भारत ने डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस में की है तेजी से प्रगति, IDSA सालाना सर्वे रिपोर्ट में पिछले साल की तुलना में 28 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज।
वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश IDSA वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2019-20 को वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर जारी करते हुए। |
नई
दिल्ली, 16 जुलाई, 2021
मीमांसा डेस्क,
इंडियन
डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (IDSA) ने आज यहां जारी वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की।
इसके अनुसार भारतीय डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री ने पिछले साल के मुकाबले 28% की स्वस्थ
वृद्धि दर्ज की है। 2019-20 के लिए इस ग्रॉस इंडस्ट्री टर्नओवर 16,776 करोड़ रुपए रहा,
जो कि 2018-19 में 13,080 करोड़ रुपए था।
वाणिज्य
एवं उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश ने इस्पोस स्ट्रैटेजी 3 द्वारा बनाई गई
इस IDSA वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2019-20 को वर्चुअल प्लेटफॉर्म
पर जारी किया। सर्वेक्षण जारी करते हुए मंत्री ने कहा, कि “डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री देश में लाखों
लोगों को स्वरोजगारी बनने और खुद पैसा कमाने के लिए एक अवसर प्रदान कर रहा है। इन उद्योगों के फलने-फूलने के लिए अनुकूल वातावरण
बनाना, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने
कहा कि मंत्रालय ने इस संबंध में कई पहल की हैं और मैं डायरेक्ट
सेलिंग इंडस्ट्री से उनका लाभ उठाने का आग्रह करता हूं।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस में तेजी से प्रगति की है। पिछले चार साल की अवधि में 18% सीएजीआर दर्ज किया है। देश में एक्टिव डायरेक्ट सेलर्स की संख्या 2018-19 में 5.7 मिलियन से 30% की वृद्धि दर्ज करते हुए 2019-20 में लगभग 7.4 मिलियन हो गई। उद्योग में 2019-20 में पुरुष और महिला डायरेक्ट सेलर्स की लगभग समान संख्या शामिल है।
एक प्रेस
कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए IDSA की चेयरपर्सन रिनी सान्याल ने कहा, “जब दुनियाभर में महामारी के कारण जबरदस्त
सामाजिक-आर्थिक संकट है, तब रिपोर्ट डायरेक्ट सेलिंग में कुछ बेहतरीन ट्रेंड्स को दिखाती
है। उद्योग की ग्रोथ ट्रेजेक्टरी पिछले कई वर्षों से बढ़ रही है। 18% का सीएजीआर इस
बात का प्रमाण है कि देश में डायरेक्ट सेलिंग व्यवसाय ने लगातार प्रगति की है और आने
वाले वर्षों में सरकार द्वारा आशाजनक नियामक ढांचे के बल पर अपनी स्थिति को और मजबूत
करने की ओर अग्रसर है।
सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, वेलनेस और न्यूट्रास्यूटिकल्स उत्पादों ने भारतीय डायरेक्ट सेलिंग सेल्स में 57% का योगदान दिया, इसके बाद कॉस्मेटिक्स और पर्सनल केयर सेग्मेंट ने 2019-20 में बिक्री में 22% योगदान दिया।
IDSA
के वाइस चेयरमैन रजत बनर्जी ने कहा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत 2019 में 15वें स्थान से चलकर
वैश्विक स्तर पर 12वें सबसे बड़ा डायरेक्ट सेलिंग मार्केट बन गया है। हमें विश्वास
है कि भारत पहले के अनुमानों की तुलना में बहुत जल्द दुनिया के टॉप-5 डायरेक्ट सेलिंग
मार्केट में पहुंच जाएगा।"
2019-20
के सर्वेक्षण के अनुसार, उत्तरी क्षेत्र ने देश में डायरेक्ट सेलिंग सेल्स में लगभग
28% का योगदान दिया, वहीं पूर्वी क्षेत्र ने लगभग 26% बिक्री का योगदान
दिया। राज्यों में, महाराष्ट्र में 2019-20 में सकल बिक्री का 12% के साथ देश भर में बिक्री का सबसे अधिक हिस्सा था, इसके
बाद पश्चिम बंगाल का देश में प्रत्यक्ष बिक्री बिक्री में 11% का योगदान था।
इप्सोस स्ट्रैटेजी3 के इंडिया हेड भास्कर कनगरादजौ ने कहा कि “लगभग
7.4 मिलियन डायरेक्ट सेलर्स भारत में डायरेक्ट सेलिंग उद्योग में कार्यरत हैं। जिसमें साल-दर-साल 30% की आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है। यह प्रत्यक्ष बिक्री
व्यवसाय में बढ़ते भरोसे और विश्वास को दर्शाता है।"
रिपोर्ट
के अनुसार ग्लोबल डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री 2020 में लगभग 179.3 बिलियन अमरीकी डॉलर
था, जो 2019 में 175.3 बिलियन अमरीकी डॉलर के उद्योग मूल्य से 0.1% की मामूली गिरावट
को दर्शाता है। हालांकि, यह गिरावट काफी हद तक चीन में व्यापार में गिरावट के कारण
है, जिसके परिणामस्वरूप ग्लोबल ट्रेड में कमी आई है। देशों में, संयुक्त राज्य अमेरिका
की ग्लोबल डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस में 2020 में 40,100 मिलियन अमरीकी डॉलर के बिक्री
मूल्य के साथ 22.4% की हिस्सेदारी थी। इसके बाद चीन का स्थान 10.7% की हिस्सेदारी के
साथ था, जिसमें 2020 में कुल डायरेक्ट सेलिंग बिक्री मूल्य 19,183 मिलियन डॉलर रहा।
रिपोर्ट
में हाल के रुझानों जैसे टेक्नोलॉजी के कुशल उपयोग, नीति सुधार, नए उत्पादों की शुरुआत
और सोशल मीडिया के उपयोग पर भी प्रकाश डाला गया है। यह भारत में सक्रिय कुछ प्रमुख
कंपनियों, उनके योगदान और उनके द्वारा अपनाई गई प्रमुख रणनीतियों पर भी चर्चा करता
है। कुल मिलाकर रिपोर्ट में मार्केट ड्राइवर्स,
चुनौतियां, अवसर, भविष्य का रोडमैप, निवेश क्षमता, प्रौद्योगिकियों का उपयोग
और नियामक इकोसिस्टम शामिल हैं।