पहली बार नहीं हुआ पाठक मंच द्वारा वसंत पंचमी महोत्सव का आयोजन

 भगवती सरस्वती को प्रजापति ब्रह्मा की पुत्री माना गया है। इनकी जयंती 'वसंत पंचमी' को माना जाता है। जब-जब धरती ग्रसित हुई और काल बलवान हुआ। मां सरस्वती ने ज्ञान प्रदान कर धरती की रक्षा की है। इनसे उत्पन्न वेदों से समस्त लोगों का आविर्भाव होता है।
 इनके श्वेत वर्ण प्रेरणा का अभिप्राय है। इनके एक हाथ में वीणा और दूसरे में पुस्तक होती है। वीणा धारण करने का अभिप्राय भावना के क्षेत्र में ऐसी झंकार होनी चाहिए,जो मधुर ध्वनि से मुग्ध कर दे। 
पुस्तकों से जो ज्ञान प्राप्त करें,उसे अपनी ह्रदय रूपी वीणा के तारों से झंकृत करते हुए श्रद्धा,विश्वास, भक्ति और आचरण के साथ जोड़ दें। इनका मुख्य वाहन हंस को माना गया है। उप वाहन के रूप में मोर की गणना होती है। हंस का अर्थ है अंधकार से प्रकाश में आना, द्गुणों को धारण कर अवगुणों को तिरस्कृत करना। उप वाहन मोर को ज्ञान, विवेक और परोपकार का प्रतिनिधि माना गया है। 
 झारखंड के चाईबासा स्थित गैर सरकारी संस्था मेला म्यूजियम डेवलपमेंट सोसायटी की प्रमुख उपलब्धि नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया द्वारा पंजीकृत 'पाठक मंच' विगत 16 वर्षों से सरस्वती पूजा के पावन अवसर के साथ बच्चों के लिए 'वसंत पंचमी महोत्सव' आयोजन करता रहा है। मगर इस बार कोरोना के कारण इस महोत्सव का योजन नहीं किया गया।  सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए प्रमुख सदस्यों द्वारा मां सरस्वती की पूजा की गई।
 पाठक मंच बच्चों का एक ऐसा मंच है जो बच्चों को 'पठन अभिरुचि विकास'के प्रति जागरूक कर सकारात्मक क्षेत्र में उत्कृष्ट विकास के लिए प्रेरित करती रही है।

     

 

Popular posts from this blog

मुखिया बनते ही आन्ति सामाड ने पंचायत में सरकारी योजनाओं के लिये लगाया शिविर

झारखंड हमेशा से वीरों और शहीदों की भूमि रही है- हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री झारखंड

समय की मांग है कि जड़ से जुड़कर रहा जाय- भुमिहार महिला समाज।