विक्रम संवत पर निर्धारित है, भारत सरकार का वित्तीय वर्ष
नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया से सम्मानित गैर सरकारी संस्था दर्शन मेला म्यूजियम डेवलपमेंट सोसायटी के साप्ताहिक कार्यक्रम ‘इन्द्रधनुष‘ की 659वीं कड़ी में बताया गया कि “पुराणो के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था। प्राचीन काल से यह तिथि सृष्टि प्रक्रिया कि पुण्य तिथि रही है। संवत्सर चक्र के अनुसार इस तिथि को सूर्य अपने राशि चक्र की प्रथम राशि ‘मेष‘ में प्रवेश करता है। मान्यता है कि त्रेतायुग में श्री रामचन्द्र ने रावण पर विजय पाने के लिए भगवती दुर्गा की आराधना इसी तिथि को आरंभ की थी, यहीं से वासंतिक नवरात्रि की परंपरा प्रारंभ हुई। ईसा से 57 वर्ष पूर्व हिन्दु पंचाग के कालगणना प्रणाली पर आधारित स्थिति से विक्रम संवत आरंभ होती है। इसके प्रणेता चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त विक्रमादित्य को माना जाता है। कालीदास जैसे महान साहित्यकार सम्राट विक्रमादित्य के रत्न माने जाते हैं। भारतीय पंरपरा में शौर्य, पराक्रम तथा प्रजा हितैषी विक्रमादित्य ने 95 शक राजाओं को पराजित कर भारत को विदेशी राजाओं के दासता से मुक्त किया था। प्राचीन काल मे नया संवत चलाने से पहले पर