चक्रवाती तूफान का यहां बड़ा होता तांडव, प्रशासन और जनता की मुस्तैदी से टली मुसीबत

 चिन्मय दत्ता, चाईबासा।


चक्रवाती तूफान यास का तांडव बंगाल और उड़ीसा के बाद झारखंड में भी दिख रहा है। यहां चाईबासा  में तूफान के चलते बड़ा हादसा होने से टल गया। यहां के क्षेत्रीय विधायक दीपक बिरूआ को गुरूवार अलसुबह 3.45 बजे पुराना चाईबासा से एक युवक ने फोन किया कि पताहातु का डैम बंद होने के कारण बाढ़ अनियंत्रित होकर गांव में घुस रहा है। इसकी जानकारी मिलते ही विधायक दीपक बिरुवा ने संबंधित अधिकारियों से फोन पर बात कर उन्हें बिगड़ते हालात के बारे में बताया

इसके बाद लगभग 4 बजे पताहातु का डैम हल्का खोला गया। अन्यथा एक बड़ा हादसा हो सकता था। विधायक दीपक बिरुवा ने कहा कि प्रशासन और जनता के मुस्तैदी से एक बड़ा हादसा टल गया। नहीं तो बाढ़ का और भी ज्यादा विकराल रूप होता। उन्होंने पुराना चाईबासा जाकर बाढ़ से प्रभावित घरों व लोगों से मिले और सहयोग करने की बात कही।

इस दौरान डीडीसी संदीप बक्शी, एडीसी एजाज अनवर, एसडीओ शशिन्द्र कुमार बड़ाइक, डीटीओ अजय तिर्की, डीएसपी दिलीप खलखो, सदर बीडीओ पारुल सिंह, सीओ गोपी उरांव समेत सामाजिक कार्यकर्ता राजाराम गुप्ता, पार्षद हृदय शंकर बिरुवा, मो.फिरोज, मो.शेखू, हरिश देवगम आदि मौजूद थे। विधायक बिरुवा ने प्रशासनिक अधिकारियों से वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए आवश्यक दिशा निर्देश भी देते हुए प्रभावित लोगों को सहायता पहुंचाने का निर्देश दिया।

वहीं विधायक बिरुवा ने जल पथ प्रमंडल विभाग के कार्यपालक अभियंता से फोन में बात कर बाढ़ नियंत्रण के लिए विशेष निर्देश भी दिए तथा मौजूदा हालात पर लगातार मोनेटेरिंग करने का निर्देश दिया। वहीं विधायक ने सहयोग करने वाले युवाओं से मिलकर उनका हौसला अफजाई भी की।

गौरतलब है कि पश्चिमी सिंहभूम जिला उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार जिला अंतर्गत चक्रवाती तूफान के कारण तीव्र हवा एवं भारी बारिश की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों के निकलने के लिये क्षेत्रीय पदाधिकारियों के द्वारा तत्परता से कार्य किया जा रहा है तथा इस क्रम में सभी जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे सभी पदाधिकारी/कर्मी का सार्थक सहयोग भी लगातार मिल रहा है। 

राहत कार्य में जुड़े सभी व्यक्तियों के द्वारा सक्रियता के साथ जलजमाव वाले क्षेत्रों से जल निकासी का कार्य किया जा रहा है, साथ ही क्षेत्रों के आसपास रहने वाले लोगों को सूखा राशन भी उपलब्ध करवाया गया है। जिले में जानमाल को सुरक्षित रखने हेतु संचालित अस्थाई राहत कैंपों में भी रह रहें नागरिकों को भोजन पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। तेज गति से वायु के कारण अलग-अलग जगहों पर पेड़ के गिरने से बाधित रास्तों को पुनः बहाल किया गया है।

 

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