कोरोना संक्रमण काल में पश्चिमी सिंहभूम में ग्रामीण बच्चों को समावेशी शिक्षा से जोड़ने के लिये हो रहा है प्रयास।


चिन्मय दत्ता,
पश्चिमी सिंहभूम के नोआमुंडी प्रखंड के सुदूरवर्ती सारंडा क्षेत्र अंतर्गत 4 गांव बोकना, बराईबुरु, दिरीबुरु एवं चतोम्बसाई के 274 बच्चों को गुणवत्तापूर्ण समावेशी शिक्षा अभियान के तहत जोड़ा गया है। जिसके तहत कोविड-19 अनुरूप व्यवहार का पालन करते हुए सभी बच्चे नियमित रूप से प्रतिदिन 2 घंटे संचालित होने वाली कक्षा में भाग ले रहे हैं, जहां बच्चों को अक्षर ज्ञान बोध के अलावा स्कूली शिक्षा ज्ञान भी दिया जा रहा है।
यह कार्य पश्चिमी सिंहभूम जिला उपायुक्त के निर्देशानुसार जिला बाल संरक्षण कार्यालय के द्वारा कोरोनावायरस संक्रमण काल में संरक्षण पदाधिकारी  कृष्णा कुमार तिवारी द्वारा चार शिक्षिकाओं के सहयोग से हो रहा है।


इस बारे में बाल संरक्षण पदाधिकारी  पुनीता तिवारी ने बताया कि जल्द ही गोईलकेरा प्रखंड में भी समावेशी शिक्षा के लिए गांव के बच्चों को जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि समावेशी शिक्षा के आलोक में कोरोना संक्रमण काल में कम उम्र के बच्चों के मानसिक दबाव एवं अवसादों को कम करने के लिए रोचक कहानियों द्वारा उन्हें प्रेरित किया जा रहा है।  समावेशी शिक्षा बच्चों का ड्रॉप आउट होने एवं बाल तस्करी को रोकने में भी कारगर साबित होगा।


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