आईएफएफआई में गोल्डन पीकॉक पुरस्कार पाने के लिए 20 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाली इन 15 फिल्मों के बीच होगा कड़ा मुकाबला


भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के स्वर्ण जयंती संस्करण में प्रतिष्ठित गोल्डन पीकॉक पुरस्कार पाने के लिए 20 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाली 15 फिल्मों के बीच कड़ा मुकाबला होगा। इन फिल्मों का चयन सात सौ से अधिक फिल्मों के बीच से किया गया है।


इनमें पेमा सिदान की बलून(चीन), अली आईदिन की क्रोनोलाजी(तुर्की),एंड्रेस होर्वाथ की लिलियन(आस्ट्रिया),वेगनर मौरा की मैरीघेला(ब्राजील), हंस पीटर मोलंद की  आउट स्टीलिंग होर्सस (नार्वे,स्वीडन,डेनमार्क), बेल्ज हेरीसन की पार्टिकल(फ्रांस/स्विटजरलैंड), ग्रेगोर बोजिक की स्टोरीज फॉम द चेस्टनट वुड्स(स्लोवेनिया),योसेप अंजी नोइन की द साइंस आफ फिक्शन(इंडोनेशिया,मलेशिया और फ्रांस), इरडिनबिलेग गनबोल्ड की स्टीड(मंगोलिया) क्रिस्तोफ डेक की केप्टिव(हंगरी) और बेन रेखी की वाच लिस्ट( फिलिपींस) प्रतियोगिता में हैं। प्रतियोगिता खंड में महिला फिल्म निर्माता सोफी डेरेस्पे की एंटीगोन और महनाज मोहम्मदी की सन-मदर शामिल हैं।     


50वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में भारत का प्रतिनिधित्व अनंत नारायण महादेवन के निर्देशन में बनी मराठी फिल्म माई घाट: क्राइम नं 103/2005  और लिजो जॉस पेल्लीसेरी द्वारा निर्देशित मलयालम फिल्म जलीकट्टू करेंगी।


गौरतलब है कि 50वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में सिनेमेटोग्राफर और एकेडमी आफ मोशन पिक्चर आर्टस एंड साइंस के पूर्व अध्यक्ष जॉन बैले अंतर्राष्ट्रीय ज्यूरी की अध्यक्षता करेंगे।


कान्स अंतर्राष्ट्रीय ज्यूरी 2019 के सदस्य और फ्रांस के फिल्म निर्माता रॉबिन काम्पिलो, चीन के प्रसिद्ध फिल्म निर्माता जांग यांग और ब्रिटिश सिनेमा की प्रतिभावान लायने रॉमसे सह ज्यूरी होंगे। प्रसिद्ध फिल्म निर्माता रमेश सिप्पी अंतर्राष्ट्रीय ज्यूरी में भारतीय सदस्य होंगे।


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