गरीबी को पीछे छोड़ अपनी लगन को आगे रखने वाले धनुर्धरों को मिला झारखंड सरकार का साथ
दरअसल, इन दिनों ये तीनों तीरंदाज काफी खुश हैं क्योंकि इनकी रिकर्व धनुष की बुकिंग हो गई है और अब जल्द ही ये धनुर्धर रिकर्व धनुष से लक्ष्य पर निशाना साधते नजर आयेंगे। इस बारे में आश्रिता कहती है कि इंडियन राउंड में जो धनुष बांस से बनी होती है,उसके जरिये सिर्फ भारत में ही आर्चरी का खेल खेला जा सकता था, लेकिन रिकर्व धनुष से अब विदेशों में भी जाकर खेलने का मौका मिलेगा।
कोमालिका राज्य की उभरती हुई अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज
है, जिसने स्वीडन में आयोजित वर्ल्ड यूथ आर्चरी
चैंपियनशिप, 2018 स्वर्ण पदक
प्राप्त कर देश का मान बढ़ाया। आगामी ओलिंपिक के लिये भी कोमालिका का चयन हुआ है और
वह इन दिनों पुणे में ओलिंपिक कैंप में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है।
राज्य सरकार द्वारा
इनकी प्रतिभा एवं राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक प्राप्ति की संभावनाओं को
देखते हुए इन्हें प्रोत्साहित करने के लिये कोमालिका को दो लाख 70 हजार एवं कृष्णा व आश्रिता को क्रमशः दो लाख 50 हजार की राशि प्रदान की गई।
इसी तरह झारखंड सरकार से अन्य प्रतिभावान खिलाड़ियों
को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। खेल को बढ़ावा देने के उदेश्य से राज्य सरकार
खेल निति को जल्द लागू करने की दिशा में कार्य कर रही है।