आरईसी फाउंडेशन के कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले बैच में प्रशिक्षित हुई 550 महिलाएं


नई दिल्ली, केन्द्र सरकार की नवरत्न कंपनी आरईसी लिमिटेड की सीएसआर शाखा आरईसी फाउंडेशन एवं दिल्ली की एनजीओ बिसनौली सर्वोदय ग्रामोदय सेवा संस्थान(BSGSS), ने 15 अक्टूबर 2019 को हयात नगर, खोरा कॉलोनी में महिलाओं के लिये छह महीने के कौशल विकास पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिये एक कार्यक्रम का आयोजन किया।


इन पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण केन्द्रों के बुनियादी ढ़ांचे देने एवं महिलाओं को प्रशिक्षित करने की लागत को आरईसी के सीएसआर हिस्से के रूप में प्रायोजित किया गया है।पाठ्यक्रम में कटाई, सिलाई, सौंदर्य दिनचर्या, कंप्यूटर संचालन और अंग्रेजी बोलना शामिल था।


कई प्रशिक्षुओं ने पहले से ही सरकारी या निजी संगठनों में रोजगार पाया है और दूसरों में भी स्वरोजगार प्राप्त करने के लिए पर्याप्त विश्वास पैदा किया है।छह महीने के कौशल विकास प्रशिक्षण पहल के पहले बैच के सम्मान समारोह के दौरान कार्यक्रम के दूसरे बैच का स्वागत किया गया।


इस कार्यक्रम के माध्यम से कुल 880 महिलाओं को विभिन्न कौशलों में प्रशिक्षित किए जाने की उम्मीद है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को निरंतर आजीविका प्रदान करना और उनके बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है।



 इस अवसर पर गाजियाबाद के सिटी मजिस्ट्रेट यशवर्धन श्रीवास्तव, आरईसी फाउंडेशन से प्रीति कुमारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, गाजियाबाद से रेखा कौशिक और बिस्नौली सर्वोदय ग्रामोदय सेवा संस्थान (बीएसजीएसएस) के सीईओ नंदिता बख्शी ने 19 सितंबर 2019 को पाठ्यक्रम पूरा करने वाले प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र वितरित किए।


 
गौरतलब है कि आरईसी लिमिटेड (पूर्व में ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड) एक नवरत्न एनबीएफसी और इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी (आईएफसी) है, जो पूरे भारत में पावर सेक्टर के वित्तपोषण और विकास पर ध्यान केंद्रित करती है।


यह राज्य बिजली बोर्डों, राज्य सरकारों, केंद्रीय / राज्य बिजली उपयोगिताओं, स्वतंत्र बिजली उत्पादकों, ग्रामीण बिजली सहकारी समितियों और निजी क्षेत्र की उपयोगिताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इसकी व्यावसायिक गतिविधियों में संपूर्ण विद्युत क्षेत्र मूल्य श्रृंखला में वित्तपोषण परियोजनाएं शामिल हैं; विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं में जनरेशन, ट्रांसमिशन, डिस्ट्रीब्यूशन प्रोजेक्ट और रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट शामिल हैं।


 


Popular posts from this blog

मुखिया बनते ही आन्ति सामाड ने पंचायत में सरकारी योजनाओं के लिये लगाया शिविर

झारखंड हमेशा से वीरों और शहीदों की भूमि रही है- हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री झारखंड

समय की मांग है कि जड़ से जुड़कर रहा जाय- भुमिहार महिला समाज।