साइंस एवं टेक्नॉलॉजी विषयों में छात्राओं की संख्या बढ़ाने के लिये डीएसटी और आईबीएम करेंगे साथ मिलकर काम

देश में युवा मेधावी लड़कियों में साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग एवं गणित के लिये रूचि बढ़ाने को लेकर हाल ही में 8 अक्टूबर 2020 को डीएसटी के साथ आईबीएम इंडिया ने विज्ञान ज्योति और एंगेज विद साइंस कार्यक्रम के लिये सहयोग की घोषणा की है।


 विज्ञान ज्योति छात्राओं के बीच एसटीईएम सीखने को प्रोत्‍साहन देने के लिए और एसटीईएम करियर के प्रति उन्हें प्रेरित करने के लिए 9 से 12 वीं कक्षा तक की मेधावी छात्राओं के लिए एक समान अवसर का निर्माण करने के लिए एक कार्यक्रम है, जो विशेष रूप से क्षेत्रों के शीर्ष महाविद्यालयों से एसटीईएम को आगे बढ़ाने के लिए है, जहाँ लड़कियों की संख्‍या काफी कम है।


विज्ञान व प्रोद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और आईबीएम इंडिया भारत में शिक्षकों और छात्रों के लिए अल्पावधि पाठ्यक्रमों, कार्यशालाओं, सलाह और ऑनलाइन विज्ञान सामग्री संचार के साथ शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने और विकसित करने के लिए एक साथ काम करेंगे।


इस तरह देश के युवाओं में सीखने और वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए एक शिक्षण मंच तैयार किया जाएगा।


डीएसटी के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने बताया कि अगले 5 साल में, हम इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विषयों में नामांकित छात्राओं के अनुपात को कुल एक तिहाई तक बढ़ाना चाहते हैं। छात्राओं को एसटीईएम क्षेत्रों में उच्च शिक्षा और करियर बनाने के लिए प्रेरित करने के लिए डीएसटी ने 2019 में विज्ञान ज्योति कार्यक्रम शुरू किया था।


इस कार्यक्रम के माध्‍यम सेआसपास के वैज्ञानिक संस्थानों का दौरा, विज्ञान शिविर, प्रख्यात महिला वैज्ञानिकों के व्याख्यान और कैरियर परामर्श के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इस कार्यक्रम को फिलहाल जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) द्वारा 58 जिलों में लागू किया गया है, जिसमें लगभग 2900 छात्र-छात्राओं की भागीदारी है।


आईबीएम इंडिया के साथ साझेदारी वर्तमान गतिविधियों को मजबूत करेगी और भविष्य में अधिक स्कूलों को शामिल करने के लिए इसे बढ़ाया जाएगा। आईबीएम इंडिया में काम करने वाली महिला तकनीकी विशेषज्ञ छात्राओं को कार्यक्रम के तहत एसटीईएम में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेंगी। यह प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए डीएसटी की पहल को मजबूत करेगा।


 


Popular posts from this blog

पर्यावरण और स्वच्छता के लिहाज से ऐतिहासिक रहा आस्था का कुंभ 2019

मुखिया बनते ही आन्ति सामाड ने पंचायत में सरकारी योजनाओं के लिये लगाया शिविर

झारखंड हमेशा से वीरों और शहीदों की भूमि रही है- हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री झारखंड