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Showing posts from February, 2019

13 महीने में पूरी हो जाएँगी नमामि गंगे की वर्तमान परियोजनाएँ- नितिन गडकरी

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केन्‍द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण, सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा नौवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आशवासन दिया है कि नमामि गंगे की सभी वर्तमान परियोजनाओं को मार्च, 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा। 27 फरवरी 2019 को नई दिल्‍ली में स्‍वच्‍छ गंगा आंदोलन पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि स्‍वच्‍छ और अविरल गंगा जल के प्रधानमंत्री के स्‍वप्‍न को पूरा करने के लिए वह कठोर परिश्रम कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों में गंगा कार्यों के लिए 27,000 करोड़ रुपयों की मंजूरी दी जा चुकी है, जबकि पिछले 50 वर्षों में केवल 4,000 करोड़ रुपये दिये गये। अब तक 276 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी हैं, जिनमें से 82 पूरी हो चुकी हैं। गंगा की 40 सहायक नदियों और प्रमुख नालों पर काम शुरू हो चुका है, जो नदी की पूरी सफाई के लिए आवश्‍यक होगा। उन्‍होंने कहा कि 145 में से 70 घाट पूरे हो चुके है और 53 मुक्ति धामों पर कार्य पूरा होने वाला है। समारोह की अध्‍यक्षता करते हुए वित्‍त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि स्‍वच्‍छ गंगा मिशन हमेशा से सरकार की सर्वोच्‍च प्रा‍थमिकता में रहा है। इसके परिणा

बढ़ते प्रदूषण से 2023 में 38.99 मिलियन डॉलर तक पहुँच सकता है एयर प्युरीफायर उद्योग

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उद्योग समुह एसोचेम एवं टेक सी रिसर्च के संयुक्त अध्ययन का परिणाम बताता है कि तेजी से बढ़ते शहरीकरण, शहरों में बढ़ती आबादी, क्रय शक्ति में वृद्धि एवं खराब हवा की गुणवत्ता के चलते वर्ष 2023 तक एयर प्युरीफायर उद्योग 29 प्रतिशत से अधिक के चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से 38.99 मिलियन डॉलर तक पहुँच सकता है। वर्तमान में यह उद्योग 14.14 मिलियन डॉलर का है। बायो मेडिकल वेस्ट एवं एयर पॉल्यूशन विषय पर आधारित इस संयुक्त अध्ययन में यह पता चला है कि तकनीकी प्रगति, एयर प्युरीफायर उद्योग की बेहतर प्रस्तुति की रणनीति, वायु जनित बीमारियों की संख्या में वृद्धि एवं स्वस्थ जीवनशैली की आकांक्षा ने एयर प्युरीफायर उद्योग को तेजी से बढ़ाने का काम किया है। वर्ष 2017 में तेजी से वायु प्रदूषण में वृद्धि हुई जिससे देश में वायुजनित रोगों में भी बढ़ोत्तरी देखी गई। शायद यही वजह रही कि 2017 में देश के एयर प्युरीफायर बाजार में आवासीय क्षेत्र का हिस्सा लगभग 22% था। अभी स्थिति ऐसी है कि घर और बाहर दोनों जगह बढ़ते प्रदूषण से अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के रोगियों की संख्या बढ़ रही है , जिसके पर

क्या पैकेज्ड उत्पादों की बढ़ती मांग से देश में बढ़ रहा प्लास्टिक कचरा ?

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एसोचैम-ईवाई  के संयुक्त अध्ययन में यह कहा गया है कि भारत हर दिन लगभग 0.025 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न करता है। इसमें से 94% थर्मोप्लास्टिक सामग्री है, जिसमें पॉलीइथिलीन टेरेफ्थेलेट पीईटी, कम घनत्व वाली पॉलीथीन (एलपीडीई), उच्च घनत्व पॉलीइथाइलीन (एचडीपीई) और पॉलीविनाइल क्लोराइड (पीवीसी) शामिल हैं, ये सभी पुनरावर्तनीय हैं। थर्मोसेट प्लास्टिक्स में शीट मोल्डेड कम्पोजिट (एसएमसी), फाइबर-रीइन्फोर्स्ड प्लास्टिक (एफआरपी), मल्टीलेयर्ड और थर्माकोल के रूप में उत्पन्न कुल कचरे का 6% गैर-रिसाइकेबल होता है। भारत प्लास्टिक और पैकेजिंग कंपनियों (पीपीसी) के लिए एक मजबूत बाजार हिस्सेदारी प्रदान करता है।  इसके पीछे बढ़ती जनसंख्या, आय के स्तर में वृद्धि, बदलती जीवन शैली एवं इंटरनेट और टेलीविज़न के माध्यम से मीडिया की बढ़ती पैठ है जो ग्रामीण भारत में पैकेज्ड उत्पादों की मांग को बढ़ा रही है। 2031 तक , प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन प्रति वर्ष होगा 31.4 मिलियन टन   एसोचैम-ईवाई  के बाजार अनुसंधान और डेटा विश्लेषण के अनुसार, शहरीकरण और औद्योगीकरण पर ध्यान देने के साथ, 2017 में भारत में प्रति पूंजी प्लास्टिक क

ताजमहल के आस-पास हरियाली बढ़ने से पर्यटकों को मिलेगा बेहतरीन नजारा

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हाल ही में आगरा में ताज महल और आगरा किले के बीच ताज कॉरिडोर क्षेत्र में ताज व्यू गार्डन की आधारशिला रखी गई है जिसका लक्ष्य ताज महल के आसपास तेजी से पौधारोपण कर हरियाली को बढ़ाना है। इससे ताज महल के आसपास प्रदूषण को घटाने में तो मदद मिलेगी ही साथ ही पर्यटकों को यहां बेहतरीन नजारा भी देखने को मिलेगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्थान और भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय मिलकर मुगलकालीन चारबाग गार्डन की तर्ज पर ताज व्यू गार्डन को विकसित कर रहा है।  इसके साथ ही मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने ताज महल के पूर्वी गेट पर नव-निर्मित पर्यटक सेवा केंद्र के पास स्थायी फोटो प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी का थीम ‘प्राचीन काल से ताजमहल’ रखा गया था। ये फोटो प्रदर्शनी सिर्फ पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र ही नहीं होगी बल्कि इससे अनुसंधान में रुचि रखने वाले लोगों और छात्रों को भी मदद मिलेगी। फोटो प्रदर्शनी में दिखाए गई तस्वीरों में से सबसे पुरानी तस्वीर 1862 की है जबकि सबसे हाल की तस्वीर 2018 की है। इस फोटो प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य  लोगों को हमारी बेहद मजबूत विरासत की एक झलक देना और युवा पीढ़ी को

संतों में अग्रणी थे संत रविदास

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गुरु रविदास का जन्म काशी में माघ पूर्णिमा के दिन संवत 1433 में हुआ था। इनके पिता राघवदास तथा माता का नाम करमा बाई था। इनकी पत्नी लोना एवं पुत्र विजय दास हुए। इनकी पुत्री का नाम रविदासिनी था। रविदास ने साधु संतों की संगति से पर्याप्त व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त किया था। जूते बनाने का काम इनके पैतृक व्यवसाय था और इन्होंने इसे सहर्ष अपनाया। ये अपना काम पूरी लगन तथा परिश्रम से करते थे और समय से काम को पूरा करने पर बहुत ध्यान देते थे। संत रविदास के जन्म दिवस पर नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया से सम्मानित गैर सरकारी संस्था दर्शन मेला म्यूजियम डेवलपमेंट सोसायटी की प्रमुख उपलब्धि ‘पाठक मंच‘ का साप्ताहिक निःशुल्क कार्यक्रम ‘इन्द्रधनुष‘ की 653वीं कड़ी पाठक मंच का सचिव शिवानी दत्ता  की अध्यक्षता में किया गया जिसमें बताया गया कि “कुलभूषण कवि संत शिरोमणि रविदास उन महान संतों में अग्रणी थे जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इनकी रचनाओं की विशेषता लोकवाणी का अद्भुत प्रयोग रही है, जिससे जनमानस पर इनका अमिट प्रभाव पड़ता है। इनकी समयानुपालन की प्रवृति

विकास के लिये दिल्ली भ्रमण पर हैं छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों के युवा

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छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलो के 187 बच्चे नेहरु युवा केंद्र के माध्यम से 15  से 21 फरवरी तक नई दिल्ली प्रवास पर हैं। इन आदिवासी युवाओं को विकास की मुख्य धारा में लाकर, देश के दूसरे हिस्से के अन्य साथियों के साथ भावनात्मक जुड़ाव की ओर ले जाने के साथ-साथ विकास की गतिविधियों से जोड़ने के लिए उन्हें विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल कराया जा रहा हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार व नेहरु युवा केंद्र के माध्यम से किया गया है। छत्तीसगढ़ के आदिवासी युवाओं के साथ आए नेहरु युवा केंद्र के वीरेंद्र खत्री और मोहन सिंह शाही ने बताया कि प्रथम दो दिन गांधी जी के विचारों पर आयोजित कार्यशाला में इन युवाओं ने भाग लिया। वे स्वच्छता और पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम में भी शामिल हुए। उन्हें विभिन्न शासकीय योजनाओं व कार्यक्रमों की इस दौरान जानकारी भी दी गई। नक्सल प्रभावित जिलों से आए इन युवाओं को बताया गया कि कौशल विकास के माध्यम से वे स्वयं का रोज़गार शुरू कर सकते हैं। आने वाले दिनों में इन्हें दिल्ली के विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराकर इतिहास से अवगत कराया जाएगा । ये युवा सीआरपीएफ कैंप का भ्रमण करने

‘एनआरआई विवाह पंजीकरण विधेयक, 2019’ पेश करने को कैबिनेट ने मंजूरी दी

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प्रधानमंत्री मोदी की अध्‍यक्षता में   केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एनआरआई (अनिवासी भारतीय) विवाह पंजीकरण विधेयक,  2019’ पेश करने को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्‍य ज्‍यादा जवाबदेही सुनिश्चित करने के साथ-साथ भारतीय नागरिकों, विशेषकर एनआरआई जीवनसाथियों द्वारा अपनी-अपनी पत्नियों का उत्‍पीड़न करने के खिलाफ उन्‍हें अपेक्षाकृत अधिक संरक्षण प्रदान करना है।   क्या है ये विधेयक इस विधेयक में कानूनी रूपरेखा में संशोधन करने का प्रावधान किया गया है, ताकि इससे दोषी एनआरआई जीवनसाथियों पर लगाम लग सके एवं ज्‍यादा जवाबदेही सुनिश्चित हो सके और इसके साथ ही एनआरआई से विवाह करने वाली भारतीय नागरिकों को उत्‍पीड़न के खिलाफ संरक्षण मिल सके। विधेयक पारित हो जाने पर अनिवासी भारतीयों द्वारा की जाने वाली शादियों का पंजीकरण भारत अथवा विदेश स्थि‍त भारतीय मिशनों एवं पोस्‍ट में कराना होगा और इसके लिए निम्‍नलिखित में आवश्‍यक बदलाव करने होंगे :- पासपोर्ट अधिनियम, 1967 में धारा 86ए को शामिल करते हुएफौजदारी या दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 में व्‍यापक प्रभाव भारत में अदालती कार्यवाही के लिए न्‍यायिक सम्‍मन जारी करना एक प्रमुख

रणवीर सिंह और आलिया भट्ट ने बर्लिनेल 2019 में भारतीय पैविलियन का दौरा किया

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रणवीर सिंह, आलिया भट्ट, जोया अख्तर और रितेश सिधवानी सहित आगामी फिल्म 'गली बॉय' की पूरी टीम ने बर्लिन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (बर्लिनेल) 2019 में भारतीय पैविलियन का दौरा किया। उन्‍होंने आईएफएफए 2019 की विवरणिका जारी की और भारतीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा आईएफएफए स्वर्ण जयंती समारोह के लिए इसी साल के अंत में होने वाले कार्यक्रमों से अवगत कराया गया। बर्लिन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने फिल्म उद्योग के आधा दर्जन से अधिक फिल्म महोत्सव प्रमुखों और प्रमुख वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुलाकात की। लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल की प्रमुख एवं डिप्‍टी आर्टिस्टिक डायरेक्‍टर नादिया द्रेस्ति को पायरेसी पर अंकुश लगाने और फिल्‍मांकन में सुगमता को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की कई नीतिगत पहलों के बारे में अवगत कराया गया। आईएफएफआई 2019 के लिए लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मदद मांगी। द्रेस्ति ने कहा कि उन्होंने पिछले साल गोवा में आयोजित आईएफएफआई का दौरा किया था और आईएफएफआई 2019 के लिए उनकी सक्रिय भागीदारी रहेगी।  भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने इंडो-जर्मन फिल्म्स के प्

क्या लाईफस्टाईल के बदलने से बढ़ रही है कुपोषण की समस्या ?

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न्युट्रीशनिस्ट दिव्या के अनुसार उनके पास 99 प्रतिशत लोग मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं, जिनमें पोषण की कमी होती है। इसका बड़ा कारण इन दिनों हमारे लाईफस्टाईल का बदलना भी है। बदलते वक्त के साथ अपनी पहचान बनाने और घर की जरूरतों को पूरा करने के लिये पुरूषों के साथ लगभग 80 प्रतिशत महिलाएँ काम के लिये घर से बाहर निकलने लगी हैं, जिसके चलते घर में संतुलित भोजन मिलने की संभावना काफी कम रह जाती है। कई बार बाहर के खाने से भी गुजारा करना पड़ता है। ऐसे में काम करने व अच्छी आय होने के बावजूद वक्त की कमी के चलते लोगों को संतुलित भोजन नहीं मिलता। कई घरों में वक्त की कमी और आलस की वजह से बाजार में मिल रहे महंगे और तैलीय मगर स्वादिष्ट जंक फूड अक्सर खाये जाते हैं, जिससे उन लोगों में कुपोषण की समस्या बढ़ रही है। ऐसे लोग ओबेसिटी यानि मोटापा, डायबिटीज, किडनी की समस्या, हाई कॉलेस्ट्रॉल, और अनीमिया के शिकार हो रहे हैं। जबकि दिव्या कहती हैं, जो लोग आर्थिक रूप से अधिक सबल नहीं हैं, लेकिन उनके घरों में पारंपरिक भोजन बनता है, और वे समय से सबके साथ मिलकर खाना खाते हैं, उनका पोषण बेहतर है, क्योंकि वे महँगाई के चलते

आयुष्मान भारत के लिए नया कदम

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नई दिल्ली , 13 फरवरी , 2019: आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के लिए सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए, इसकी कार्यान्वयन एजेंसी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) नैटहेल्थ-हेल्थकेयर फेडरेशन और इंडिया के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है।   योजना के प्रभाव को बढ़ाने हेतु विचारों की एक व्यापक श्रेणी पर सहयोग करने पर चर्चा करने के लिए नई दिल्ली में नैटहेल्थ और एनएचए के अधिकारियों ने बैठक की। बैठक के दौरान, यह निर्णय लिया गया कि एनएचए और राज्य सरकारों द्वारा मांगे जाने पर तकनीकी विशेषज्ञ और इनपुट प्रदान करने के लिए नैटहेल्थ पूरा समर्थन देगा और एक तंत्र स्थापित करेगा। गुणवत्ता और सुलभ स्वास्थ्य सेवा पैकेज का विकास पीएम-जेएवाई के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।   यह सहयोग एक महत्वपूर्ण समय पर आया है, क्योंकि एनएचए पूरे भारत में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने के लिए पैकेज दरों की जांच करने और मानक उपचार प्रोटोकॉल का विकास करने का काम शुरू करेगी। एनएचए, जिसके पास लागत अभ्यास और पैकेज दरों में संशोधन करने का अध

डीएमएमडीएस संस्था के माध्यम से गरीब तबके के बच्चे बन रहे हैं प्रतिभावान

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  चाईबासा : दर्शन मेला म्यूजियम डेवलपमेंट सोसायटी की प्रमुख उपलब्धि "पाठक मंच" द्वारा इंद्रधनुष कार्यक्रम की 652वीं कड़ी के रूप में बसंत पंचमी महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि चाईबासा विधायक दीपक बिरुवा एवं विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चंद्र महतो व सम्मानित अतिथि के रूप में शिक्षक राजकिशोर साहू व अधिवक्ता किशोर कुमार सिन्हा उपस्थित हुए। मुख्य अतिथि विधायक बिरुवा ने दर्शन मेला म्यूजियम डेवलपमेंट सोसायटी के संचालक चिन्मय दत्ता एवं उनकी टीम द्वारा बच्चों के बौद्धिक विकास किए जाने के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस मंच के माध्यम से गरीब तबके के बच्चे प्रतिभावान बन रहे हैं। माता-पिता से आगे गुरु का स्थान होता है ।   हमेशा गुरुजनों का आदर करना चाहिए।   विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चंद्र महतो ने कहा कि संस्था द्वारा बच्चों को कला के क्षेत्र में पारंगत किया जा रहा है, यह एक अच्छी पहल है। इस अवसर पर सम्मानित अतिथि शिक्षक राज किशोर साहू ने कहा कि संस्था ने विगत 14 वर्षों से अच्छे कार्यों के बदौलत अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इन्हीं सब कारणो

चैंपियंस लीग के राउंड ऑफ़ 16 के मुक़ाबले आज से

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यूएफा चैंपियंस लीग के राउंड ऑफ़ 16 के पहले लेग मुक़ाबले आज से शुरू होंगे। इस बार के मुक़ाबले हमेशा की तरह बड़े ही मज़ेदार होने वाले हैं। इस बार राउंड ऑफ़ 16 में यह मुक़ाबले होने वाले हैं :- 1) रोमा vs पोर्टो   इस समय दोनों टीमों का ही फॉर्म अच्छा चल रहा है। पोर्टो ने अपना ग्रुप टॉप किया था जिसमें शालके 04, गलतसराय और लोकोमोटिव मास्को शामिल थे। रोमा ने अपने ग्रुप में दूसरा स्थान हासिल किया था जिसमे रियल मेड्रिड, पलज़ेन और सीएसकेए मास्को शामिल थे। रोमा ने कभी भी पोर्टो को किसी यूरोपियन चैंपियनशिप में नहीं हराया है। 2004 में चैंपियंस लीग  जीतने के बाद पोर्टो सिर्फ दो बार ही इस पर्व से आगे जा पाया है। पोर्टो ने पिछले 5 बारियों में से एक भी नाकआउट गेम नहीं जीता। दिनांक - 13 फरवरी 2019   स्टेडियम - स्टेडिओ ओल्य्म्पिकों  अनुमानिक विजेता - पोर्टो   2) मेनचेस्टर यूनाइटेड vs पेरिस सेंट गेर्मैन  जब यह मुक़ाबला लोगों के सामने आया था तो सबने यही सोचा था- पेरिस यूनाइटेड को बहुत बुरी तरह से हराएगी। पर जबसे ओले गनर सोल्स्कजर ने टीम की मैनेजिंग कमान संभाली है, तबसे यूनाइटेड में वही पुराना रंग दिखने लगा है जो कभ

रेशम का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है भारत

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चीन के बाद भारत रेशम का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और रेशम का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। भारत की रेशम उत्पादन क्षमता 32,000 टन के वर्तमान स्तर से 2020 तक लगभग 38,500 टन तक पहुंचने की उम्मीद है। इस संबंध में सरकार द्वारा भी लगातार कोशिशे की जा रही हैं। कपड़ा मंत्रालय और केंद्रीय रेशम बोर्ड द्वारा नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में जनजातीय क्षेत्रों की महिला रीलरों को बुनियाद तसर सिल्क रीलिंग मशीनें वितरित की गईं। मशीन का वितरण जांघों पर रीलिंग की पुरानी परंपरा के कुल उन्मूलन का हिस्सा है और तसर रेशम क्षेत्र में गरीब ग्रामीण और आदिवासी महिला रीलरों की सही कमाई सुनिश्चित करना इसका लक्ष्य है। छत्तीसगढ़ के चंपा के एक उद्यमी के सहयोग से सेंट्रल सिल्क टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित की गई मशीन तसर सिल्क यार्न की गुणवत्ता और उत्पादकता में सुधार करेगी और महिलाओं के कठिन श्रम को कम करेगी। रीलिंग में जांघों के इस्तेमाल को समाप्त करने और मार्च 2020 का अंत तक इसे बुनियाद रीलिंग मशीन द्वारा बदलने की योजना है। बुनियादी मशीन के प्रयोग से बढ़ेगी प्रतिदिन कमाई गौरतलब है कि पारंपरिक विधि का उपय

देवदासी प्रथा समस्या और समाधान

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सांस्कृतिक वैभव से पूर्ण भारत में परंपरागत रूढ़िवादिता के साथ अंधविश्वासों का भी प्रचलन रहा है। ऐसी अवांछित प्रथाओं में से एक है देवदासी प्रथा। मध्ययुग में जो राजाओं और सामंतों का समय माना जाता है, तब बिना दास-दासियों के राजदरबार तथा महलों की कल्पना नहीं की जा सकती थी। उस मध्यकाल में ही राज सत्ता के साथ धर्म सत्ता का महत्व भी बढ़ता गया। मंदिरों और मठों में पुजारियों तथा मठाधीशों के अनेक प्रकार के अधिकारों तथा वैभव का उल्लेख मिलता है। उस समय के कई राज्यों में राजा से अधिक प्रतिष्ठा वहाँ के राजपुरोहितों और मठाधीशों की थी। तब से ही मंदिरों और पूजाघरों में (गिरिजाघरों में भी) सेवक तथा सेविकाओं को रखने की परंपरा चल पड़ी, जो अब तक विभिन्न रूपों में विद्दमान है। इस प्रसंग में यह उल्लेखनीय है कि मंदिरों और पूजाघरों में दास-दासियों के रखने की प्रथा का आरंभ भाव भक्ति से प्रेरित था। वे मंदिर के देवता या देवी की सेवा कार्य के लिये पुजारियों अथवा मठ के महंतों के द्वारा नियुक्त किये जाते रहे थे। मंदिरों में बालिकाओं या नारियों के अर्पण का चलन लगभग सभी प्राचीन सभ्यताओं में परिलक्षित होता है। बेविलोनि

कार्डिफ के रिकॉर्ड साइनिंग सला को श्रद्धांजलि

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28 साल के  सला, डेविड इब्बटसन के विमान में कार्डिफ़ की यात्रा कर रहे थे, जो 21 जनवरी को इंग्लिश चैनल पर लापता हो गए। रविवार सुबह मलबे के मिलने के बाद बुधवार देर रात अर्जेंटीना के खिलाड़ी का शव बरामद किया गया। डोरसेट पुलिस ने गुरुवार रात पहचान की पुष्टि की। एक बयान में, पुलिस ने कहा: "बॉडी को पोर्टलैंड पोर्ट में लाया गया, आज गुरुवार 7 फरवरी 2019 को, डोरसेट के लिए एचएम कोरोनर द्वारा पेशेवर फुटबॉलर एमिलियानो सला के रूप में औपचारिक रूप से पहचान की गई है। सोमवार को विमान के मलबे में शव देखा गया था और "चुनौतीपूर्ण" होने के बावजूद, अधिकारी इसे दो दिन बाद पुनर्प्राप्त करने में सक्षम रहे। एयर एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशंस ब्रांच (एएआईबी) ने कहा कि ऑपरेशन को "जितना संभव हो सके उतने तरीके से चलाया गया" और परिवारों को पूरे समय अपडेट रखा गया था। मलबे को खोजने में शामिल भू महासागर III, शव को डोरसेट में पोर्टलैंड के निकटतम बंदरगाह पर ले जाया गया, जहां शरीर की औपचारिक रूप से पहचान की गई थी। इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में, सला की बहन रोमिना ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा: "मेरी

आजादी की जंग में अखबार की थी बड़ी भूमिका

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स्वाधीनता संग्राम में जहां देश भक्तों क्रान्तिकारियों ने अपनी कुर्बानी दी वहीं आम जनता में जन गण मन की भावना लिए आजादी की लौ जलाये रखने के लिए देश की मीडिया ने भी खूब भूमिका निभाई। अंतर बस इतना था,कि उस वक्त इलेक्ट्रॉनिक न्यूज चैनल नहीं हुआ करते थे। मीडिया की पहचान सिर्फ अखबार से ही थी। यही नहीं आजादी की लड़ाई में अखबारों के संपादकों को जेल भी झेलनी पड़ी। आजादी की लड़ाई में क्रान्तिकारी देश भक्त अंग्रेजों से लोहा ले रहे थे, उस समय आजादी की हुंकार को आम जन तक पहुँचाने के लिए समाचार पत्रों की सख्त आवश्यकता थी। गुजरात में महत्मा गाँधी का ''हरिजन'' और ''यंग इण्डिया' आजादी की लौ जला रहे थे वहीं बंगाल से ''युगान्तर'' संध्या', नवशक्ति'' तथा ''वन्देमातरम' जैसे समाचार पत्र, अंग्रेजों के दमन को लोगों तक पहुँचाने तथा उन्हें आजादी की लड़ाई में कूदने के लिए उत्साहित कर रहे थे। महाराष्ट्र में बाल गंगाधर । तिलक की हुँकार ''स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है। ''क्रान्तिकारियों के खून में उबाल पैदा कर रहा था। तिलक के इस