15 नवंबर वर्ष 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड बना देश का 28वां राज्य
15 नवंबर को 2000 को झारखंड बिहार से अलग होकर अलग राज्य बना। इस अलग राज्य बनने के पीछे की कहानी पर गौर करें तो 1939 में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान जयपाल सिंह मुंडा ने पहली बार तत्कालीन बिहार के दक्षिणी जिलों को मिलाकर झारखंड राज्य बनाने का विचार रखा था। यह विचार 2 अगस्त 2000 में तब साकार हुआ, जब संसद में झारखंड को अलग राज्य का दर्जा देने का बिल पास हुआ और 2000 में ही 15 नवंबर को झारखंड भारत का 28वां राज्य बना। उल्लेखनीय है कि छोटा नागपुर के रांची स्थित उलीहातू गांव में सुगना मुंडा की पत्नी करमी मुंडा 15 नवंबर 1875 को एक शिशु की मां बनी। यह शिशु बिरसा मुंडा कहलाए। ब्रिटिश से संघर्ष के दौरान 3 मार्च 1900 को चक्रधरपुर में बिरसा की गिरफ्तारी हुई। 9 जून 1900 को रांची के कारागार में जीवन के 25वां वसंत देखे बिना ही बिरसा मुंडा ने अंतिम सांस ली। संयोगवश इस घटना के शताब्दी बाद झारखंड राज्य स्थापित हुआ। राज्य के निर्माण होने के समय झारखंड में 18 जिले थे। कुछ जिलों को पुनर्गठित करके 6 नए जिले सृजित कर अब 24 जिले बने हैं। देवघर जिले में ऐतिहासिक तीर्थस्थल बैजनाथ धाम अवस्थित है। इसे बाबा धाम के ना