कोरोना वायरस चिकन, मटन और अन्य मांसाहारी भोजन से फैलता है, यह साबित करने के लिये अब तक कोई वैज्ञानिक डाटा नहीं- FSSAI प्रमुख

नई दिल्ली में एसोचैम द्वारा आयोजित पोषण एवं क्रियाशील आहार पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के प्रमुख ने कहा कि  कोरोना वायरस चिकन, मटन और अन्य मांसाहारी भोजन से फैलता है, यह साबित करने के लिये अब तक कोई वैज्ञानिक डाटा नहीं है।


एफएसएसएआई प्रमुख जी.एस.जी. अय्यंगर ने कहा कि लोगों में गलतफहमी बहुत है कि कोरोना वायरस चिकन और मटन के माध्यम से फैल जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। यह वैज्ञानिक रूप से साबित नहीं है, और मैं एक वैज्ञानिक हूं, इसलिये उस तर्क को नहीं मानूंगा। उन्होंने यह भी कहा, "यह एक वायरस है, जो कई अन्य वायरस की तरह ही है, लेकिन निश्चित रूप से अब यह सुर्खियों में है, इसलिए हमें सभी सावधानी बरतनी होगी।


सरकार वायरस को दूर करने के लिए सभी प्रयास कर रही है, हम एक बार वायरस को दूर करने में सफल हो जाते हैं, तो वायरस का मुकाबला करने के लिए वैक्सीन की तलाश में कुछ समय लगता है जो वायरस की जटिलता पर निर्भर करता है। "
 FSSAI प्रमुख ने यह भी कहा, "भारत में, हम इन वायरस से निपटने में बहुत अच्छे हैं, यह समय पर निर्भऱ है। उन्होंने कहा कि भारत एक उष्णकटिबंधीय देश है, जब एक बार तापमान 35-36 डिग्री सेंटीग्रेड के पार हो जाता है, तो कोई भी वायरस जीवित नहीं रहेगा। " अभी हमें खुद सावधानी बरतनी होगी।हालांकि कोरोना वायरस को मद्देनजर रखते हुए विभिन्न खाद्य पदार्थों के साथ खासकर पोल्ट्री फॉर्म पर स्वच्छता का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है, इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन आज तक यह साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक डेटा नहीं है कि चिकन, मटन, और समुद्री भोजन कोरोना वायरस के लिये जिम्मेदार है। ” 


 


 


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