मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्मदिन 15 सितंबर बना इंजीनियर्स डे


15 सितंबर को मनाये जाने वाले इंजीनियर्स डे का श्रेय भारत के महान  इंजीनियर डॉक्टर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को है। इनका जन्म कर्नाटक स्थित मैसूर के कोलार जिले के चिक्काबल्लापुर में 15 सितंबर 1861 को हुआ था।


     भारत को समृद्धशाली बनाने में इनका अभूतपूर्व योगदान है। जब भारत माता ब्रिटिश शासन के जंजीर में बंधी थी तब कई महान उपलब्धियां इनके प्रयास से संभव हो पाई। सिंचाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए इन्होंने ब्लॉक सिस्टम बनाया।


इस सिस्टम की प्रशंसा ब्रिटिश अधिकारियों ने खुलकर की। इन्होंने एक बार जंजीर खींचकर ट्रेन रोक दी।  जब गार्ड ने पूछा तो कहा, ट्रेन की गति और आवाज के अनुसार आगे पटरी टूटी है। बात बिल्कुल सच साबित हुई। कुछ ही दूरी पर पटरी का जोड़ खुला था।


      1905 में ब्रिटिश सरकार ने इन्हें  कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द इंडियन एंपायर से सम्मानित किया। 1947 में ये ऑल इंडिया मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष बने। 1955 में इनकी अभूतपूर्व जनहितकारी उपलब्धियों के लिए इन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।


जब मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया 100 वर्ष के हुए तब भारत सरकार ने डाक टिकट जारी करके इनके सम्मान को और बढ़ाया। 101 वर्ष की आयु में 14 अप्रैल 1962 को इस महत्वपूर्ण व्यक्तित्व का अंत हो गया। पाठक मंच के साप्ताहिक कार्यक्रम इंद्रधनुष की 683वीं कड़ी में यह जानकारी दी गई।


     


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