राष्ट्रव्यापी अभियान के लिये बनाए गये फंड में अपने सांसद निधि से कम से कम एक करोड़ की राशि देने की उपराष्ट्रपति ने की राज्यसभा सांसदों से अपील
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) में एक माह के वेतन के बराबर धनराशि का योगदान देते हुए भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में उपराष्ट्रपति ने ‘कोविड -19’ को अत्यंत गंभीर आपदा बताया है जिस वजह से दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इस महामारी से निबटने में यह मेरा छोटा सा योगदान है।
इसके साथ ही उपराष्ट्रपति ने राज्य सभा के सांसदों से सरकार द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्र व्यापी अभियान के लिये स्थापित कोष में अपने सांसद निधि से कम से कम रू 1 करोड़ योगदान स्वरूप देने की अपील की है।
इस संदर्भ में सांसदों को लिखे अपने पत्र में उपराष्ट्रपति ने कहा है कि कोविड 19 संक्रमण से पैदा हुए इस संकट से निपटने के लिए, सरकार, निजी क्षेत्र तथा नागरिकों द्वारा इस संक्रमण के विरुद्ध अनेक कदम उठाए गए हैं जिसके लिए बड़े पैमाने पर वित्तीय, मानव संसाधनों और साजो समान की आवश्यकता होगी जिसके लिए भारत सरकार विभिन्न तरीकों से जरूरी वित्तीय संसाधन एकत्र कर रही है जिससे केंद्र, राज्य तथा जिला स्तर तक पर्याप्त संसाधनों को उपलब्ध कराया जा सके।
उन्होंने कहा कि इस दिशा में सांसदों की तत्परता भारत सरकार द्वारा इस संक्रमण के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान में महत्वपूर्ण योगदान होगा। उपराष्ट्रपति ने आग्रह किया वे वर्ष 2020-21 के लिए अपनी सांसद निधि में से कम से कम रू 1 करोड़ की राशि केंद्र सरकार द्वारा नियत कोष में देने के लिए अपनी स्वीकृति जाहिर करें।
उपराष्ट्रपति ने देशवासियों से भी अपील की कि वे आपदा प्रबंधन क्षमता को और सुदृढ़ करने के लिए, PM-CARE फंड में उदारतापूर्वक योगदान दें।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ाई में पीएम नरेंद्र मोदी ने एक चैरिटेबल फंड का गठन किया है, जिसका नाम पीएम केयर्स फंड दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी इसके चेयरमैन हैं, जबकि दूसरे सदस्यों में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री शामिल हैं। यह फंड प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष से अलग है। अब तक इस फंड में देश के बड़े उद्योगपतियों, खिलाड़ियों, अभिनेताओं ने अपना योगदान दिया है, जबकि आम जनता भी खुलकर अपना योगदान दे रही है।