गणितज्ञों के गणितज्ञ का जन्मदिन है, राष्ट्रीय गणित दिवस

    गणित के महानतम विचारक श्रीनिवास अयंगर रामानुजन की गणना आधुनिक भारत के उन व्यक्तित्वों में की जाती है जिन्होंने विश्व में नए ज्ञान को पाने और खोलने की पहल की। आज यानि 22 दिसंबर को ही वर्ष 1887 में मद्रास से 400 किलोमीटर दूर इरोड नगर में  गणितज्ञ रामानुजन का दक्षिण भारतीय ब्राम्हण परिवार में जन्म हुआ। 


श्रीनिवास अयंगर रामानुजन के गणितज्ञ बनने के सफर की बात करें तो इनकी प्रारंभिक शिक्षा कुम्भकोणम के प्राइमरी स्कूल में हुई। 1889 में इन्होंने टाउन हाई स्कूल में प्रवेश लिया। जहां इन्हें जी. एस. कार की गणित पर लिखी पुस्तक पढ़ने का अवसर मिला। इस पुस्तक से प्रभावित होकर इनकी रुचि गणित में बढ़ने लगी। आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिये रामानुजन ने क्लर्क की नौकरी की जहां यह अक्सर खाली पन्नों पर गणित के प्रश्न हल किया करते।


        इसी दौरान एक बार एक अंग्रेज की नजर इन पन्नों पर गई जिसने निजी रुचि लेकर इन्हें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हार्डी के पास भेजने का प्रबंध किया। प्रोफेसर हार्डी ने इनमें छिपी प्रतिभा को पहचाना और इनकी ख्याति संपूर्ण विश्व में फैल गई। इनके लिखे आर्टिकल तत्कालीन समय की सर्वोत्तम विज्ञान पत्रिका में प्रकाशित होते थे। 26 अप्रैल 1920 को  कुम्भकोणम में रामानुजन ने अंतिम सांस ली। 


गणित में की गई इनकी अद्भुत खोजें आधुनिक गणित और विज्ञान की आधारशीला बनी। संख्या सिद्धांत पर इनके अद्भुत कार्य के लिए इन्हें संख्याओं का जादूगर माना जाता है। इनके महान गणितीय योगदान के लिए इनको गणितज्ञों का गणितज्ञ भी कहा जाता है। भारत में इनके जन्मदिन 22 दिसम्बर राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है।


पाठक मंच के साप्ताहिक कार्यक्रम इंद्रधनुष की 697वीं कड़ी में यह जानकारी दी गई।


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