प्लास्टिक कचरा प्रबंधन में रेलवे का श्रमदान
स्वच्छता पखवाड़े के उपलक्ष्य में रेलवे ने पूरे भारतीय रेलवे परिसरों में बड़े पैमाने पर श्रमदान आयोजित किया। इस श्रमदान में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने रोलिंग स्टॉक सदस्य राजेश अग्रवाल, सदस्य यातायात पी.एस. मिश्रा, उत्तरी रेलवे के महाप्रबंधक टी.पी. सिंह तथा रेलवे बोर्ड के और उत्तरी रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर आयोजित श्रमदान में हिस्सा लिया।
इस मौके पर एसएनसीएफ जैसे चैरीटेबल संगठनों तथा अन्य संगठनों ने भी इस श्रम दान में भाग लिया। सभी ने स्वच्छता शपथ और सिंगल यूज प्लास्टिक पर अंकुश लगाने का भी संकल्प लिया। साथ ही प्लास्टिक की थैलियों के स्थान पर कपड़े के थैले भी यात्रियों और स्टॉल मालिकों को वितरित किए गए।
गौरतलब है कि रेल मंत्रालय अपने समूचे नेटवर्क में 11 सितंबर से 2 अक्टूबर तक 'स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा' चला रहा है। इस पूरे स्वच्छता पखवाड़े के दौरान प्लास्टिक कचरे के संग्रह पर ध्यान दिया जा रहा है और इसके अन्तर्गत निम्नलिखित कार्रवाई की जा रही हैं:
- एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध का बड़े पैमाने पर प्रचार किया जाएगा।
- सभी प्रमुख जगहों पर इस संबंध में बैनर/पोस्टर/संदेश लगाए जाएंगे।
- हितधारकों में जागरुकता पैदा करने के लिए सूचना, शिक्षा और संचार उपायों का व्यापक उपयोग किया जाएगा। इसके साथ ही ऑडियो संदेश/बैनर भी प्रदर्शित किए जाएंगे।
- बोर्ड के निर्देशों के कार्यान्वयन पर जोनल रेलवे कार्रवाई करेगा और अपनाए गए उपायों के बारे में प्रतिक्रिया देगा।
- 2 अक्टूबर, 2019 से पहले सभी ए1 और ए श्रेणी के स्टेशनों पर प्लास्टिक की बोतलों को नष्ट करने वाली मशीनें लगाई जाएंगी।
- सभी ए1 और ए श्रेणी के स्टेशनों पर अलग कूड़ेदानों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इन पर एसएचएस का लोगो लगा होगा।
- देशभर में रेलवे की संपत्ति पर 150 नर्सरी विकसित करने के काम को 2 अक्टूबर, 2019 से पहले पूरा कर लिया जाएगा।
- विस्तारित निर्माता जिम्मेदारी के हिस्से के तौर पर आईआरसीटीसी पीने के पानी की प्लास्टिक की बोतलों को वापस लेना शुरू करेगा।
- प्लास्टिक की बोतलों को नष्ट करने वाली मशीनों को सभी दूसरे रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध कराने का काम तेज किया जाएगा।
- प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करने के लिए 2 अक्टूबर, 2019 को एक शपथ भी ली जाएगी।