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Showing posts from April, 2020

अंबेडकर जयंती के अवसर पर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा हुआ ई-चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन

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बाबा साहब ने अपना सम्पूर्ण जीवन भारतीय समाज के उत्थान के लिए समर्पित किया। अभाव भरे जीवन में भी श्रेष्ठ कार्य किया जा सकता है, इसके परिचायक थे बाबा साहब। बाबा साहब का नारा ही नहीं अपितु ध्येय था स्वतंत्रता, समानता व भाईचारा यानी आधुनिक संदर्भ में उन्होंने धर्म की व्याख्या दी थी, वास्तव में बाबा साहब राष्ट्रीय महापुरुष थे। उन्होंने कहा था कि शिक्षित बनो, संगठित हो और संघर्ष करो, बाबा साहब ने जो भी बात कही पहले उन्होंने उसे अपने जीवन में आत्मसात किया। दलित, पीड़ित, गरीब, पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए संघर्ष करते हुए बाबा साहब ने कभी भी हाथ में पत्थर नहीं लिया, हिंसा नहीं की। बाबा साहब कहते थे मैं संघर्ष करता हूं, लेकिन मेरा कोई शत्रु नहीं है। बाबा साहब का जीवन हम सभी भारतीयों के लिए प्रेरणादायी है। यह उद्गार शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने न्यास द्वारा आयोजित ई-चित्रकला प्रतियोगिता के परिणाम घोषित करते हुए व्यक्त किया।  शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा अंबेडकर जयंती के अवसर पर कोरोना संकट के समय स्कूली विद्यार्थियों के लिए हस्त निर्मित चित्रकला प्रतियोगिता

राशन ऐसे दें कि लेने वाले के सिवा कोई और न जाने

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कहते हैं, जरूरत में किसी की मदद इस तरह करो कि एक हाथ से दिया दूसरे हाथ को पता न चल सके। इन दिनों झारखंड के जमशेदपुर में मौलाना अंसार खान इसी कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। किसी ने फोन करके बताया कि उनके यहां राशन नहीं है, और अंसार खान खुद अपने घर से राशन लेकर चल देते हैं, उस घर की ओर। मदद का तरीका भी इतना अनोखा है कि मदद लेने वालों के बारे में किसी को कानों कान खबर न मिल सके। इसलिये वह राशन लेकर जरूरतमंदों के घर दिन के वक्त जाते हैं, जब सभी भरी दुपहरी में अपने घरों के अंदर रहते हैं। कोरोना से प्रभावित हुए कई ऐसे लोग हैं, जिनके यहां राशन की पूर्ति के लिये बहुत से दरियादिल लोग सामने आ रहे हैं, और उनके मदद का तरीका भी अलग-अलग है। इस बारे में मौलाना बताते हैं कि एक दिन हयातनगर से 8 लोगों का फोन आया और कहा कि उनके यहां दोपहर का खाना बनाने के लिये राशन नहीं है। पता पूछकर जब उनके घर पहुंचा तो देखा वह सच कह रहे थे। मैंने फौरन अपने घर के खाने के राशन में से 8 पैकेट बनाया, जिसमें आटा,चावल, आलू, प्याज डालकर हयातनगर पहुंचा। उन्हें राशन देकर फोटो नहीं खिंचवाया क्योंकि वह सब हमारी तरह ही थे। सभी ने द

मां निरसो सेवा समिति ने बांटा, लगभग 500 घरों में सूखा राशन

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झारखंड के उत्तरृपूर्वी गदरा ग्राम पंचायत के उप मुखिया बिरजू पात्रो ने एक संस्था बनाई है, जिसका नाम मां निरसो सेवा समिति है। मां निरसो बिरजू पात्रो की मां का नाम है। बिरजू पात्रो इस संस्था के अध्यक्ष हैं। दरअसल कोरोना से लड़ाई में यह संस्था जरूरतमंदों के लिये मदद पहुंचाने का काम कर रही है। संस्था द्वारा उत्तरृपूर्वी गदरा ग्राम पंचायत के अंन्तर्गत आने वाले छोटा गदरा, छोटा गदरा बीच टोला, छोटा गदरा नीचे टोला, छोटा गदरा डोका टोला. ब्लिडुंगरी, झंडा टौक, बड़ा गदरा, भूमिज टोला, पूर्वी टोला, बोदरा टोला, फकीर टोला, ऊपर टोला, बिहारी टोला, ड्राईवर कॉलोनी, घाघरा बेड़ा, विकास भवन के पास घर-घर जाकर लगभग 500 घरों में सूखा राशन बांटा गया।  इस कार्य में सहयोगी के रूप में मुखिया मीरा हैंब्रम, बांसी हासदा, दशरथ पात्रो, वार्ड सदस्य, तुड़कु दिग्गी, मदन पाल, मोहन पात्रो, और वार्ड सदस्य सरिता बारदा शामिल हुए।

जमशेदपुर के काशीडीह बस्ती में 15 परिवारों के बीच किया गया राहत सामग्री का वितरण

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कोरोना से लड़ाई में उन सबकी भी अहम भूमिका है, जो जरूरतमंदों के लिये आगे आकर उनकी हरसंभव मदद कर रहे हैं। इसी क्रम में अखिल भारतीय तैलिक साहू महासभा के जिला अध्यक्ष राकेश साहू के नेतृत्व में जमशेदपुर के काशीडीह बस्ती में 15 परिवारों के बीच खाद्य राहत सामग्री का वितरण किया गया। मौके पर तैलिक महासभा से जुड़े अधिवक्ता संजय साह, आलोक रंजन, श्रवण साहू, मनोज साहू, और सुमित साहू आदि उपस्थित थे। राकेश साहू ने बताया कि जरूरतमंदों ने खाद्य सामग्री के लिये संपर्क किया था, संस्था ने यथासंभव उनकी मदद की है, और यह मदद आगे भी जारी रहेगी। राहत सामग्री में चावल, आटा और आलू दिये गये।

कोरोना से युद्ध में सावधानी से डटे है, सफाई कर्मी भी

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दुश्मन अगर सामने से वार करे तब उससे लडना आसान है, मगर छिपे दुश्मन से लड़ाई हमेशा ही दुष्कर और योद्धाओं के लिये चुनौती का सबब होता है। आज के हालात में दुनियां के साथ भारत के योद्धा उसी छिपे दुश्मन से लड़ाई लड़ रहे हैं।  इस दुश्मन को लोग कोरोना के नाम से जान रहे हैं, और उनसे लड़ने वाले वाले योद्धा के रूप में डॉक्टर, पुलिसकर्मी, और मुख्य रूप से सफाई कर्मी हैं। डॉक्टर कोरोना के असर को कम करने लिये दिन रात काम कर रहे, तो पुलिस प्रशासन मुस्तैदी के साथ लोगों को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिये साम, दाम और दंड का इस्तेमाल कर रही है।  इन सबके बीच एक और विभाग जो सबसे महत्वपूर्ण है, वह है स्वच्छता विभाग। बीमारी कोई भी हो, उसके ठीक होने में स्वच्छता की अहम भूमिका होती है। लोगों के जीवन में स्वच्छता को बने रखने में सफाई कर्मी इस कठिन दौर में भी तत्परता से लगे हुए हैं। इस बारे में कचरा प्रबंधन से जुड़ी संस्था आकांक्षा के संस्थापक गिरिजेश चौबे कहते हैं, कि ":यह एक ऐसा दौर है, जिसमें काम करना बेहद कठिन है, और हम सभी लोग कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम कर रहे हैं। जिंदगी को अदृश्य खतरे से दूर रखने क

देश में कोरोना नियंत्रण में छत्तीसगढ़ राज्य सबसे आगे, 81 प्रतिशत हिस्सा ग्रीन जोन में शामिल

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कोरोना से लड़ाई में केंद्र सरकार द्वारा जारी सूची में छत्तीसगढ़ देश के उन राज्यों में सबसे आगे हे जिसने बेहतर प्रबंधन कर कोरोना को रोकने में सफलता प्राप्त की है। इस प्रदेश का 81 प्रतिशत भाग ग्रीन जोन में शामिल किया गया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने लॉक डाउन के दौरान आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए गाइड लाइन जारी कर दी है, जिसमें संक्रमण मुक्त जिलों को ग्रीन जोन में रखा है।  स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी सूची में देशभर में सर्वाधिक छत्तीसगढ़ के जिले ग्रीन जोन में शामिल हैं, जहां आर्थिक गतिविधियां 20 अप्रैल के बाद शुरू की जा सकेगी। छत्तीसगढ़ के 28 जिलों में से 23 जिलों में एक भी कोरोना संक्रमित नहीं मिला है।  वहीं, प्रदेश का सिर्फ एक जिला ही रेड जोन में शामिल है तथा चार जिलों में पिछले 10 दिनों में कोई भी कोरोना संक्रमित सामने नहीं आया है। आदिवासी बहुल राज्य होने के बावजूद समय पूर्व प्रबंधन से छत्तीसगढ़ विकसित राज्यों के लिए एक उदाहरण बन गया है। इसकी वजह प्रदेश में लिए गए त्वरित निर्णय और प्रशासनिक दक्षता है। प्रदेश में समय रहते सीमाओं को सील करने के सा

जिस बैंक के बाहर दो दिन पहले पैसे निकालने के लिये लोगों की भीड़ दिख रही थी, वहीं अब लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नजर आए

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वैश्विक महामारी कोरोना से बचने का इस वक्त हर प्रभावित देशों के पास बस एक ही इलाज है, सोशल डिस्टेंसिंग यानि सामाजिक दूरी। सब इसी को अपनाते हुए काफी हद तक बीमारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं। भारत में केरोना अधिक लोगों में न फैले, इसके लिये पहले चरण में पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन किया गया और फिर इसकी अवधि पूरी होने के दिन 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी ने लॉकडाउन को बढ़ाकर 3 मई कर दिया है, और इसे और कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिये हैं, ताकि कोरोना अप्रभावित क्षेत्रों में अपने पैर अधिक न पसार सके।   लिहाजा, पूर्व में जहां इसमें कमी रही उसमें सुधार भी देखने को मिलने लगा है। झारखंड के सरायकेला जिला में बैंक ऑफ इंडिया के बड़ा आमदा शाखा में सोमवार 13 अप्रैल को जिस तरह बैंक के बाहर लोगों की भीड़ देखी गई वह सोशल डिस्टेंसिग को बेमानी साबित कर रही थी। पुलिस और बैंक कर्मी उन्हें 1 मीटर की दूरी पर खड़े रहने के लिये समझा रहे थे, मगर लोग किसी तरह अपने पैसे और खातों की जानकारी पाना चाह रहे थे। ऐसे में जब इस भीड़ में खड़े लोगों से पूछा- कोरोना का खतरा नहीं लगता, जवाब मिला- डर लगता है, मगर जीने के

अपनी पेंशन की राशि से जरूरतमंदों के बीच मदद पहंचा रहे हैं, मुखिया दुर्गा हाईबुरू

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झारखंड आंदोलनकारी रहे गम्हरिया प्रखंड स्थित दुगनी ग्राम पंचायत के मुखिया दुर्गा हाईबुरू अपने क्षेत्र में मुखिया और संवेदनशील इंसान दोनों की भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं।। कोरोना वायरस के चलते हुए देश भर के लॉकडाउन में लाचारी और गरीबी का जीवन व्यतीत कर रहे क्षेत्र के वृद्धों एवं दिव्यांगों के बीच मुखिया ने अपनी पेंशन राशि से 5 किलो चावल, गमछा और डिटॉल साबुन का वितरण किया। गौरतलब है कि मुखिया दुर्गा हाईबुरू को झारखंड आंदोलनकारी के नाम पर 3000 रूपये की राशि पेंशन के तौर पर मिलती है, जिसे वह इन दिनों जरूरतमंद लोगों के बीच खर्च कर रहे है। गांव-गांव जाकर लोगों की तकलीफ सुनकर लोगों की यथासंभव मदद करना अभी दुर्गा हाईबुरू के दैनिक जीवन में शामिल हो गया है। इस वक्त जब देश में हर व्यक्ति कोरोना वायरस से लड़ने के लिये अपने-अपने घरों से संघर्ष कर रहा है तो समाज में उन्हें सुरक्षित रखने और उन तक सारी सुविधा पहुंचाने के लिये कोरोना योद्धा के रूप में सरकार, प्रशासन, डॉक्टर, पुलिस, सफाईकर्मी हर संभव प्रयास में जुटे हैं। सामाजिक कार्य में लगे लोग भी आगे बढ़कर लोगों के लिये खाने-पीने की व्यवस्था कर रहे है

लॉकडाउन की इस अवधि में हम अपने बच्चों को बाबा साहब की जीवनी के बारे में जानकारी देकर समय का सदुपयोग कर सकते हैं-श्याम रजक

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14 अप्रैल 2020 को बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 129वीं जयन्ती है। जिसे लेकर बिहार के उद्योग मंत्री  श्याम रजक नें कहा है कि करोना वायरस के कारण लॉकडाउन के चलते हम पहले की तरह इस बार सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं कर पायेगें, क्योंकि हमें सोशल डिस्टेन्सिंग के नियमों का तथा इससे संबंधित सरकार के सभी निर्देशों का पालन करना है। श्याम रजक नें कहा कि बाबा साहब की जयन्ती हमारे लिए मनाना गौरव की बात है। परन्तु कोरोना महामारी से उत्पन्न संकट में सभी के जीवन की रक्षा होना भी मूल प्रश्न है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि हम बाबा साहब की जयन्ती के अवसर पर बिना एक जगह एकत्रित हुए हम उनके प्रति उदगार कैसे व्यक्त करें। श्रद्धासुमन किस प्रकार अर्पित करें। मेरे विचार में आज की परिस्थिति में यह सर्वाधिक उचित होगा कि हम चिंतन करें साथ ही बाबा साहब की जीवनी तथा उनके द्वारा रचित पुस्तकों का अध्ययन करें और उनके विचारों पर आत्ममंथन करें।  बिहार के उद्योग मंत्री ने कहा कि विशेषकर हम अपने बच्चों को बाबा साहब का बचपन, कठिन परिस्थतियों में विदेश जाकर उच्चशिक्षा ग्रहण करने, मन में डॉक्टरेट करने की इच्छा रहते ह

जन आहार कार्यक्रम के तहत क्षेत्र में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर लॉकडाउन में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद

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कोरोना से लड़ने के लिये इस वक्त देश में शासन और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रहा है। दरअसल यह पूरे देश की लड़ाई है। दुनियां के तमाम देश इससे आंतरिक स्तर पर मिलकर लड़ रहे हैं। भारत में भी इससे निबटने के रास्ते में कई चुनौतियां हैं। एक तरफ सबको स्वस्थ और सुरक्षित रखना है तो दूसरी ओर मजदूर और गरीब तबकों का पेट भी भरना है। इसी के मद्देनजर झारखंड में भी स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के निर्देश पर ऐसे जरूरतमंद लोगों को भोजन कराया गया। जमशेदपुर मानगो, जवाहर नगर रोड नं. 15, मरीना सिटी में लोगों को खिलाया गया। इस बारे में आई टी सेल के संस्थापक पप्पु सिंह ने कहा कि लॉकडाउन में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद की जा रही है। जरूरतमंदों तक मदद के लिये बन्ना गुप्ता आईटी सेल के कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।   जन आहार कार्यक्रम के तहत डिमना बस्ती, उपर टोला आदि जैसी जगहों में चावल आलू एवं जरूरत के सामान का वितरण किया गया है। कदमा, सोनारी, बिस्टुपुर, साकची, मानगो में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने 1000 लोगों को भोजन उपलब्ध कराया। इस बीच सोशल डिस्टेंसिंग का भी विशेष ध्यान रखा गया।

सरायकेला खरसांवा जिला के इस गांव की गरीब महिलाओं ने की सरकार से मिलने वाली मदद की गुहार

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अभी जब देश में हर कोना कोरोना को हराने के लिये सुनसान नजर आ रहा है, और लोग अपने घरों में बंद हैं, तब झारखंड के सरायकेला खरसांवा जिला स्थित कृष्णपुर पंचायत के खमारडीह गांव की गरीब महिलाएं अपने बच्चों के साथ घर से बाहर इसलिये निकल कर आ रही है, क्योंकि विपरीत हालात में सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाएं इन तक नहीं पहुंच रही हैं। इनके पास राशन कार्ड नहीं है। मगर इनका कहना है कि मजदूरी नहीं कर पाने की मजबूरी में सरकार से उसी मदद की आस है, जिसे वो दूसरे लोगों तक पहुंचा रही है। रोजाना मजदूरी कर पेट पालने वाले मजदूरों के परिवारों की महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों का हवाला देते हुए कहती हैं, कि इनके पास इतने अनाज नहीं हैं, कि वह अपने बच्चों को भर पेट खिला सकें। घर के बाहर लॉकडाउन की सख्ती है तो घर में अनाज के लाले हैं। ऐसे में इन महिलाओं की सारी उम्मीद सरकार से है, और अपनी इस बात को उन तक पहुंचाने के लिये यह अपने बच्चों सहित बाहर निकली हैं। इन्हें भरोसा है कि उनकी यह बात सरकार तक पहुंचेगी और सरकार उन तक भी अपनी मदद पहुंचाएगी।

छत्तीसगढ़ के रायपुर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की ‘डोनेशन ऑन व्हील्स अभियान की शुरूआत

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रोजाना मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले परिवारों, निःशक्तजनों, आश्रयहीन लोगों के सामने कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन ने भोजन और राशन की समस्या खड़ी कर दी है। ऐसे लोगों को भोजन की दिक्कत न हो इसके लिए  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल की पहल पर रायपुर शहर में ‘डोनेशन ऑन व्हील्स अभियान‘ की शुरूआत की गई है। इस अभियान में जरूरतमंदों के घर तक राशन पहुचाया जा रहा है, जिसमें कई समाज सेवी संस्थाएं और सामाजिक संगठन भी इस काम में बढ़-चढ़ कर हाथ बटा रही है।  इस अभियान को लोगों की ओर से अच्छा सहयोग मिल रहा है।  जिला प्रशासन द्वारा घर-घर लोगों से सूखा राशन एकत्र भी किया जा रहा है। इस कार्य में कोई भी नागरिक अपनी सहभागिता निभा सकता है। जिला प्रशासन रायपुर द्वारा जरूरतमंदों की सहायता के इच्छुक दानदाताओं से राशन सामग्री के पैकेट एकत्र कर उन्हें जरूरमंद लोगों तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। दान करने वालों से राशन सामग्री के पैकेट एकत्र करने के लिए छह वाहन लगाए गए हैं। इन्हें शहर के मोहल्लों और कॉलोनियों में राशन सामग्री एकत्र करने भेजे जा रहे हैं। सामाजिक संस्थाओं, आम नागरिकों और दानदाताओं से कहा गया है

कोरोना में काम नहीं, दाम नहीं, कैसे पालेंगे बच्चों को.... सरकारी मदद की आस में छलका झारखंड के काशीडीह गांव के इन मजदूरों का दर्द

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पहले इस बात से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता था, कि इन्हें सरकार द्वारा अन्य लाभुकों की तरह सस्ते में राशन नहीं मिलता था, इनके पति जमशेदपुर में अलग-अलग कम्पनियों में मजदूरी करते थे, जिससे घर पर सबका पेट चलता था, मगर अब हालात पहले जैसे नहीं रहे। कई दिन हुए दाने-दाने को तरस रहे हैं। बच्चे भूखे प्यासे हैं, हम उनका पेट कैसे भरें…? यह कहना है सरायकेला खरसांवा जिला के अन्तर्गत काशीडीह गांव के इन महिलाओं का, जो डॉकडाउन के चलते गरीबी की मार झेल रही हैं। काशीडीह गांव में लगभग 7 से 8 घर ऐसे हैं, जिनके राशन कार्ड नहीं बने हैं, जिसके चलते इन्हें सरकारी राहत नहीं मिल रही है। हालांकि इनके लिये भी राशन की घोषणा की गई है, लेकिन उसका लाभ इन्हें नहीं मिला है। इन्होंने बताया कि इनका राशन कार्ड नहीं है, जिसके चलते राशन डीलर इन्हें चावल नहीं दे रहे, वहीं इस शिकायत को लेकर जब यह परेशान मजदूर नजदीकी थाने पहुंचे, तब उन्हें यह कहकर भेज दिया गया कि मुखिया ने उनका नाम लिखकर नहीं दिया।  कोरोना की मार से झेल रहे परेशान मजदूरों का यह परिवार दर-दर सरकार के उस घोषणा के पूरा होने की आस में भटक रहा है, जिसमें कहा गया है कि डॉ

सीएसआईओ की इस खास मशीन से रोका जा सकता है कोविड-19 का संक्रमण

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जिसे खासतौर अस्पतालों, एयरपोर्ट, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थलों की सफाई के लिए बनाया गया था, अब उस मशीन का उपयोग कोरोना के संक्रमण को दूर करने में किया जा सकता है। कोविड-19 के संक्रमण को रोकने में केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआईओ) के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित इलेक्ट्रोस्टेटिक डिस्इन्फेक्शन मशीन प्रभावी साबित हो सकती है। यह मशीन सतह को पूरी तरह कवर कर सकती है और इसमें दवा का उपयोग भी लगभग आधा हो सकता है। इसके बारे में सीएसआईओ के वैज्ञानिक डॉ मनोज पटेल ने इंडिया साइंस वायर को बताया कि “मशीन से निकलने वाले द्रव कणों के प्रवाह की दर 110 मिलीलीटर प्रति मिनट है। हालाँकि, इसकी प्रवाह दर में बदलाव भी किया जा सकता है। दूसरी मशीनों के मुकबाले यह मशीन बेहद छोटे और समान आकार के द्रव कणों का छिड़काव करने में प्रभावी पायी गई है। छिड़काव के दौरान मशीन से निकलने वाले द्रव कणों से सतह पर किसी वायरस या संक्रमण के बचे रहने की संभावना लगभग न के बराबर रह जाती है।” डॉ पटेल ने और जानकारी देते हुए कहा कि “इस मशीन का उपयोग इनडोर-आउटडोर दोनों जगह सैनिटाइजेशन के लिए किया जा सकता है। यह पर

जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र में विधायक और सहयोगियों ने क्षेत्र में जरूरतमंदों को पहुंचाई मदद

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झारखंड के जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र के विधायक मंगल कालिंदी द्वारा परसुडीह हुलुदबानी क्षेत्र में  जरूररतमंद लोगों को खाद्य सामग्री, चावल, आलू जैसे दैनिक जीवन से जुड़े सामानों का वितरण किया गया।  इस विधानसभा क्षेत्र में जहां-जहां भी लोग गरीब नजर आ रहे हैं, विधायक सहयोगी कृष्णा कालिंदी उनके बीच जरूरत के सामान बांटते नजर आ रहे हैं। साथ ही इन लोगों के बीच साबुन का भी वितरण किया जा रहा है, जिससे अपनी साफ-सफाई का ध्यान रख सकें, जो कोरोना को दूर भगाने के लिये बहुत जरूरी है। इससे पहले भी लगभग 70 से 75 लोगों के बीच क्षेत्र में विधायक के सहयोगी के रूप में कृष्णा कालिंदी ने अपने अन्य सहयोगियों के साथ खाद्य सामग्री बांटा। इस बारे में कृष्णा कालिंदी ने कहा कि राज्य में कोई भी गरीब भूखा नहीं रहे, इसके लिये हम सभी प्रतिबद्ध हैं, और जरूरतमंदों की हम सेवा करते रहेंगे। कृष्णा कालिंदी ने बताया कि जरूरतमंद लोगों में खाद्य वितरण के लिये उनके साथ राजेश गोप, रितेश कालिंदी, कुंजन कालिंदी, जयदेव कालिंदी, विक्की शर्मा, विष्णु स्वर्णकार, आशीष कालिंदी और बहादुर कालिंदी मौजूद रहे। गौरतलब है कि देश में इस वक्त सम्पूर

अंत्योदय के विचार से प्रेरित भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई जो आज विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है- मनोज तिवारी

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आज भारतीय जनता पार्टी के 40वें स्थापना दिवस के अवसर पर दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भारत माता, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी और पं. दीनदयाल उपाध्याय जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया और प्रदेश कार्यालय में पार्टी के पावन ध्वज का फहराया। मनोज तिवारी ने कार्यकर्ताओं को भाजपा स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि भाजपा का स्थापना दिवस ऐसे समय में आया है जब पूरा देश कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जंग लड़ रहा है। इस विषम परिस्थिति में हमें मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए पंच-आग्रह का पालन करके देश की सेवा और समर्पण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को और प्रशस्त करना है।    तिवारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के 40 वर्षों की लंबी यात्रा के दौरान कई नेताओं ने संघर्षपूर्ण तरीके से पार्टी को आगे बढ़ाने में अपना सर्वस्व लगाया और त्याग और बलिदान का परिचय देते हुए पार्टी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। राष्ट्र सेवा, अंत्योदय के विचार से प्रेरित व समाज बदलने के उद्देश्य के साथ भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई जो आज विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है साथ ही सही मायने में लोकतांत्

लॉकडाउन के बाद अंतर्राज्यीय आवागमन को शुरू करने से पहले ठोस उपाय करे केन्द्र सरकार, छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री का प्रधानमंत्री से अनुरोध

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर देश में अंतर्राज्यीय आवागमन शुरू करने से पहले पूरे देश में कोविड-19 के प्रसार की स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए ठोस उपाय सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि देश वर्तमान में कि कोविड-19 के वायरस प्रभावित आपदा से जूझ रहा है। छत्तीसगढ़ देश के उन राज्यों में से एक है, जहां 18 मार्च को कोविड-19 का पहला मरीज मिलने के बाद 21 मार्च को लॉक डाउन की घोषणा कर दी गई थी। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि आप के निर्णय अनुसार राज्य में 14 अप्रैल तक पूर्ण लॉक डाउन की स्थिति लागू रहेगी । इसके साथ ही भूपेल बघेल ने छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के नियंत्रण के उपायों से संबंध में लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में 4 अप्रैल 2020 तक कुल 1590 व्यक्तियों के सैंपल लिए गए थे, जिनमें से 1375 व्यक्ति के परिणाम नेगेटिव रहे हैं, 205 की जांच जारी है और 10 व्यक्ति कोविड-19 वायरस से पीड़ित पाए गए थे। इन 10 व्यक्तियों में से अब तक आठ व्यक्ति ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं तथा बाकी 2 मरीजों की हालत

दिल्ली में प्रवासी श्रमिकों के लिये 10 केन्द्रों पर बिहार सरकार दे रही है दो वक्त के भोजन की सुविधा

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लॉकडाउन के कारण दिल्ली में बिहार राज्य के श्रमिकों के लिए बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा दस केन्द्रों पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। दोपहर के भोजन की व्यवस्था 12 बजे से 2 बजे तक और रात्रि भोजन की व्यवस्था शाम 7 बजे से 9 बजे तक की गयी है। सरकार द्वारा बिहार फाउन्डेशन के देश-रेख में जिन केन्द्रों पर भोजन का प्रबंध किया गया है, उनका विवरण इस प्रकार है- बदरपुर- मीठापुर चैक, पुलिस चैकी के पास, गोल चक्कर पर, परशुराम मंदिर के सामने, दिल्ली-110044 सोनिया विहार- E3/47 गली नं. 3, चौथा पुस्ता, दिल्ली-110090 पालम कॉलोनी- F ब्लॉक शास्त्री पार्क, राज नगर-2, न्यू दिल्ली-110007 आया नगर- C-1 ब्लॉक, फेज-4, कलिंगा स्कूल, H- ब्लॉक, हेरिटेज पब्लिक स्कूल के पास, जिला- महरौली-110047 किरारी- T ब्लॉक G ब्लॉक प्रेम नगर, न्यू दिल्ली-110086 शकरपुर- B-56, साउथ गणेश नगर शकरपुर-काली मंदिर, गणेश नगर, कॉम्प्लेक्स बुरारी- हाउस नं. 707, G-3, B ब्लॉक, जनता विहार, मुकुन्दपुर Part-1 बुरारी- हाउस नं. 4, गली नं. 29, बंगाली कॉलोनी गोविन्दपुरी- गली नं. 1308/2, गोविन्दपुरी, न्यू दिल्ली-110019 गौरतलब है कि दिल्ली में

बिना राशन कार्ड के आवेदकों को पोटका विधायक ने बांटा 1 रूपया प्रति किलो चावल

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देश में बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए अभी 21 दिनों का लॉकडाउन चल रहा है, जिससे सबसे अधिक प्रभाव रोज कमाकर खाने वालों और गरीबों पर पड़ रहा है। इस से निपटने के लिये केन्द्र और राज्य सरकारों की ओर से इन्हें खाद्य आपूर्ति की जा रही है। लॉकडाउन के दौरान किसी को भूखा नहीं रहना पड़े इस दिशा में झारखंड सरकार द्वारा राशन कार्ड से वंचित ऑनलाईन आवेदन करने वाले योग्य लोगों को 1 रूपया प्रति किलो चावल देना शुरू किया है। इसकी शुरूआत 4 मार्च को पोटका के विधायक संजीव सरदार ने पोटका पंचायत क्षेत्र से की। इस लाभ के योग्य प्रति व्यक्ति को 10 किलो चावल दिया जा रहा है। इस बारे में विधायक संजीव सरदार ने बताया कि पोटका प्रखंड में 2733 ऐसे लोगों ने आवेदन किया है, जिनके राशन कार्ड नहीं हैं। 4 अप्रैल, शनिवार को ऐसे 133 लोगों को 1 रूपये की दर से 10-10 किलो चावल दिये गये। इसी तरह अब सभी पंचायत में इसका वितरण मुखिया और पंचायत सचिव की देख-रेख में किया जाएगा

कोरोना संक्रमण के संदिग्ध की जांच के लिये सीएसआईआर की सस्ते किट लाने की तैयारी 

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कोविड-19 वायरस से लड़ने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, डीआरडीओ और जैव प्रौद्योगिकी विभाग समेत देश के विभिन्न सार्वजनिक एवं निजी संस्थान कार्य कर रहे हैं। वहीं वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) भी युद्धस्तर पर इस महामारी निबटने के लिये जुटी है। कोविड-19 से निपटने के लिए सीएसआईआर पाँच सूत्रीय एजेंडा पर काम कर रहा है। इनमें बीमारी के खतरे और उसकी प्रकृति को समझने के लिए आणविक स्तर पर निगरानी, किफायती जाँच किट बनाना, दवा का विकसित करना, अस्पतालों व निजी सुरक्षा उपकरणों का विकास और चिकित्सकीय उपकरणों की आपूर्ति शामिल है। दरअसल, कोरोना संक्रमण के संदिग्ध व्यक्तियों के नमूनों का परीक्षण प्रभावित लोगों की पहचान करने के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन, परीक्षण उपकरण बहुत महंगे हैं, जिसके कारण इनकी पहुँच सीमित है। सीएसआईआर के वैज्ञानिक कोराना के परीक्षण के लिए किफायती पेपर किट विकसित कर रहे हैं, जो क्षणों में ही वायरस की पहचान कर सकता है। इस बारे में सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ शेखर सी. मांडे ने बताया कि नई दिल्ली स्थित “जिनोमिकी और समव

कोविड-19 की चुनौतियों से लड़ने में पूर्व सैनिक भी देंगे अपनी सेवा

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विश्व के अधिकांश देशों में तबाही मचा रहे कोरोना ने भारत में भी लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है, और यहां पिछले दो दिनों में इससे संक्रमित मरीजों की संख्या में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है। ऐसे में सरकार के साथ हर संस्था और देश का प्रत्येक नागरिक इससे लड़ने में तत्पर है। इसी के मद्देनजर रक्षा मंत्रालय के पूर्व-सैनिक कल्याण विभाग (ईएसडब्ल्यू) ने पूर्व सैनिकों को अपनी सेवाएं देने के लिए एकजुट किया है। राज्य सैनिक बोर्ड और जिला सैनिक बोर्ड राज्य और जिला प्रशासन की सहायता के लिए अधिक से अधिक ईएसएम वॉलेंटियर को जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह सैनिक संपर्क का पता लगाने, समुदाय की निगरानी करने, क्वारंटाइन सुविधाओं का प्रबंधन करने जैसे कार्यों में अपना सहयोग करेंगे। गौरतलब है कि पूर्व सैनिकों की उपस्थिति पूरे देश के सभी जिलों और गांवों में है।  पंजाब  में "गार्जियन ऑफ गवर्नेंस" संगठन में 4200 पूर्व सैनिक हैं, जो गांवों के डाटा संग्रह में प्रशासन की सहायता कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने पुलिस की सहायता के लिए कुछ पूर्व सैनिकों की सेवाएं ली हैं। इसी प्रकार आंध्र

बिहार के उद्योग मंत्री ने दिया कोरोना उन्मूलन कोष में 1 करोड़ रुपये का अंशदान

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बिहार के उद्योग मंत्री  श्याम रजक ने बिहार सरकार द्वारा गठित "कोरोना उन्मूलन कोष' में मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना अंतर्गत अपने विधायक निधि से 1 करोड़ रुपये का अंशदान दिया है। बिहार सरकार के निर्णय के अनुसार सभी  विधायकों एवं विधान पार्षदों के 50 लाख की अंशदान राशि के अलावा  श्याम रजक ने अपनी तरफ से 50 लाख का अतिरिक्त अंशदान दिया है। इससे पहले श्याम रजक नें अपने 2 माह का पूरा वेतन तथा भत्ता (चार लाख तीन हजार रुपये) मुख्यमंत्री राहत कोष में भी अंशदान दिया था।  रजक नें कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पूरे देश में इसे महामारी रोग घोषित कर दिया गया है, ऐसे में सबको इस रोग की गंभीरता को समझना होगा। उन्होनें बिहार वासियों से अपील की है कि सभी लॉक डाउन का पूर्णतः पालन करें। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर ना जाएँ,अत्यधिक आवश्यक ना हो तो अपने घरों से ना निकलें। ऐसा करके आप ना सिर्फ ख़ुद को, बल्कि अपने परिवार को तथा आस-पास के लोगों को भी इस संक्रमण से बचाएँगे।