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Showing posts from December, 2020

निरंतर बदलती धारा के बीच कोशी नदी पर बन रहा देश का सर्वाधिक लंबा पुल

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डॉ.समरेन्द्र पाठक वरिष्ठ पत्रकार एवं चिंतक। नेपाल से निकलने वाली कोशी नदी की निरंतर बदलती धारा के बीच इस पर देश का सर्वाधिक लंबा पुल बन रहा है।  यह एक संयोग नहीं बदलते समय का परिणाम है। इस बदलाव ने दुनिंया की रूप रेखा बदलकर रख दी है। इसी बदलाव का परिणाम है कि विनाशकारी कोशी नदी पर भेजा से बकौर के बीच देश का सर्वाधिक लंबा पुल बन रहा है। बीसवीं सदी के शुरू के पांच दशकों तक सालों भर बाढ़ में डूबे रहने वाले इस क्षेत्र के लोगों में आजादी के बाद वर्ष 1954 में तब खुशहाली की किरण दिखाई दी थी,जब इस नदी के मुहाने पर नेपाल के बराह क्षेत्र भीमनगर में बैरेज बनाने के साथ पश्चिमी एवं पूर्वी तटबंध का निर्माण शुरू हुआ। उस समय अनुमान यह लगाया गया था,कि अगले 15 वर्षो में इस कोशी बहुउद्देशीय परियोजना से इलाके को न सिर्फ बाढ़ की समस्या से निजात मिलेगी बल्कि इस जल को जमा कर इससे सिंचाई एवं पनबिजली उत्पादन किया जायेगा। इसी उद्देश्य से इस परियोजना पर पिछले 70 वर्षों में अनुमानित लागत से कई गुना अधिक खर्च किये गए,मगर उम्मीदें पूरी नहीं हुई। कोशी की बदलती धाराएं समय समय पर अलग-अलग दिशाओं में कहर बरपाती रही। हाल क

दिल्ली पुलिस की महिला कार्यकारी पहनेंगी खूबसूरत खादी सिल्क की साड़ियां

अब दिल्ली पुलिस की महिला कार्यकारी खूबसूरत खादी सिल्क की साड़ियां पहनेंगी। इसके लिये दिल्ली पुलिस से खादी और ग्रामीण आयोग को 25 लाख रूपये मूल्य की 836 खादी सिल्क की साड़ियां खरीदने का ऑर्डर मिला है।  दिल्ली पुलिस अपनी महिला फ्रंट डेस्क कार्यकारियों के लिए  दोहरे रंग की साड़ियां तसर - कटिया सिल्क से बनाई जाएंगी।  इस बारे में  केवीआईसी के अध्यक्ष  विनय कुमार सक्सेना ने कहा है कि दिल्ली पुलिस से मिले नवीन खरीद आदेश से खादी की बढ़ती लोकप्रियता जाहिर होती है। इससे खादी दस्तकारों को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि काफी वर्षों से खादी का ट्रेंड हो गया है। खादी कारीगरी है, इसलिए यह सबसे आरामदायक कपड़ा है। उन्होंने आगे कहा कि सामान्यजन ही नहीं विशेषकर युवाओं और सरकारी निकायों द्वारा खादी को अपनाया जा रहा है। यह दूरदराज के कताई और बुनाई करने वाले दस्तकारों को बहुत बड़ा प्रोत्साहन है। दरअसल, दिल्ली पुलिस के लिए तसर – कटिया सिल्क की साड़ियां पश्चिम बंगाल में परम्परागत दस्तकारों द्वारा तैयार की जा रही हैं। तसर – कटिया सिल्क दो रंगों में उपलब्ध कपड़ा है जो तसर तथा कटिया सिल्क के मिश्रण से बनता है। इस

केन्द्र सरकार किसानों की समस्या जल्द हल करे - पाठक

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8 दिसंबर को केंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ भारत बंद का  व्यापक असर रहा। इस बंद में 400 से अधिक किसान संगठनों के अलावा 24 से अधिक राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया। राष्ट्रव्यापी बंद का सर्वाधिक असर उत्तर भारत में रहा।टायर जलाकर,रेल रोककर,धरना प्रदर्शन एवं सड़क जाम कर जगह जगह विरोध प्रकट किए गए। कई स्थानों पर बंद समर्थकों एवं पुलिस के बीच झड़पें भी हुयी।  उधर दिल्ली में पिछले 13 दिनों से आंदोलनरत किसानों का सत्याग्रह जारी रहा। आंदोलनकारी किसानों एवं केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच अगले दौर की बैठक हो रही हैं। लेकिन धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी वे डटे रहेंगे।  पश्चिम बंगाल में भी बंद का काफी असर देखने को मिला। रहने की खबर है। हालांकि पंजाब,हरियाणा,राजस्थान,मध्य प्रदेश,गुजरात एवं उत्तर प्रदेश के किसान पहले से ही आंदोलित हैं तथा उन्हें इन राज्यों के विपक्षी दलों का निरंतर सहयोग मिल रहा है। दिल्ली में सत्तारूढ़ आप के कार्यकर्ताओं ने भी  बंद में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। इसे लेकर समाजसेवी अरविन्द पाठक ने कहा है कि केंद्र सरकार किसानों

कोरोना के चलते पहली बार नहीं निकली पाठक मंच की संध्या फेरी

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झारखंड के चाईबासा में प्रति वर्ष पाठक मंच द्वारा निकाली जाने वाली संध्या फेरी का आयोजन इस बार कोरोना के चलते नहीं किया गया। महामारी को देखते हुए पाठक मंच के सदस्यों व बच्चों ने मास्क व सामाजिक दूरी के साथ सांकेतिक रूप से संध्या फेरी नहीं किये जाने का संदेश दिया।  गौरतलब है कि गैर सरकारी संस्था दर्शन मेला म्युजिक डेवलपमेंट सोसाईटी की प्रमुख उपलब्धि पाठक मंच के साप्ताहिक कार्यक्रम इन्द्रधनुष का आयोजन पिछले 17 सालों से किया जा रहा है। इस बार पाठक मंच के प्रारंभिक वर्ष के बच्चे इन्द्रधनुष कार्यक्रम की 710वीं कड़ी में एकत्रित हुए लेकिन संध्या फेरी नहीं निकालने का निर्णय लिया। इस अवसर पर पाठक मंच की सचिव शिवानी दत्ता, उपाध्यक्ष मनीष कुमार, छोटे लाल निषाद, साहिल कुमार साव, सिमरन विश्वकर्मा, अमीषा महतो, देवांशु चटर्जी, ऋषभ कुमार दास, शिव रक्षित, करीना कुमारी, सविता कुमारी, मनीष कुमार राम व जनश्रुत दत्ता उपस्थित रहे।