पश्चिम बंगाल चुनाव में वादों की झड़ियां
डॉ.समरेन्द्र पाठक,
वरिष्ठ पत्रकार
पश्चिम बंगाल में राज्य विधान सभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान पराकाष्ठा पर पहुँच गया है। राजनीतिक दल आरोप-प्रत्यारोप के बीच लोक लुभावने वादे करने लगे हैं। इस वजह से माहौल पूरा गर्म हो गया है। राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से मुख्य मंत्री ममता बनर्जी खुद कमान संभाल रखी है। पार्टी मुख्यालय तृणमूल भवन से प्रचार संचालित किया जा रहा है। इस वजह से पार्टी का दिल्ली स्थित 61 साउथ एवेन्यू कार्यालय वीरान पड़ा है।
उधर भाजपा के नयी दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कार्यालय एवं कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड़ पर चुनावी सरगर्मी देखी जा सकती है। भाजपा कार्यालय में क्षण क्षण की रिपोर्ट ली जा रही है। मीडिया सेल भी काफी सक्रिय है।कांग्रेस मुख्यालय में भी नेताओं का आना जाना लगा है।
राज्य में प्रथम चरण के लिए मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ ही प्रचार अभियान जोर पकड़ने लगा है। इसके साथ ही वादों का दौर भी शुरू हो गया है।
केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा ने तो चिटफंड घोटालों में डूबे लोगों के पैसे वापस दिलाने का वादा कर दिया है। वहीं राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने कहना शुरू कर दिया है,कि भाजपा पहले अपने शासित राज्य मध्य प्रदेश में एन.बी.प्लांटेशन के नाम पर कांग्रेस के एक पूर्व सांसद द्वारा लुटे गए हजारों करोड़ रुपये लौटाने में दिलेरी दिखाएं।
भाजपा पश्चिम बंगाल में जीत हासिल करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। वह बंगाल में ममता सरकार की नाकामी को उजागर करके एवं वादों के जरिये सत्ता में आना चाहती है।
इसके लिए दिल्ली विधान सभा चुनाव प्रचार की तर्ज पर अभियान चला रखा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह कई बार दोनों राज्यों का दौरा कर चुके हैं। पार्टी प्रचार की पूरी कमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा एवं प्रभारी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने संभाल रखी है।
भाजपा ने इस अभियान को गति देने के लिए अपने स्टार प्रचारकों को भी मैदान में उतार रखा है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम पहले स्थान पर है। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह,भाजपा के अध्यक्ष जे पी नड्डा एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य रूप से शामिल हैं। इनकी निरंतर सभाएं हो रही है।
इसके अलावा केंद्रीय मंत्रियों, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, नरेंद्र सिंह तोमर, स्मृति ईरानी, अर्जुन मुंडा, डॉ. जितेंद्र सिंह, एवं अनुराग सिंह ठाकुर, बीएल संतोष, बैजयंत जय पांडा, दिलीप सैकिया,बिहार के मंत्री शाहनवाज हुसैन, पूनम महाजन, मनोज तिवारी, रवि किशन, लॉकेट चटर्जी भी इस प्रचार में जुटे हैं।
भाजपा ने बंगाल में पहले दो चरणों के लिए कुछ जमींनी स्तर पर भी कार्यकर्ताओं को लगाया है,ताकि मतदाताओं को निर्भीक होकर पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित किया जा सके। इसके लिए देश के विभिन्न हिस्सों से टीम भेजी गयी है।
इसके अलावा पार्टी ने सात केंद्रीय मंत्रियों की एक टीम के अलावा, दो केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और आरके सिंह को भी राज्य में तैनात किया है। कांग्रेस एवं वाम पार्टियां भी कोशिशें कर रही है,लेकिन वे रंग नहीं जमा पा रहे हैं,जबकि बंगाल में 27 वर्षों तक वाम शासन रहा और उससे पहले कांग्रेस की सरकारें रही।
पश्चिम
बंगाल में चुनाव 27 मार्च
से 29 अप्रैल
तक आठ चरणों में होंगे। यह राज्य में अब तक का सबसे लंबा चुनाव है। परिणाम दो मई
को घोषित किये जायेंगे।