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Showing posts from February, 2020

हामिद, बच्चा या प्रौढ़?

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संदर्भ ईदगाह..... कभी मेरे गांव में आप आये नहीं। आते कैसे, मैंने कभी बुलाया ही नहीं। हमारा गांव धन-धान्य से पूर्ण है। गांव नदी के किनारे बसा हुआ है। लोग कहते हैं, कभी इसमें पाल वाली नाव चलती थी। अब तो गर्मी में सूख जाती है। 25 बीघे का तालाब है। दो-तीन बड़े-बड़े बागीचे हैं। खेत-खलिहान से भरपूर। आधी आबादी मुसलमानों की है। गांव के लोग अजान भी सुनते हैं, और घंटी की टुन-टुन भी। कभी कोई हंगामा नहीं। ___ पूरे गांव में सिर्फ एक कमी है। गांव के संबंध में आन गांव के लोग कहते हैं कि गांव के लोग तो बहुत भले हैं, लेकिन लड़के रिजाले हैं। गांव के लोगों को बच्चों की शिकायत अच्छी नहीं लगती, लेकिन करते क्या.? गांव वालों में बच्चों को कोई कुटैव दिखाई नहीं पड़ता। समय पर स्कूल जाते-आते हैं। रात में बाजाप्ता पढाई करते हैं। स्कूल से भी कोई शिकायत नहीं आती। रिजल्ट भी ठीक- ठाक आता था। दूसरे गांव वाले शिकायत क्यों करते हैं- देखि न सकहीं पराई विभूति। एक दिन पड़ोस के रिटायर्ड हेडमास्टर गांव वालों से मिलने आ रहे थे। गांव की शुरूआत बागीचे से होती है। लड़के उनके पास चले गये। सब ने पैर छूकर प्रणाम किया। हेड मास्टर सा

वर्तमान वित्त वर्ष 2019-20 में भारतीय रेलवे ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा रिकॉर्ड किया दर्ज

इस साल छत्तीसगढ़ में किसानों से हुई रिकार्ड धान की खरीदी

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इस खरीफ विपणन वर्ष में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के अपने 20 सालों  में सबसे ज्यादा किसानों ने समर्थन मूल्य पर अब तक का सबसे ज्यादा धान बेचकर एक नया रिकार्ड कायम किया है।  वर्ष  2019-20  में  सर्वाधिक  93.11  प्रतिशत किसानों ने धान बेचा है।     आकड़ों की बात करें तो छत्तीसगढ़ में वर्ष  2012-13  में  14  लाख  79  हजार  152  किसानों ने अपना पंजीयन कराया था ,  जिसमें से  10  लाख  8  हजार  562  किसानों से  71  लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई थी। इसी तरह  2013-14  में  16  लाख  43  हजार  103  किसानों ने अपना पंजीयन कराया था जिसमें से  11  लाख  76  हजार  232  किसानों ने  79  लाख  72  हजार  156  मीट्रिक टन धान बेचा था।     वर्ष  2014-15  में राज्य के  12  लाख  52  हजार  355  किसानों का पंजीयन किया गया जिसमें  11  लाख  88  हजार  789  किसानों ने  63  लाख  10  हजार  424  मीट्रिक धान बेचा। इसके अगले साल  2015-16  में धान बेचने के लिए राज्य के  13  लाख  22  हजार  613  किसानों के पंजीयन के विरूद्ध  11  लाख  10  हजार  330  किसानों से  59  लाख  29  हजार  232  मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई। वर्ष  2016-17  मे

23 फरवरी 1969 से जुड़ी है इन दो नायिकाओं के जन्म और मृत्यु की दास्तान

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यूं तो फिल्मी दुनियां से जुड़ी एक से बढ़कर एक खूबसूरत अभिनेत्री को हम पर्दे पर देखते रहे हैं, और उनके कायल भी होते हैं, मगर एक अदाकारा ऐसी रही हैं, जिसकी बेपनाह खूबसूरती को आज भी दुनियां हमेशा याद करती है।    भारतीय हिन्दी फिल्मों की अभिनेत्री मधुबाला के अभिनय में एक आदर्श भारतीय नारी को देखा जा सकता है। मधुबाला का जन्म नई दिल्ली में 14 फरवरी 1933 को हुआ। इनका वास्तविक नाम मुमताज बेगम जहां देहलवी था। हिन्दी फिल्मों के समीक्षक मधुबाला के अभिनय काल को स्वर्ण युग की संज्ञा से देते हैं।      बॉलीवुड में इनका प्रवेश बेबी मुमताज के नाम से हुआ। 1942 में इनकी पहली फिल्म बसंत आई। अभिनेत्री देविका रानी ने इनके अभिनय से प्रभावित होकर इनके नाम मुमताज को मधुबाला में बदल दिया। इन्हें मुख्य भूमिका निभाने का पहला अवसर 1947 की फिल्म नील कमल से मिला। इस फिल्म में इन्होंने राज कपूर के साथ अभिनय का ऐसा जलवा बिखेरा की यह सिनेमा की सौन्दर्य देवी कहलाने लगी।      सिनेमा की इस सौन्दर्य देवी ने मुम्बई में 23 फरवरी 1969 को दुनिया को अलविदा कह दिया और इसी दिन मुम्बई में ही मिरज के शाही पटवर्धन परिवार में हिन्दी

अब रबिनाथ नहीं रहेगा निरक्षर

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क्या दिव्यांग होना कोई अपराध है..क्या दिव्यांग को शिक्षा का लाभ लेने का कोई अधिकार नहीं है…यह सवाल झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित पोटका प्रखंड के कलिकापुर गांव में रहने वाले गरीब विधवा के 23 वर्षीय पुत्र रबिनाथ भगत के मन में जरूर आता होगा। दरअसल रबिनाथ बिल्कुल निरक्षर हैं। रबिनाथ जन्म से ही दोनों पांव से दिव्यांग हैं। रबिनाथ की मां अम्बिका भगत ने बताया कि जब रबिनाथ 5 वर्ष का था, तब उसके पिता दुर्योधन भगत  गांव के सरकारी विद्यालय में उसका नामांकन कराने गये, लेकिन उस वक्त प्राध्यापक ने उसका नामांकन नहीं किया। आज रबिनाथ की उम्र 23 वर्ष है, लेकिन विद्यालय में दाखिला नहीं मिलने से वह इस उम्र तक भी निरक्षर ही है, जिसका उसे बहुत मलाल है। रबिलाल के मन में आज भी शिक्षा हासिल करने की ललक है। यह बात भी सच है कि चाह से राह मिलती है। रबिलाल की पढ़ने की चाहत की खबर जब पूर्व जिला पार्षद करूणामय मंडल को मिली तब वह रबिलाल से मिलने उसके घर पहुंचे। करूणामय मंडल ने देखा, रबिलाल का बचपन बीत गया था, लेकिन पढ़ाई को लेकर उसकी इच्छा पर उम्र का असर नहीं था। जिसे देखते हुए पूर्व जिला पार्षद ने रबिलाल की शि

इंटरनेट की स्पीड में गुम उपभोक्ता

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संचार क्रांति के इस आधुनिक दौर में क्षण में एक दूसरे के साथ संपर्क स्थापित करना बेहद सरल हो गया है। कोई बात किसी की जुबान से निकलने भर की देर होती है, और वह बस कुछ ही देर में अनगिनत की जुबान पर चढ़ जाती है। यह वह दौर है जो हर किसी की अभिव्यक्ति की आजादी को व्यक्त करता है। जन-जन तक इंटरनेट की पहुंच ने शहर से लेकर सुदूर गांव के लोगों में जागरूकता पैदा कर दी है। फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्रम, और यूट्यूब जैसे सोशल प्लेटफॉर्म ने तो इन सब में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। त्वरित संचार के ये माध्यम कई रूपों में तो सकारात्मक परिणाम दे रहे हैं, मगर इसका दूसरा परिणाम बहुत ही भयावह और अंधेरे में गुम करने वाला है। हाल ही में इसे लेकर सरकार ने यूट्यूब, गूगल, व्हॉट्सएप एवं अन्य 'सार्वजनिक मंचों' पर बदले के लिए फर्जी खबरो, हिंसा एवं अश्लीलता फैलाने वाली सामग्री के जरिये इनके दुरुपयोग पर गंभीर चिंता जताई है। एक कार्यक्रम में विधि एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि डिजिटल दुनिया को जिम्मेदार, जवाबदेह और सबसे अधिक संवेदनशील होना चाहिए, और इस संदर्भ में जरूरी है कि कंपनियां

भारत की महान विभूतियों के चरित्र चित्रण के लिये दादा साहेब ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में रखा था कदम

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प्रति वर्ष भारतीय सिनेमा में किसी खास व्यक्ति को उसके आजीवन योगदान के लिए भारत सरकार की ओर से दादा साहब फाल्के पुरस्कार दिया जाता है। हाल ही में इस पुरस्कार से अमिताभ बच्चन सुशोभित हुए। फिल्म उद्योग में काम करने वालों के लिये यह उनके उत्कृष्टता का भी प्रमाण देता है, ऐसा कहा जा सकता है।  भारतीय फिल्म उद्योग का पितामह दादासाहेब फालके का जन्म ब्रिटिश भारत के बाम्बे प्रेसिडेंसी के त्रंबक में 30 अप्रैल 1870 को हुआ। इनका वास्तविक नाम धुंडीराज गोविंद फाल्के था। यह सृजनशील कलाकार सर जे.जे. स्कूल आफ आर्ट्स से प्रशिक्षित हुए। बड़ौदा के कला भवन से इन्होंने फोटोग्राफी का पाठ्यक्रम पूरा किया। दादा साहेब अनुभवी फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक एवं अभिनेता थे।       25 दिसम्बर 1891 को मुम्बई में क्रिसमस के दिन अमेरिका इंडिया थिएटर में एक विदेशी मूक फिल्म लाइफ आफ क्राइस्ट दिखाया जा रहा था। दादा साहेब यह फिल्म देख रहे थे। उन्होंने सोचा क्यों नहीं फिल्मों के माध्यम से भारत के महान विभूतियों के चरित्र को चित्रित किया जाए।  इनके ह्रदय में फिल्म निर्माण का अंकुर फूट पड़ा। इन्हें लगा कि रामायण और महाभारत जैसे पौ

ASSOCHAM ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को बधाई देते हुए दिल्ली के विकास में औद्योगिक भागीदारी का दिया आश्वासन

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उद्योग मंडल ASSOCHAM के महासचिव दीपक सूद ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की जोरदार जीत के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बधाई देते हुए कहा कि दिल्ली की जनता ने राष्ट्रीय राजधानी के सर्वांगीण विकास के लिए उनकी सरकार को पूर्ण समर्थन दिया। “राष्ट्रीय राजधानी को देश के सूक्ष्म जगत के रूप में जाना जाता है और इसका विकास सरकार और उद्योग सहित अन्य सभी हितधारकों का सामूहिक कर्तव्य है।   उन्होंने कहा, दिल्ली पारंपरिक और आधुनिक खुदरा दुकानों की उपस्थिति के साथ देश के सबसे बड़े व्यापारिक केंद्रों में से एक है। एसोचैम महासचिव ने आगे कहा कि “यह प्रदेश केंद्र, व्यापार एवं अन्य आर्थिक गतिविधियों से गुलजार हैं। एसोचैम, राज्य को प्रभावित करने वाले विषयों और प्रदूषण के मुद्दों के प्रबंधन में मदद करने के लिए  राज्य सरकार के साथ साझेदारी करना चाहता है। विकास के एजेंडे को चलाने के लिए, हम मुख्यमंत्री से आग्रह करेंगे कि वे कौशल विकास सहित पानी, स्वच्छता, शहरी अपशिष्ट प्रबंधन, स्वास्थ्य और शिक्षा में निजी क्षेत्र को सक्रिय रूप से शामिल करें।

‘कौशल को काम’ विषय पर 13 से 23 फरवरी 2020 तक दिल्ली के इंडिया गेट लॉन में होगा हुनर हाट का आयोजन

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दिल्ली के राजपथ पर इंडिया गेट लॉन में 13 फरवरी से अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा हुनर हाट का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष का विषय है ‘कौशल को काम’। हुनर हाट 23 फरवरी, 2020 तक चलेगा। देशभर से उस्ताद दस्तकार, शिल्पकार और व्यंजन विशेषज्ञ इसमें भाग लेंगे। इंडिया गेट लॉन पर आयोजित होने वाले हुनर हाट में 250 पंडाल लगाए गए हैं जहां उस्ताद, दस्तका, शिल्पकार और व्यंजन विशेषज्ञ अपनी कृति प्रदर्शित करेंगे। इन दस्तकारों में 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं। वो हाथ से बने उत्पाद प्रदर्शित करेंगी। बावर्चीखाना में विभिन्न राज्यों के पारंपरिक व्यंजन परोसे जाएंगे। दैनिक आधार पर आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम हुनर हाट के प्रमुख आकर्षण होंगे। केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हुनर हाट दस्तकारों की स्वदेशी परंपरा के सशक्तिकरण में ‘मेगा मिशन’ साबित हुआ है। हुनर हाट की सफलता का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि पिछले तीन वर्षों में हुनर हाट के माध्यम से लगभग तीन लाख उस्ताद दस्तकारों, शिल्पकारों और व्यंजन विशेषज्ञों को रोजगार तथा रोजगार का अवसर प्रदान किया गया है। इन

पहली बार भारत की राजकीय यात्रा पर आयेंगे अमरीका के राष्‍ट्रपति डोनल्‍ड ट्रंप

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अमरीका के राष्‍ट्रपति  डोनल्‍ड ट्रंप और प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप 24-25 फरवरी 2020 को भारत की राजकीय यात्रा पर आयेंगे। राष्‍ट्रपति  ट्रंप प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के निमंत्रण पर भारत की यात्रा पर पहली बार आ रहे हैं।  दो दिवसीय इस यात्रा के दौरान राष्‍ट्रपति  डोनल्‍ड ट्रंप और प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप नई दिल्‍ली और गुजरात के अहमदाबाद में कई सरकारी कार्यक्रमों में हिस्‍सा लेंगे एवं भारतीय समाज के विभिन्‍न  हिस्‍सों से बातचीत करेंगे। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और राष्‍ट्रपति ट्रंप के नेतृत्‍व में, व्‍यापार, रक्षा, आतंकवाद से मुकाबला, ऊर्जा, क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर समन्‍वय तथा जन-जन के बीच संबंध सहित सभी क्षेत्रों में महत्‍वपूर्ण प्रगति के बल पर भारत और अमरीका के बीच संबंध अधिक मजबूत हुए हैं। इस दौरे से दोनों नेताओं को द्विपक्षीय संबंधों  में प्रगति की समीक्षा करने तथा अपनी रणनीतिक साझेदारी को अधिक मजबूत करने का अवसर मिलेगा।  

दिल्ली चुनाव इस बार लोगों को देगा मजबूत संदेश-सीईओ

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राजधानी दिल्ली में विधान सभा चुनाव प्रचार थम चुका है, और अब कल यानि 8 फरवरी शनिवार को सुबह 8 बजे से  मतदान केन्द्रों पर मतदान शुरू हो जाएगा, और इसी दिन इस चुनाव में उतरे उम्मीदवारों के भविष्य पर मतदाता अपनी मुहर लगाएंगे। इस चुनाव प्रचार में सत्तारूढ़ पार्टी आप के साथ बीजेपी, कांग्रेस एवं अन्य राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवारों ने मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिये कई वादे एवं घोषणाएं की। इन राजनीतिक पार्टियों के हर दिन का खास विज्ञापन दिल्लीवासियों मन पर जरूर असर किया होगा, मगर मतदाताओं की ताकत की पहचान कराने वाला मुहीम “मेरे वोट में है दम, मैं हूं दिल्ली का दबंग” सबसे असरदार है।  वास्तव में मुख्य चुनाव अधिकारी द्वारा दिल्ली द्वारा विधानसभा चुनाव 2020 के लिए अपनाई गई मुहिम  दिल्ली का वोटर, दिल्ली का दबंग ’जैसा कोई नहीं है।  यह मुहीम दिल्ली के नागरिकों के साहसिक रूख को दर्शाता है जो अपने अधिकारों और शक्तियों के बारे में पूरी तरह से जानते हैं। वह अपने मन में उम्र, लिंग, वर्ग, क्षमता आदि के बावजूद लोकतंत्र की भावना को लेकर चलते हैं। इस अभियान के माध्यम से, दिल्ली के प्रत्येक नागरिक

आने वाले दिनों में बाजार बजटीय प्रावधानों का आंकलन करेगा और फिर से तेजी की दिशा में आगे बढ़ेगा-राजीव अग्रवाल

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2020 वित्तीय बजट के खास पहलू के बारे में बताते हुए डायरेक्टर वेल्थ डिस्कवरी ग्रुप (कॉपीटेंट शेयर ब्रोकर) राजीव अग्रवाल ने कहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। पहली बार वित्त मंत्री ने इतना लंबा भाषण दिया जिसमें छः भाषाओं का प्रयोग हुआ हो। बजट में सरकार ने कई बिंदुओं का उल्लेख किया है, जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था में ऊर्जा का संचार होगा ऐसी अपेक्षा की जा सकती है। सरकार ने पहली बार इनकम टैक्स स्लैब के 2 विकल्प प्रस्तुत किये है, जिसमें ज्यादा कर और डिडक्शन और कम कर बिना डिडक्शन का प्रावधान है। नीचे दिये गये टेबल में इनकम टेक्स की नई और पुरानी दरों की तुलना की गई है। कर योग्य आय के स्लैब (रुपये)   मौजूदा कर दरें   नई कर दरें 0 से 2.5 लाख छूट   छूट   2.5 से 5 5%   5% 5  से 7.5 लाख 20%   10% 7.50 से 10 लाख 30%   15% 10 से 12.5 लाख   30%   20% 12.5 से 15 लाख   30%   25% 15 लाख से ऊपर   30%   30% एक साधारण करदाता इसमें से जो भी विकल्प जिसमें टैक्स कम आता हो वह चुन सकता है। इसके अलावा सरकार ने डिस्ट्रीब्यूशन टेक्स को हटा लिया है, इससे कंपनियों पर

कॉपी और कलम को हथियार बनाकर अपने जीवन के लक्ष्य की ओर आगे बढ़े - विशाल गोप

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  चाईबासा के दर्शन मेला म्यूजियम डेवलपमेंट सोसायटी की प्रमुख उपलब्धि पाठक मंच  द्वारा इंद्रधनुष कार्यक्रम की 702वीं  कड़ी  में वसंत पंचमी महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डी.एल. फाउंडेशन के अध्यक्ष विशाल गोप एवं विशिष्ट अतिथि संत जेवियर्स इंग्लिश मिडियम स्कूल की शिक्षिका छवि कुमारी रही। कार्यक्रम में  वर्ष भर सर्वाधिक उपस्थिति के लिए सविता कुमारी को विशेष उपहार देकर सम्मानित करते हुए कार्यक्रम की शुरूआत की गई। मुख्य अतिथि  विशाल गोप ने दर्शन मेला म्यूजियम डेवलपमेंट सोसायटी के संचालक चिन्मय दत्ता एवं उनकी टीम द्वारा बच्चों के बौद्धिक विकास किए जाने के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा विगत 16 वर्षों से अच्छे कार्यों के बदौलत अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इन्हीं सब कारणों से शहर का नाम रोशन होता है। कॉपी और कलम को हथियार बनाकर अपने जीवन के लक्ष्य की ओर आगे बढ़े। इस मंच के माध्यम से बच्चे ध्यान लगाकर पड़ने की दिशा में आगे बढ़े हम हमेशा बच्चों को पठन-पाठन की सामग्री उपलब्ध कराते रहेंगे। विशिष्ट अतिथि छवि कुमारी ने कहा कि बच्चे जितना ज्यादा ज्ञान प्राप्

भारतीय एफएफसीजी ग्रुप केविनकेयर ने अपने ब्रांड इंडिका का नया ब्रांड एंबेसेडर अक्षय कुमार और इलियाना डिक्रूज को बनाया

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अभिनेता अक्षय कुमार और इलियाना डिक्रूज को भारतीय एफएफसीजी ग्रुप केविनकेयर ने अपने ब्रैंड इंडिका का नया ब्रैंड एंबेसेडर बनाने की घोषणा की है। इस बारे में पर्सनल केयर एंड एलाएंसेस के निदेशक और सीईओ  वेंकटेश विजयराघवन ने एंबेसेडर बनाए जाने के मामले पर कहा,  “पिछले कई सालों से इंडिका काफी तेजी से आगे बढ़ा है। हम कंपनी के विकास को और बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं। हमें खुशी है कि अक्षय कुमार और इलियाना डिक्रूज जैसे मशहूर और प्रतिभावान कलाकार हमारे ब्रैंड का प्रतिनिधित्व करेंगे। ब्रैंड की छवि के आदर्श अवतार के रूप मे वह इंडिका और उसके मूल सिद्धांतों का चेहरा बनेंगे। अक्षय कुमार और इलियाना डिक्रूज में स्टाइल, जवां जोश और उमंग और इनोवेटिव परफॉर्मेंस का आदर्श मिश्रण है। इंडिका हेयर कलर का चेहरा बनने के लिए यह सभी विशेषताएं अक्षय कुमार और इलियाना डिक्रूज को बिल्कुल सही पसंद बनाती है।” अक्षय कुमार ने ब्रैंड से जुड़ाव पर कहा- मैं केविनकेयर के अंग इंडिका हेयर कलर के लिए ब्रैंड एंबेसेडर के रूप में जुड़कर काफी खुश हूं। ब्रैंड को नवीनता की विचारधारा की फिर से परिभाषा देने के लिए जाना जाता है। इंडिक

अब समय आ गया है, जेएनयू में हुई घटनाओं के मूल में जाकर चिंतन करने का--मृदुला सिन्हा

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अब समय आ गया है कि जेएनयू में हुई घटनाओं में जो प्रमुख बातें कहीं दब गयी थी उन्हें  उजागर कर चिंतन करने का। इनके मूल में जाकर इन समस्याओं का समाधान खोजना होगा। यह बात गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा नेहरू स्मारक संग्रहालय में जेएनयू, शिक्षा और राजनीति विषय पर आयोजित कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम के समय को उचित बताते हुए उन्होंने कहा कि देश के प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रमुखों को एक मंच पर लाकर आयोजकों ने ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर देश में बहस छेड़ी है जिसके लिए वे साधुवाद के पात्र हैं। इस दौरान अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में अतुल कोठारी ने कहा कि जेएनयू में असहमति की परिणिति जैसी उग्रता में हुई, वैसी पहले कभी नहीं हुई थी। घटना का हिंसात्मक पक्ष प्रमुखता से देश और विश्व के सामने गया परन्तु शिक्षा एवं शैक्षणिक वातावरण की जो हानि हुई उस पर चर्चा नहीं हुई और यही कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य था। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा विश्वविद्यालयों को अतार्किक रूप से अनुदान दिए जाने पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि सरकार देश के सुदूर क्षेत्र में चल रहे शिक्षण संस्थानों को