों पर भी काफी असर पड़ा। मरीजों के निधन पर लोग मृतदेहों को लकड़ी के अभाव में गंगा के जल प्रवाह में बहाने लगे, जो हर किसी को भयभीत कर रहा था। ऐसे में सरकार के साथ ही कुछ ऐसे जागरूक समाजसेवी सामने आए जिन्होंने गंगा की पवित्रता को बनाए रखने के लिये अपना अहम योगदान दिया। संजय राय शेरपुरिया उन्हीं में से एक हैं, जिनकी मानव एवं प्रकृति सेवा उन्हें अन्य से अलग करती है।   उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के यूथ रूरल एंटरप्रेन्योर फाउण्डेशन के मार्गदर्शक संजय राय शेरपुरिया गंगा में कोविड - 19 की वजह से मृतदेहो को बहाने से गंगा में हो रहे प्रदूषण को लेकर जागरुक है। इसके तहत गंगा में नाव के सहारे घण्टों गंगा के किनारे सेनेटाइजेशन किया गया। इस मौके पर संजय राय शेरपुरिया ने खुद तीन घंटे तक कार्य का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि गंगा के किनारों को स्वच्छ कराया जाएगा और पौधे लगाए जाएंगे ।  इससे गंगा के प्रति आम आदमी में जागरुकता पैदा होगी। साथ ही पौधरोपण से तटों की सुंदरता भी बढ़ेगी। इससे प

सामाजिक कार्यकर्ता राजाराम गुप्ता के प्रयास से महिला को इलाज के लिए कल्याण विभाग ने उपलब्ध कराई राशि।

चाईबासा, समाज में रह रहे हर व्यक्ति के लिये जिस तरह सरकार उत्तरदायी रहकर काम करती है, वहीं सामाजिक कार्यों में लगे व्यक्ति समय-समय पर सामाजिक जरूरतों को पूरा करने के लिये तत्पर रहते हैं। अक्सर वह अपनी सेवा भाव से जरूरतमंदों के काम आकर उदाहरण पेश करते हैं। जैसा कि चाईबासा में समाजसेवी ने भी किया। दरअसल, एसपीजी मिशन कंपाउंड चाईबासा निवासी चिन्मय दत्ता की पत्नी शिवानी दत्ता पिछले कुछ दिनों पूर्व से पित्ताशय पथरी की बीमारी से पीड़ित थी। लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वे ऑपरेशन कराने में असमर्थ थे। इस मामले की जानकारी जब क्षेत्र में अधिवक्ता सह सामाजिक कार्यकर्ता राजाराम गुप्ता को हुई, तब उन्होंने चिन्मय दत्ता के आवास जाकर स्थिति को जाना। इसके उपरांत समाजसेवी राजाराम गुप्ता ने मामले की जानकारी उपायुक्त अनन्य मित्तल को दी व पीड़ित महिला के इलाज को लेकर सहायता करने का अनुरोध किया। इस अनुरोध पर कल्याण विभाग द्वारा पिछड़ी जाति चिकित्सा अनुदान के तहत ऑपरेशन के लिए 10 हजार रुपए चिन्मय दत्ता को प्रदान किया गया। इस सरायहनीय प्रयास से अभिभूत दत्ता ने उपायुक्त अनन्य मित्तल एवं सामाजिक कार

कोरोना संक्रमण काल में पश्चिमी सिंहभूम में ग्रामीण बच्चों को समावेशी शिक्षा से जोड़ने के लिये हो रहा है प्रयास।

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चिन्मय दत्ता, पश्चिमी सिंहभूम के नोआमुंडी  प्रखंड के सुदूरवर्ती सारंडा क्षेत्र अंतर्गत 4 गांव बोकना, बराईबुरु, दिरीबुरु एवं चतोम्बसाई के 274 बच्चों को गुणवत्तापूर्ण समावेशी शिक्षा अभियान के तहत जोड़ा गया है। जिसके तहत कोविड-19 अनुरूप व्यवहार का पालन करते हुए सभी बच्चे नियमित रूप से प्रतिदिन 2 घंटे संचालित होने वाली कक्षा में भाग ले रहे हैं, जहां बच्चों को अक्षर ज्ञान बोध के अलावा स्कूली शिक्षा ज्ञान भी दिया जा रहा है। यह कार्य  पश्चिमी सिंहभूम जिला उपायुक्त के निर्देशानुसार जिला बाल संरक्षण कार्यालय के द्वारा कोरोनावायरस संक्रमण काल में संरक्षण पदाधिकारी  कृष्णा कुमार तिवारी द्वारा चार शिक्षिकाओं के सहयोग से हो रहा है। इस बारे में बाल संरक्षण पदाधिकारी  पुनीता तिवारी ने बताया कि जल्द ही गोईलकेरा प्रखंड में भी समावेशी शिक्षा के लिए गांव के बच्चों को जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि समावेशी शिक्षा के आलोक में कोरोना संक्रमण काल में कम उम्र के बच्चों के मानसिक दबाव एवं अवसादों को कम करने के लिए रोचक कहानियों द्वारा उन्हें प्रेरित किया जा रहा है।  समावेशी शिक्षा बच्चों का

अशांत मन को शांत करने के लिये आखिर क्यों जरूरी है प्राणायाम ?

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  रजनीश कुमार सिंह आज यानि 21 जून को 7वां अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। भारत की इस प्राचीन कला को देशवासियों के साथ पूरी दुनिया अपना सकें, इसके लिये कई विश्वस्तरीय प्रयास किये जा रहे हैं। इसलिये आज के दिन योग दिवस पर विभिन्न आयोजन किये जाते हैं। योग से हमें मानसिक एवं शारिरिक दोनों तरफ से लाभ मिलता है। इस मुश्किल वक्त में जब हम सब एक अभूतपूर्व स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहे हैं, योग हमें ताकतवर बनाने का काम करता है। लोगों के मन में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर महामारी के प्रभाव को लेकर व्यापक चिंता है। इस कठिन दौर में योग अपने बहुआयामी लाभों के साथ बहुत मददगार साबित हो रहा है। योग ,  ध्यान और   इसके विभिन्न आसन न केवल एक शारीरिक गतिविधि हैं ,  बल्कि अपने नियमित अभ्यासकर्ता को कई स्वास्थ्य लाभ और तनाव से राहत प्रदान करता है। इसलिये योग को आम लोगों के विचारों और दैनिक जीवन में लाने का एक सामयिक अवसर है। योग और प्राणायाम के नियमित अभ्यास से शरीर ,  आत्मा और मन के बीच संतुलन लाने में मदद होती है । इस विशेष दिवस पर हम प्राणायाम को जानने और समझने की कोशिश करेंगे कि क्यों

मानव शरीर के कई हिस्से मशीन के बन चुके हैं, लेकिन रक्त का अब तक विकल्प नहीं --हेमन्त सोरेन, मुख्यमंत्री।

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सुकांति साहू, रांची विश्व रक्तदाता दिवस पर 14 जून को झारखण्ड एड्स कंट्रोल सोसायटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए रहे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखण्ड के ब्लड बैंकों में खून की कमी रहती है। समय पर रक्त नहीं मिलने से कई लोगों की मृत्यु हो जाती है। जिसे देखते हुए कुछ जिलों में ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट निर्माण के लिये शिलान्यास किया गया है। सभी जिलों में इस तरह की व्यवस्था हो, इस लक्ष्य के साथ सरकार आगे बढ़ रही है , ताकि ब्लड बैंक में खून की कमी ना हो और किसी की मृत्यु का कारण खून की कमी ना बने।   मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ऐसी व्यवस्था करने में जुटी है , जिससे ऑनलाइन जरूरतमंदों को ब्लड उपलब्ध कराया जा सके और उनके परिजन इसके लिए परेशान ना हो। यह तभी संभव है, जब हम मिलकर अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए रक्तदान करेंगे जो उनके लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा और अन्य लोग भी रक्तदान के लिए आगे आएंगे। राज्य की महिलाओं और युवतियों में खून की कमी पाई जाती है। सरकार इस कमी को दूर करने के प्रयास में सरकार जुटी है ताकि आने वाली पीढ़ी को सुदृढ़ बनाया जा सके। इस मोके पर रक्तदान करने के लिये

महिला समूहों को कृषि क्षेत्र से जोड़कर सशक्त बनाने की दिशा में राज्य सरकार उठा रही है कदम-कृषि मंत्री झारखंड

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चिन्मय दत्ता, रांची। झारखंड के कृषि , पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। इसी दिशा में राज्य के 425   महिला समूह को   ट्रैक्टर और रोटावेटर   80 प्रतिशत अनुदान पर दिया जा रहा है , जिसकी शुरुआत रांची से की जा रही है। वह 14 जून सोमवार को जे. ए.एम.टी.टी.सी.परिसर में कृषि यांत्रिकीकरण प्रोत्साहन योजनांतर्गत मिनी ट्रैक्टर एवं सहयोगी कृषि यंत्र के वितरण समारोह में बोल रहे थे।   राज्य के कृषि मंत्री बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में राज्य के किसानों से जुड़ी कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है जिसमे बीज , खाद वितरण के साथ कृषि यांत्रिकीकरण पर भी जोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार प्रथम चरण में उत्कृष्ट महिला समूह को 425 ट्रैक्टर और रोटावेटर दे रही है। इन कृषि यंत्रों के लिए 4 लाख रुपए सरकार के द्वारा अनुदान स्वरूप दिए जा रहे हैं जबकि महिला समूह की ओर से करीब सवा लाख रुपए दिए गए हैं।  मंत्री ने कहा कि कृषि यंत्र वितरण कार्यक्रम सभी प्रखंडों में जन प्रतिनिधि की

राष्ट्रीय यूनियन यूनाइटेड इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन( UIJA) मे मिथिला के चार हस्तियों के शामिल किये जाने से मिथिला वासियो मे खुशी।

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राजू मिश्रा पत्रकार। समस्तीपुर,12 जून 2021(एजेंसी)।पत्रकारों की राष्ट्रीय यूनियन यूनाइटेड इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन( UIJA) की केंद्रीय कमेटी में मिथिला के चार हस्तियों के शामिल किये जाने से मिथिलावासियों ने ख़ुशी का इजहार किया है। मिथिला के चार पत्रकारों  अरविन्द पाठक को राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं  नवेश कुमार, मीरा कुमार एवं  सारिका झा को राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया है।  पाठक एवं  कुमार मिथिला के मधुबनी जिले, श मीरा कुमार  दरभंगा जिले एवं सारिका झा समस्तीपुर जिले की रहने वाली हैं। इनकी नियुक्ति पर अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के अन्तर्राष्ट्रीय संयोजक प्रो.अमरेन्द्र झा एवं राजपूत गण परिषद् के अध्यक्ष सनंत सिंह सहित अनेक लोगों ने प्रसन्नता जाहिर की है।

पोटका विधानसभा क्षेत्र के शंकरदा पंचायत में संथाली एल्बम के शूटिंग का हुआ शुभारंभ।

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  सुकांति साहू फिल्में एवं संगीत किसी भाषा, समुदाय एवं समाज का प्रतिबिंब होती हैं। खासकर क्षेत्रीय समृद्धि को भी कई बार इसके जरिये लोगो के बीच पहचान मिलती है। उन्हें बस उम्मीद होती है कि सरकारें उनकी इस कोशिश में भरपूर सहयोग करे। इसी परिपेक्ष्य में झारखंड के पोटका विधानसभा क्षेत्र के शंकरदा पंचायत में आज गुड़रा नदी और दूधनाई नदी के संगम में अवस्थित पहाड़ भाँगा राम रोड़े टुसू मेला मैदान और रंगा पहाड़ के तलहटी में पिल्चू मेलोडी के बैनर तले " ओकोय कोड़ा ना" नामक संथाली एल्बम के शूटिंग का नरियल फोड़कर   मुखिया सह विधायक प्रतिनिधि बिल्टू हाँसदा ने शुभारंभ किया गया।   इस एल्बम में निर्माता: बी के , निर्देशक: लोगेन मार्डी , दुशाषण   महतो , सिंगर: लोगेन मार्डी तथा जमुना , नायक: गोरा चांद नायिका: सोनी मुर्मू हैं। मौके पर झामुमो के युवा नेता जालिम मार्डी भी उपस्थित थे।  इस अवसर पर बिल्टू हॉसदा ने कहा कि राज्य सरकार स्थानीय कलाकरो को उचित मंच प्रदान करेगी ताकि अपना प्रतिभा को प्रदर्शित कर सके। हेमंत सोरेन की सरकार किसी को निराश नहीं करेगी।  

भारत के नए निर्वाचन आयुक्त के रूप में अनूप चंद्र पांडेय ने पदभार ग्रहण किया।

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  मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा की अध्यक्षता वाले भारत के निर्वाचन आयोग में निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के साथ अनूप चंद्र   पांडे तीन सदस्यीय निकाय में दूसरे निर्वाचन आयुक्त के रूप में शामिल हुए। अनूप चंद्र पांडेय का जन्म 15 फरवरीए 1959 को हुआ था।   पांडेय 1984 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रह चुके हैं। लगभग 37 वर्षों की प्रतिष्ठित सेवा अवधि के दौरानए   उन्होंने केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों और उत्तर प्रदेश के अपने राज्य संवर्ग में काम किया है।  पेशे से नौकरशाह अनूप चंद्र पांडेय ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री और पंजाब विश्वविद्यालय से सामग्री प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की है। इतिहास के अध्ययन में गहरी रुचि रखने वाले अनूप चंद्र पांडेय ने मगध विश्वविद्यालय से प्राचीन भारतीय इतिहास में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। भारत के निर्वाचन आयोग में शामिल होने से पहले पांडेय ने उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय हरित अधिकरण निरीक्षण समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया है। पांडेय अगस्त 2019 में उत्तर प्रदेश सरकार के मुख

कई पत्रकार यूनाइटेड इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन(UIJA)के राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर पदाधिकारी बने।

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नजीम अहमद पत्रकार। नयी दिल्ली,7 जून 2020(एजेंसी)।कई दिग्गज एवं जुझारू पत्रकार यूनाइटेड इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन(UIJA)के राष्ट्रीय तथा राज्य स्तर पर पदाधिकारी नियुक्त किये गए,  यूनाइटेड इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन(UIJA)के राष्ट्रीय तथा राज्य स्तर पर पदाधिकारी नियुक्त किये गए, जिनमे कई दिग्गज एवं जुझारू पत्रकार शामिल है। एसोसिएशन की ओर से आज यहां जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष उमेन्द्र दाधीच ने इन्हें नियुक्त किया है। राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर की गयी नियुक्तियां इस प्रकार है: 1. अरविन्द पाठक-राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष। 2. कुमार समत-सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी। 3. सुलतान कुरैसी-सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी। 4. अर्चना मिश्रा-सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी। 5. सारिका झा-सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी। 6. शंभु सुमन-सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी। 7. विजय गौतम-सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी। 8. नवेश कुमार-सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी। 9. मीरा कुमार-सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी। 10. विवेकानंद चौधरी-अध्यक्ष,दिल्ली। 11.आर.के.रमण-अध्यक्ष,ओडिसा। 12. सुवीर सेन-अध्यक्ष,उत्तर प्रदेश। 13. मधुवाला-अध्

अद्भुत गुड़हल कर रहा है लोगों को आकर्षित

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  चिन्मय दत्ता, चाईबासा        पर्यावरण में कभी-कभी ऐसी अनसुलझी घटनाएं घटती रहती हैं , जो विज्ञान के लिए शोध के विषय बन कर रह जाती है। पिछले एक महीने से झारखंड के सरायकेला खरसावां जिला अंतर्गत नीमडीह प्रखंड के आदरडीह गांव के निवासी राधा मोहन के बगीचे में ऐसा ही कुछ नया दिख रहा है, जो आस पास के लोगों के लिये उत्सुकता का विषय बन गया है।       राधा मोहन, झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा) के प्रखंड तकनीकी प्रबंधक हैं , जो चक्रधरपुर प्रखंड में प्रतिनियुक्त हैं। कृषि जगत के संपर्क में रहने के कारण इन्हें फूलों से बहुत प्रेम है। इनके बगीचे में विभिन्न प्रकार के फूलों के पौधे हैं। दरअसल, इन्होंने 2018 में अपने गांव आदरडीह स्थित अनुकूल ठाकुर आश्रम में लगे गुड़हल फूल की एक डाली लाकर अपने बगीचे में लगाया जो अब बड़ा रूप ले चुका है। इसकी ऊंचाई अब छह फीट से अधिक है। शुरूआत से इस पौधे में क्रीम कलर की पांच पंखुड़ियों वाले गुड़हल फूल खिलते रहे हैं , परंतु 9 मई 2021 से संयोगवश तीन ऐसे फूल खिले जिसमें चार पंखुड़ियां रही। जबकि इसकी अधिकांश प्रजातियां पां