आने वाले दिनों में बाजार बजटीय प्रावधानों का आंकलन करेगा और फिर से तेजी की दिशा में आगे बढ़ेगा-राजीव अग्रवाल

2020 वित्तीय बजट के खास पहलू के बारे में बताते हुए डायरेक्टर वेल्थ डिस्कवरी ग्रुप (कॉपीटेंट शेयर ब्रोकर) राजीव अग्रवाल ने कहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। पहली बार वित्त मंत्री ने इतना लंबा भाषण दिया जिसमें छः भाषाओं का प्रयोग हुआ हो। बजट में सरकार ने कई बिंदुओं का उल्लेख किया है, जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था में ऊर्जा का संचार होगा ऐसी अपेक्षा की जा सकती है।


सरकार ने पहली बार इनकम टैक्स स्लैब के 2 विकल्प प्रस्तुत किये है, जिसमें ज्यादा कर और डिडक्शन और कम कर बिना डिडक्शन का प्रावधान है। नीचे दिये गये टेबल में इनकम टेक्स की नई और पुरानी दरों की तुलना की गई है।














































कर योग्य आय के स्लैब (रुपये)


 



मौजूदा कर दरें


 



नई कर दरें



0 से 2.5 लाख



छूट


 



छूट


 



2.5 से 5



5%


 



5%



5  से 7.5 लाख



20%


 



10%



7.50 से 10 लाख



30%


 



15%



10 से 12.5 लाख


 



30%


 



20%



12.5 से 15 लाख


 



30%


 



25%



15 लाख से ऊपर


 



30%


 



30%



एक साधारण करदाता इसमें से जो भी विकल्प जिसमें टैक्स कम आता हो वह चुन सकता है। इसके अलावा सरकार ने डिस्ट्रीब्यूशन टेक्स को हटा लिया है, इससे कंपनियों पर अब दोहरी कर की मार नहीं लगेगी साथ में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।


सरकार ने इनोवेशन और स्टार्टअप निवेश को बढ़ावा देने कि दिशा में कुछ व्यापक कदम उठाये हैं। स्टार्टअप को अब 100 करोड़ तक के टर्नओवर कर हुए मुनाफो पर 3 सालों तक कोई टैक्स नहीं देना होगा, साथ ही इसॉप पर लगने वाले कर की देयता को आगे बढ़ा दिया गया है।


बैंक जमा कर्ताओं की पूंजी सुरक्षा देते हुए सरकार ने वर्तमान इंश्योरेंस की रकम को बढ़ा के पांच लाख कर दिया है। साथ ही सरकार ने IDBI बैंक में पूर्ण और LIC में आंशिक विनिवेश की घोषणा की है।


बजट में कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपयों का प्रावधान किया है। मौजूदा अर्थव्यवस्था को देखते हुए सरकार की तरफ से यह एक बैलेंस्ड बजट है, जिसमें आर्थिक सरलीकरण पर खासा महत्व  नहीं दिया है।


भारतीय शेयर बाजारों को बजट के प्रावधानों में शायद कमी अनुभव हुई जिसके कारण सूचकांक 1000 अंको से ज्यादा गिरा। हमारी यह अपेक्षा है कि आने वाले दिनों में बाजार बजटीय प्रावधानों का बारीकी से आंकलन करेगा और फिर से तेजी कि दिशा में आगे बढ़ेगा।


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