प्याज की जमाखोरी एवं मुनाफाखोरी के खिलाफ कठोर कदम  उठा सकती है सरकार


प्याज अपने कई रूपों में फायदेमंद है, कभी स्वाद के लिये तो कभी स्वास्थ्य के लिये। लेकिन यही प्याज अपनी कीमत को लेकर दिल्ली वालों को एक बार फिर रूलाने की मुद्रा में है। इसकी खुदरा कीमत कहीं 40 तो कहीं 50 रूपये प्रति किलो हो गई है, जो किचन में इसकी जगह कम कर रहा है।


  प्याज की कीमत नियंत्रण में रहे, इसके लिये उपभोक्‍ता मामलों के विभाग (डीओसीए) ने सभी संबंधित हितधारकों के साथ एक उच्‍चस्‍तरीय बैठक में दिल्‍ली में प्‍याज की कीमतों से उत्‍पन्‍न हालात की समीक्षा की।  हितधारकों में नैफेड के प्रबंध निदेशक, एनसीसीएफ के प्रबंध निदेशक, 'सफल' और अन्‍य शामिल थे।


'सफल' द्वारा खुदरा बिक्री के लिए प्‍याज को मौजूदा समय में सरकारी स्‍टॉक से उपलब्‍ध कराया जा रहा है। यह सरकारी स्‍टॉक मूल्‍य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत बनाया गया है। यह निर्णय लिया गया कि 'सफल' में प्‍याज के खुदरा मूल्‍य को 23.90 रुपये प्रति किलो (ग्रेड-ए की किस्‍म के लिए) से ज्‍यादा बढ़ने नहीं दिया जाएगा। यही कीमत 21 अगस्‍त, 2019 को 'सफल'के विक्रय केन्‍द्रों पर रही।


इसके लिए 'सफल'उसी दर पर सरकार के बफर स्‍टॉक से प्‍याज प्राप्‍त करती रहेगी, जिस पर उसे इसकी पेशकश 21 अगस्‍त, 2019 को की गई। 'सफल' से प्‍याज से जुड़े अपने खुदरा परिचालन को दोगुना करने को कहा गया है। नैफेड और एनसीसीएफ को भी अपने विक्रय केन्‍द्रों (आउटलेट) और मोबाइल वैन के जरिये इसी कीमत पर प्‍याज की खुदरा बिक्री करने का निर्देश दिया गया है।


इसके अलावा सरकार के बफर स्‍टॉक से बड़े खुदरा विक्रेताओं को लागत मूल्‍य पर प्‍याज की पेशकश की जाएगी, ताकि आम जनता को उचित मूल्‍यों पर इसकी आपूर्ति की जा सके। विभाग नियमित रूप से प्‍याज की कीमत से उत्‍पन्‍न हालात पर करीबी नजर रखेगा, ताकि आवश्‍यकता पड़ने पर उपयुक्‍त कदम उठाये जा सकें।


सरकार जमाखोरी एवं मुनाफाखोरी के खिलाफ कठोर कदम उठाने पर भी विचार करेगी और इसके साथ ही आवश्‍यकता पड़ने पर प्‍याज पर न्‍यूनतम निर्यात मूल्‍य (एमईपी) लगाने की जरूरत का आकलन करेगी।


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