नये एचएस कोड मिलने से खादी निर्यात को मिलेगा बढ़ावा



सरकार द्वारा 4 नंवबर 2019 को आवंटित किये गए विशेष एचएस कोड ब्रैकेट में खादी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कर ली है। अलग से मिले एचएस कोड से खादी के उत्‍पादों को देश के अन्‍य वस्‍त्र उत्‍पादों की श्रेणी से पृथक किया गया है जिससे अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में इसे अलग पहचान मिलेगी और उसके निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। 


इस बारे में खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्‍यक्ष विनय कुमार सक्‍सेना ने कहा कि इस व्‍यवस्‍था से खादी के निर्यात में एक नया अध्याय शुरु होगा। अब तक खादी के पास अपना अलग एचएस कोड नहीं था, जिसकी वजह से इसके निर्यात से जुड़े आंकड़े अलग से नहीं मिल पाते थे। ये वस्‍त्र श्रेणी में निर्यातित उत्‍पादों के साथ ही जोड़ दिए जाते थे। अलग एचएस कोड मिलने से अब खादी वस्‍त्रों के निर्यात के आंकडे अलग से मिल सकेंगे जिससे आगे निर्यात रणनीति तय करने में मदद मिलेगी।


क्या है एचएस कोड?


एचएस अर्थात सामंजस्‍य प्रणाली (हार्मोनाइज्‍ड सिस्‍टम) विश्‍व सीमाशुल्‍क संगठन (डब्‍ल्‍यूसीओ) द्वारा विकसित छह अंको वाली ऐसी कूट प्रणाली है जिसके जरिए सीमा शुल्‍क अधिकारी निर्यात की जाने वाली वस्‍तुओं को अलग अलग श्रेणियों में क्‍लीयरेंस देते हैं।


खादी- ग्रामोद्योग उत्पाद पर्यावरण के अनुकूल हैं  जिनकी अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में  बहुत मांग है। निर्यात क्षमता और इसके पर्यावरण के अनुकूल महत्व को स्वीकार करते हुए, वाणिज्य मंत्रालय ने खादी उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 2006 में खादी ग्रामोद्योग आयोग को  निर्यात प्रोत्साहन परिषद का दर्जा (ईपीसीएस) दिया था।


खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्‍यक्ष विनय कुमार सक्‍सेना ने खादी के लिये अलग एसएस कोड का श्रेय केन्‍द्रीय सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम मंत्री नितिन गड़करी केन्‍द्रीय वाणिज्‍य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं वित्‍त मंत्री सीतारमण को दिया है। 



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