31 अक्टूबर, 2020 तक 8 लाख मानव दिवस रोजगार के अवसरों का सृजन करेगी रेलवे

रेलवे द्वारा लगभग 160 बुनियादी ढांचागत कार्यों की पहचान की गई है, जिनमें तेजी लाई जानी है। इनसे हजारों कामगार जुड़ेंगे और अनुमानित तौर पर अक्टूबर, 2020 तक इनसे 8 लाख मानव दिवस रोजगार पैदा होंगे। इन जिलों में लगभग 1,800 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।


रेलवे ने ऐसे रेल कार्यों की भी पहचान की है, जिन्हें मनरेगा के माध्यम से पूरा कराया जा सकता है। ये कार्य लेवल क्रॉसिंग के लिए संपर्क मार्गों के निर्माण एवं रखरखाव, रेल पटरियों से सटे अवरुद्ध जलमार्गों, खाइयों और नालियों के विकास और उनकी सफाई, रेलवे स्टेशनों को जाने वाले संपर्क मार्ग का निर्माण तथा रखरखाव, मौजूदा रेलवे तटबंधों/ कटाव (कटिंग्स) की मरम्मत और चौड़ीकरण, रेलवे की भूमि पर बड़ी सीमाओं पर वृक्ष लगवाना और मौजूदा तटबंधों/ कटाव/सेतुओं के लिए सुरक्षा कार्यों से संबंधित हैं।


रेल मंत्री ने 24 जून, 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से क्षेत्रीय रेलवे कार्यालयों और रेलवे पीएसयू के साथ बैठक के दौरान गरीब कल्याण रोजगार अभियान की प्रगति की समीक्षा की है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने क्षेत्रीय रेलवे को हर जिले के साथ ही राज्यों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने के निर्देश दिए, जिससे राज्य सरकारों के साथ बेहतर समन्वय कायम किया जा सके।


यादव ने क्षेत्रीय स्तर के रेलवे प्रशासन को परियोजनाओं से प्रवासियों का जुड़ाव सुनिश्चित करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम करने और इस क्रम में भुगतान करने के निर्देश दिए।


गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 जून, 2020 को गरीब कल्याण रोजगार अभियान नाम से एक व्यापक रोजगार-सह-ग्रामीण सार्वजनिक कार्य मुहिम की शुरूआत की, जिसके अंतर्गत टिकाऊ ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की जाएगी।


125 दिन के इस अभियान में एक मिशन के रूप में काम किया जाएगा, जिसमें 6 राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा 116 जिलों में घर लौटने वाले प्रवासी कामगारों को ध्यान में रखते हुए 25 श्रेणियों के कार्यों/ गतिविधियों के कार्यान्वयन पर जोर शामिल होगा।


यह अभियान 12 विभिन्न मंत्रालयों/ विभागों ग्रामीण विकास पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खनन, पेयजल एवं स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा, सीमावर्ती सड़कें, दूरसंचार एवं कृषि का मिला जुला प्रयास होगा।


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