29 दिसम्बर को पैदा हुए इन दो मशहूर हस्तियों को नहीं मिल सका मातृप्रेम

मां शब्द से ही प्यार और ममता की अनुभूति इस संसार में पैदा होने वाले हर शख्स को होने लगती है। मगर कई ऐसे भी होते हैं, जिन्हें जन्म के बाद अपनी मां की ममता से अछूता रहना पड़ता है। हालांकि दुनियां उन्हें उनके नाम और काम-काज को बहुत पूजती है, मगर उनके जीवन में मां की कमी हमेशा ही खलती है। उन्हीं में से दो मशहूर व्यक्ति थे जिनका जन्म आज ही के दिन यानि 29 दिसम्बर को हुआ था।


 29 दिसम्बर 1917 को पंजाब में रामानन्द सागर का जन्म हुआ। इनके बचपन का नाम चन्द्रमौली था।  इन्हें इनकी दादी ने गोद ले लिया था। यह फिल्म क्षेत्र से जुड़े और 1950 में अपनी प्रोडक्शन कंपनी सागर आर्ट्स बनाई। 1985 में छोटे पर्दे की दुनिया में उतरे। इनके द्वारा निर्मित सर्वाधिक लोकप्रिय धारावाहिक रामायण से लोगों के दिलों में इनकी छवि एक आदर्श के रूप में स्थापित हो गई। इनके द्वारा निर्मित प्रसिद्ध धारावाहिकों में विक्रम बेताल, दादा दादी की कहानियां, श्री कृष्णा, अलिफ लैला, और जय गंगा मैया  शामिल हैं।


      29 दिसम्बर 1942 को ही अमृतसर में राजेश खन्ना पैदा हुए। इनके बचपन का नाम जतिन था। इन्हें इनके रिश्तेदार चुन्नीलाल खन्ना ने गोद ले लिया था। जतिन खन्ना और रवि कपूर सहपाठी थे। जतिन खन्ना जाने गए राजेश खन्ना के नाम से और रवि कपूर जितेन्द्र के नाम से जाने गए। जितेन्द्र को कैमरे के सामने बोलना राजेश खन्ना ने सिखाया था। 1966 में फिल्म आखिरी खत से राजेश खन्ना ने अभिनय की शुरुआत की।


 असली कामयाबी इन्हें 1969 की फिल्म आराधना से मिली। 1969 से 1971 के दौर यह हिन्दी फिल्मों के पहले सुपर स्टार रहे। बांग्ला फिल्म जर्नलिस्ट के लिए इन्हें तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार मिला। राजेश खन्ना निर्देशक और निर्माता भी रहे। 1991 से 1996 तक ये नई दिल्ली लोक सभा से कांग्रेस पार्टी के सांसद रहे।


     संयोगवश 29 दिसम्बर को जन्म ग्रहण करने वाले इन दोनों कलाकारों को मां का प्यार नहीं मिला। 12 दिसम्बर 2005 को रामानन्द सागर और 18 जुलाई 2012 को राजेश खन्ना ने मुंबई में ही अंतिम सांस ली।  


पाठक मंच के साप्ताहिक कार्यक्रम इंद्रधनुष की 698वीं कड़ी में यह जानकारी दी गई।


 


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