राज्य सूचना आयोग में खाली पदों के चलते आम जनता हो रही है सूचना के अधिकार से वंचित- विजय शंकर नायक, अध्यक्ष, झारखंडी सूचना अधिकार मंच।

 


सुकांति साहू, रांची

सूचना का अधिकार नागरिकों को सरकार की गतिविधियों के बारे में जानकारी देने के लिये एक बड़ा कदम है। देश में बड़ी संख्या में इस अधिकार के तहत सूचना अधिकार कार्यकर्ता विभिन्न विभागों से जानकारी प्राप्त करते हैं, लेकिन जब उससे संबंधित जानकारी देने के लिये अधिकारी ही उपलब्ध नहीं हों, तब इस अधिकार पर सवाल लाजिमी है। झारखंड में लंबे समय से सूचना आयुक्त की सेवानिवृत्ति हो जाने के बाद राज्य सूचना आयोग में आज तक सूचना आयुक्तों की अब तक नियुक्ति नहीं किए जाने से राज्य के सूचना अधिकार कार्यकर्ताओं एवं आम जनता को सूचना नहीं मिल पा रही है। इस संबंध में झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केन्द्रीय अध्यक्ष विजय शंकर नायक ने झारखंड के राज्यपाल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, अध्यक्ष सह वित्त मंत्री झारखंड सरकार एवं बंधु तिर्की पूर्व मंत्री सह विधायक मांडर विधानसभा क्षेत्र को ईमेल के माध्यम से पत्र लिखकर ध्यान आकृष्ट किया है।

विजय शंकर नायक ने इस बारे में ध्यान दिलाते हुए कहा है कि दिनांक 30 /11/ 2019 को मुख्य सूचना आयुक्त  सेवानिवृत्ति तथा दिनांक 8/5 /20 को एकमात्र सूचना आयुक्त की सेवानिवृत्ति हो जाने के बाद राज्य सूचना आयोग में आज तक सूचना आयुक्तों की नियुक्ति नहीं किए जाने से राज्य सूचना आयोग में सुनवाई नहीं हो पा रही है।  जिस कारण आज राज सूचना आयोग में -7669 एवं शिकायत वाद की संख्या -71 से अधिक पद रिक्त होने के बाद अपील बाद शिकायत वाद आवेदनों की संख्या- 995 कुल से अधिक अब तक लंबित वाद 8735 (आठ हजार सात सौ पैंतीस)  से अधिक वादो की सुनवाई स्थगित हो गई है। सुनवाई बाधित होने के कारण राज्य के सूचना अधिकार कार्यकर्ताओं एवं आम जनता को सूचना नहीं मिल पा रही है जिससे सूचना अधिकार कानून राज्य में मृत प्राय हो गई है। झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केन्द्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मुख्य सूचना आयुक्त के 1 पद एवं सूचना आयुक्त के 5 रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग झारखंड रांची के द्वारा प्रकाशित विज्ञापन संख्या 01/ 2020 निकाला गया था उक्त विज्ञापन के आलोक में सैकड़ों आवेदन प्राप्त हुए मगर आज तक इस संदर्भ में नियुक्ति हेतु कोई नयी कार्रवाई सरकार के द्वारा नहीं किया जाना राज्य के सूचना अधिकार कानून कार्यकर्ताओं एवं आमजन से धोखा है।

इसलिये झारखंड के राज्यपाल व मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हुए विजय शंकर नायक ने मांग की है कि राज्य हित में एवं सूचना अधिकार कानून हित तथा आम जनों के हित में मुख्य सूचना आयुक्त एवं सूचना आयुक्त के रिक्त पदों पर अविलंब नियुक्ति की दिशा में कारवाई की जाए और झारखंड में सूचना अधिकार कानून को मजबूत किया जाये।

 

 

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