अंबेडकर जयंती के अवसर पर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा हुआ ई-चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन
बाबा साहब ने अपना सम्पूर्ण जीवन भारतीय समाज के उत्थान के लिए समर्पित किया। अभाव भरे जीवन में भी श्रेष्ठ कार्य किया जा सकता है, इसके परिचायक थे बाबा साहब। बाबा साहब का नारा ही नहीं अपितु ध्येय था स्वतंत्रता, समानता व भाईचारा यानी आधुनिक संदर्भ में उन्होंने धर्म की व्याख्या दी थी, वास्तव में बाबा साहब राष्ट्रीय महापुरुष थे। उन्होंने कहा था कि शिक्षित बनो, संगठित हो और संघर्ष करो, बाबा साहब ने जो भी बात कही पहले उन्होंने उसे अपने जीवन में आत्मसात किया। दलित, पीड़ित, गरीब, पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए संघर्ष करते हुए बाबा साहब ने कभी भी हाथ में पत्थर नहीं लिया, हिंसा नहीं की। बाबा साहब कहते थे मैं संघर्ष करता हूं, लेकिन मेरा कोई शत्रु नहीं है। बाबा साहब का जीवन हम सभी भारतीयों के लिए प्रेरणादायी है। यह उद्गार शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने न्यास द्वारा आयोजित ई-चित्रकला प्रतियोगिता के परिणाम घोषित करते हुए व्यक्त किया। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा अंबेडकर जयंती के अवसर पर कोरोना संकट के समय स्कूली विद्यार्थियों के लिए हस्त निर्मित चित्रकला प्रतियो...