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Showing posts from June, 2020

झारखण्ड जब तक रहेगा तब तक शहीदों का नाम स्वर्णाक्षरों में लिखा जाता रहेगा- हेमन्त सोरेन

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हूल दिवस के अवसर पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संताल विद्रोह के नायकों की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नमन किया। मुख्यमंत्री ने कहा विद्रोह का नेतृत्व करने वाले सिदो, कान्हू, चांद, भैरव, फूलों और झानों के साथ-साथ विद्रोह में शहादत देने वाले सभी वीरों का बलिदान सदैव झारखण्डवासियों को प्रेरित करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महत्वपूर्ण दिवस है। कोरोना संक्रमण के इस दौर में कार्यक्रम करना संभव नहीं था। व्यक्तिगत रूप में लोग इस दिवस को मना रहें हैं। उम्मीद करता हूं, जबतक झारखण्ड रहेगा शहीदों का नाम स्वर्णाक्षरों में लिखा जाता रहेगा। सभी झारखण्डवासी इस गौरवपूर्ण दिवस के अवसर पर वीर शहीदों को स्मरण करें, ताकि आने वाली पीढ़ी वीरों की वीर गाथा से अवगत हो गौरवान्वित हो सके।  

पंचायत का दर्जा मिलने के बाद भी वर्षों से सरकारी सुविधाओं से दूर हैं, यहां के लोग, खरसांवा के विधायक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दी जानकारी

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वर्ष 2009 में पंचायत क्षेत्र घोषित होने के बाद अभी तक खरसांवा पंचायत क्षेत्र के लोग विभिन्न सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं। इसे लेकर खरसांवा के विधायक दशरथ गागराई के नेतृत्व में पंचायत के एक प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। मुख्यमंत्री को दिये ज्ञापन में उन्होंने कहा कि खरसावां पंचायत पहले अधिसूचित क्षेत्र समिति के रूप में घोषित था,लेकिन वर्ष 2009 में एक अधिसूचना जारी कर पंचायत चुनाव कराकर पंचायत का दर्जा दे दिया गया| इसके बाद से अब तक पंचायत में बीपीएल सर्वे नहीं हुआ है| इस वजह से खरसावां पंचायत के लोगों को आज तक विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, कन्या दान जैसे सरकारी योजनाओं से वंचित रहना पड़ रहा है| जबकि अब भी उन्हें शहरी क्षेत्र की तरह बिजली का बिल भी देना पड़ता है| पंचायत क्षेत्र में संबंधित सरकारी सुविधाओं के नहीं मिलने से लोग परेशान हैं। मुख्यमंत्री से मिले प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से शामिल सुशील सारंगी, भवेश मिश्रा, झामुमो जिला प्रवक्ता कुंवर अनूप सिंह देव एवं रोनी नायक ने क्षेत्र की समस्याओं को बताकर उसके समाधान का अनुरोध किया।  

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने किया प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को आगामी तीन माह सितम्बर 2020 तक बढ़ाने का किया अनुरोध

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने ’प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ को आगामी तीन माह हेतु सितम्बर 2020 तक बढ़ाने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र में लिखा है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उत्पन्न हुई विषम परिस्थितियों में केन्द्र सरकार द्वारा लागू ’प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ के माध्यम से देश में खाद्यान्न उपलब्धता बढ़ाने में मदद मिली है। छत्तीसगढ़ में ’यूनिवर्सल पीडीएस’ के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत मान्य 51.50 लाख राशनकार्डधारी परिवारों के अलावा राज्य द्वारा अपनी योजनाओं के माध्यम से भी अतिरिक्त 14.10 लाख राशनकार्डधारी परिवारों को खाद्यान्न सुरक्षा उपलब्ध करायी जा रही है। लॉकडाउन को धीरे-धीरे एवं सावधानीपूर्वक खोलते हुए आर्थिक गतिविधियां पुनः प्रारंभ की जा रही हैं, किन्तु स्थिति सामान्य होने में अभी काफी समय लगना संभावित है। वर्तमान में किसान, कृषि मजदूर, निर्माण क्षेत्र में कार्य करने वाले श्रमिक, उद्योगों में कार्य करने वाले श्रमिक तथा व्यवसायिक संस्थानों में काम करने वाले निम्न-मध्यम वर्गों के कर्मचारियों सहित अधि

किसान अपने खेतों में सिर्फ दो चंदन के पेड़ लगाना शुरू करें तो बन जाएंगे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर ?

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अगर किसानों के द्वारा अपने खेतों में सिर्फ दो चंदन का पेड़ लगाना शुरू कर दिया जाता है, तो वे किसी भी वित्तीय स्थिति का सामना करने के लिए वे आर्थिक रूप से पूरी तरह आत्म-निर्भर बन जाएंगे। यह बात खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष, विनय कुमार सक्सेना ने कही है। उन्होंने कहा कि चंदन के पेड़ों का वृक्षारोपण करने की निर्यात बाजार में भी उच्च क्षमता है। चंदन और इसके तेल की चीन, जापान, ताइवान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों में भारी मांग है। हालांकि, चंदन की आपूर्ति बहुत कम है और इसलिए भारत के लिए चंदन के वृक्षारोपण को बढ़ावा देने और चंदन के उत्पादन में एक वैश्विक लीडर बनने का एक सुनहरा अवसर है। उन्होंने कहा कि यह हाल ही में केन्द्र सरकार के द्वारा देश को आत्मनिर्भर बनाने की पहल को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करेगा। इसे देखते हुए केवीआईसी के लिए आर्थिक संसाधन का निर्माण करने के उद्देश्य के साथ, चंदन के वृक्षारोपण की योजना भी बनाई गई है क्योंकि अगले 10 से 15 वर्षों में इसके माध्यम से 50 करोड़ से 60 करोड़ रुपये के बीच आने का अनुमान है। चंदन का एक पेड़ 10 से 15 साल में परिपक्व हो ज

IAS अधिकारी पलका साहनी बनीं बिहार भवन की रेजिडेंट कमिश्नर

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दिल्ली स्थित बिहार भवन की विशेष स्थानिक आयुक्त पलका साहनी ने बुधवार 24 जून को स्थानिक आयुक्त (रेजिडेंट कमिश्नर) के तौर पर पदभार ग्रहण किया। कोरोना लॉकडाउन के दौरान उन्होंने बिहार के प्रवासी मजदूरों की समस्या से निपटने के लिए बिहार के विशेष स्थानिक आयुक्त के तौर पर कार्य किया है। गौरतलब है कि पलका साहनी बिहार में तीन जिलों (जहानाबाद, खगड़िया, नालंदा) की जिलाधिकारी (DM) रह चुकी हैं। वे 'दक्षिण बिहार बिजली वितरण विभाग' की पहली एमडी भी रह चुकीं हैं। उनके प्रयासों से राज्य में बिजली उपलब्धता में बड़े पैमाने पर सुधार के साथ-साथ बिजली वितरण बुनियादी ढाँचे को मजबूत किया गया। उन्होंने 'बिहार राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड' का भी नेतृत्व किया है और आईटी कार्यक्रमों के निष्पादन में सफल क्रियान्वन किया। इसके साथ ही बिहार भवन में 24x7 हेल्पलाइन-कम-कंट्रोल रूम की स्थापना व क्रियान्वयन में आईएएस अधिकारी साहनी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जिसके तहत देश के विभिन्न राज्यों में प्रवासियों की सहायता और कोविड -19 के फैलते संक्रमण के बीच भोजन, आश्रय और कई अन्य अनुरोधों और शिकायतों क

बिहार चुनाव में मिथिला के लोग तय करेंगे दिशा : पाठक

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समाजसेवी एवं कई राष्ट्रीय जनांदोलनों के अगुवा रहे अरविन्द पाठक ने कहा कि मिथिलावादी पार्टियां इस बार बिहार में सत्ता तय करेगी।  पाठक ने यह बात एक इंटरव्यू में कही। उन्होंने कहा कि बाबू जानकी नंदन सिंह के बाद पहली बार मिथिला वादी पार्टियां एक जुट होकर इस बार विधान सभा चुनाव में उतरने जा रही है और मिथिला की सभी 108 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है, यह बहुत बड़ी बात है। मैथिली भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलाने से लेकर पृथक मिथिला राज्य की मांग को लेकर चल रहे आंदोलनों में अग्रणी भूमिका अदा करने वाले पाठक ने कहा कि मिथिला वादियों के चुनावी जंग में कूदने से मिथिला को वोट बैंक समझने वाले सियासी दलों का समीकरण बिगड़ गया है। वर्षो तक ऑल इंडिया यूथ आर्गेनाइजेशन के बैनर तले युवाओं को सत्ता में पर्याप्त भागीदारी देने की मांग को लेकर आंदोलन चलाने वाले पाठक ने कहा कि मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार मिथिला वादी दलों ने 50 से अधिक सीटों पर प्रत्याशियों के नाम भी तय कर लिये है और उन्हें कई क्षेत्रीय दलों का समर्थन भी मिल रहा है। दिल्ली विधान सभा चुनाव के दौरान पूर्वांचल के वोट को एकजूट करने में अहम् भूम

31 अक्टूबर, 2020 तक 8 लाख मानव दिवस रोजगार के अवसरों का सृजन करेगी रेलवे

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रेलवे द्वारा लगभग 160 बुनियादी ढांचागत कार्यों की पहचान की गई है, जिनमें तेजी लाई जानी है। इनसे हजारों कामगार जुड़ेंगे और अनुमानित तौर पर अक्टूबर, 2020 तक इनसे 8 लाख मानव दिवस रोजगार पैदा होंगे। इन जिलों में लगभग 1,800 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। रेलवे ने ऐसे रेल कार्यों की भी पहचान की है, जिन्हें मनरेगा के माध्यम से पूरा कराया जा सकता है। ये कार्य लेवल क्रॉसिंग के लिए संपर्क मार्गों के निर्माण एवं रखरखाव, रेल पटरियों से सटे अवरुद्ध जलमार्गों, खाइयों और नालियों के विकास और उनकी सफाई, रेलवे स्टेशनों को जाने वाले संपर्क मार्ग का निर्माण तथा रखरखाव, मौजूदा रेलवे तटबंधों/ कटाव (कटिंग्स) की मरम्मत और चौड़ीकरण, रेलवे की भूमि पर बड़ी सीमाओं पर वृक्ष लगवाना और मौजूदा तटबंधों/ कटाव/सेतुओं के लिए सुरक्षा कार्यों से संबंधित हैं। रेल मंत्री ने 24 जून, 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से क्षेत्रीय रेलवे कार्यालयों और रेलवे पीएसयू के साथ बैठक के दौरान गरीब कल्याण रोजगार अभियान की प्रगति की समीक्षा की है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने क्षेत्रीय रेलवे को हर जिले के साथ ही राज्यों में

स्वाद ही नहीं, सेहत से भी भरपूर है मिट्टी के घड़े का पानी

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जिस तरह मिट्टी पौधों को सींचकर उसे हरा-भरा रखती  है, हमारे शरीर के लिये भी यह उतना ही फायदेमंद है। यही वजह है कि जब हम मिट्टी के घड़े का पानी पीते हैं, तब इसमें शामिल मिनरल्स हमारे शरीर में जाकर इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करते हैं। इसका तापमान सामान्य से कम होता है। हमारे पाचन शक्ति को मजबूत रखने के साथ ही शरीर में व्याप्त विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। यही नहीं मिट्टी के घड़े का पानी पीने में भी स्वादिष्ट होता है। इन दिनों जब कोरोना से बचने के लिये लोगों ने फ्रीज के पानी के नुकसान से दूरी बना ली है, तब मिट्टी के घड़े का विकल्प काफी अच्छा और बेहतर बनता जा रहा है। बड़ी संख्या में लोग मिट्टी के घड़े बाजार से खरीदते नजर आ रहे हैं। ग्राहकों की आवक को देखते हुए कुम्हारों ने भी घड़े की खूबसूरती पर खूब काम किया है। इनपर की गई नक्काशियां खरीददारों को आकर्षित कर रही हैं। इन दिनों जब शारीरिक प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में लोग प्रयत्नशील हैं, तब मिट्टी का यह घड़ा अपने गुणों के साथ उनके घर में अपनी जगह बना रहा है।

क्यों पारंपरिक पेशे से नहीं जुड़ना चाहती है, कुम्हारों की युवा पीढ़ी ?

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इन दिनों लोग बीते सालों की अपेक्षा अधिक संख्या में मिट्टी के घड़े खरीदते नजर आ रहे हैं, लेकिन इन्हें बनाने वाले कुम्हारों में ज्यादा खुशी नहीं है। इनका कहना है कि वर्षों की परंपरा के चलते इन्होंने मिट्टी के बर्तन बनाने की कला को नहीं छोड़ा, लेकिन इनकी वर्तमान और युवा पीढ़ी इस कला को सीखने और इसके जरिये अपना जीवन यापन करने से दूर भाग रही है। पारंपरिक रूप से वर्षों से मिट्टी को आकार देने में लगी कमली देवी(बदला हुआ नाम) कहती हैं, कि उनके बच्चे इस कला को नहीं सीखना चाहते हैं। उनके अनुसार, इस पेशे में मेहनत ज्यादा और कमाई काफी कम है। इसलिये वह कोई अन्य नौकरी करके अच्छा जीवन व्यतीत करना चाहते हैं। ऐसे में कमली देवी अपनी पारंपरिक कला को खत्म होते नहीं देखना चाहती हैं। चेहरे पर एक उदासी है। केवल कमली देवी ही नहीं, यह तमाम कुम्हारों का दुख बनता जा रहा है। वे अपनी इस कला के धरोहर को बचाना चाहते हैं, इसलिये सरकार से गुजारिश की है कि इसके लिये प्रोत्साहन के साथ प्रचार-प्रसार करे ताकि लोगों में इसकी जागरूकता बढ़े। तब शायद कुम्हारों की युवा पीढ़ी भी इस कला को संजोने एवं आगे बढ़ाने में संकोच नहीं करे

कोरोना काल में बढ़ते बेरोजगारों के लिये रोजगार पैदा करे या उन्हें आर्थिक सहायता दे यूपी सरकार- हरिनाम सिंह चौहान

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कोरोना काल में प्रदेश में लगातार बढ़ती बेरोजगारी पर चिंता व्यक्त करते हुए इंदिरा युवा वाहिनी के उपाध्यक्ष हरिनाम सिंह ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि "भले ही योगी सरकार यूपी की अच्छी छवि देश के सामने पेश करने में लगी है, मगर जमीनी स्तर पर यह कोरी बातों के सिवा कुछ भी नहीं है। उपाध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में पहले से ही बेरोजगारों की बड़ी संख्या है, और इस वक्त अधिकांश कंपनियों के बंद होने एवं कर्मचारियों की छंटनी से इनकी संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। पिछले तीन महीने से बेरोजगार होकर बैठे लोगों में हताशा और निराशा बढ़ने लगी है। जबकि बेरोजगारी की हालत इतनी बदतर है कि लगभग डेढ़ लाख युवा भी बी.एड. करके खाली बैठे हैं। सरकार इन्हें संविदा पर भी जोड़ सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।" उपाध्यक्ष ने आगे कहा कि योगी सरकार ने पहले भी प्रदेश में विभिन्न कंपनियों को लाने और बेरोजगारों को रोजगार देने की बातें की थी, मगर अब तक उसे पूरा करने में विफल रही हैं। साथ ही उपाध्यक्ष हरिनाम सिंह ने मजदूरों का मुद्दा उठाते हुए कहा है कि कोरोना के चलते सरकार की ओर से विभिन्न राज्यों से लौट

आपसी विवाद में दिन दहाड़े सड़क पर पति ने की पत्नी की हत्या, राहगीरों ने बनाया विडियो

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यूपी के लखीमपुर खीरी में उस वक्त हड़कंप मच गया जब सड़क किनारे एक पति ने पहले अपनी पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी फिर भी जब उसका मन नहीं भरा तब धारदार हथियार से हमला कर उसकी हत्या सुनिश्चित की, कि कहीं उसकी सांसें  बाकी तो नहीं रह गई। बर्बरता पूर्ण इस घटना की तस्वीर को राहगीरों ने अपने कैमरे में कैद कर लिया। जबकि इस सनसनीखेज घटना को अंजाम देने के बाद पति तनिक भी विचलित नहीं हुआ। पत्नी के बारे में हल्ला मचा कर लोगों को बताने लगा और पुलिस के आने तक वहीं मौजूद रहा। सूत्रों की जानकारी के अनुसार पति रंजीत पीलीभीत जनपद का रहने वाला था और अपनी पत्नी को थाना निघासन इलाके के सलीमाबाद गांव से विदा करा कर ले जा रहा था, लेकिन पत्नी अपने ससुराल जाने के लिये तैयार नहीं थी। इससे परेशान पति रंजीत ने पहले तो समझाया लेकिन जब वह नहीं मानी तब उसकी हत्या कर दी। पति ने बताया कि करीब 5 महीने से वह अपने मायके में रह रही है लेकिन बार-बार बुलाने पर भी ससुराल नहीं आ रही थी। समझाने बुझाने के बाद जब पति अपनी पत्नी को अपने घर ले जा रहा था, तब रास्ते में फिर उसने ससुराल जाने से मना कर दिया और रंजीत ने गुस्से में उसक

Immunity अथवा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये नाईपर लेकर आया है हर्बल चाय

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राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (नाईपर), मोहाली के प्राकृतिक उत्पाद विभाग ने हर्बल चाय विकसित की है, जो रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढाती है। यह हर्बल चाय शरीर में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बेहतर बनाती है ताकि इसका उपयोग कोविड-19 वायरल संक्रमण के खिलाफ एक निवारक उपाय के रूप में किया जा सके। यह हर्बल चाय अश्वगंधा, गिलोय, मुलेठी, तुलसी और ग्रीन टी जैसी 6 स्थानीय रूप से उपलब्ध जड़ी-बूटियों का एक संयोजन है, जिन्हें सावधानीपूर्वक निर्धारित अनुपात में मिलाया जाता है। इसके लिए प्रतिरक्षा बढाना,  तैयार करने में आसानी और पीने लायक स्वाद को ध्यान में रखा गया है। जड़ी-बूटियों का चयन आयुर्वेद में वर्णित “रसायन” अवधारणा पर आधारित है। रसायन का अर्थ है कायाकल्प। इन जड़ी-बूटियों का लंबे समय से विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं में उपयोग होता रहा है और इन्हें प्रतिरक्षा बढाने वाले प्रभावों के लिए जाना जाता है। ये जड़ी-बूटियां कोशिका स्तर पर प्रतिरक्षा कार्य करती हैं और वायरल / जीवाणु से लड़ने के लिए हमारे शरीर द्वारा उत्पन्न प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाती हैं। अधिकतम प्रतिरक्षा के प्रभाव के लिए को प्र

चिरायता, गिलोई, तुलसी, मुलेठी, काली मिर्च, सौंठ, दालचीनी, अजवाइन, सौंफ के मिश्रण से बने कांढ़े का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी-आदेश गुप्ता

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 दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा है कि चिरायता, गिलोई, तुलसी, मुलेठी, काली मिर्च, सौंठ, दालचीनी, अजवाइन, सौंफ के मिश्रण से बने काढ़े को 800 मि.ली. पानी में रात भर भिगोकर सुबह इसे 200 मि.ली. हो जाने तक उबालना है। पांच सदस्य का परिवार 40 मि.ली. प्रति व्यक्ति काढ़े का सेवन कर सकते हैं जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। गुप्ता ने बताया कि दिल्ली भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा आयुष मंत्रालय के दिशा निर्देश से तैयार किए गए काढ़े के 10 लाख पैकेटस जरूरतमंद लोगों के बीच वितरित किए जाएंगे। कोरोना से बचाव के लिए लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होना जरूरी है इसलिए जड़ी-बूटी, औषधि से बने काढ़े का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।   दिल्ली भाजपा ने 10 लाख काढ़े के पैकेट, 10 लाख सेनेटाइजर एवं 15 लाख फेस मास्क वितरण अभियान के साथ ही  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए संदेश “दो गज की दूरी, बहुत जरूरी“ को जन-जन तक पहुंचाने के लिए जनजागरण अभियान की शुरुआत की। गौरतलब है कि जनजागरण अभियान की शुरुआत के  तहत लोगों को डर और भय के माहौल से भी निकलने के लिए भी उन्हें जागरूक

अर्पण ने जमशेदपुर में रक्तदान कार्यक्रम में 1113 यूनिट रक्त संग्रह कर बनाया रिकॉर्ड

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13 से 15 जून 2020 तक अर्पण संस्था ने तीन दिवसीय रक्तदान कार्यक्रम आयोजित कर 1113 यूनिट रक्त संग्रह कर रिकॉर्ड कायम किया। कोविड 19 की अवधि में अर्पण परिवार ने जमशेदपुर में ब्लड बैंक धतकीडीह में 1113 यूनिट रक्त संग्रह कर रिकॉर्ड हासिल किया। इस दौरान संस्था के संरक्षक अमरप्रीत सिंह काले ने पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रक्तदाताओं और अतिथियों को 1600 पौधों के स्मृति चिह्न प्रशंसा पत्र वितरण करते हुए कहा कि यह 14 जून को अन्तर्राष्ट्रीय रक्तदान दिवस एवं वीर बिरसा मुंडा के शहादत दिवस पर समर्पित किया गया।  उन्होंने कहा कि हर इंसान चाहे वह स्त्री हो या पुरूष, सभी स्वस्थ व्यक्ति प्रत्येक 3 महीने में रक्तदान करेंगे तो लोगों को जीवनदान मिलेगा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था के संस्थापक जुगूण पांडेय, अखिलेश पांडेय, धनुर्धर त्रिपाठी, अभिषेक पांडेय, महेश मिश्रा, विभास मजूमदार, सुदेश मुखी, सुमन , शेखर मुखी, मंटु चावला, रिया मित्रा, नंदकिशोर मुंडा, सुरू पात्रा, शशि मुखी, रंजीत कुमार, विक्रम ठाकुर, संदीप सिंह, पशुपतिनाथ, सूरज, जयप्रकाश आदि सदस्य शामिल थे।

छत्तीसगढ़ में सुपोषण अभियान से हुई कुपोषण की दर में 13.79 फीसदी की कमी

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छत्तीसगढ़ में ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान‘ और विभिन्न योजनाओं के एकीकृत प्लान से बच्चों में कुपोषण दूर करने में बड़ी सफलता मिली है। कुपोषित बच्चों की संख्या में लगभग 13.79 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2019 में किये गये वजन त्यौहार से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 9 लाख 70 हजार बच्चे कुपोषित थे, इनमें से मार्च 2020 तक 67 हजार 889 बच्चे कुपोषण से मुक्त हो गए हैं। जो कुपोषण के खिलाफ शुरू की गई जंग में एक बड़ी उपलब्धि है। छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री बघेल ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के आंकड़ों में महिलाओं और बच्चों में कुपोषण और एनीमिया की दर को देखते हुए प्रदेश को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त करने अभियान की शुरूआत की। राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण-4 के अनुसार प्रदेश के 5 वर्ष से कम उम्र के 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषण और 15 से 49 वर्ष की 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित थे। इन आंकड़ों को देखे तो प्रदेश में 9 लाख 70 हजार बच्चे कुपोषित थे। इनमें से अधिकांश आदिवासी और दूरस्थ वनांचल इलाकों के बच्चे थे। इन आंकड़ों को सरकार ने एक चुनौती के रूप में लिया और  ‘कुपोषण मुक्त

इसरो, स्कूली छात्रों के लिये कर रहा है अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर केंद्रित प्रतियोगिताओं का आयोजन

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) स्कूली छात्रों के लिये साइबरस्पेस प्रतियोगिता (आईसीसी)-2020 नामक चार वर्गों में अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर केंद्रित प्रतियोगिताओं का आयोजन कर रहा है।  इन प्रतियोगिताओं के पहले वर्ग में पहली से तीसरी कक्षा के छात्रों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। दूसरे वर्ग में चौथी से आठवीं कक्षा के छात्र विज्ञान शिल्प या मॉडल्स में अपने हाथ आजमा सकते हैं। इसी तरह, नौवीं और दसवीं के छात्रों को निबंध प्रतियोगिता में शामिल होने का अवसर मिल सकता है। जबकि, ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के छात्र निबंध लेखन के साथ-साथ प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में भी हिस्सा ले सकते हैं। इन प्रतियोगिताओं में शामिल होने के लिए 24 जून 2020 से पहले इसरो की वेबसाइट  https://www.isro.gov.in/icc-2020  पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा। चारों वर्गों में शामिल सभी प्रतियोगिताएं अलग-अलग रूप से आयोजित की जाएंगी। किसी वर्ग विशेष की श्रेणी के लिए छात्रों की संबद्धता शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के दौरान उनके नामांकन पर आधारित होगी। जिन छात्रों के शैक्षणिक वर्ष 2019-20 के परिणाम अभ

क्या ये बीमारी दवा से कम और मनोबल से ज़्यादा ठीक होती है ?

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“तुम्हें कुछ नहीं होगा, तुम बिल्कुल ठीक हो जाओगे, मुझे यकीन है”, यह बात अगर किसी बीमार से कही जाती है, तो उस वक्त वह उम्मीद और उत्साह से भर जाता है। कई बार डॉक्टर अपने कुछ गंभीर मरीजों के बारे में कहते हैं, कि उनका बचना चमत्कार से कम नहीं था। ऐसा इसलिये कि भले ही मरीज की शारीरिक अवस्था अच्छी नहीं होती, लेकिन वह मानसिक रूप से इतना सशक्त और आशावान होता है कि बड़ी से बड़ी बीमारी को पछाड़कर ठीक हो जाता है। अपनों की पुकार उन्हें ज़िन्दगी में लौटने के लिये मजबूर कर देती है। कोरोना से भी जीतने के लिये डॉक्टर लोगों को इम्यून सिस्टम की मजबूती के साथ मानसिक रूप से मजबूत रहने की सलाह दे रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि हर व्यक्ति एक-दूसरे में उम्मीद पैदा करे, ताकि किसी भी सूरत में प्रभावित व्यक्ति जिन्दगी की डोर थामे रहे। मगर इसके विपरीत कोरोना के खौफ ने लोगों की जिंदगी में कुछ इस तरह असर डाला है कि शारीरिक दूरी के साथ भावनात्मक रूप से भी लोग एक-दूसरे से दूर हो रहे हैं। यदि व्यक्ति को यह पता चल जाए कि उसके जान-पहचान में या फिर कोई पड़ोसी कोरोना संक्रमित हो गया है, तब लोग उसकी उपेक्षा करने लगते हैं। ऐ

वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया ने की दिल्ली प्रदेश इकाई के कार्यसमिति की घोषणा

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हाल ही में वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया (WJI) संबंधित भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने अपने दिल्ली प्रदेश इकाई के कार्यसमिति की घोषणा की। इस बैठक की महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये जिनमें दिल्ली प्रदेश की कार्यकारिणी के नामित सदस्यों के नामों की घोषणा के साथ दिल्ली प्रदेश में संगठन के कार्यों को गति और दिशा देने, दिल्ली के पत्रकारों की समस्याओं को मजबूती से रखने, बड़े और छोटे पत्रकारों के बीच बिना भेद भाव किए उनके समस्याओं का निपटारा करने एवं संगठन को मजबूत करने के लिए नियमित बैठक और कार्यशालाओं का आयोजन करने पर चर्चा की गई।  बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप चौधरी ने की। मौके पर राष्ट्रीय महा सचिव नरेन्द्र भंडारी ने सभी पत्रकार साथियों को संबोधित करते हुए दो समितियों की घोषणा की। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय उपाध्याय ने कार्यसमिति के सम्मानित सदस्यों के नाम की घोषणा की। दिल्ली प्रदेश कार्य समिति के नामित सदस्यों की सूची में नरेश शर्मा, सुदीप जी, संदीप शर्मा, देवेंद्र सिंह तोमर, प्रमोद गोस्वामी, अशोक धवन, स्वतंत्र सिंह भुल्लर, मो इम्तियाज़ अहमद, महेश ढोंधियाल, दिनेश बेदी, सुनिल परिहार, गगन परिहार,

Digital Platforms के माध्यम से मनाया जाएगा इस साल ‘अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस’

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इस वर्ष डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से पूरी दुनियां में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। इस बात की जानकारी  भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के अध्‍यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे ने आयुष मंत्रालय के साथ आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में दी। डॉ. सहस्रबुद्धे ने कहा कि इस वर्ष होने वाले आयोजन के दौरान लोगों के लिए योग की उपयोगिता, वैश्विक महामारी से निपटने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने और इस संकट के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं के प्रबंधन के तहत समुदाय को मजबूत करने पर प्रकाश डाला जाएगा। दरअसल, कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इस वर्ष मंत्रालय लोगों को अपने पूरे परिवार की भागीदारी के साथ अपने-अपने घरों में ही योगाभ्यास करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। डॉ. सहस्रबुद्धे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने सभी लोगों से ‘मेरा जीवन - मेरा योग’ वीडियो ब्लॉगिंग प्रतियोगिता में भाग लेने का आह्वान किया है। आयुष मंत्रालय को भरोसा है कि प्रतियोगिता में रुचि लोगों के अच्‍छे स्वास्थ्य के रूप में नजर आएगी, क्योंकि कोविड-19 महामारी की स्थिति के कई पहलुओं के प्रबंधन में योग के सकारात्मक प्र

Bihar में बदलाव के लिए छोटे दलों एवं संगठनों ने बनाई व्यापक रणनीति

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बिहार में चुनावी आहट के बीच छोटे दलों एवं सामाजिक संगठनों ने बदलाव के लिए व्यापक रणनीति बनाते हुए बिहार कूच अभियान को हरी झंडी दे दी है। 7 जून को हुई इस बैठक में कई अहम् मसलों को अंतिम रूप दिया गया एवं जिम्मेदारियां तय की गयी। बैठक में शामिल हस्तियों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया। इस अभियान से जुड़े वरिष्ठ पत्रकारों कुमार समत,विवेकानंद चौधरी एवं मिथिला आंदोलनकारी विजय झा आजाद,जे एंड के पैंथर्स पार्टी के नेता राजीव ख़ोसला और एनडीपीएफ के बाबू मुन्ना एवं सुलतान कुरैशी ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि जिन प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा हुई उनमें हाईटेक एवं डोर टू डोर प्रचार के जरिये कृषि,चिकित्सा,शिक्षा, रोजगार जैसे बुनियादी मसलों के अलावा राज्य में सुशासन की स्थापना,बिहार का औद्योगिकरण,पलायनवाद से मुक्ति,पृथक मिथिला राज्य की स्थापना,भोजपुरी भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलाने एवं मध्य बिहार को पेय जल संकट से मुक्ति के मसले को प्राथमिकता से उठाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि अभियान से जुड़े दो व्यक्ति अगले सप्ताह पटना में कुछ प्रमुख दलों के नेताओं से बात करेंगे और सहमति बनी तो मिलकर चुनाव लड़े

फेसबुक लाईव के माध्यम से लाकडाउन में मनोरंजन

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लॉकडाउन के इस कठिन समय में जहां मनोरंजन के सीमित साधन रह गए हैं, वहीं भारतीय सिंधु शक्ति द्वारा फेसबुक लाईव के माध्यम से  प्रति  दिन सांय 8 बजे मनोरंजक कार्यक्रम पेश किए जा रहे हैं। भारतीय सिंधु शक्ति के प्रवक्ता दीपक गुरनानी ने बताया कि इस अवसर पर गीत संगीत, कथा कविता पाठ, हास्य व्यंग्य तथा वार्ता लाप के की कार्यक्रम पेश किए गए और आगे भी पेश किये जाएगे। रश्मि इंडिया कंचन निहलानी प्रदीप डूडवाणी इशिता ज्ञानचण्दाणी बंसी धमीजा संजय बिन्यानि गिरीश चावला रानी भम्भाणी संदीप शर्मा मनीषा शर्मा धीरज आनंद सहित कई कलाकारों ने अपने कार्यक्रम पेश किये और आगे भी करते रहेंगे ।