उपचुनाव में मिली जीत पर बोले आप पार्षद- दिल्ली के विकास मॉडल को जनता ने दिया वोट, इसे पेरिस बनाएंगे

दिल्ली नगर निगम की पांच सीटों पर हुए उपचुनाव में आप ने 4 सीटों पर जीत दर्ज की है और एक सीट कांग्रेस को मिली। आप पार्टी इस जीत से गदगद नजर आ रही है तो वहीं कांग्रेस ने एक सीट लाकर अपने लोगों को यह संदेश दिया कि उम्मीद अभी बाकी है। इधर 15 सालों से दिल्ली के तीनों निगमों पर राज कर रही बीजेपी को इन पांचों सीटों में किसी पर भी जीत नहीं मिलने से एक झटका जरूर लगा है। यहां तक कि बीजेपी ने उस सीट को भी गंवा दिया जिस पर वह काबिज रही थी।

दरअसल, रोहिणी सी, शालीमार बाग नॉर्थ, त्रिलोकपुरी ईस्ट, कल्याणपुरी व चौहान बांगर की सीटों पर 28 फरवरी को उपचुनाव हुए थे, जिनके परिणाम बुधवार 3 मार्च को घोषित हुए।  इस चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों ही बराबर रूप से सफाई एवं कर्मचारियों के वेतन को लेकर बीजेपी पर हमलावर रही थी। शायद यह भी एक वजह रही कि आप अपने हिस्से 4 सीटें लेकर आ गई। हालांकि शालीमार बाग की बीजेपी सीट को हासिल कर आप ने अपना दबदबा दिखाया वहीं चौहान बांगर की अपनी सीट कांग्रेस से हार गई। बावजूद इसके 5 में से 4 सीट पर खुद की जीत से आम आदमी पार्टी में काफी उत्साह नजर आ रहा है। उसे उम्मीद है कि अगले साल 2022 में होने वाले निगम चुनावों में वह बड़ी जीत हासिल करेगी। इस बारे में सीतापुरी वार्ड के आप पार्षद प्रवीण कुमार ने कहा कि दिल्ली की जनता ने उपचुनाव में मुख्यमंत्री केजरीवाल के विकास मॉडल को वोट दिया है। 2022 में होने वाले चुनाव में तीनों निगमों में आप काबिज होगी और दिल्ली को पेरिस बनाएंगे। 


गौरतलब है कि पिछले साल विधान सभा चुनाव में आप के चार पार्षदों ने विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत गये तबसे यह चारों सीटें खाली थी, वहीं भाजपा को शालीमार बाग से जीत मिली थी मगर उम्मीदवार रेनू राज के निधन के बाद यह सीट खाली हो गई, जिसपर उपचुनाव में आप ने अपनी जीत की मुहर लगा ली। आप इसे सेमीफाइल के रूप में देख रही है, और फाईनल में जीतने की तैयारी में जोश से भरपूर नजर आ रही है। भले ही एमसीडी चुनाव में लगभग एक साल हैं, मगर उसकी गहमागहमी इस उपचुनाव के नतीजों से बढ़ने जरूर लगी है। देखने वाली बात होगी कि क्या वाकई आप के पाले में एमसीडी आ जाएगी, या फिर बीजेपी उस पर अपनी पकड़ बनाए रखने में कामयाब रहेगी।  

 

Popular posts from this blog

मुखिया बनते ही आन्ति सामाड ने पंचायत में सरकारी योजनाओं के लिये लगाया शिविर

झारखंड हमेशा से वीरों और शहीदों की भूमि रही है- हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री झारखंड

समय की मांग है कि जड़ से जुड़कर रहा जाय- भुमिहार महिला समाज।