साहिर पहले गीतकार थे, जिन्हें उनके गानों के लिये रॉयल्टी मिलती थी

मशहूर शायर और गीतकार साहिर लुधियानवी का जन्म 8 मार्च 1921 को भारत के लुधियाना में हुआ। इनका वास्तविक नाम अब्दुल हयी साहिर था। लाहौर और मुम्बई इनकी कर्मभूमि रही।


   इनकी शिक्षा लुधियाना के खालसा हाई स्कूल में हुई। कॉलेज के दिनों में ये अपने शायरी के लिए मशहूर हो गए। 1949 में इन्होंने फिल्मों के लिए अपनी पहली गीत आजादी की राह पर के लिए लिखे किन्तु प्रसिद्धि सचिन देव बर्मन की संगीत से सजी 1951 के नौजवान से मिली। नौजवान के गीत ठंडी हवाएं लहरा के आएं... बहुत लोकप्रिय हुआ और आज भी है। इनके प्रसिद्ध लोकप्रिय गीतों में 1961 के हम दोनों के अल्लाह तेरो नाम ईश्वर तेरो नाम... 1970 के नया रास्ता के ईश्वर अल्लाह तेरे नाम... और 1976 के कभी कभी के मैं पल दो पल का शायर हूं... शामिल हैं।


     हिन्दी फिल्मों के लिए लिखे इनके गीतों में इनका व्यक्तित्व झलकता है। यह पहले गीतकार थे जिन्हें अपने गानों के लिए रॉयल्टी प्राप्त होती थी। इनके प्रयास के बावजूद ही संभव हो पाया कि आकाशवाणी पर गानों के प्रसारण के समय गायक तथा संगीतकार के अतिरिक्त गीतकारों का भी नाम उल्लेख किया जाता था। इससे पहले गानों के प्रसारण समय सिर्फ गायक और संगीतकार का नाम प्रसारित होता था। 25 अक्टूबर 1980 को मुंबई में साहिर लुधियानवी का निधन हो गया।


यह जानकारी 8 मार्च को साहिर लुधियानवी के जन्मदिन पर पाठक मंच के साप्ताहिक कार्यक्रम इन्द्रधनुष की 708वीं कड़ी में दी गई।


 


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