देश के 24 विख्यात कंपनियों को बिहार में निवेश के लिये राज्य के उद्योग मंत्री का आमंत्रण

देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे प्रवासी श्रमिक अधिकांश संख्या में अपने मूल निवास स्थान में लौट रहे हैं। बड़ी संख्या में इनका पलायन कर्मभूमि से जन्मभूमि की तरफ होने लगा।  इन श्रमिकों की बदहाल स्थिति ने राज्य सरकारों की ओर सांकेतिक सवाल करने शुरू कर दिये कि आखिर क्यों इतनी बड़ी संख्या में श्रम के लिये अपना राज्य छोड़कर लोगों को जाना पड़ा। अब जबकि श्रमिक अपने घर की तरफ लौट रहे हैं तो राज्य सरकारें उन्हें अपने यहां ही काम मुहैया कराने के प्रयास करती दिख रही हैं।


इसी प्रयास में बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने भारत के 24 प्रसिद्ध कम्पनियों को बिहार में निवेश करने हेतु आमंत्रित किया है। मंत्री ने बताया कि कोविड-19 के कारण 7 लाख श्रमिक कोरोटाईन कैम्पो में रह रहे है । आशा है कि लगभग 20 लाख से अधिक अन्य राज्य से श्रमिक / कामगार बिहार आयेंगे । उद्योग विभाग ने श्रम साधन पोर्टल तैयार किया है जिसमें सभी प्रकार के श्रमिकों जैसे कुशल , अर्द्धकुशल, अकुशल एवं कामगार का डाटा वेस तैयार किया जा रहा है। इस पोर्टल से श्रमिकों के माँग एवं आपूर्ति को जोड़ा जा रहा है। उद्योग मंत्री के अनुसार बिहार में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र , हेल्थकेयर , कृषि उपकरण निर्माण , आईटी / आईटीज , उर्जा , रसायण उद्योग , चमड़ा उद्योग , टेक्सटाईल उद्योग आदि में निवेश की पूरी संभावनाएँ है। उद्योग मंत्री ने बिहार में निवेश क्यों करें, इसके लिये 11 बिंदुओं पर जोर दिया है, जो निम्नलिखित रूप में हैं-



  1. बिहार में बहुत बड़ा घरेलू बाजार उपलब्ध है।

  2. बिहार पूर्वी राज्यों का द्वार है , यहाँ से बंगाल , युपी , झारखंड , उड़ीसा को जोड़ता है।

  3. बिहार के माध्यम से नेपाल , भुटान , बंगला देश को निर्यात किया जा सकता है।

  4. बिहार में रेल, सड़क, एयर ट्रांसपोर्ट की बेहत्तर सुविधा उपलब्ध है।

  5. बिहार में सर्विस सेक्टर में भी निवेश के अच्छे अवसर उपलब्ध हैं, जिसमें मुख्य रूप से हेल्थकेयर , तकनीकी संस्थान आईटी / आईटीज सेक्टर आदि हैं।

  6. . बिहार में उद्योगों को 22-24 घंटे बिजली उर्जा विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जा रही है। सभी औद्योगिक क्षेत्रों को 33 KVA पावर लाईन उपलब्ध कराया गया है। बिजली के उत्पादन में 145 KVA से बढ़कर 311 KVA हो गया है जो 114 % की वृद्धि हुयी है।

  7. विश्व प्रसिद्ध कपनियाँ एम. एन. सी. जी. ई. रेल इंजन बना रही है । बिहार में कोक , पेप्सी , आई.टी.सी, ब्रिटानियाँ जैसी बड़ी कम्पनियाँ उत्पादन कार्य कर रही है। बिहार में डालमियाँ , श्री सीमेंट , अल्ट्राटेक जैसी बड़ी सीमेंट कम्पनियों उत्पादन कार्य कर रही है।

  8. बिहार Ease of doing business में भारत में तेजी से प्रगति करते हुए 82 % स्कोर किया है।

  9. बिहार में निर्यात 900 मिलियन डालर से बढ़कर 2 बिलियन डालर कम अवधि में हासिल करने जा रहा है। Exim Rank के रिपोर्ट में भी ऐसा दर्शाया गया है।

  10. बिहार मक्का के उत्पादन में देश में दूसरा स्थान है। हनी में चौथा , सब्जी में सातवां स्थान , फल एवं डेयरी उत्पादन में आठवां स्थान है । मखाना , सिल्क रेशम एवं जूट आदि क्षेत्रों में अभी तक कोई बड़ा निवेश नहीं हुआ है। यहाँ जापानी औद्योगिक एरिया का भी निर्माण होना है। यह फूड प्रोसेसिंग हब के रूप में होगा। इसमें निवेश करने का अच्छा अवसर है। बिहार में औद्योगिक नौति -2016 लागू है। सिंगल विंडो के तहत 30 दिनों में निवेश प्रस्ताव की स्वीकृति दी जाती है। यहाँ डीन्ड क्लियरेन्स का भी प्रावधान किया गया है । राज्य निवेश पार्षद सभी प्रस्तावों को स्वीकृत करता है , उसी के अनुसार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति -2016 के तहत सभी अनुदान स्वीकृत किये जाते है।

  11. सूक्ष्म , लघु , मध्यम एवं वृहद उद्योगों को स्थापित करने में उद्यमियों को सहायता करता है।

    29 मई को जिन कंपनियों को निवेश के लिये आमंत्रित किया गया है, वे इस प्रकार हैं-


    1 . KRBL Ltd.  2. . LT . Food Ltd. 3 . Chamanlal Setia Exports Ltd. 4 . Nestle India Ltd. 5 . HatsunAgro Products Ltd. 6 . Tasty Bite Eatables Ltd. 7 . Prataap Snacks Ltd. 8 . Hindustan Food Ltd.  9 . Heritage Foods Ltd. 10 . DFM Foods Ltd. 11 . Parag Milk Foods Ltd.  12 . Sayaji Industries Ltd.  13 . GRM Overseas Ltd. 14 . Jubilant Foodworks Ltd.  15 . Glaxosmitlikline Consumer Healthcare Ltd. 16. Bata India Ltd. 17 . Relaxo Footwears Ltd.  18 . Mirza International Ltd.  19 . Khadim India Ltd. 20 . Hidesign Pvt . Ltd. 21 . Prince Pipes & Fittings Ltd.  22 . Astral Poly Technik Ltd. 23 . Finolex Industries Ltd. 24 . Jain Irrigation Systems Ltd


    उद्योग मंत्री ने कहा कि बिहार की ग्रोथ रेट 11.3 % है। बिहार अभी भी इस परिस्थिति में 10.5 % ग्रोथ रेट बनाये हुए है। यह भारत के 5 ट्रिलियन के लक्ष्य में सहायक होगा। 


     


     




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