‘एनआरआई विवाह पंजीकरण विधेयक, 2019’ पेश करने को कैबिनेट ने मंजूरी दी


प्रधानमंत्री मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एनआरआई (अनिवासी भारतीय) विवाह पंजीकरण विधेयक,  2019’ पेश करने को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्‍य ज्‍यादा जवाबदेही सुनिश्चित करने के साथ-साथ भारतीय नागरिकों, विशेषकर एनआरआई जीवनसाथियों द्वारा अपनी-अपनी पत्नियों का उत्‍पीड़न करने के खिलाफ उन्‍हें अपेक्षाकृत अधिक संरक्षण प्रदान करना है। 


क्या है ये विधेयक


इस विधेयक में कानूनी रूपरेखा में संशोधन करने का प्रावधान किया गया है, ताकि इससे दोषी एनआरआई जीवनसाथियों पर लगाम लग सके एवं ज्‍यादा जवाबदेही सुनिश्चित हो सके और इसके साथ ही एनआरआई से विवाह करने वाली भारतीय नागरिकों को उत्‍पीड़न के खिलाफ संरक्षण मिल सके।


विधेयक पारित हो जाने पर अनिवासी भारतीयों द्वारा की जाने वाली शादियों का पंजीकरण भारत अथवा विदेश स्थि‍त भारतीय मिशनों एवं पोस्‍ट में कराना होगा और इसके लिए निम्‍नलिखित में आवश्‍यक बदलाव करने होंगे :-



  • पासपोर्ट अधिनियम, 1967 में

  • धारा 86ए को शामिल करते हुएफौजदारी या दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 में


व्‍यापक प्रभाव


भारत में अदालती कार्यवाही के लिए न्‍यायिक सम्‍मन जारी करना एक प्रमुख समस्‍या है, जिसके लिए इस विधेयक में आवश्‍यक प्रावधान किया जाएगा। इसके लिए फौजदारी अथवा दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 में संशोधन किया जाएगा। अत: इस विधेयक के फलस्‍वरूप अनिवासी भारतीयों से वि‍वाह करने वाली भारतीय नागरिकों को अपेक्षाकृत ज्‍यादा संरक्षण मिलेगा। इसके साथ ही यह विधेयक अपनी जीवनसाथी का उत्‍पीड़न करने वाले अनिवासी भारतीयों पर लगाम लगाएगा। इस विधेयक से विश्‍व भर में अनिवासी भारतीयों से विवाह कर चुकी भारतीय महिलाएं लाभान्वित होंगी।


 


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