वीरांगना सम्मान से विभूषित मैरी कॉम की बचपन से ही थी एथलेटिक्स में रूचि

वीरांगना सम्मान से विभूषित मैरी कॉम विश्व प्रसिद्ध भारतीय मुक्केबाज की रुचि बचपन से एथलेटिक्स में थी। 1999 में खुमान लम्पक स्पोर्ट्स काम्पलेक्स में इन्होंने कुछ लड़कियों को बॉक्सिंग रिंग में लड़कों के साथ बॉक्सिंग के दांव पेच आजमाते देखा और मणिपुरी बाक्सर डिंग्को सिंह की सफलता ने इन्हें बॉक्सिंग की ओर आकर्षित किया।


मैरीकॉम ने 2001 में प्रथम बार नेशनल वूमंस बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीती। बॉक्सिंग में देश का नाम रोशन करने के लिए भारत सरकार ने 2003 में इन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया एवं 2006 में इन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। 2014 में  उनके जीवन पर एक फिल्म बनी इस फिल्म में प्रियंका चोपड़ा ने इनकी भूमिका निभाई। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्त्रीत्व को नहीं परिभाषा देकर अपने शौर्य बल से नई कीर्तिमान गढ़ने वाली मैरी कॉम को 17 जून 2018 को वीरांगना सम्मान से विभूषित किया गया। 24 नवम्बर 2018 को इन्होंने महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में इन्होंने 6 विश्व चैंपियनशिप जीतने वाली पहली महिला बनकर इतिहास बनाया।


मैरीकॉम उन तमाम महिलाओं के लिये एक आदर्श हैं, जो अपने अंदर की प्रतिभा के जरिये अपनी उम्र, जिम्मेदारियों का बहाना नहीं कर अपना एक अलग मुकाम हासिल करने में लगी हैं।


     1 मार्च 1983 को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के काङथेइ में एक गरीब किसान परिवार में मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम का जन्म हुआ।  इन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा लोकटक क्रिश्चियन मॉडल स्कूल और सेंट जेवियर स्कूल से पुरी की। बचपन से इनकी रुचि एथलेटिक्स में थी। 1999 में खुमान लम्पक स्पोर्ट्स काम्पलेक्स में इन्होंने कुछ लड़कियों को बॉक्सिंग रिंग में लड़कों के साथ बॉक्सिंग के दांव पेच आजमाते देखा और मणिपुरी बाक्सर डिंग्को सिंह की सफलता ने इन्हें बॉक्सिंग की ओर आकर्षित किया। इनका विवाह ओन्लर कॉम से हुआ।


     1 मार्च को मैरीकॉम के जन्म दिवस पर पाठक मंच के साप्ताहिक कार्यक्रम इन्द्रधनुष की 707वीं कड़ी में यह जानकारी दी गई।


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