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Showing posts from October, 2020

फुलपरास विधानसभा क्षेत्र एक बार फिर सुर्खियों में।

बिहार का फुलपरास विधान सभा क्षेत्र एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार इस क्षेत्र में चेलों की प्रतिष्ठा दाव पर है।आज से 42 वर्ष पहले यह क्षेत्र उस समय सुर्खियों में आया था जब तत्तकालीन मुख्यमंत्री जन नायक कर्पूरी ठाकुर उपचुनाव लड़ने आये थे। उस समय प्रतिपक्ष के नेता डॉ.जग्गनाथ मिश्र ने श्री ठाकुर के खिलाफ राम जयपाल सिंह यादव को मैदान में उतारा था और दोनों के बीच कड़ा मुकावला हुआ था। इस बार यह मुकाबला चेलों के बीच है।जदयू ने बिहार के मंत्री संजय झा के करीबियों में सुमार शीला मंडल को मैदान में उतारा है।वह क्षेत्र में नयी हैं। महागठबंधन की ओर से कांग्रेस ने गुजरे जमाने में छोटे सरकार के नाम से प्रसिद्ध सतेंद्र बाबू के खास रहे पूर्व मंत्री कृपानाथ पाठक को टिकट दिया है। वहीं बिहार जदयू के अध्यक्ष वशिष्ट दादा के सानिध्य में रहे जदयू के पूर्व एमएलसी विनोद सिंह लोजपा से जंग में हैं। इन सभी  के बीच खुद के जनाधार को लेकर इंजीनियर से नेता बने देवनाथ यादव की पत्नी एवं निवर्तमान विधायिका गुलजार देवी निर्दलीय  मैदान में हैं। अर्से तक यह क्षेत्र एक खास जाति बाहुल्य रहा लेकिन परिसीमन के बाद इसका न सिर्फ

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने खोला महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का रास्ता

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छत्तीसगढ़ में     राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) की विभिन्न गतिविधियों से प्रदेश की महिलाओं को बड़ी संख्या में रोजगार मिल रहा है। आमदनी बढ़ने से परिवार की माली स्थिति अच्छी होने के साथ बच्चों की बेहतर परवरिश और पढ़ाई-लिखाई भी हो रही है।     छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने के लिए संचालित समुदाय आधारित संवहनीय कृषि परियोजना से बड़ी संख्या में महिलाओं को जोड़ा गया है। इसके माध्यम से तीन लाख   76   हजार महिलाएं खेती और पशुपालन कर रही हैं। इन कार्यों में सहायता और मार्गदर्शन के लिए   4110   कृषि सखी एवं   4052   पशु सखी को प्रशिक्षित किया गया है। महिला किसानों के उत्पादों के मूल्य संवर्धन एव विपणन के लिए पांच कृषक उत्पादक संगठन भी बनाए गए हैं। इनमें दस हजार   394   उत्पादकों को जोड़ा गया है। चालू वित्तीय वर्ष   2020-21   में इन संगठनों द्वारा अब तक कुल एक करोड़   62   लाख रूपए का व्यवसाय किया जा चुका है।   बिहान द्वारा संचालित स्टार्ट-अप विलेज उद्यमिता कार्यक्रम   SVEP  से   7901   महिला उद्यमी स्वरोजगार कर रही हैं। इसके माध्यम से ईंट बनाने के काम में

एक सच्चे मानवतावादी डॉ.कलाम को सलाम

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अगर सूर्य की भांति चमकना है, तो सूर्य की भांति ही जलना भी होगा... यही सूत्र वाक्य था भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अबुल पाकिर जैनुल-आब्दीन अब्दुल कलाम अर्थात् डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का। वह एक निष्ठावान कर्मयोगी उन्होंने भारत को विकसित व संस्था निर्माता थे। उन्होंने भारत को विकसित करने व शक्तिशाली बनाने के सपने संजोए। उनको पूरा करने के लिए ठोस कार्य किया और अनूठी योजनाएं बनाकर देश के युवाओं को बताया कि वह कैसे देश को विकसित व मजबूत बनाकर विश्व की चोटी का और शक्तिशाली राष्ट्र बना सकते हैं। भारत रत्न डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम देश के ग्यारहवें राष्ट्रपति थे। उन्होंने देश के सर्वाच्च पद को एक सच्चे मानवतावादी के रूप में निभाया। आमजन के दर्द को समझकर, उनके आंसू पोंछने का भरपूर प्रयास किया। वह हमेशा युवाओं-छात्रों को प्राथमिकता देते थे। उन्होंने भारत को ज्ञान-पुंज का सागर माना और छात्रों को मेहनत-लगन से ज्ञान-प्राप्ति की बात कही। इन्हीं कार्यकलापों से ओत-प्रोत होकर संयुक्त राष्ट्र संघ ने निर्णय लिया  कि डॉ. कलाम के जन्म दिवस (15 अक्टूबर) को पूरे संसार में विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाया जाएगा

त्योहारों के मद्देनजर रेल मंत्रालय ने 196 जोड़ी ट्रेन सेवा को दी मंजूरी, यात्रियों को दी दिशा निर्देशों के पालन की हिदायत

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त्योहार का मौसम शुरू होते ही रेल मंत्रालय ने 196 जोड़ी फेस्टिवल स्पेशल ट्रेन को मंजूरी दी है। इनका संचालन 20 अक्टूबर 2020 से 30 नवंबर 2020 के बीच होगा। इन फेस्टिवल स्पेशल सर्विस के लिये स्पेशल ट्रेन का किराया भुगतान करना पड़ेगा। इसके साथ इन त्योहारी मौसम में यात्रा करने वालों के लिये दिशानिर्देश भी जारी किये गये हैं, जिनका पालन नहीं करने पर जो किसी व्यक्ति की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिये जिम्मेदार हो उसके लिये रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 145, 153 और 154 के तहत कारावास या जुर्माना की सजा का प्रावधान किया गया है। जारी किये गये दिशा निर्देश के अनुसार  निम्नलिखित गतिविधियों के लिये सजा हो सकती है- कोरोना पॉजिटिव घोषित किये जाने के बावजूद रेलवे स्टेशन में प्रवेश करना या ट्रेन में चढ़ना मास्क नहीं पहनना व उचित दूरी का पालन नहीं करना। कोरोना वायरस की जांच के बाद बिना रिपोर्ट मिले ट्रेन में चढ़ना। रेलवे स्टेशन पर स्वास्थ्य टीम द्वारा यात्रा की इजाजत नहीं दिये जाने के बावजूद ट्रेन में चढ़ना। सार्वजनिक स्थल पर जान बूढकर थूकना अथवा गंदगी करना। प्रशासन द्वारा जारी किये गये किसी निर्देश का पालन

बॉडी बनाने में जिम से ज्यादा मेहनत किचन में होती है-फिटनेस एथलीट अभिषेक झा

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यह जरूरी नहीं है कि जो भी जिम जाता है, या फिर एक्सरसाइज करता है उसके 6 पैक एब्स हों। दरअसल फिट रहना सबके लिये जरूरी है। अगर आप स्वस्थ रहते हैं तो सकारात्मक भी रहते हैं। कोई भी फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें, और अपने डाइट पर ध्यान दें। डाइट का मतलब मसाला कम खाना, उबला हुआ खाना myth है। जबकि शरीर के लिये कैलोरी maintain करना पड़ता है। फिटनेस मॉडल व ट्रेनर अभिषेक बताते हैं कि डाइट को डिजाइन करना पड़ता है। घर पर बना खाना अच्छा है। तेल मसाला खाना भी जरूरी है। https://vikalpmimansa.page/article/koee-raaton-raat-staar-nahin-banata-lakshy-ke-liye-hotee-hai-kadee-mehanat-abhishek-jha-phitanes-mod/m7EN8T.html कई लोग अलग से supplement जैसे प्रोटीन आदि का प्रयोग करते हैं, जबकि उससे अधिक फायदेमंद उन पदार्थों को खाना है, जिसमें प्रोटीन, दूसरे मिनरल्स व आयरन हों। दरअसल, बॉडी बनाने में जिम की नहीं बल्कि किचन में  की गई मेहनत होती है। शरीर बनाने के लिये Asteroid, Tablet  खाना बहुत नुकसान देने वाला होता है, इससे बचना चाहिये।  

कोई रातों-रात स्टार नहीं बनता, लक्ष्य के लिये होती है कड़ी मेहनत- अभिषेक झा, फिटनेस मॉडल

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अगरआपने कोई सपना देखा है तो उसे पूरा करो। जिन्दगी में excuses नहीं होने चाहिये। किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिये 100 से 200 प्रतिशत तक दें। लक्ष्य के लिये मोटिवेशन खुद के अंदर होना बहुत जरूरी है। बॉडी बिल्डिंग में मेहनत, लगन और सकारात्मक सोच के दम पर अपनी पहचान बनाने वाले फिटनेस मॉडल अभिषेक झा उन युवाओं के लिये प्रेरणा हैं, जो सपने तो देखते हैं, मगर कई बार उन्हें हासिल किये बिना सफर बीच में ही छोड़ देते हैं। 27 वर्षीय अभिषेक फिटनेस मॉडल, ट्रेनर, न्यूट्रिशनिस्ट हैं।  उनकी आंखों में एक बड़े लक्ष्य को पाने की जिद साफ देखी जा सकती है। दिल्ली में जन्मे और यहीं से अपनी पढ़ाई पूरी करने वाले अभिषेक का झुकाव शुरू से ही खेलों की तरफ था। बेहतरीन एथलीट के रूप में उन्होंने कई पुरस्कार भी जीते। एक खिलाड़ी जिस तरह अपनी फिटनेस का ख्याल रखता है, अभिषेक भी खुद को फिट रखने के लिये शुरू से ही समर्पित रहे। इसके लिये उन्होंने ग्रेजुएशन के बाद एम बी ए करते हुए अपने घर के साथ वाले जिम में जाना शुरू किया। उस वक्त उनके दोस्त ने वर्ष 2017 में प्रगति मैदान में होने वाले ही मेन चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिये

साइंस एवं टेक्नॉलॉजी विषयों में छात्राओं की संख्या बढ़ाने के लिये डीएसटी और आईबीएम करेंगे साथ मिलकर काम

देश में युवा मेधावी लड़कियों में साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग एवं गणित के लिये रूचि बढ़ाने को लेकर हाल ही में 8 अक्टूबर 2020 को डीएसटी के साथ आईबीएम इंडिया ने विज्ञान ज्योति और एंगेज विद साइंस कार्यक्रम के लिये सहयोग की घोषणा की है।  विज्ञान ज्योति छात्राओं के बीच एसटीईएम सीखने को प्रोत्‍साहन देने के लिए और एसटीईएम करियर के प्रति उन्हें प्रेरित करने के लिए 9 से 12 वीं कक्षा तक की मेधावी छात्राओं के लिए एक समान अवसर का निर्माण करने के लिए एक कार्यक्रम है, जो विशेष रूप से क्षेत्रों के शीर्ष महाविद्यालयों से एसटीईएम को आगे बढ़ाने के लिए है, जहाँ लड़कियों की संख्‍या काफी कम है। विज्ञान व प्रोद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और आईबीएम इंडिया भारत में शिक्षकों और छात्रों के लिए अल्पावधि पाठ्यक्रमों, कार्यशालाओं, सलाह और ऑनलाइन विज्ञान सामग्री संचार के साथ शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने और विकसित करने के लिए एक साथ काम करेंगे। इस तरह देश के युवाओं में सीखने और वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए एक शिक्षण मंच तैयार किया जाएगा। डीएसटी के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा

शौचालय जो तैयार होने से पहले ही टूटकर बिखरने लगा है

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विकास के पथ पर अगर चलना है, तो सबसे पहले गांव को सशक्त बनाना होगा। इसी सोच के साथ पिछले 6 वर्षों में केन्द्र से विभिन्न योजनाएं गांव के विकास के लिये शुरू की गई। खुले में शौच मुक्त करने के लिये शौचालय निर्माण करना मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से प्रमुख है। ऐसा नहीं है कि इस पर काम नहीं हो रहा है। बड़ी संख्या में लोगों के घरों के साथ शौचालय बन रहे हैं, मगर कुछ ऐसे क्षेत्र भी हैं, जहां लोगों की आंखे नये शौचालय को देखने के लिये पथरा रही है, और शौचालय है कि बनते बनते नये से पुराने का रूप ले रहा है। एक ओर जहां झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम के पदमपुर पंचायत के पोटवां गांव में एक साल पहले बनना शुरू हुआ शौचालय तैयार होने से पहले ही टूटकर बिखर रहा है तो वहीं सिलपोड़ी पंचायत के जिनाबेड़ा गांव में शौचालय निर्माण में खराब मैटेरियल की बात कहकर फिर से बनाए जाने की बात की जा रही है। ग्रामीणों के अनुसार यहां और भी कई मूलभूत समस्याएं हैं, जिनके जल्द दूर करने की मांग वे कर रहे हैं। सूखे तालाब, टूटी सड़कें और बिजली की कमी एवं जलमीनार तक पानी का नहीं पहुंचने  जैसे कई अधूरे काम हैं, जिनका पूरा नहीं

घर बैठे मिलेगा स्ट्रीट फूड खाने का स्वाद

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हालांकि कोरोना का प्रभाव हर क्षेत्र पर पड़ा है, मगर स्ट्रीट फूड वेंडर और यहां का स्वाद लेने वाले भी पहले जैसे दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। भले ही कोरोना का कहर लगातार जारी है, लेकिन कुछ नवाचारों के साथ वक्त जन जीवन चलाने की कवायद की जा रही है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये सामाजिक दूरी के साथ आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत स्ट्रीट फूड वेंडर्स को हजारों की संख्या में ग्राहक उपलब्ध कराने के लिए ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी के साथ एक समझौता किया है। इसके अन्तर्गत देश के विभिन्न शहरों में स्ट्रीट वेंडर्स को ऑनलाइन मंच उपलब्ध करा कर जहां उनके व्यापार को आगे बढ़ाने का अवसर दिया जाएगा वहीं उपभोक्ताओं को घर बैठे अपनी पसंद का स्ट्रीट फूड खाने को मिलेगा। प्रयोग के रूप में इस समझौते में 5 शहरों अहमदाबाद, चेन्नई, दिल्ली, इंदौर और वाराणसी के 250 विक्रेताओं को शामिल किया जाएगा। स्ट्रीट वेंडर्स को पैन कार्ड और एफ़एसएसएआई पंजीकरण उपलब्ध कराने के साथ-साथ साझेदार ऐप इस्तेमाल करने संबंधी तकनीकी प्रशिक्षण से लेकर

अब साल में दो बार आयु-उपयुक्त फिटनेस परीक्षण देंगे भारतीय खेल प्राधिकरण के सभी प्रशिक्षक

हाल ही में शुरू किये गये आयु उपयुक्त फिटनेस परीक्षण के दिशा-निर्देश के तहत अब भारतीय खेल प्राधिकरण के सभी प्रशिक्षको साल में दो बार इस परीक्षण को पास करना होगा। खेल प्राधिकरण ने संगठन के सभी प्रशिक्षकों को उनकी व्यक्तिगत फाइलों में इसका रिकॉर्ड रखने का भी निर्देश दिया है। इस बारे में प्राधिकरण ने कहा है कि "भारतीय खेल प्राधिकरण विशेषज्ञ प्रशिक्षकों के माध्यम से एथलीट के प्रशिक्षण के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है। मैदान पर उचित प्रशिक्षण देने के लिए प्रशिक्षकों की फिटनेस एक आवश्यक घटक है। एथलीट को प्रगति का रास्ता दिखाने के लिए प्रशिक्षक को एक निश्चित स्तर की फिटनेस बनाए रखने की आवश्यकता है। इसलिए, सभी कोच को सलाह दी गई है कि वे प्रोटोकॉल के अनुसार वर्ष में दो बार शारीरिक फिटनेस का आकलन करें।" गौरतलब है कि यह फिटनेस परीक्षण विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा तैयार किए गए हैं। फिटनेस प्रोटोकॉल के तहत प्रशिक्षकों को जिन परीक्षणों को पास करना होगा उनमें- बीएमआई (शारीरिक संरचना परीक्षण), मांसपेशीय शक्ति परीक्षण, फ्लेमिंगो संतुलन और वृक्षासन(संतुलन परीक्षण), लचीलापन परीक्षण, एरोबिक / का

जनजातीय उत्पादों के प्रदर्शन के लिये है ट्राइब्स इंडिया ई-मार्केटप्लेस

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ट्राइब्स इंडिया ई—मार्केटप्लेस (www.market.tribesindia.com) देश भर के जनजातीय उद्यमों की उपज एवं हस्तशिल्प कलाकृतियों का प्रदर्शन करने वाली और उन्हें अपने उत्पादों को सीधे बाजार में लाने में मदद करने वाली पहल, जनजातीय, वाणिज्य के डिजिटलीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। 2 अक्टूबर 2020 को ट्राइब्स इंडिया ई—मार्केटप्लेस (www.market.tribesindia.com) के ऑनलाइन उदघाटन किया गया। इस अवसर पर केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने ट्राईफेड की कई अन्य पहलों की शुरूआत की जिनमें ऋषिकेश में ट्राइब्स इंडिया के 123 वें और कोलकाता में 124 वें केन्द्र का उद्घाटन, झारखंड राज्य और छत्तीसगढ़ राज्य के नए जनजातीय उत्पादों को शामिल करना और अमेजन के साथ उनके विक्रेता फ्लेक्स कार्यक्रम में ट्राईफेड/ ट्राइब्स इंडिया की साझेदारी शामिल हैं। ई-प्लेटफॉर्म, पूरे भारत के जनजातीय उत्पादों (उत्पाद एवं हस्तशिल्प) को एक ही जगह पर प्रदर्शित करने वाला एक अत्याधुनिक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है जिसे वेब तथा मोबाइल (एंड्रॉइड व आईओएस) पर दोनों तरह के ग्राहकों और पंजीकृत जनजातीय विक्रेताओं द्वारा पहुंच बनाया जा सकता है। ट्राइब