शुरू हो रहा है एक एन्टरेक्टिव वर्चुअल म्युजियम, जो बताएगा देश के बहादुरों की कहानी


भारत के बहादुरों के वीरतापूर्ण कारनामों का सम्मान करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने एक इंन्टरेक्टिव वर्चुअल संग्रहालय बनाने की परियोजना शुरू की है। दरअसल, रक्षा मंत्रालय ने देश के अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के अवसर पर इसे शुरू किया है। मंत्रालय सोसायटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ साझेदारी में बिना किसी वित्तीय प्रभाव के इस परियोजना को लागू करेगा। जल्द ही इस प्रोजेक्ट के पूरा होने की उम्मीद की जा रही है। 
30 जून 2021 को रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने नई दिल्ली में एसआईडीएम के अध्यक्ष जयंत डी पाटिल को इस आशय का अनुमोदन पत्र सौंपा था। इस अवसर पर रक्षा सचिव ने कहा कि इस पहल से वीरता पुरस्कारों के विजेताओं के वीरतापूर्ण कार्यों को जीवंत किया जा सकेगा और आंतरिक और बाहरी खतरों से राष्ट्र को सुरक्षित करने में उनके अपार योगदान और अदम्य भावना को स्वीकार किया जा सकेगा। 
उन्होंने कहा कि इससे एक कृतज्ञ राष्ट्र देश के बहादुरों को श्रद्धांजलि देने में सक्षम होगा। रक्षा सचिव ने कहा कि यह परियोजना अपनी तरह का पहला साइबर संग्रहालय होगा जो युद्ध के नायकों को सम्मानित करेगा, साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह देशवासियों, विशेष रूप से युवाओं को राष्ट्र की सेवा के लिए प्रेरित करने के लिए वीरता पुरस्कार पोर्टल में बेहतरी करेगा। इस परियोजना का उद्देश्य सशस्त्र बलों के कार्मिकों के परिवारों के प्रति आभार व्यक्त करना और उनके प्रति राष्ट्र के सम्मान से अवगत कराना भी है। 
वर्चुअल म्यूजियम की मेजबानी वीरता पुरस्कार पोर्टल (https://www.gallantryawards.gov.in/) द्वारा की जाएगी। यह एक गैलरी बिल्डिंग, वॉल ऑफ फेम, तस्वीरों और प्रोफाइल के साथ एक पुरस्कार विजेता गैलरी, युद्ध स्मारकों का दौरा और बहादुरी की कहानियों को बताने वाला एक ऑडिटोरियम 'द वॉर रूम' के माध्यम से 3डी वॉक-थ्रू एक्सपीरियंस प्रदान करेगा। संग्रहालय में एनीमेशन वीडियो की एक श्रृंखला शामिल होगी जो युद्ध नायकों की बहादुरी भरी कहानियों को जीवन में लाएगी। इसके अलावा आगंतुकों को श्रद्धांजलि संदेश पोस्ट कर सम्मान देने की सुविधा होगी।

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