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Showing posts from November, 2019

15 नवंबर वर्ष 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड बना देश का 28वां राज्य

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15 नवंबर को 2000 को झारखंड बिहार से अलग होकर अलग राज्य बना। इस अलग राज्य बनने के पीछे की कहानी पर गौर करें तो 1939 में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान जयपाल सिंह मुंडा ने पहली बार तत्कालीन बिहार के दक्षिणी जिलों को मिलाकर झारखंड राज्य बनाने का विचार रखा था। यह विचार 2 अगस्त 2000 में तब साकार हुआ, जब संसद में झारखंड को अलग राज्य का दर्जा देने का बिल पास हुआ और 2000 में ही 15 नवंबर को झारखंड भारत का 28वां राज्य बना।   उल्लेखनीय है कि छोटा नागपुर के रांची स्थित उलीहातू गांव में सुगना मुंडा की पत्नी करमी मुंडा 15 नवंबर 1875 को एक शिशु की मां बनी। यह शिशु बिरसा मुंडा कहलाए। ब्रिटिश से संघर्ष के दौरान 3 मार्च 1900 को चक्रधरपुर में बिरसा की गिरफ्तारी हुई। 9 जून 1900 को रांची के कारागार में जीवन के 25वां वसंत देखे बिना ही बिरसा मुंडा ने अंतिम सांस ली। संयोगवश इस घटना के शताब्दी बाद झारखंड राज्य स्थापित हुआ। राज्य के निर्माण होने के समय झारखंड में 18 जिले थे। कुछ जिलों को पुनर्गठित करके 6 नए जिले सृजित कर अब 24 जिले बने हैं। देवघर जिले में ऐतिहासिक तीर्थस्थल बैजनाथ धाम अवस्थित है। इसे बाबा धाम के ना

डायबिटीज को लेकर जागरूकता बढ़ाने के साथ अस्पतालों और मुहल्ला क्लीनिक में दिल्ली सरकार ने किया मुफ्त इलाजः सत्येंद्र जैन

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विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर एसोचेम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा कि "मधुमेह(डायबिटीज) से जुड़े कारण, लक्षण एवं इसके इलाज को लेकर जागरूकता को बढ़ावा दे रहे हैं, क्योंकि इसकी रोकथाम के लिये ज्ञान महत्वपूर्ण है। जागरूकता के अलावा दिल्ली सरकार अस्पतालों, मुहल्ला क्लीनिक में मधुमेह की जागरूकता बढ़ाने के अलावा, अस्पतालों और मुहल्ला क्लीनिकों में मधुमेह से पीड़ित रोगियों का इलाज भी मुफ्त में किया जा रहा है।" जीवनशैली में बदलाव, जैसे- स्वास्थवर्धक आहार लेना, शारीरिक गतिविधि में लिप्त होना, लम्बे समय तक टीवी कम्प्युटर पर नहीं बैठने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एक मिथक फैलाया जा रहा है कि मधुमेह लाइलाज बीमारी है जो पूरी तरह से असत्य है और लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है कि अगर वे अपनी जीवनशैली को बदल दें और स्वस्थ भोजन का विकल्प बना लें तो इसे ठीक किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि मधुमेह एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है जो भारत में तेजी से महामारी के अनुपात में बढ़ रही है, क्योंकि हम में से कई तनावग्रस्त और चिंतित रहते हैं

नवम्बर के अंतिम सप्ताह से दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों में शुरू हो जायेगी रजिस्ट्री-मनोज तिवारी

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  दिल्ली भाजपा कार्यालय में आयोजित संयुक्त पत्रकार सम्मेलन में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष  मनोज तिवारी, सांसद  रमेश बिधूड़ी और हंसराज हंस ने अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद करते हुये कहा कि नवम्बर के आखिरी सप्ताह में इन कालोनियों की रजिस्ट्री का काम शुरू हो जायेगा।  मनोज तिवारी ने कहा कि  दिल्ली के 40 लाख से अधिक लोगों को उनका हक केन्द्र की मोदी सरकार ने दिया है। अब अनधिकृत कालोनियों मेें विकास के सभी काम डीडीए द्वारा किये जायेंगे। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने  कहा कि अनधिकृत कालोनियों के नियमितिकरण के संदर्भ में हर शंका को समाप्त करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में बिल लाकर केन्द्र सरकार विशेष कानून बनाने जा रही है। जिसके बाद अनधिकृत कालोनियों को लेकर उठाई जा रही भ्रांतियां समाप्त हो जायेंगी। उन्होंने कहा कि पावर आफ अटार्नी के आधार पर अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले हर व्यक्ति के फ्लोर की रजिस्ट्री की जायेगी।  इस मौके पर सांसद  रमेश बिधूड़ी ने कहा कि पिछले 20 सालों से अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले लोगों को गुमराह करके उनका

14 से 27 नवम्बर तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में “इज ऑफ डुइंग बिजनेश”थीम पर सजेगा बिहार पवेलियन

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इस बार आई.टी.पी.ओ. द्वारा दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 से 27 नवम्बर तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार मंडप को “इज ऑफ डुइंग बिजनेश” के अनुरुप सजाया जा रहा है। बिहार मंडप को हाल नं. 12 में लगाया गया है। पिछले 6 सालों से लगातार उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंघान संस्थान को बिहार पवेलियन के आयोजन एवं सजाने संवारने की जिम्मेवारी दी जा रही है। इस साल भी यह जिम्मेदारी बिहार सरकार के उद्योग विभाग द्वारा बिहार पवेलियन के क्रियान्वयन एजेंसी के रुप में उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंघान संस्थान को दी गई है। इस बारे में  उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंघान संस्थान के निदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि इस बार पूरे बिहार पवेलियन को बिहार के चार प्रमुख शिल्पकला के हैंड पेंटिंग से सजाया जा रहा है। इसके लिए बिहार से विशेष तौर पर कलाकार बुलाए गए हैं। उन्होंने बताया बिहार की पारंपरिक कलाएं जैसे कि मधुबनी पेंटिंग, पिपली आर्ट, मंजूषा कला और सिक्की पेंटिंग अब अन्तराष्ट्रीय पहचान बनती जा रही है। हमने बिहार मंडप के बाहरी भाग को पूरी तरह से इन कलाओं तके माध्यम से सुसज्जित कर रहे है। साथ ही मुश्य द्वार प

देश में मातृ मृत्‍यु दर अनुपात में एक साल में आयी 8 अंकों की कमी

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भारत के महापंजीयक द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार देश में मातृ मृत्‍यु दर अनुपात (एमएमआर) में एक साल में 8 अंकों की कमी आयी है। इस बारे में केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री डा. हषवर्धन ने  कहा कि मातृ मृत्‍यु दर अनुपात में यह कमी इस नजरिए से महत्‍वपूर्ण है कि इसकी वजह से हर साल करीब 2000 अतिरिक्‍त गर्भवती महिलाओं की जान बचाई जा रही है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014-16 में मातृ मृत्यु दर प्रति एक लाख जीवित जन्म पर 130 थी, जो 2015-17 में 6.2 प्रतिशत घटकर प्रति एक लाख जीवित जन्‍म पर 122 रह गई।  स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने इस अवसर पर उन 11 राज्‍यों को बधाई दीं, जिन्‍होंने राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य नीति 2017 के तहत 2020 तक के लिए निर्धारित एमएमआर 100 प्रति लाख तक जीवित जन्‍म का तय लक्ष्‍य प्राप्‍त कर लिया है। इन राज्‍यों में केरल, महाराष्‍ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, झारखंड, तेलंगाना, गुजरात, उत्‍तराखंड, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और हरियाणा शामिल हैं। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की ओर से झारखंड, बिहार, छत्‍तीसगढ़, मध्‍यप्रदेश, उत्‍तर प्रदेश और उत्‍तराखं

विजयदान देथा की कहानियों पर बन चुकी है कई सफल फिल्में

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1 सितंबर 1926 को राजस्थान में जन्मे प्रसिद्ध लेखक विजयदान देथा को बिज्जी के नाम से जाना जाता है। इनकी कहानियां राजस्थान में घर-घर में सुनाई जाती है। पद्मश्री से सम्मानित ये लेखक साहित्य अकादमी पुरस्कार, साहित्य चूड़ामणि पुरस्कार से सम्मानित हुए। इन्हें मेहरागढ़ संग्रहालय ट्रस्ट द्वारा 24 नवंबर 2011 को राव सीहा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।       इनके दादा जुगतिदान देथा और पिता सबलदान देथा राजस्थान के प्रसिद्ध कवि थे। ये 1944 में कॉलेज में शामिल हुए। उस समय तक इन्होंने कविता के क्षेत्र में अपना नाम पहले ही स्थापित कर लिया था। विजयदान ने शरत चंद्र चट्टोपाध्याय को अपनी पहली प्रेरणा माना। 1952 तक इन्होंने 1300 कविताएं और 300 कहानियां लिखी थीं। इन्होंने हमेशा इन्होंने अपने लेखन में गरीबों की पीड़ाओं को चित्रित किया। इनकी कहानियों को फिल्मों और नाटकों में रूपांतरित किया गया है।      1973 में प्रसिद्ध फिल्म निर्माता मणि कौल ने दुविधा को निर्देशित किया, जो इसी नाम के देथा की कहानी पर आधारित थी। इस फिल्म को दुनिया भर में प्रशंसा मिली। अमोल पालेकर ने शाहरुख खान अभिनीत एक ही कहानी पर आधारित पाह

फेम इंडिया के सर्वे में सर्वश्रेष्ठ योग्य मंत्री के कटैगरी में हुआ छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का सम्मान

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  फेम इंडिया और एक सर्व एजेंसी द्वारा संयुक्त रूप से व्यक्तित्व की छवि, कार्य क्षमता, प्रभाव, विभाग की समझ, दूरदर्शिता, लोकप्रियता, कार्य शैली और काम के परिणाम जैसे सभी बिंदुओं को आधार मानकर देश भर से 21 सर्वश्रेष्ठ मंत्रियों का चयन किया गया है। देश के 21 मंत्रियों में छत्तीसगढ़  के गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू के नाम को योग्य मंत्री के रूप में चयन किया गया है। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में सभी चयनित मंत्रियों का सम्मान केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय के द्वारा किया गया। ताम्रध्वज साहू प्रदेश के लोक निर्माण, गृह, जेल, धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री का दायित्व निर्वहन कर रहे हैं। अपने सरल व्यक्तित्व और कर्मठ शैली को लेकर वे प्रदेशभर में लोकप्रिय रहे हैं। पुलिस महकमे में आवश्यक बदलाव करके व्यवस्था को दुरूस्त करने में उनकी अहम भूमिका रही है।

11 नवंबर 2019 को होगा  ‘एनसीआर-2041’ सम्मेलन का आयोजन

11 नवम्बर, 2019 को राष्ट्रीय राजधानी में 'एनसीआर-2041' सम्मेलन का आयोजन होगा, जिसकी थीम  'प्लानिंग फॉर टुमारोज ग्रेटस्ट कैपिटल रीजन' (भावी वृहत्तम राजधानी क्षेत्र की योजना) है। सम्मेलन में विश्व के सबसे बड़े महानगरीय क्षेत्र के समुचित विकास से जुड़े मुद्दों पर विचार किया जाएगा। सम्मेलन की अध्यक्षता आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव  डी. एस. मिश्रा करेंगे। गौरतलब है कि वर्ष 2021 को मद्देनजर रखते हुए क्षेत्रीय योजना को 17 सितम्बर, 2005 में अधिसूचित किया गया था और यह इस समय लागू है। अब वर्ष 2041 को मद्देनजर रखते हुए अगली क्षेत्रीय योजना तैयार किये जाने की आवश्यकता है। क्षेत्रीय योजना में यातायात, जल, सीवर, ठोस अपशिष्ट, बिजली, भू-उपयोग इत्यादि विभिन्न मुद्दों पर गौर किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली 2028 तक टोक्यो को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे बड़ा महानगर बन जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का रकबा लगभग 55,083 वर्ग किलोमीटर है और इसकी आबादी लगभग 6 करोड़ है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत निम्नलिखिच क्षेत्र आते हैं– पूरा राष्ट्रीय राजधानी

 देश में तत्काल और बेहतर आपात स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का उपराष्ट्रपति ने किया आह्वान  

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  देशभर में तत्काल और और बेहतर आपात स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए निवेश बढ़ाना आवश्यक है। यह बात उपराष्ट्रपति  एम. वेंकैया नायडू ने 7 नवंबर 2019 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आपातकालीन औषधि पर 10वें एशियाई सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में रोज लगभग 3700 लोग जान गवांते हैं और लाखों लोग घायल या विकलांग हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे, पैदल चलने वाले, साइकिल चालक और वृद्ध लोग सड़क दुर्घटनाओं का अधिक शिकार होते हैं। अगर अस्पताल ले जाने से पहले, मौके पर ही उनका प्राथमिक उपचार हो जाए, तो सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है। उन्होंने स्वास्थ्य सेक्टर के सभी हितधारकों से आग्रह किया कि नागरिकों को आपातकालीन प्राथमिक उपचार करने के लिए कार्यक्रमों और मैनुअलों का विकास करें। इनमें सीपीआर प्रक्रिया शामिल है। उल्लेखनीय है कि सीपीआर के तहत हृदयगति अचानक रुक जाने पर फौरन छाती पर दवाब डालकर और मुंह से सांस देकर पीड़ित को बचाने की कोशिश की जाती है। उपराष्ट्रपति  एम. वेंकैया नायडू ने आज नई दिल्ली में कहा कि देश

खामोशी का अर्थ नहीं

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खामोशी का अर्थ नहीं, हम उनको भूल गए। उन्होंने कैसे सोच लिया, कि बागों से फूल गए। कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं, जो टूट नहीं सकते। कुछ दामन ऐसे होते हैं, जो छूट नहीं सकते।। कुछ लम्हे ऐसे होते हैं, जो जीवन बन जाते हैं। कुछ पल ऐसे हैं, जिनको कुछ नजरें ऐसी होती हैं, जो नजरों में उतर जाती हैं। कभी-कभी कुछ बातें दिल में, घर कर जाती हैं।।  कभी किसी का आना भी, तनहा कर जाता है। कभी किसी की यादें दिल में खुशियाँ भर जाती हैं। ब्याज तो हर इक रिश्ते का हम चुकता कर आये। लेकिन शायद लगता है हम बिन मूल गए।। खामोशी का अर्थ नहीं, हम उनको भूल गए। उन्होंने कैसे सोच लिया, कि बागों से फूल गए।। खामोशी का अर्थ नहीं...

50 वें आईएफएफआई की समापन फिल्‍म होगी, "मार्गे एंड हर मदर" 

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    50 वां अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में जहां शुरूआत शानदार इतावली फिल्म से होगी तो इसके समापन में मशहूर फिल्म का प्रदर्शन किया जाएगा। ईरानी फिल्म निर्माता, मोहसिन मखमलबफ द्वारा निर्देशित "मार्घे एंड हर मदर" का इंडिया प्रीमियर उत्सव की समापन फिल्म होगी। इस फिल्म की कहानी एक छह साल की लड़की मार्घे के चारों ओर घूमती है जो अपनी एकल माँ क्लाउडिया के साथ रहती है। उसकी मां को भुगतान कठिनाइयों के कारण घर से बाहर निकाल दिया गया है जो मार्घे को अपने पड़ोस में रहने वाली एक बूढ़ी औरत के पास छोड़ जाती है। दरअसल, यह मखमलबफ की पहली फिल्म है जो इटली में इतालवी भाषा में बनाई गई है जो ईरान की पृष्ठभूमि से दूर है। इस फिल्म को पहले ही अलोचनात्मक प्रशंसा प्राप्‍त हो चुकी है। इसकी कथा के प्रवाह में एक निश्चित मासूमियत है जो पिछले वर्षों के दौरान इस मास्टर फिल्म निर्माता की परिपक्वता को दर्शाती है। फिल्म में कुछ नव-यथार्थवादी और नोवेल अस्पष्ट प्रभाव हैं, जो दर्शकों का ध्यान आकर्षित करते हैं। यह दुनिया के दो सबसे बड़े फिल्म आंदोलनों को एक सच्‍ची श्रद्धांजलि अर्पित करती है। यह फिल्म

पत्रकारों के हक को लेकर चाईबासा में दिसंबर माह में होगी संगोष्ठी

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पश्चिमी सिंहभूम के पत्रकारों की बैठक स्थानीय कैफेटेरिया परिसर में शुक्रवार को वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र गुप्ता की अध्यक्षता में हुई। जिसमें कहा गया कि दिसंबर माह में चाईबासा में पत्रकारों की वर्तमान परिस्थिति विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इस संगोष्ठी में  रांची धनबाद एवं अन्य जिलों एवं बिहार (पटना) के वरिष्ठ पत्रकारों के साथ-साथ साहित्यकारों को भी आमंत्रित किया जाएगा। उक्त संगोष्ठी में पत्रकारों के हक अधिकारों को लेकर भी विभिन्न बिंदुओं पर बातें रखी जाएंगी। वहीं संगोष्ठी में मुख्य रूप से प्रमंडलीय आयुक्त पुलिस उपमहानिरीक्षक उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक महोदय के अलावा उद्योगपति व समाजसेवियों को  अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा। बैठक में  कहा गया कि जल्द ही आयोजन समिति का गठन किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्य रूप से वरिष्ठ पत्रकार सुनील कुमार सिन्हा, रमेश दास, संतोष वर्मा, राजाराम गुप्ता, मो.तकी, मो. ग़ालिब के साथ-साथ पवन कुमार, अजित कुमार, एल कुमार कानूनी सलाहकार  वरिष्ठ अधिवक्ता शरण कुमार पान आदि मौजूद रहे।

अब खाड़ी के देशों में भी बिखरेगी छत्तीसगढ़ के सुगंधित चावल की खुशबू

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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र(एनसीआर) के ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट में सात से नौ नवंबर तक किया जा रहा है। इस मेले में छत्तीसगढ़ के जैविक उत्पादों की जबर्दस्त मांग दिख रही है। यहाँ छत्तीसगढ़ से आए संस्थाओं से सबसे ज्यादा माँग सुगंधित चावल की मांग दिख रही है। देश के विभिन्न राज्यों के अलावा खाड़ी के देश सऊदी अरब, बहरीन, कुवैत, यूएई, क़तर आदि देशों से सुगंधित चावल की काफी डिमांड आई है। सुगंधित चावल में सबसे ज्यादा जवाफुल, रामजीरा, विष्णुभोग, दुबराज की ख़रीदारी हो रही है। अब छत्तीसगढ़ के सुगंधित चावल की खुशबू अब खाड़ी के देशों में भी बिखरेगी।  इसके अलावा मेले में लैब में आर्टिफ़िशियल तरीके से तैयार मशरूम की काफी डिमांड दिख रही है। यह खास तरह का मशरूम हिमालय की तराई में 10 हजार फीट की ऊंचाई पर उत्पादित होता है ,  जिसे छत्तीसगढ़ में लैब कृत्रिम तरीके से टिशू कल्चर से तैयार किया जा रहा है। इस मशरूम से शरीर की रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ती है ,  वहीं हार्ट अटैक से बचाव ,  किडनी को स्वस्थ रखने और बीपी कंट्रोल करने में सहायक है। मशरूम के लिए वियतनाम ,  सिंगापुर के लोग ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं। मेले में प्रदेश

भारतीय रेल ने पश्चिम रेलवे के 69वें स्थापना दिवस पर मुम्बईकरों को ‘उत्तम-रेक’ का दिया तोहफा

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  पश्चिम रेलवे के 69वें स्थापना दिवस के शुभावसर पर भारतीय रेल ने शानदार 'उत्तम रेक' को शामिल किया गया। पश्चिम रेलवे के 69वें स्थापना दिवस 5 नवम्बर, 2019 को मनाया गया। इस दिन चर्चगेट से विरार जाने वाली लेडीज स्पेशल लोकल ट्रेन में इन डिब्बों को लगाकर उद्घाटन किया गया। उत्तम रेक में मुम्बईकरों की सुख-सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई सुधार किये गए हैं। उत्तम रेक की विशेषताएं निम्नलिखित रूप में हैं- सभी कोचों में सीसीटीवी निगरानी प्रणाली का प्रावधान चोरी रोकने के लिए कोचों में लगे अभेद्य पार्टीशन मॉड्यूलर लगेज रैक पहले दर्जे के कोचों में ऊंची पीठ वाली सीटें दूसरे दर्जे के कोचों में लकड़ी की सज्जा वाली फाइबर मिश्रित प्लास्टिक की सीटों का प्रावधान सभी कोचों में 2 हैंडल वाली खिड़कियां, जिन पर बेहतर दोहरे स्टॉपर लगे हैं बेहतर पकड़ के लिए हैंडलों को चौड़ा बनाया गया है सभी कोचों में आधुनिक ब्रशलेस डीसी (बीएलडीसी) पंखे, जो पारंपरिक पंखों की तुलना में 30 प्रतिशत कम बिजली खाते हैं मॉड्यूलर श्रेणी की एलईडी लाइटों का प्रावधान पारंपरिक आपातकालीन जंजीरों के स्थान पर बिजली से चलने वाली यात्री अलार

इतालवी फिल्म ‘डिस्पाइट दी फॉग’ होगी 50वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की शुरूआती फिल्म

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  सिने प्रेमियों के लिये बहुप्रतिक्षित  50वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की शुरूआत में इतालवी फिल्म 'डिस्पाइट दी फॉग' दिखाई जाएगी। यह महोत्सव दर्शकों को अपने जादू में बांधने के लिए तैयार है। 50वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, 2019 में 76 देशों की 200 से अधिक बेहतरीन फिल्में, भारतीय पैनोरमा वर्ग में 26 फीचर फिल्में और गैर-फीचर फिल्में दिखाई जायेंगी। उम्मीद की जाती है कि महोत्सव में 10,000 से अधिक लोग और फिल्मों के शौकीन हिस्सा लेंगे।    शुरूआत में इतालवी फिल्म 'डिस्पाइट दी फॉग' (कुहासे के बावजूद) दिखाई जाएगी। इसका निर्देशन यूरोप के सर्वाधिक सम्मानित फिल्मकार गोरान पास्कलयेविच हैं। 'डिस्पाइट दी फॉग' रोम के एक छोटे से शहर में स्थित एक रेस्त्रां मालिक पाओलो की कहानी है। एक दिन वह शाम को बरसात में काम से घर लौटता है, तो रास्ते में उसे एक बच्चा दिखाई देता है। वह बच्चा एक बस-स्टॉप पर ठंड से ठिठुरता एक कोने में दुबका हुआ था। पाओलो उसे घर ले जाने का फैसला करता है। उस बच्चे का नाम मोहम्मद है और वह एक शरणार्थी है। रबड़ की नाव से इटली तक आने के दौरान उसके

 9 नवंबर से शुरू होगा एनएसडी का 11वां बाल संगम  

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          राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) विश्‍व में  अग्रणी थिएटर प्रशिक्षण संस्थानों में से एक है। यह  भारत में अपने किस्‍म का अकेला संस्‍थान है। एनएसडी ने अपने परिसर में 9  से  12  नवंबर ,  2017  तक बाल संगम के बहुप्रतीक्षित  11 वें संस्करण की शुरुआत की  घोषणा की। इस महोत्सव के  11 वें संस्करण में  देश के  12  राज्यों के समर्पित बच्चों  द्वारा मंचन कलाओं और लोक रंगमंच का प्रदर्शन किया जाएगा।        चार दिवसीय सांस्कृतिक मेला  9  नवंबर  को शुरू होगा। इसका उद्घाटन लोक और परंपरागत बाल कलाकारों द्वारा 'रंगोली' कार्यक्रम के माध्‍यम से किया जाएगा। रंगोली को प्रसिद्ध कोरियोग्राफर  भरत शर्मा ने कोरियोग्राफ किया है। जिनका तीन दशकों का शानदार करियर है। इस महोत्‍सव में लोक नृत्य, मार्शल आर्ट, कलाबाजी, नुक्कड़ नाटक के प्रदर्शन के साथ-साथ बाजीगरी, कठपुतली और जादू के शो भी शामिल हैं।      परपंरागत लोकमंचन के लिए बच्चों में उत्सुकता को प्रोत्साहित करने के लिए  असम, ओडिशा, राजस्थान, मणिपुर, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, तेलंगाना, केरल, गुजरात, पंजाब, झारखंड, और मध्य प्रदेश जैसे राज्य लोक नृत

नये एचएस कोड मिलने से खादी निर्यात को मिलेगा बढ़ावा

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सरकार द्वारा 4 नंवबर 2019 को आवंटित किये गए विशेष एचएस कोड ब्रैकेट में खादी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कर ली है। अलग से मिले एचएस कोड से खादी के उत्‍पादों को देश के अन्‍य वस्‍त्र उत्‍पादों की श्रेणी से पृथक किया गया है जिससे अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में इसे अलग पहचान मिलेगी और उसके निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।  इस बारे में खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्‍यक्ष विनय कुमार सक्‍सेना ने कहा कि इस व्‍यवस्‍था से खादी के निर्यात में एक नया अध्याय शुरु होगा। अब तक खादी के पास अपना अलग एचएस कोड नहीं था, जिसकी वजह से इसके निर्यात से जुड़े आंकड़े अलग से नहीं मिल पाते थे। ये वस्‍त्र श्रेणी में निर्यातित उत्‍पादों के साथ ही जोड़ दिए जाते थे। अलग एचएस कोड मिलने से अब खादी वस्‍त्रों के निर्यात के आंकडे अलग से मिल सकेंगे जिससे आगे निर्यात रणनीति तय करने में मदद मिलेगी। क्या है एचएस कोड? एचएस अर्थात सामंजस्‍य प्रणाली (हार्मोनाइज्‍ड सिस्‍टम) विश्‍व सीमाशुल्‍क संगठन (डब्‍ल्‍यूसीओ) द्वारा विकसित छह अंको वाली ऐसी कूट प्रणाली है जिसके जरिए सीमा शुल्‍क अधिकारी निर्यात की जाने वाली वस्‍तुओं को अलग अलग श्रेणियों में क्‍लीयरें

कोयला खदान दुर्घटनाओं में मौतों के लिए अनुग्रह राशि में 300 प्रतिशत वृद्धि की हुई घोषणा 

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7 नवंबर 2019 को ओडिशा में महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) में  कोयला खनिकों को संबोधित करते हुए, कोयला एवं खान मंत्री,  प्रह्लाद जोशी ने कोयला खानों की दुर्घटनाओं में मौतों के लिए अनुग्रह राशि में 300 प्रतिशत बढ़ोतरी करते हुए इसे 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने की घोषणा की।  उन्होंने कहा कि यह कल्याणकारी उपाय देश के आठ राज्यों में कोल इंडिया और इसकी सहायक कंपनियों के तहत काम करने वाले खनिकों के 3.5 लाख से अधिक परिवारों को कवर करेगा। कोयला मंत्री ने कोयला खदानों में जान गंवाने वालों खनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, कहा, '' मैं कोयला श्रमिकों के लिए खान दुर्घटना में मौत के लिए अस्थायी कर्मचारी के साथ-साथ अनुबंधित कर्मचारियों के मामले में भी अनुग्रह राशि को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने की घोषणा करता हूं।”  जोशी ने कहा कि भारत सरकार आम आदमी के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए प्रतिबद्ध है और युवाओं के लिए अधिक रोजगार और उद्यमिता के अवसर पैदा करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि महानदी कोलफील्ड्स वित्तीय वर्ष 2024-25 तक अपनी भ

नवोदय विद्यालय समिति के लिए हुआ, शालादर्पण पोर्टल लॉन्च

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नवोदय विद्यालय समिति देश की सबसे बड़ी आवासीय विद्यालय समिति है। इसके अंतर्गत 636 विद्यालय, 8 क्षेत्रीय कार्यालय, 8 एनएलआई और एक मुख्‍यालय हैं। इतने बड़े आवासीय समिति के लिये शालादर्पण पोर्टल लॉन्‍च किया गया है। यह पोर्टल स्‍कूल स्‍वचालन और प्रबंधन प्रणाली से संबंधित है, जिसे मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने लांच करते हुए कहा कि शालादर्पण पोर्टल से नवोदय विद्यालय की कई प्रक्रियाएं आसान हो जाएगी और इससे पारदर्शिता भी आएगी। उन्होंने नवोदय विद्यालयों के योगदान और ग्रामीण बच्‍चों को शैक्षणिक रूप से आगे बढ़ाने के लिए शिक्षकों के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षक और अन्‍य कर्मचारी इन ग्रामीण बच्‍चों को चौबीसों घंटे सेवा प्रदान करते हैं। इससे बच्‍चों का सर्वांगीण विकास होता है। दरअसल, शालादर्पण विद्यालय ई-प्रशासन स्‍वचालन और प्रबंधन प्रणाली है। इसके कार्यान्‍वयन से नवोदय विद्यालयों की सभी गतिविधियों को ऑटोमेशन की सुविधा मिलेगी। नवोदय विद्यालय समिति के 22,000 शिक्षकों और कर्मचारियों तथा 2,00,000 छात्रों के बीच सूचना साझा करने के लिए इस एकीकृत प्‍लेटफॉर्म को विकसित किया गया है

बोलती सड़क

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          मैं सड़क हूँ, चलती फिरती बिना हाथ पैरों की मैं सड़क हूँ। मुझे पता ही नहीं कि, मैं सोई कब बच्चे मेरे रिमोट लेकर, दौड़ाते हैं, गाड़ियाँ सब, मैं, सड़क हूं। शोर मेरा गहना बनकर, घटनाएँ आए दिन नई साड़ियाँ पहनती हैं, मैं सड़क हूँ। कभी राजनीतिक, कभी फिल्मी दुनियाँ, बनती हैं , मेरे आँचल में, मैं सड़क हूं। रास्ता राह बनाती हूँ मैं, फिर क्यूँ गंदा कर जाते हैं थूक कर मेरे कपड़ों पर, मैं सड़क हूँ।

डॉ. हर्षवर्धन का छात्रों से आग्रह, स्टार्ट-अप की दिशा में करें प्रयास

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6 नवंबर 2019 को कोलकाता में  5वें भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव ( आईआईएसएफ) के एक हिस्से के रूप में छात्रों की इंजीनियरिंग मॉडल प्रतियोगिता मीट एंड एक्सपो का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने छात्रों को स्टार्टअप अपनाने के लिये प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा नवाचारी विचारों का खुले हृदय से स्‍वागत करती है। इस बारे में छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अहमदाबाद में राष्‍ट्रीय नवाचार प्रतिष्‍ठान जैसे जैसे संगठनों द्वारा  2  लाख से  अधिक नवाचारी विचारों को विकसित और प्रदर्शित किया गया है। छात्रों द्वारा तैयार किए गए मॉडलों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने विशेष रूप से दृष्टिहीन छात्रों के लिए बनाये गये मॉडल का उल्लेख किया और कहा कि इस तरह के विचारों को राष्ट्रपति भवन तक ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बौद्धिक संपदा के रूप में उपयोग किए जाने के अलावा हमारे सामने आ रही विभिन्न समस्याओं का समाधान प्राप्‍त करने में  प्रयोग किया जा सकता है। “नवाचारी

वैश्विक रूप से प्रतिस्‍पर्धी बन रहा है, भारतीय इस्‍पात उद्योग-धर्मेन्‍द्र प्रधान

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  देश में इस्‍पात खपत में तेज वृद्धि होने जा रही है। इंटरनेशनल क्रोमियम डेवलपमेंट एसोसिएशन द्वारा नयी दिल्‍ली में आयोजित 'क्रोमियम 2019'  को संबोधित करते हुए केन्द्रीय प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंन्द्र प्रधान ने कहा कि देश में इस्‍पात खपत और आर्थिक विकास के बीच बेहतर सांमजस्‍य है। सरकार द्वारा भविष्‍य के लिए उन्‍नत बुनियादी संरचना, स्‍मार्ट शहरों के निर्माण और औद्योगिक गलियारे आदि जैसी चीजों पर ध्‍यान केन्द्रित करने से  देश तीव्र विकास की ओर अग्रसर है जिससे घरेलू स्‍तर पर इस्‍पात की खपत में तेज बढ़ोतरी होगी। स्‍टेनलेस स्‍टील के उत्‍पादन में क्रोमियम के प्रयोग का जिक्र करते हुए  प्रधान ने कहा कि देश में कुल उत्‍पादित क्रोमियम का 70 प्रतिशत हिस्‍सा स्टेनलेस स्‍टील के उत्‍पादन में इस्‍तेमाल होता है। स्‍टेलनस स्‍टील का अंतरिक्ष, रक्षा और तेल तथा प्राकृतिक गैस सहित कई क्षेत्रों में विशेष इस्‍तेमाल होता है। उन्होंने निवेशकों और उद्यमियों को देश के विकास में भागीदार बनने का न्‍यौता देते हुए कहा कि दिवाला एंव शोधन अक्षमता और अप्रत्‍यक्ष करों में किए गए ढ़ांचागत सुधार और हाल मे

डब्‍ल्‍यूटीएम 2019 में इंडिया पवेलियन की थीम है, ‘अतुल्‍य भारत – अतुल्‍य भारत को जानें’ 

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लंदन में 4 से 6 नवम्‍बर, 2019 के दौरान आयोजित तीन दिवसीय वर्ल्‍ड ट्रैवल मार्केट (डब्‍ल्‍यूटीएम) में पर्यटन मंत्रालय भाग ले रहा है। जिसमें इंडिया पवेलियन की थीम 'अतुल्‍य भारत – अतुल्‍य भारत को जानें' है। राज्‍य सरकारों, केन्‍द्र शासित प्रदेशों के प्रशासन, एयर इंडिया, आईआरसीटीसी, होटलों, वेलनेस रिजॉर्ट्स और टूर ऑपरेटरों सहित कुल 32 हितधारक इंडिया पवेलियन में सह-प्रदर्शकों के रूप में भाग ले रहे हैं। इंडिया पवेलियन में कई तरह के कार्यकलाप आयोजित किए जा रहे हैं जिनमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, योग आसनों का प्रदर्शन, मेंहदी लगाना, भारतीय भोजन के स्‍वाद का आनंद उठाना, पगड़ी बांधना, साड़ी बांधना, इत्‍यादि शामिल हैं। इसके अलावा इस वर्ष महात्‍मा गांधी की 150वीं जयंती और स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी का भी प्रचार-प्रसार डब्‍ल्‍यूटीएम 2019 के इंडिया पवेलियन में किया जा रहा है।   दरअसल, डब्‍ल्‍यूटीएम विश्‍व भर के यात्रा एवं पर्यटन उद्योग के लिए एक ऐसी अनूठी प्रदर्शनी है जिसे अवश्‍य ही देखना चाहिए। इतना ही नहीं, यह कारोबारियों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाने एवं इनके पारस्‍परिक संवाद वाली प्रदर्शनी है। डब्‍ल्

गरीब मरीजों के लिये अब सफदरजंग में फ्री में मिलेगी रोबोटिक सर्जरी सुविधा

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सफदरजंग अस्पताल, जो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन भारत के सबसे बड़े तृतीयक उपचार परामर्श केंद्रों में से एक है। यह देश भर से आए प्रोस्टेट, गुर्दे, मूत्राशय के कैंसर जैसे यूरो-ऑन्कोलॉजिकल कैंसर और गुर्दे खराब होने जैसी बीमारियों से पीड़ित गरीब मरीजों को सेवाएं देता है। अब इसमें एक और विशेष सुविधा शामिल हो गई है। 2 नवंबर 2019 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने  सफदरजंग अस्पताल (एसजेएच), नई दिल्ली में रोबोटिक सर्जरी को राष्ट्र के लिए समर्पित किया। यह सभी गरीब मरीजों के लिए मुफ्त रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शुरू करने वाला भारत का पहला केंद्रीय सरकारी अस्पताल है।    गौरतलब है कि, रोबोटिक सर्जरी में मरीज को कम से कम सर्जरी से गुजरना पड़ता है, रोगियों और कैंसर और गुर्दे खराब होने जैसी गंभीर बीमारियों पीड़ित मरीजों की मृत्यु जैसे मामलों में कमी आती है। रोबोटिक सर्जरी में 3-डी विजन, 10 गुनी ज्यादा और सटीकता के साथ अंग विच्छेदन करना संभव होता है। साथ ही परिचालन समय घटने से ज्यादा से ज्यादा मरीजों का इलाज संभव होता है और सर्जरी के लिए प्रतीक्षा सूची में

जीवन शैली के कारण होने वाली बीमारियों के खिलाफ उपराष्ट्रपति ने किया जन आंदोलन का आह्वान

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देश में गैर संक्रामक बीमारियों पर चिंता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति  एम. वेंकैया नायडू ने  सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के डॉक्टरों, अस्पतालों और चिकित्सा महाविद्यालयों से आह्वान किया कि वे विशेष रूप से युवाओं के बीच जागरूकता पैदा करके गैर- संक्रामक बीमारियों को रोकने के लिए एक अभियान शुरू करें। हाल ही में उपराष्ट्रपति ने मैसूर में जेएसएस एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च के 10वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए यह अपील की। इस बारे में उन्होंने डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए, कहा कि भारत में लगभग 61 प्रतिशत मौतें गैर- संक्रामक बीमारियों के कारण होती हैं। उन्होंने कहा कि भारत में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की शुरुआत बहुत चिंताजनक है। वेंकैया नायडू ने गैर- संक्रामक बीमारियों की इस व्यापकता का मुकाबला करने के लिए, स्वस्थ जीवन शैली और अच्छी आहार आदतों को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें कहा गया कि "अस्वास्थ्यकर भोजन और गतिहीन जीवन शैली गैर संक्रामक बीमारियों(एनसीडी) में वृद्धि करने में योगदान दे रहे हैैं।" उन्होंने शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में एनस

मौन सवाल

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कोमल आज बहुत खुश थी, और हो भी क्यों न, एक छोटे से गाँव से निकलकर बड़े शहर की आबोहवा में जाने की व्याकुलता उसके चेहरे पर साफ झलक रही थी। साथ ही अपनों से बिछड़ने की कल्पना भी मन में मायूसी की जगह बना रही थी। शादी के दो साल पूरे होने वाले ही हैं। लगभग दो साल पहले अपने सहपाठी प्रदीप के साथ परिणय सूत्र में बँधी थी। प्रदीप वही लड़का है, जिसने कई बार उससे अपने प्रेम का इजहार किया और उसकी हठधर्मिता के कारण ही कोमल भी अधिक देर तक उसके प्रेमपाश से दूर नहीं रह सकी। दोनों के परिवारोंको भी इनके मेल से आपत्ति नहीं थी, उनकी रजामंदी से ही कोमल और प्रदीप शादी के बंधन में बंध गये। शादी के बाद दोनों बहुत खुश थे। प्रदीप के माता-पिता भी बहुत अच्छे थे, वो कोमल को बहू नहीं बेटी समझते थे। इसलिये कोमल जल्दी ही ससुराल में रच-बस गई। वह सबका ख्याल रखती और बदले में उसे ढेरों प्यार मिलता।प्रदीप लम्बे समय से एक अच्छी नौकरी की तलाश में विभिन्न कम्पनियों में आवेदन कर रहा था, शादी के दो साल बाद ही सही उसे दिल्ली की एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में नौकरी मिली। खबर सुनकर घर में जैसे खुशी का ठिकाना नहीं था। कोमल अब पति के साथ

जाएं तो जाएं कहाँ

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अब तो कॉम्पीटिशन कोई ऐसा चलाया जाए, जिसमें प्रतियोगी को प्रतियोगी बनाया जाए। जिसकी मेहनत से महक जाए भारत का हर घर, नौकरी एस कदर दिलायी जाए। आग निकलती है हृदय से जब समंदर में, हम नहाकर भी तृप्त न हो पाए। ऐसी भावनाओं को समझने के लिये साहब, हर अँधेरे को उजाले में बुलाया जाए। प्रतियोगी के दुख-दर्द का तुम पर कुछ असर हो जाए, मैं रहूँ भूखा तो तुमसे भी न खाया जाए। बस पा लूँ जिन्दगी में तुम्हें प्रसिद्धि मेरी हो जाए, मरने के बाद वो हमें याद रखे कि मौत भी जिंदगी बन जाए।।

हॉट सीट पर निठल्लाजी

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कौन बनेगा महा करोड़पति के हॉट सीट(गरम आसन) पर बैठा हूँ। सामने इस सदी के बम्बईया सिनेमा के महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन जी स्मित हास्य लिये बैठे हैं। इस मुस्कान पर कितनों का कत्ल हुआ है, इसका लेखा-जोखा नहीं हुआ है। वृहद शोध का विषय है। वही कातिल निगाह और मुस्कान मुझपर उछाल रहे हैं, और कह रहे हैं, तुम्हें तो पहले ही बॉल पर पीच पर लुढ़का दूँगा, जैसे हॉल ने नारी कॉन्ट्रेक्टर को सदा के लिये बोल्ड कर दिया था। ऊपर से चाहे मैं जितना बोल्ड बनने की कोशिश कर रहा हूँ, लेकिन अन्दर से बेहद डरा-डरा सा हूँ। वो कहते हैं ना कि पहिल मारे से मीर, ऑफेन्स इस द बेस्ट डिफेन्स। इसीलिये इसके पहले वो कोई बेस्ट चाल चलते मैंने कह दिया, महानायक जी, पहले आप हमला करें, मैं कुछ कहना चाहता हूँ। अमिताभ जी को पता है कि जबह के पहले बकरे कुछ कहते नजर आते हैं, इसलिये उन्होंने बेफिक्राना अंदाज में कहा- फरमाईए। अमिताभ जी, आपमें और आपके पिताजी हरिवंश राय बच्चन में एक विचित्र समानता है, जो विरले पिता-पुत्र में होता है।  अमिताभ बच्चन जी ने कहा- क्या नाम बताया आपने-हाँ। निठल्ला जी, मुझमें और मेरे पिताजी में कोई तुलना नहीं

बाथरूम में नहीं बिस्तर पर बालों का गिरना है परेशानी

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खूबसूरत, लम्बे, घने और काले बाल किसी युवती के सौंदर्य में चार चाँद लगा देते हैं तो सिल्की रेशमी जुल्फों की जरूरत पुरूषों के आत्मविश्वास को और मजबूत करती हैं। एक साधारण रंग रूप को भी खूबसूरत बाल आकर्षक बना देता है, और लोग उसे बार-बार देखने को मजबूर होते हैं। मगर आजकल ये खूबसूरत बाल लोगों को बहुत याद आने लगे हैं, क्योंकि अधिकतर लोग, जिनमें महिला एवं पुरूष दोनों हैं, बाल गिरने और इससे जुड़ी कई समस्याओं से परेशान हैं। बालों से जुड़ी समस्या, उसके समाधान और लोगों में भ्रांतियों को लेकर पेश है हेयर स्पेशलिस्ट डॉ. गौरव गुप्ता की यह खास टिप्स..   पानी बदलने से बाल झरते हैं, यह एक मिथ्या है, मगर मौसम बदलने से बाल झड़ते हैं। कोई भी शैंपू बालों को गिरने से नहीं रोक सकता है, यह सिर्फ बालों को साफ करने का काम करता है। शैंपू से बाल न झड़ता है, न रूकता है, जबकि शैंपू के दौरान टूटे हुए बाल नजर आते हैं, इसलिये लोगों के लगता है कि शैंपू से बाल झड़ते हैं। कलर करने से बाल नहीं झड़ते हैं, अगर एलर्जी हो तो अलग बात है। पौष्टक आहार की कमी से बाल गिरते हैं। बाल ज्यादा कंघी करने से नहीं झड़ते हैं, इसे खींचने से,

ऐसे देखें बैंकिंग क्षेत्र में अपना कैरियर

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कैरियर बनाने में अगर विभिन्न अवसरों की तलाश कर रहे हैं, तो आपके लिये बैंकिंग क्षेत्र में हैं, बड़े अवसर। इसके लिये जरूरी है कि एक बार उन पैमानों पर खुद को तौल कर देखें, कि क्या आप इस क्षेत्र के लिये सही हैं।  सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि यह कैरियर हर किसी के लिये खला है।  जो लोग सीखने और काम करने में रूचि रखते हैं, वित्तीय संस्थान उनका चयन कर प्रशिक्षित करते हैं। इसमें सफलता के लिये आपकी योग्यता और रवैया आवश्यक है। अगर आप काम में जल्दी-जल्दी प्रमोशन चाहते है, चुनौतियों पर खरे उतरते हैं, और अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करने के लिये तैयार हैं तो बैंकिग क्षेत्र आपका स्वागत करता है। इसमें आमतौर  पर बैंक में कर्मचारी पूरी तरह संगठित एवं कम्प्युटर में अच्छी तरह प्रशिक्षित होते हैं। वे लोगों से संवाद में कुशल होने के साथ सेवा उन्मुख होते हैं।  वित्तीय संस्थान को उन लोगों की तलाश होती है, जो ईमानदार और भरोसेमंद होने के साथ अच्छी तरह संख्याओं को संतुलित कर गणना करने में कुशल होते हैं। अगर आप बैंकिग सेवा में जाना चाहते हैं, तो इसमें सफलता पाने के लिये सबसे जरूरी है कि लोगों के साथ काम करने का भरपूर

अधूरी ख्वाहिशों का सफर

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यूँ तो हर दिवस हर व्यक्ति के लिये विशेष होता है, मगर वर्ष में कोई एक दिन किसी खास के लिये मनाया जाए तो सारी चर्चा उसी पर केद्रित हो जाती हैं। इसी तरह मार्च महीने में हर तरफ महिलाओं की चर्चा शुरू हो जाती है। 8 मार्च को महिला दिवस पर हर बड़े छोटे मंच का इस्तेमाल महिलाओं के अधिकार और उनके साथ हो रहे ज्यादतियों पर बहस एवं मंथन के लिये किया जाता है। कई तो महिलाओं से जुड़े मुद्दों को सदाबहार मानते हैं, क्योकि हर कोई महिला के समर्थन में दो शब्द कहकर खद को मजबूत स्थिति में देखने लगता है। ऐसे में गौर करने वाली बात यह भी है कि चर्चा का विशेष बिंदु बनकर महिलाओं को उनकी खुशी मिलती है..? एक महिला होते हुए न ही इससे मझेखशी मिलती है। और न ही मेरे जानने वाली दसरी महिलाओं कोआखिर महिला को खुशी कब मिलती है या उसे खुश रहना नहीं आता। बेशक आता है, जब वह आम रहती है, परूषों की तरह ही खद को जीती है। कदम-कदम पर अपनी ख्वाहिशें नहीं मारती है, और मरते वक्त अपनी अधूरी इच्छाओं के लिये आहें नहीं भरती है। इस बात का ज़िक्र यहाँ इसीलिये कर रही कि शहरी आधुनिक महिलाओं(कामकाजी) से इतर ग्रामीण एवं घरेलू महिलाएँ अपने दिल म

पुत्र

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            आधी रात का समय था। सुरेश की नींद माँ की तेज रोने की आवज़ सुन कर खुल गई। सुरेश ने दीवार पर टंगी घड़ी पर नज़र डाली, सुबह के चार बज रहे थे। सुरेश  आँखो को मलते हुऐ उठा और माँ के कमरे मे गया। सुरेश को देखते ही माँ और जोर से  रोने लगी और कहने लगी, "देख सुरेश तेरे पिताजी को क्या हो गया है ... सारा बदन ठंडा  पड़ गया है।"           सुरेश ने अपने पिता के माथे पर हाथ रख, माथा ठंडा था। उसने नाक पर उँगली रखी .... साँस भी नही थी। सुरेश समझ गया कि उसके पिता कि मौत हो चुकी है।उसे समझ नही आ रहा था कि वो क्या करे ... उसने माँ की तरफ़ देखा, माँ अभी भी रो रही थी उसे भी पता था कि उसका पति  मर चुका है। उसने माँ से पूछा, "अम्मा, रमेश को फोन करूँ ?"          रमेश, सुरेश का बड़ा भाई था, माँ ने मना किया, "नही , इस समय नही, बाद मे करना....  परेशान हो जाएगा।"          "रमेश की चिंता है, मेरी भी तो नींद खराब हुई है ... कमाऊ बेटा है न ... पर कौन सा यहाँ खर्चा दे रहा है? जो कर रहा है अपने घर के लिये कर रहा है।" सुरेश ने सोचा।           शोर सुनकर आस पड़ोस के कुछ लोग भी

झूठ

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.   रेड लाईट पर जैसे ही गाड़ी रुकी तो एक छोटी सी बच्ची ने मेरे पास आकर कहा, "बाबू जी, एक गुलाब ले लो... ताजा गुलाब है... ले लो न बाबू जी, सुबह से एक भी नही बिका है...।"          मैने मदद करने के इरादे से एक गुलाब उस बच्ची से खरीद लिया। थोड़ी देर बाद ही मेरा उसी रास्ते से वापस लौटना हुआ तो देखा कि वही बच्ची अभी भी गुलाब के फूल बेच रही है। मैने देखा कि वह बच्ची साथ वाली गाड़ी को वही कह कर गुलाब बेच रही है जो उसने थोड़ी देर पहले मुझ से कहा था, बाबू जी गुलाब ले लो सुबह से एक भी नही बिका है।          मैने सोचा, कितनी गंदी लड़की है, झूठ बोलकर फूल बेच रही है। मै आगे बढ़ गया... तभी मेरी नज़र एक विज्ञापन होर्डिंग पर पड़ी... क्रीम का विज्ञापन था, लिखा था... सात दिन मे रंग गोरा करे। इसके बाद तो न जाने कितने ही ऐसे होर्डिंग दिमाग मे घूम गए। इतनी बड़ी बड़ी कम्पनियाँ जब अपना समान बेचने के लिये झूठ का सहारा ले सकती है तो वह छोटी सी बच्ची....  नही.... नही .... वह बच्ची झूटी नही है। उस बच्ची का झूठ तो केवल लाचारी थी... पेट की  भूख मिटाने की लाचारी।           वह बच्ची गंदी नही थी....नही.... बिल्कुल न