कोविड-19 की चुनौतियों से लड़ने में पूर्व सैनिक भी देंगे अपनी सेवा

विश्व के अधिकांश देशों में तबाही मचा रहे कोरोना ने भारत में भी लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है, और यहां पिछले दो दिनों में इससे संक्रमित मरीजों की संख्या में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है। ऐसे में सरकार के साथ हर संस्था और देश का प्रत्येक नागरिक इससे लड़ने में तत्पर है। इसी के मद्देनजर रक्षा मंत्रालय के पूर्व-सैनिक कल्याण विभाग (ईएसडब्ल्यू) ने पूर्व सैनिकों को अपनी सेवाएं देने के लिए एकजुट किया है।


राज्य सैनिक बोर्ड और जिला सैनिक बोर्ड राज्य और जिला प्रशासन की सहायता के लिए अधिक से अधिक ईएसएम वॉलेंटियर को जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह सैनिक संपर्क का पता लगाने, समुदाय की निगरानी करने, क्वारंटाइन सुविधाओं का प्रबंधन करने जैसे कार्यों में अपना सहयोग करेंगे।


गौरतलब है कि पूर्व सैनिकों की उपस्थिति पूरे देश के सभी जिलों और गांवों में है।  पंजाब  में "गार्जियन ऑफ गवर्नेंस" संगठन में 4200 पूर्व सैनिक हैं, जो गांवों के डाटा संग्रह में प्रशासन की सहायता कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने पुलिस की सहायता के लिए कुछ पूर्व सैनिकों की सेवाएं ली हैं। इसी प्रकार आंध्र प्रदेश में सभी जिला कलेक्टरों ने पूर्व सैनिकों की सेवाएं प्राप्त करने का प्रस्ताव दिया है।


उत्तर प्रदेश में सभी जिला सैनिक कल्याण अधिकारी जिला नियंत्रण कक्षों के संपर्क में हैं तथा सेवानिवृत्त सेना चिकित्सा कर्मियों की पहचान की गई हैं तथा उन्हें तैयार रहने के लिए कहा गया है। इसके अलावा उत्तराखंड में सैनिक रेस्ट हाऊसों को क्वारेंटाईन सुविधाओं के लिए तैयार किया गया है। गोवा में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है और पूर्व सैनिकों को स्थानीय प्रशासन की सहायता के लिये तैयार रहने के लिए कहा गया है।


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