फुलपरास विधानसभा क्षेत्र एक बार फिर सुर्खियों में।


बिहार का फुलपरास विधान सभा क्षेत्र एक बार फिर सुर्खियों में है।


इस बार इस क्षेत्र में चेलों की प्रतिष्ठा दाव पर है।आज से 42 वर्ष पहले यह क्षेत्र उस समय सुर्खियों में आया था जब तत्तकालीन मुख्यमंत्री जन नायक कर्पूरी ठाकुर उपचुनाव लड़ने आये थे।


उस समय प्रतिपक्ष के नेता डॉ.जग्गनाथ मिश्र ने श्री ठाकुर के खिलाफ राम जयपाल सिंह यादव को मैदान में उतारा था और दोनों के बीच कड़ा मुकावला हुआ था।


इस बार यह मुकाबला चेलों के बीच है।जदयू ने बिहार के मंत्री संजय झा के करीबियों में सुमार शीला मंडल को मैदान में उतारा है।वह क्षेत्र में नयी हैं।


महागठबंधन की ओर से कांग्रेस ने गुजरे जमाने में छोटे सरकार के नाम से प्रसिद्ध सतेंद्र बाबू के खास रहे पूर्व मंत्री कृपानाथ पाठक को टिकट दिया है।


वहीं बिहार जदयू के अध्यक्ष वशिष्ट दादा के सानिध्य में रहे जदयू के पूर्व एमएलसी विनोद सिंह लोजपा से जंग में हैं।


इन सभी  के बीच खुद के जनाधार को लेकर इंजीनियर से नेता बने देवनाथ यादव की पत्नी एवं निवर्तमान विधायिका गुलजार देवी निर्दलीय  मैदान में हैं।


अर्से तक यह क्षेत्र एक खास जाति बाहुल्य रहा लेकिन परिसीमन के बाद इसका न सिर्फ भूगोल बदला वल्कि यहां का जातीय समीकरण भी बदल गया है।


विधान सभा के इस चुनाव में राजनीतिक दलों ने भी अपने प्रभाव वाले जाति के हिसाब से प्रत्याशी खड़े किये हैं।इसी जाति के बूते प्रत्याशियों ने नामांकन के समय अपनी शक्ति दिखाने की कोशिश की है।


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