यूएफा चैंपियंस लीग के क्वार्टर फाइनल के ड्रा निकले


चैंपियंस लीग के क्वार्टर फाइनल मैचों के शुक्रवार को ड्रॉ डाले गए। इन ड्रॉ में कई मज़ेदार मुक़ाबलों की घोषणा हुई जिसमें बार्सिलोना विरुद्ध मेनचेस्टर यूनाइटेड , मेनचेस्टर सिटी विरुद्ध टॉटेनहैम जैसे मैच शुमार हैं। चैंपियंस लीग के क्वार्टर फाइनल के पहले लेग के मुक़ाबले 10 और 11 अप्रैल को खेले जायेंगे और दूसरे  लेग के मुक़ाबले 17 और 18 अप्रैल को खेले जाएंगे। सेमीफइनल के मुक़ाबले इस पारकर होंगे, जुवेंटस / अजाक्स विरुद्ध मेनचेस्टर सिटी / टॉटेनहैम  और  लिवरपूल / पोर्टो विरुद्ध बार्सिलोना / मेनचेस्टर यूनाइटेड।        


चलिए बात करते हैं चैंपियंस लीग के मुक़ाबलों की : 


1) जुवेंटस विरुद्ध अजाक्स 



क्रिस्टिआनो रोनाल्डो की मौजूदगी में जुवेंटस इस बार विजेता बनने के लिए प्रबल दावेदारों में से एक मानी जा रही है। वहीँ अजाक्स रियल मेड्रिड को हरा एक ड्रीम रन पर है। लगता है यह वही अजाक्स है जिसकी नीव जोहन क्रुयफ ने रखी थी। लेकिन जुवेंटस भी इतनी आसानी से इस खिताब को अपने से दूर नहीं जाने देगा और इसका प्रमाण रोनाल्डो ने पिछले मैच के अपने खेल से ज़ाहिर कर दिया था। 


2) लिवरपूल विरुद्ध पोर्टो


     


यह मैच पिछले साल के राउंड ऑफ़ 16 में भी हुआ था जिसमे लिवरपूल 5 - 0 से जीता था। बायर्न म्युनिक को हरका लिवरपूल ने यह बता दिया है की वह किसी भी हालत में पीछे नहीं हटने वाली। पोर्टो का प्रदर्शन भी इस साल बहुत अच्छा रहा है। यह बिलकुल ही एक टक्कर का मुक़ाबला होगा। दोनों ही टीमें अपना पूरा दमखम लगाने को तैयार हैं। 


3) मेनचेस्टर सिटी विरुद्ध टॉटेनहम हॉटस्पर 



दोनों ही टीमें अपने पहले खिताब की खोज में हैं। यह टीमें दस दिनों के अन्तराल में 3 बार मिलेगी दो बार चैंपियंस लीग में और एक बार प्रीमियर लीग में मिलेगी। मेनचेस्टर सिटी ने जहाँ शालके को पस्त कर दिया था वहीँ टॉटेनहम ने डॉर्टमुंड को हरा अपनी दावेदारी पेश की थी। यह मुक़ाबला बहुत ही रोचक और मज़ेदार होगा। 


4) मेनचेस्टर यूनाइटेड वस बार्सिलोना 


 


इस मुक़ाबले में अभी से ही बहुत लोग दिलचस्पी ले रहे हैं। यह गेम 2009 ओर 2011 के फाइनल का रिकैप है जिन दनो मुक़ाबलों में बार्सिलोना की ही जीत हुई थी। ओले गन्नार सोलकजर का यह सबसे मुश्किल और महत्त्वपूर्ण मैच माना जा रहा है। बार्सिलोना के कप्तान लिओनेल मेस्सी इस समय बेहद ही अच्छे फॉर्म में हैं और इंग्लिश टीमों के खिलाफ उनका रिकॉर्ड मेनचेस्टर के लिए एक बहुत बड़ी चिंता का विषय है।  


 


   


 


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