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Showing posts from December, 2019

राज्योत्सव के साथ होगा हर वर्ष राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन: मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़

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27 से 29 दिसम्बर तक छत्तीसगढ़ के रायपुर के साइंस कालेज मैदान में तीन दिनों तक चलने वाले राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में बड़ी संख्या में आदिवासी कलाकारों ने अपनी कला और संस्कृति को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में छह देशों सहित 25 राज्यों और तीन केन्द्र शासित प्रदेशों के कलाकार एक साथ जुटे। इस महोत्सव में देश-विदेश की जनजातीय संस्कृतियों को करीब से जानने का लोगों को मौका मिला। इस आयोजन की सफलता पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि अब हर साल राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन होगा। यह आयोजन राज्योत्सव के साथ होगा। राज्योत्सव कुल पांच दिनों को होगा। इसमें पहले दो दिन राज्य के स्थानीय कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। वहीं शेष तीन दिन राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में पहली बार देश-विदेश के कलाकारों ने एक साथ मंच साझा किया है। देश-विदेश के कलाकारों ने जिस शिद्दत से अपनी प्रस्तुति दी उसकी अमिट छाप हमारे दिल में हमेशा रहेगी। छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ का

29 दिसम्बर को पैदा हुए इन दो मशहूर हस्तियों को नहीं मिल सका मातृप्रेम

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मां शब्द से ही प्यार और ममता की अनुभूति इस संसार में पैदा होने वाले हर शख्स को होने लगती है। मगर कई ऐसे भी होते हैं, जिन्हें जन्म के बाद अपनी मां की ममता से अछूता रहना पड़ता है। हालांकि दुनियां उन्हें उनके नाम और काम-काज को बहुत पूजती है, मगर उनके जीवन में मां की कमी हमेशा ही खलती है। उन्हीं में से दो मशहूर व्यक्ति थे जिनका जन्म आज ही के दिन यानि 29 दिसम्बर को हुआ था।  29 दिसम्बर 1917 को पंजाब में रामानन्द सागर का जन्म हुआ। इनके बचपन का नाम चन्द्रमौली था।  इन्हें इनकी दादी ने गोद ले लिया था। यह फिल्म क्षेत्र से जुड़े और 1950 में अपनी प्रोडक्शन कंपनी सागर आर्ट्स बनाई। 1985 में छोटे पर्दे की दुनिया में उतरे। इनके द्वारा निर्मित सर्वाधिक लोकप्रिय धारावाहिक रामायण से लोगों के दिलों में इनकी छवि एक आदर्श के रूप में स्थापित हो गई। इनके द्वारा निर्मित प्रसिद्ध धारावाहिकों में विक्रम बेताल , दादा दादी की कहानियां , श्री कृष्णा , अलिफ लैला , और जय गंगा मैया  शामिल हैं।       29 दिसम्बर 1942 को ही अमृतसर में राजेश खन्ना पैदा हुए। इनके बचपन का नाम जतिन था। इन्हें इनके रिश्तेदार चुन्नीलाल खन्ना न

रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन से यात्रियों को मिलेंगी बेहतर सुविधा-रेलवे बोर्ड चेयरमैन

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रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा है कि रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन से आपसी समन्वय बेहतर होगा और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी तथा माल ढुलाई सेवा भी बेहतर होगी। इस नए पुनर्गठित रेलवे बोर्ड में एक सीआरबी / सीईओ होगा और कार्य आधारित चार सदस्य -  सदस्य, ढांचागत संरचना; सदस्य रोलिंग स्टॉक और ट्रैक्शन, सदस्य परिचालन और व्यापार विकास तथा सदस्य, वित्त - होंगे। रेलवे बोर्ड में स्वतंत्र सदस्यों को गैर-कार्यकारी सदस्यों के रूप में  शामिल किया जाएगा । इनकी प्रमुख भूमिका परामर्श देने की होगी और ये रेलवे के दैनिक कामकाज से नहीं जुड़ेंगे।  रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन के तौर-तरीके वैकल्पिक व्यवस्था द्वारा तय किए जाएंगे। गैर-कार्यकारी सदस्यों की संख्या सरकार द्वारा तय की जाएगी। भारतीय रेल की सभी आठ सेवाओं को एक सेवा - भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा - के अंतर्गत शामिल किया गया है। इससे विभिन्न विभागों में बंटे रहने से होने वाली समस्याएं समाप्त होंगी और अधिकारी रेलवे के विकास के लिए परस्पर समन्वय के साथ कार्य करेंगे।     विनोद कुमार यादव ने कहा कि केवल भारतीय रेल के अधिक

गुड गवर्नेंस इंडेक्स में चौथे स्थान पर है छत्तीसगढ़ 

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  केन्द्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी सुशासन सूचकांक (गुड गवर्नेंस इंडेक्स) में बड़े राज्यों की सूची में छत्तीसगढ़ को चौथा स्थान दिया गया है। यह सूचकांक राज्यों को सुशासन की कसौटी पर कसने के लिए जारी किया है ,  जिसमें छत्तीसगढ़ की स्थिति सुशासन के प्रदर्शन में काफी बेहतर है। सुशासन दिवस पर जारी इस सूचकांक में  मुख्यतौर पर  10  क्षेत्रों के हालात पर गौर किया  गया है । इनमें कृषि और संबद्ध क्षेत्र ,  वाणिज्य और उद्योग ,  मानव संसाधन विकास ,  जनस्वास्थ ,  सार्वजनिक ढांचा और सुविधाएं ,  आर्थिक शासन ,  समाज कल्याण व विकास ,  न्यायिक और लोक सुरक्षा ,  पर्यावरण और नागरिक केंद्रित शासन के क्षेत्र शामिल हैं। इन सभी  10  क्षेत्रों को  50  बिंदुओं के आधार पर मापा  गया है। इस सूचकांक में छत्तीसगढ़ को 5.05 अंक दिये गए हैं। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में किए जा रहे विकास कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिल रही है।   हाल ही में प्रदेश को मनरेगा ,  आजीविका मिशन ,  आवास योजना और पीएमजीएसवाई में उत्कृष्ट कार्यों के लिए केंद्र सरकार की ओर से 22 पुरस्कार दिये गए हैं। वहीं इन विकास कार्यों से छत्तीसगढ़

फिल्म बिरादरी से हिंसा, अशिष्‍टता और अश्लीलता दिखाने से बचने का उपराष्ट्रपति का आग्रह 

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फिल्म बिरादरी का आह्वान करते हुए उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि वह जनता विशेषकर युवाओं पर फिल्‍मों के बड़े पैमाने पर पड़ने वाले गहरे प्रभाव को ध्‍यान में रखते हुए फिल्मों में हिंसा, अशिष्‍टता और अश्लीलता दिखाने से बचें। 23 दिसंबर को दिल्ली में  66 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान करने के बाद संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि फिल्म निर्माताओं को इस शक्तिशाली माध्यम के लोगों पर पड़ने वाले गहरे प्रभाव के प्रति सचेत रहना चाहिए। उपराष्‍ट्रपति ने उनसे आग्रह किया कि वे सामाजिक परिवर्तन के साधन के रूप में इस शक्तिशाली माध्यम का उपयोग करें और विभिन्न सामाजिक बुराइयों से निपटने के लिए लोगों को शिक्षित करें, सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा दें तथा समाज के नजरिये में बदलाव लाएं। उन्होंने कहा कि मुख्‍य रूप से ध्‍यान चुनौतियों और सामाजिक विचारधाराओं की कलात्मक प्रस्तुति पर होना चाहिए और विवादों का इस प्रकार से समाधान किया जाना चाहिए, जिससे सामाजिक सौहार्द बना रहे तथा नैतिक सिद्धांतों को मजबूती मिले। इसके साथ ही युवा मन पर सिनेमा के पड़ने वाले गहरे प्रभाव की ओर इशारा करते हुए नायडू ने कह

50वें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किये जाएंगे महानायक अमिताभ बच्चन

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23 दिसंबर को प्रतिष्ठित 66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार उपराष्ट्रपति द्वारा प्रदान किये जाएंगे, जिसके लिये नई दिल्ली में एक बड़े आयोजन की तैयारी की गई है। इस समारोह में भारतीय सिनेमा की वृद्धि और विकास में उत्कृष्ट योगदान देने वाली फिल्मी हस्तियों को सम्मानित किया जाएगा।  भारतीय सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन को फिल्म उद्योग में उनके योगदान के लिए भारतीय सिनेमा के प्रतिष्ठित सर्वोच्च सम्मान 50वें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। उपराष्ट्रपति,  एम. वेंकैया नायडू,  केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री  प्रकाश जावड़ेकर और अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में पुरस्कार प्रदान करेंगे।  इससे पहले, इस साल अगस्त में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, फीचर फिल्म श्रेणी के अध्यक्ष, श्री राहुल रवैल; गैर-फीचर फिल्म श्रेणी के अध्यक्ष श्री ए एस कनाल और सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ लेखन के अध्यक्ष श्री उत्पल बोरपुजारी की अध्यक्षता में गुजराती फिल्म हेलारो को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी। 'बधाई हो'  फिल्म ने पूर्ण मनोरंजन के लिए सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का प

गणितज्ञों के गणितज्ञ का जन्मदिन है, राष्ट्रीय गणित दिवस

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    गणित के महानतम विचारक श्रीनिवास अयंगर रामानुजन की गणना आधुनिक भारत के उन व्यक्तित्वों में की जाती है जिन्होंने विश्व में नए ज्ञान को पाने और खोलने की पहल की। आज यानि 22 दिसंबर को ही वर्ष 1887 में मद्रास से 400 किलोमीटर दूर इरोड नगर में  गणितज्ञ रामानुजन का दक्षिण भारतीय ब्राम्हण परिवार में जन्म हुआ।  श्रीनिवास अयंगर रामानुजन के गणितज्ञ बनने के सफर की बात करें तो इनकी प्रारंभिक शिक्षा कुम्भकोणम के प्राइमरी स्कूल में हुई। 1889 में इन्होंने टाउन हाई स्कूल में प्रवेश लिया। जहां इन्हें जी. एस. कार की गणित पर लिखी पुस्तक पढ़ने का अवसर मिला। इस पुस्तक से प्रभावित होकर इनकी रुचि गणित में बढ़ने लगी। आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिये रामानुजन ने क्लर्क की नौकरी की जहां यह अक्सर खाली पन्नों पर गणित के प्रश्न हल किया करते।         इसी दौरान एक बार एक अंग्रेज की नजर इन पन्नों पर गई जिसने निजी रुचि लेकर इन्हें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हार्डी के पास भेजने का प्रबंध किया। प्रोफेसर हार्डी ने इनमें छिपी प्रतिभा को पहचाना और इनकी ख्याति संपूर्ण विश्व में फैल गई। इनके लिखे आर्टिकल तत्काल

फास्‍टैग के लिए अक्षय कुमार अभिनित टीवी प्रचार अभियान का हुआ शुभारंभ 

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केन्‍द्रीय सड़क परिवहन,राष्‍ट्रीय राजमार्ग तथा सूक्ष्‍म,लघु एंव मध्‍यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने फास्‍टैग के बारे में जागरुकता लाने के लिए अभिनेता अक्षय कुमार अभिनित टीवी प्रचार अभियान का शुभारंभ किया। अक्षय कुमार मंत्रालय के सड़क सुरक्षा अभियान के ब्रांड एंबेसेडर भी हैं। फास्‍टैग के बारे में जागरुकता लाने के लिए केन्‍द्रीय सड़क परिवहन,राष्‍ट्रीय राजमार्ग तथा सूक्ष्‍म,लघु एंव मध्‍यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने अभिनेता अक्षय कुमार अभिनित टीवी प्रचार अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर गडकरी ने कहा कि 15 दिसंबर 2019 से शुरू की गई फास्‍टैग  व्‍यवस्‍था रफ्तार पकड़ चुकी है। अब तक एक करोड़ से ज्‍यादा फास्‍टैग जारी किए जा चुके हैं। इसके माध्‍यम से डिजिटल तरीके से की जाने वाली वसूली 80 करोड़ रूपए से ज्‍यादा का आंकड़ा पार कर चुकी है।  गडकरी ने फास्‍टैग का अब तक इस्‍तेमाल नहीं करने वालों से इससे जल्‍दी जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि डिजिटल माध्‍यम से टोल वसूलने के काम में आने वाली दिक्‍कतों को सुलझाने का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। गौरतलब है कि अक्षय कुमार मंत्रालय के सड़क सुरक्

बजट पूर्व बैठक में छत्तीसगढ़ मंत्री ने की जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान 2022 के बाद पांच वर्षों के लिए बढ़ाने की मांग 

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नई दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेन्टर में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों की बजट पूर्व बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें  छत्तीसगढ़ से मंत्री टीएस सिंहदेव शामिल हुये। इस दौरान  सिंहदेव ने केंद्रीय बजट के लिए कुछ सुझाव और राज्य की समस्याएं रखीं।  टीएस सिंहदेव ने कहा कि खरीफ सीजन 2019 के लिए राज्य से भारतीय खाद्य निगम द्वारा केंद्रीय कोटे के अंतर्गत चावल लिए जाने कि सहमति अभी तक प्राप्त नहीं हुई है, जिसे शीघ्र प्रदान किया जाये। राज्य में उत्पादित चावल की सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वितरण हेतु आवश्यक खपत के उपरांत शेष चावल को केंद्रीय कोटे के अंतर्गत भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से क्रय किया जाए। उन्होंने खाद्य सब्सिडी की सम्पूर्ण राशि का नियमित रूप से भुगतान करने का अनुरोध भी किया।  सिंहदेव ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में वनाधिकार पट्टेदार कृषकों को भी इस योजना के दायरे में लाये जाने की मांग की है। इसके अलावा बैठक में जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान को 2022 के पश्चात भी आगामी 5 वर्षों

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया, नई दिल्‍ली के द्वारका क्षेत्र में भारत वंदना पार्क का उद्घाटन

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नई दिल्‍ली के द्वारका में भारत वंदना पार्क का उद्घाटन करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत वंदना पार्क आने वाले समय में पर्यटन का सेंटर बनेगा और दिल्‍ली आने का मार्ग द्वारिका के इस पार्क से होते हुए पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। उनका कहना था कि इस पार्क में भारत के समग्र सांस्‍कृतिक मानचित्र को उपलब्‍ध कराया गया है। इस अवसर पर अमित शाह ने कहा कि सीएए नागरिकता लेने का नहीं देने का प्रावधान है। उनका कहना था कि नेहरू-लियाकत समझौते का पालन पूर्व में नहीं किया गया किंतु नरेंद्र मोदी ने इस समझौते का पालन किया और लाखों लोगों को शरण देने का काम किया है । अमित शाह ने कहा कि आंदोलन करने वाले विद्यार्थियों को यह बिल पढ़ना चाहिए, इसमें कहीं पर भी भारत के अल्पसंख्यकों की नागरिकता की बात नहीं की गई है, इसमें केवल अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताडना सहकर आए वहां के अल्‍पसंख्‍यक शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है।  शाह का यह भी कहना था कि सीएए पर विपक्ष देश को गुमराह करने में लगा है। उन्‍होंने विरोध करने वाले राजनीतिक दलों से कहा कि आपको जो राजनी

राष्‍ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन लॉन्‍च से पूरे देश में होगी ब्रॉडबैंड की सेवा की उपलब्‍ध

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अब देश के  ग्रामीण व सुदूर क्षेत्रों समेत पूरे देश में ब्रॉडबैंड सेवा की उपलब्‍धता होगी। इसके लिये 17 दिसंबर 2019 को केन्‍द्रीय संचार, कानून एवं न्‍याय तथा इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचन प्रौद्योगिकी मंत्री  रविशंकर प्रसाद ने राष्‍ट्रीय मीडिया केन्‍द्र, नई दिल्‍ली में राष्‍ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (एनबीएम) का शुभारंभ किया।  राष्‍ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन का विजन डिजिटल संचार ढांचे का वरित विकास, डिजिटल अंतर को समाप्त करना, डिजिटल सशक्तिकरण तथा समावेश पर आधारित है। मिशन का उद्देश्‍य तथा सभी नागरिकों के लिए किफायती और सार्वभौमिक ब्रॉडबैंड सेवा प्रदान करना है। जिन सिद्धांतों को ध्यान में रखकर इस मिशन को षसुरू किया गया है उनमें है- सभी के लिए उपलब्‍धता, गुणवता युक्‍त सेवा तथा किफायती सेवा।   इस मिशन के लिये ऑप्‍टिक फाइबर केबल 30 लाख कि.मी. रूट में बिछाया गया। टावर घनत्‍व 2024 तक प्रति एक हजार की आबादी पर 0.42 से बढ़कर 1.0 हो जाएगा। सभी गांव में 2022 तक ब्रॉडबैंड सेवा। मोबाइल और इंटरनेट सेवा की गुणवता बेहतर होगी।·  · पूरे देश के लिए डिजिटल फाइबर मानचित्र तैयार किया जाएगा। इसमें संचार नेटवर्क व अवसंरचना, 

अगले सेना प्रमुख होंगे लेफ्टिनेंट जनरल एम एम नरवाने 

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सेना प्रमुख रावत 31 दिसबंर 2019 को सेवानिवृत हो रहे हैं, जिनके जाने के बाद उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुंकुंद नरवाने अगले सेना प्रमुख होंगे। सरकार ने उन्‍हें थल सेना अध्‍यक्ष के पद पर नियुक्त करने का  फैसला लिया है। लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने को सेना में उत्‍कृष्‍ट सेवाओं के लिए परमविशिष्‍ट सेवा मेडल, अतिविशिष्‍ट सेवा मेडल, सेवा मेडल और विशिष्‍ट सेवा मेडल से सम्‍मानित किया जा चुका है।    नरवाने मौजूदा थल सेना प्रमुख बिपिन रावत के जाने के बाद पदभार संभालेंगे। सेना प्रमुख रावत 31 दिसबंर 2019 को सेवानिवृत हो रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने को सेना में उत्‍कृष्‍ट सेवाओं के लिए परमविशिष्‍ट सेवा मेडल, अतिविशिष्‍ट सेवा मेडल, सेवा मेडल और विशिष्‍ट सेवा मेडल से सम्‍मानित किया जा चुका है। लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने ने अपनी स्‍कूली शिक्षा पुणे के दनयाना प्रबोधिनी प्रशाला से प्राप्‍त की। वह राष्‍ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सेना अकादमी के पूर्व छात्र भी रह चुके हैं। उन्‍हें जून 1980 में सिख लाइट इन्‍फेंट्री रेजिमेंट की सातवीं बटालियन में कमिशन्‍ड किया गया था। उन्‍होंने डिफेंस स्‍टडीज में स्‍नातक

छत्तीसगढ़ भवन में हैंडलूम और हस्तशिल्प प्रदर्शनी का आयोजन

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देश की राजधानी दिल्ली में  छत्तीसगढ़ की हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों  की खासा मांग देखने को मिलती है ,  इसे देखते हुये ही छत्तीसगढ़ भवन में समय-समय पर प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। इस बार 16 से 25 दिसम्बर तक प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है ,  जिसे लेकर ग्राहकों में खासा उत्साह है। छत्तीसगढ़ शासन के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ भवन में सोमवार से प्रदेश की हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गयी है। प्रदर्शनी में बेलमेटल से लेकर सिल्क कोसे की रेडीमेड कपड़ों की वेराइटी देखने को मिल रही है। इसके साथ ही मैनपाट के तिब्बतियों द्वारा तैयार किए गए कंबल और कालीन भी प्रदर्शनी में उपलब्ध हैं, जो की लोगों को खासा आकर्षित कर रहा है। यहाँ प्रदेश के बुनकर रेडीमेड कपड़ों में सिल्क कोसे की ब्लाउज़, शर्ट, कुर्ते-कुर्तियां, जैकेट, साड़ियाँ आदि लेकर पहुंचे हैं। इन कपड़ों में छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है। प्रदर्शनी में कोसे की ड्रेस मटेरियल ,  हैंडलूम फेब्रिक ,  प्राकृतिक रंगों से तैयार कपड़े उपलब्ध हैं ,  वहीं सिल्क की साड़ियाँ यहाँ  आपको कई र

ठंड में रखें दिल का खास ख्याल

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जैसे-जैसे ठंड अपने होने का अहसास कर रही है, वैसे ही कुछ खास बातें हैं, जिनपर हमें विशेष ध्यान देने की जरूरत है। किसी भी व्यक्ति का स्वास्थ्य सबसे पहले आता है, क्योंकि जान है तो जहान है। ठंड के दिनों में सबसे अधिक दिल के देखभाल की जरूरत होती है, क्योंकि यह सबसे जल्दी प्रभावित होता है। हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्यादा इन्हीं दिनों में होता है। दरअसल हार्ट में खून की नलियों की मसल्स में तीन सतह होती है। बाहरी , मध्य और भीतरी। ठंड के दिनों में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है , क्योकि ठंड के दिनों में बीच की मसल्स सिकुड़ती है। इससे हार्ट में खून की सप्लाई और कम हो जाती है , और मरीज को दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिये जरूरी है कि विशेषज्ञों द्वारा दिये गये सलाह पर अमल किये जाए। व्यायाम जरूर करें , जिससे शरीर का रक्त संचालन सही रहे।   अगर किसी व्यक्ति को अटैक आता है तो दूसरा व्यक्ति कैसे उसके लक्षण को पहचान कर तुरंत पीड़ित को प्राथमिक उपचार मुहैया करे जिससे उसकी जान बचाई जा सके , इसके लिये निम्नलिखित जानकारी जरूरी है। व्यक्ति की छाती में दर्द या सीने में ऐंठन होना व्यक्ति के हाथ

जीवन की जटिलता

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तड़पन है, छटपटाहट है, धूप-छाँह की तरह क्षण-क्षण, वेष बदलती है, अचेतन मन में। अँधेरी गहरी सुरंगें, घाटियों, नाटकीय ढ़ंग से जुड़ी है। रहस्यमयी लोक में, अँधेरे में सीढ़ियाँ हैं, अथाह काला जल है। निचली सीढ़ी पानी में डूबी है, मस्तिष्क अबूझ लगता है। नई रंगों और नई रसों की खोज में, यह सोचकर, कोशिश करती कई, कि कोशिश करने वालों की, कभी हार नहीं होती बेचैन मन जीवन की जटिलता रूपी कुएँ में समाता गया, समाता गया !  

मार्च 2020 में 36वें अंतर्राष्‍ट्रीय भूवैज्ञानिक कांग्रेस की मेजबानी करेगा भारत

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36वें अंतर्राष्‍ट्रीय भूवैज्ञानिक कांग्रेस (आईजीसी) का आयोजन अगले वर्ष मार्च के पहले सप्‍ताह में किया जाएगा, जिसकी मेजबानी भारत करेगा। नई दिल्‍ली में आयोजित होने वाली इस कांग्रेस की थीम है- भू-विज्ञान : समावेशी विकास के लिए मूलभूत विज्ञान। आईजीसी को भू-विज्ञानों का ओलम्पिक के लोकप्रिय नाम से भी जाना जाता है। यह प्रति‍ष्‍ठित वैश्विक भूवैज्ञानिक सम्‍मेलन चार वर्षों में एक बार आयोजित किया जाता है। पूरी दुनिया के 5000-6000 भूवैज्ञानिक इस सम्‍मेलन में भाग लेते हैं। भारत एकमात्र एशियाई देश है जो दोबारा इस सम्‍मेलन का आयोजन कर रहा है। इससे पहले भारत ने पहली बार 1964 में 22वें आईजीसी का आयोजन किया था। इसका उद्घाटन तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति डॉ. सर्वपल्‍ली राधाकृष्‍णन ने किया था। इस सम्‍मेलन के लिए खान मंत्रालय और पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय धनराशि उपलब्‍ध करायेंगे। सम्‍मेलन के आयोजन में भारतीय राष्‍ट्रीय विज्ञान अकादमी (आईएनएसए) तथा बांग्‍लादेश, पाकिस्‍तान, नेपाल और श्रीलंका की राष्‍ट्रीय विज्ञान अकादमी सहयोग प्रदान करेंगे। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण इस आयोजन की नोडल एजेंसी है। 36वें आईजीसी की तैया

कश्मीर के विकास में भाग लेने के लिए उद्योग समूह एसोचैम ने जम्मू में खोला अपना कार्यालय

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जम्मू कश्मीर में धारा 370 के हटाये जाने के बाद प्रधान मंत्री मोदी ने जम्मू और कश्मीर के विकास में भाग लेने के लिए उद्योग जगत से एक स्पष्ट आह्वान किया था, जिसके जवाब में में उद्योग समूह एसोचैम ने जम्मू में अपना कार्यालय खोला है, जिसका उद्घाटन उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू द्वारा किया गया। एसोचैम ने पर्यटन और औद्योगिक विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए, केंद्र शासित प्रदेश में निवेश की पहल शुरू करने की मांग करते हुए सरकार के साथ साझेदारी करने की प्रतिबद्धता दोहराई है। एसोचैम के जम्मू-कश्मीर कार्यालय का उद्घाटन करते हुए, मुर्मू ने कहा कि उनकी सरकार उद्योग और पर्यटन पर उच्च स्तरीय निवेश शिखर सम्मेलन आयोजित करने की इच्छुक है। उन्होंने कहा कि ये वैश्विक सम्मेलन उद्योग के साथ घनिष्ठ साझेदारी में आयोजित किए जाएंगे, और इसके लिये उन्होंने एसोचैम (ASSOCHAM) को निवेशकों तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भागीदार बनाने के लिए कहा। राज्य में अधिक से अधिक निवेश के अवसरों की तलाश करने के लिए उद्योग के लिए  मुर्मू ने अपने जम्मू कार्यालय को खोलने की पहल की, जिसमें कहा गया है कि योजनाबद्ध उद्योग और निवेश शिखर सम्मे

प्याज के आयात से जल्दी ही मिलेगा लोगों को इसका स्वाद

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प्याज के दाम देश में लोगों को बिना परिस्थिति के रूलाने का काम कर रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने 12,660 मीट्रिक टन अतिरिक्त प्याज के आयात के लिए अनुबंध किये हैं। आयातित प्याज की भारत में आवक 27 दिसंबर, 2019 से शुरू हो जाएगी। इस अतिरिक्त मात्रा से आयातित प्याज की कुल मात्रा लगभग 30,000 मीट्रिक टन हो गई है। उपभोक्ता मामलों के विभाग ने भी 12 दिसंबर को एमएमटीसी को 15,000 मीट्रिक टन अतिरिक्त प्याज (5000-5000 मीट्रिक टन की तीन नई निविदाएं) के आयात के लिए नई निविदाएं जारी करने का निर्देश दिया है।           इससे पहले, 9 दिसंबर, 2019 को केंद्र सरकार ने खुदरा विक्रेताओं की स्टॉक रखने की सीमा को 5 मीट्रिक टन से संशोधित करके 2 मीट्रिक टन कर दिया था। यह स्टॉक सीमा केवल खुदरा विक्रेताओं के लिए संशोधित की गई थी। जबकि थोक विक्रेताओं के लिए 25 मीट्रिक टन स्टॉक सीमा में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। आयातित प्याज के लिए आयातकों को स्टॉक सीमाओं से मुक्त रखा गया है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री राम विलास पासवान ने सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर उनसे प्याज की जमाखोरी रोक

आंगन का यौवन

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कहाँ खो गया हरा भरा तेरा जोबन फुर्र से उड़ गया आजकल  हे आंगन तेरा यौवन लौट आओ कि तुम बिन सूना लगता मकान  प्यारा सा घरौंदा टूट गया आजकल  हे आंगन तेरा यौवन हँसना बोलना नाचना  सब मिलता था तेरे आँचल में।  वक्त गुजरता गया  आजकल हे आँगन तेरा यौवन।  दूध के दांत गिरते देखा,  कच्ची मिट्टी से पक्की बनते देखा,  आजकल हे आँगन तेरा यौवन ढलते देखा ।।

ट्राइब्स इंडिया की मुख्य डिजाइन सलाहकार के रूप में ट्राइफेड के साथ फैशन डिजाइनर रितु बेरी की हुई भागीदारी

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देश भर के जनजातीय लोगों को उद्यमी बनाकर अधिकारसम्‍पन्‍न बनाने के उद्देश्‍य से जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत ट्राइफेड द्वारा संचालित राष्‍ट्रीय कार्यक्रम 'प्रधानमंत्री वन धन योजना (पीएमवीडीवाई) के 100 दिन' पूरे होने पर ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक  प्रवीर कृष्‍ण ने ट्राइफेड द्वारा आयोजित किए गए एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए  कहा कि पीएमवीडीवाई बाजार से जुड़ा जनजातीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्‍य जनजातीय स्‍व सहायता समूहों के क्‍लस्‍टरों की स्‍थापना करना और उन्‍हें जनजातीय निर्माता कम्‍पनियों के रूप में मजबूती प्रदान करना है। इसे देश के 27 राज्यों की भागीदारी के साथ प्रारंभ किया गया है। 27 अगस्त 2019 को वन धन कार्यक्रम को मंजूरी की शुरुआत के बाद की अल्‍पावधि में ही 24 राज्यों से 799 वन धन विकास केंद्र (वीडीवीके) स्थापित करने के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं ट्राइफेड ने 99.81 करोड़ रुपये की स्वीकृत धनराशि के लिए 18 राज्यों में 2,00,740 लाभार्थियों को कवर करने वाले 676 वीडीवीके को मंजूरी दी है। गौरतलब है कि 'पीएमवीडीवाई के 100 दिन' पूरे होने का जश्‍न मनाने और

अब खादी की वर्दी पहनेंगे अर्धसैनिक बल

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  अर्द्धसैनिक बल अब खादी से बनी वर्दी पहनेंगे। केन्‍द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सभी अर्द्धसैनिक बलों के महानिदेशकों को वर्दी में खादी का इस्‍तेमाल करने तथा अपने यहां कैं‍टीन में अचार,पापड़, शहद, सरसों का तेल,चाय, साबुन,शैंपू और फिनाइल जैसे खादी ग्रामोद्योग के उत्‍पादों का इस्‍तेमाल किये जाने का निर्देश दिया है। इसलिये अर्द्धसैनिक बल अब खादी से बनी वर्दी पहनेंगे। अर्द्धसैनिक बलों और खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के बीच कई दौर की बैठकों के बाद यह तय हुआ है कि खादी के उत्‍पादों का इस्‍तेमाल अर्द्धसैनिक बलों के लिए किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार पिछले दो सप्‍ताह से दोनों पक्षों के बीच बैठक चल रही है। इस दौरान खादी के उत्‍पादों के कई नमूने पेश किए गए और आखिरकार इसपर अब अंतिम फैसला लिया जाने वाला है। केवीआईसी के अध्‍यक्ष ने बताया कि अर्द्धसैनिक बलों की ओर से इस्‍तेमाल किए जाने वाले ऊनी और सूती कपड़ों , कंबलों और वातावरण-अनुकूल विशेष पोशाक के जो नमूने दिए गए थे उन्‍हें खादी ग्रामोद्योग ने खादी का इस्‍तेमाल कर नए तरीके से बनाया है। इन्‍हें अर्द्धसैनिक बलों की अंतिम मंजूरी के लिए भेजा गया है।

विचारों के बड़े केन्द्र हैं विश्वविद्यालय, लेकिन वे सामाजिक परिवर्तनों से अछूते नहीं हैं वे समाज का ही हिस्सा हैं: राष्ट्रपति

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विश्वविद्यालय विचारों के बड़े केंद्र हैं, लेकिन वे सामाजिक परिवर्तनों से अछूते नहीं हैं। वे समाज का ही हिस्सा हैं। अकादमिक समुदाय को उन क्षेत्रों में अनुसंधान करना चाहिए जो न केवल ज्ञान का नया आधार बनाते हैं बल्कि एक ऐसा ज्ञान आधार भी बनाते हैं जो मानव समाज के स्थायित्व में बड़ी भूमिका निभाता है। यह बात राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आज (8 दिसंबर, 2019) को भुवनेश्वर में उत्कल विश्वविद्यालय के प्लेटिनम जंयती समारोह के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कही।  राष्ट्रपति ने कहा कि छात्रों और शिक्षकों को समाज के वंचित वर्गों के सशक्तिकरण के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे विषयों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। बहु-विषयक संकाय से संपन्न उत्कल जैसे विश्वविद्यालय इस काम को ज्यादा बेहतर तरीके से कर सकते हैं। उन्होंने  कहा कि प्लैटिनम जयंती जैसा अवसर एक मील का पत्थर होता है। एक लंबी यात्रा के दौरान, जब हम इस पर पहुंचते हैं तो थोड़ा रुक कर पीछे मुड़क देखते हैं। यह उपलब्धियों के साथ-साथ उन क्षेत्रों पर भी नजर डालने का समय होता है जहां और ज्यादा सुधारों की गुंजाइश होती है।

बिहार में निवेश करें, सरकार हर संभव मदद करने को तैयार-उद्योग मंत्री, बिहार

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बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने उद्योगपतियों से बिहार में उद्योग लगाने का आह्वान किया है। श्याम रजक ने पुणे में आयोजित इन्वेस्टर रोड मैप में उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में उद्योग की अपार संभावनाएं हैं। ऐसे में उद्योगपतियों को राज्य में आकर उद्योग लगाना चाहिए। राज्य की कानून व्यवस्था की हालत पर बोलते हुए श्याम रजक ने कहा कि पहले के बिहार और आज के बिहार में बहुत अंतर है। आज क्राइम के मामले में बिहार के आंकड़े दूसरे राज्यों से बहुत कम हैं। श्याम रजक ने कहा कि बिहार में बजली का भी कोई संकट नहीं है। गांव-गांव तक पक्की सड़क बन गयी है। ऐसे में लोगों को पुरानी विचारधारा से निकलकर नए बिहार को देखने की जरुरत है। आज बिहार में संपदा और संभावनाओं का अपार भंडार है। बिहार सरकार हर क्षेत्र में रोजगार के लिए सभी के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सूबे में रोजगार की संभावनाएं बढ़ने के चलते ही आज राज्य से पलायन कम हुआ है। उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा कि राज्य की औद्योगिक नीति देश की बेहतर औद्योगिक नीति है। आप बिहार में निवेश करें, बिहार सरकार हर संभव मदद करने को त

सात सुपरहिट फिल्मों में एक साथ काम किया, आज है दोनों का जन्मदिन

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देवर (1966)] अनुपमा (1966)] मेरे हमदम मेरे दोस्त (1968)] सत्यकाम (1969)] माकेन (1969)] चुपके चुपके (1975)  जैसी फिल्मों ने अपने जमाने में बड़ी धूम मचाई, और आज भी इन फिल्मों को खूब पसंद किया जाता है। आज इन खूबसूरत फिल्मों के नायक एवं नायिका का जन्मदिन है। नायक धर्मेंन्द्र का जन्म  8 दिसम्बर 1935 को लुधियाना जिला के अन्तर्गत साहनेवाल में हुआ। धर्मेन्द्र सिंह देओल अभिनय प्रतिभा के धनी अभिनेता हैं। 1960 में दिल भी तेरा हम भी तेरे से अभिनय के शुरूआत कर तीन दशकों तक फिल्मों में छाये रहे। धर्मेन्द्र की पहली शादी प्रकाश कौर से 19 वर्ष की उम्र में 1954 में हुई। फिर हेमा मालिनी से शादी कर धर्मेन्द्र ने इस्लाम अपना लिया। 8 दिसंबर को ही हिन्दी और बांगला फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेत्री शार्मिला टैगोर का कानपुर में जन्म हुआ। बेगम आयशा सुल्ताना खान के नाम से जाने जाने वाली शर्मिला ने 1959 में बांगला फिल्म अपुर संसार से अपना केरियर शुरू किया और 1964 में कश्मीर की कली से हिन्दी फिल्मों में कदम रखा। शर्मिला टगौर ने 27 दिसंबर 1969 ने मंसूर अली खान पटौदी से शादी कर इस्लाम धर्म अपनाया और अपना नाम बदलकर बेगम

बेईमानी सर्वत्र जयते

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पैदा होते ही काका का नाम किसने और क्यूं रखा, यह आज तक पता नहीं चला। लेकिन सारा गांव काका ही कहकर बुलाने लगा। उनके माता-पिता तथा पत्नी तक काका ही कहते थे। काका भी अपना स्कूली नाम भूल चुके थे। दो चीज से घबराते थे। एक ठंड और दूसरा पानी। __ इसलिये वे साल में एक दिन खिचड़ी (मकर संक्रांति) को स्नान करते थे। वे दशरथी स्टाईल से धोती पहनते थे। पीली धोती साल भर में नीचे सफ़ेद हो जाती थी, लेकिन कमर में लिपटी धोती पीली की पीली रह जाती। पर्व-त्योहार के अवसर पर उनकी पत्नी नहाने को कहती तो उनका जवाब होता- जा ! तू ही सरग (स्वर्ग) जइहउ, हमरा के नरके में छोड़ दिहउ। काका भांग के शौकीन थे। जब तरंग में आते तो मजमा लगा देते। ___ गांव के लड़कों से उनकी दोस्ती थी। लड़के भी उनकी बात सुनते थे। किसी दिन स्कूल जाते लड़कों को घेर लेते, और पूछते, कौन सी क्लास में पढ़ते हो? लड़के कहते, जी, 12वीं क्लास में। क्या पढ़ते हो? जी, हिन्दी। काका पूछते हिन्दी में क्या? लड़के कहते, कहानी। वे फिर पूछते किसकी? लड़के कहते, प्रेमचंद की। अच्छा, बताओ प्रेमचंद की पहली कहानी कौन सी थी और कब छपी थी? तुम्हारे मास्टर जी ने नहीं पढ़ाया?

सामाजिक न्याय और भारतीय राजनीति

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प्राचीन भारत अनेक छोटे-छोटे राज्यों में विभक्त था। तब कौटिल्य ने अपनी राजनीतिक, कूटनीतिक कला एवं सूझ-बूझ से इन्हें एक सूत्र में बांधकर एक विशाल साम्राज्य की स्थापना में योगदान दिया। कौटिल्य राज्य के सामाजिक समझौते को मानते थे और राजतंत्र के पक्षधर थे। उनके अनुसार राज्य का उद्येश्य केवल शांति व्यवस्था तथा सुरक्षा स्थापित करना ही नहीं वरन् व्यक्ति के सर्वोच्च विकास में योगदान देना है। उनका मानना है कि प्रजा की खुशी में ही राजा की खुशी है। एक विचार के रूप में सामाजिक न्याय का अर्थ हर मनुष्य को स्वतंत्रता देने और उनके साथ समान व्यवहार करने से है। इसके मुताबिक किसी के साथ सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक पूर्वाग्रहों के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिये। हर किसी के पास इतने न्यनतम संसाधन होने चाहिये कि उत्तम जीवन की अपनी जरूरतों को पूरी कर सकें। कह सकते हैं कि सामाजिक न्याय का संघर्ष लोगों के अस्तित्व और अस्मिता से जुड़ा संघर्ष है। डॉ. भीमराव अंबेदकर और उत्पीड़ित जातियों और समुदायों के कई नेता समाज के हाशिये पर पड़ी जातियों को शिक्षित और संगठित होकर संघर्ष करते हुए अपने न्यायपूर्ण हक को हासिल क

बहुत आगे निकल आए हम

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बहुत आगे निकल आए हम सब, अब जो चाहे वो मिल जाता है.. मन में सवाल उठने से पहले ही, जवाब हाथों में मिल जाता है..  इसी उलझन में एक दिन यूँ ही... सुबह खिड़की से झांका तो, नजरें सिमटकर रह गई.. आसमां को नापने की चाह, ईमारतों से ढ़क गई.. इन ईमारतों ने इस विशाल गगन को, यूँ ढंक लिया, एक बादल तक न देख सका मैं.. इन्हीं ईमारतों में, आसमां के अनगिनत तारे भी लुप्त हो जाते हैं न जाने कैसे इन ईमारतों में यह, विशाल आसमान छिप जाता है बहुत आगे निकल आए हम सब..।।

जीवन के पहले छह महीने स्तनपान करने से शिशु को मिलता है, सभी जरूरी पोषक तत्व

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बच्चे का एक स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करने के लिए, विशेषज्ञ शिशुओं के लिए विशेष रूप से स्तनपान कराने की सलाह देते हैं, जब तक कि उनकी उम्र छह महीने के आसपास न हो जाए क्योंकि इससे मां और बच्चे दोनों की सेहत  अच्छी रहती है। छह महीने के बाद, उपयुक्त पूरक आहार, जिसमें स्तन के दूध के अलावा अन्य खाद्य पदार्थ और पेय शामिल होते हैं, दे सकते हैं। बच्चे को कम से कम 12 महीने तक स्तनपान के अलावा दिया जाना चाहिए, और उसके आगे जब तक मां और बच्चा चाहें। एक स्वस्थ स्तनपान दिनचर्या तभी प्राप्त की जा सकती है जब मां स्तनपान के लाभों के बारे में अच्छी तरह से अवगत हो और साथ ही साथी, परिवारों और स्वास्थ्य देखभाल कर्ताओं का उचित समर्थन और प्रोत्साहन प्राप्त करे। स्तन का दूध केवल एक भोजन नहीं है, यह कई प्रतिरक्षा कारकों वाला जीवित ऊतक है जो एक बच्चे को विभिन्न संक्रमणों से निरंतर, सक्रिय सुरक्षा देता है, जब बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली अपेक्षाकृत कमजोर होती है। जन्म के बाद शुरुआती कुछ दिनों तक, एक मां अपने बच्चे को कोलोस्ट्रम के साथ आदर्श टीकाकरण प्रदान करती है जो एंटीबॉडी में बहुत समृद्ध होता है। विशेष रूप से स्तन

बिहार में औद्योगिक विकास के लिये उद्योग मंत्री ने शुरू किया 5 दिवसीय अंतरराज्यीय दौरा

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बिहार के उद्योग मंत्री  श्याम रजक अपने 5 दिवसीय अंतरराज्यीय विभागीय दौरे के पहले दिन आज गुजरात के सूरत पहुंचे जहाँ उन्होनें सूरत के विभिन्न बिजनेसमैनों और इन्वेस्टर्स के साथ मीटिंग की तथा बिहार में उद्योगों के विकास और संभावनाओं के संबंध में चर्चा की।    इस दौरान उन्होंने भारत के मशहूर हीरा व्यापारी और हरे-कृष्णा एक्सपोर्ट के मालिक  शिवजी भाई ढोलकिया से भी मुलाकात की।    उद्योग मंत्री ने उम्मीद जताई है कि यह दौरा बिहार में उद्योगों के लिए सकारात्मक पहल साबित होगी और दूसरे राज्यों के इन्वेस्टर्स को बिहार की ओर अधिक से अधिक आकर्षित किया जा सकेगा।   5 दिवसीय अंतरराज्यीय विभागीय दौरे के दौरान उद्योग मंत्री  श्याम रजक सूरत के अलावा अहमदाबाद, पुणे और मुम्बई भी जाएंगे। जहाँ वे विभिन्न बिजनेसमैन इन्वेस्टर्स से मुलाकात के साथ साथ इन्वेस्टर रोड शो भी करेंगे।

प्रगतिशील औद्योगिक नगरों में एक है, जमशेदपुर

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3 मार्च 1839 में गुजरात के एक छोटे से कस्बे नवसारी में नौशेरवानजी टाटा के पुत्र के रूप में जमशेदजी टाटा का जन्म हुआ। जमशेदजी के माता का नाम जीवनबाई टाटा था। अपने खानदान में नौशेरवानजी पहले व्यवसायी थे। जमशेदजी 14 साल की उम्र में ही पिताजी का साथ देने लगे। 1868 में जमशेदजी ने अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया। 1874 में एक रुई का कारखाना लगाया। महारानी विक्टोरिया ने उन दिनों भारत की रानी का खिताब हासिल किया था। उस वक्त जमशेदजी ने वक्त की नजाकत समझते हुए कारखाने का नाम इम्प्रेस्स मिल रखा। इम्प्रेस्स का मतलब महारानी है। जमशेदजी का मानना था कि आर्थिक स्वतंत्रता ही राजनीतिक स्वतंत्रता का आधार है। देश के सफल औद्योगिकीकरण के लिए इन्होंने इस्पात कारखाना की महत्वपूर्ण योजना बनाई। इसके लिये बिहार के जंगलों में स्थित सिंहभूम जिले में उपयुक्त स्थान खोज निकाला। 1907 से पहले यहां आदिवासियों का एक गांव था साकची, यही साकची अब टाटानगर का प्रमुख व्यापारिक केंद्र है। यहां की मिट्टी काली होने का कारण यहां के रेलवे स्टेशन नाम कालीमाटी पड़ा। 1907 में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को) की स्थापना से जमशेदपुर नगर