क्या शरीर की ताकत के लिये जरूरी है विटामिन और कैल्शियम का साथ?


आज शहर में रहने वाले लगभग 80-90 फीसदी लोग विटामिन डी की कमी से होने वाली बीमारियों का सामना कर रहे हैं। चिंताजनक बात यह है कि युवा वर्ग भी इन समस्याओं से जूझ रहा है।


35 वर्षीय संजना को थकान महसूस होने के साथ कमर और पिंडलियों में दर्द रहने लगा। बढ़ती उम्र का प्रभाव समझ कर संजना ने अनेक प्रकार के घरेलू उपचार भी किये, लेकिन जब दर्द बढ़ता गया तो संजना को डॉक्टर के पास जाने के लिये मजबूर होना ही पड़ा। संजना को यह जानकर बेहद आश्चर्य हुआ की उसके शरीर में विटामिन डी की कमी है।


वहीं विटामिन डी की कमी का एक दुष्प्रभाव यह संजना के शरीर पर यह भी हो रहा था कि उसकी हड्डियां भी कमजोर होने लगी थी। दरअसल यह उसके शरीर में कैल्शियम की कमी होने के कारण हो रहा था। क्योंकि उसके शरीर में विटामिन डी की कमी के कारण कैल्शियम अवशोषित नहीं हो पा रहा था।


जरूरी है विटामिन डी और कैल्शियम का संयोजन


आपमे से अधिकतर लोगों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि शरीर के लिये बेहद आवश्यक विटामिन डी और कैल्शियम, एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं।


यानी शरीर में यदि विटामिन डी की कमी हो जाये तो कैल्शियम की पूर्ति होना भी मुश्किल होता है। जिसके कारण विटामिन डी के साथ कैल्शियम की कमी से होने वाली समस्याएं भी शरीर पर हावी होने लगती हैं।


चिकित्सीय भाषा में समझें तो विटामिन डी वसा में घुलने वाले प्रो-हार्मोन्स का एक समूह होता है जो हमारी आंतों से कैल्शियम को सोख कर हड्डियों तक पहुंचाता है।


यह विटामिन डी सामान्य तौर पर हमें धूप से प्राप्त होने वाली अल्ट्रावॉयलेट किरणों और हाइड्राक्सी कोलोस्ट्राल के माध्यम से से प्राप्त होता है। हमारे शरीर के लिये विटामिन डी2 और डी3 अधिक आवश्यक होते हैं। वहीं शरीर में कैल्शियम की उचित मात्रा बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के शरीर को स्वस्थ रखती है।


कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मजबूत रखने के साथ ही तंत्रिका तंत्र द्वारा दिये गये संदेशों को मस्तिष्क तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन विटामिन डी की कमी होने पर शरीर को आवश्यकनुसार कैल्शियम की पूर्ति नहीं हो पाती।


ऐसे में शरीर आवश्यकतों की पूर्ति के लिये हड्डियों में से कैल्शियम लेना शुरू कर देता है। जिसके चलते हड्डियां और दांत कमजोर होने लगते हैं।


ऐसे में कैल्शियम की कमी के कारण होने वाली अन्य बीमारियों का भी शरीर को सामना करना पड़ता है।


विटामिन डी की कमी से होती हैं अनेक बीमारियां


विटामिन डी की कमी के कारण शरीर को अनेक प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इससे हड्डियों के जोड़ और मांसपेशियां कमजोर होने के साथ कमर और पिंडलियों में बेहद दर्द रहने लगता है।


बिना अधिक काम किये थकान होना, सुस्ती रहना, बेचैनी, बाल झड़ना, अनियमित पीरियड्स (माहवारी), हाई ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर अधिक होना जैसी समस्याओं के साथ ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का खोखला होना) और ऑस्टियोमलेशिया (हड्डियों का कमजोर होना) जैसी बीमारियों के कारण हड्डियों में अक्सर फ्रेक्चर होना जैसी गंभीर बीमारियां भी शरीर पर हावी होने लगती हैं।


शरीर से अधिक मात्रा में पसीना आना,निमोनिया, ब्रोकाइटिस, अधिक ठंड लगना जैसे लक्षण विटामिन डी की कमजोरी को जाहिर करते हैं। चिकित्सकों के अनुसार विटामिन डी की कमी होने पर मल्टीपल स्क्लेरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है जो मस्तिष्क पर असर डालकर शरीर के अंगों की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। जिसके कारण शारीरिक अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं।


शरीर में विटामिन डी के लिये क्या करें-


शरीर के लिये बेहद आवश्यक तत्व विटामिन डी की पूर्ति के लिये सबसे अच्छा माध्यम सूरज की किरणों से मिलने वाली अल्ट्रावॉयलेट किरणें हैं।


प्रतिदिन कुछ समय धूप में गुजार कर आप पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी प्राप्त कर सकते हैं। उस दौरान आपके शरीर का जितना भाग बिना कपड़ों के रहेगा शरीर को विटामिन डी की पूर्ति उतनी ही अधिक मात्रा में होगी।


सूरज की किरणों से मिलने वाले विटामिन डी को हमारा शरीर लीवर में संग्रहित कर लेता और आवश्यकता के अनुसार उसकी पूर्ति करता रहता है।


 आज की भागदौड़ भरी जिंदगी, एयर कंडीशनर के माहौल में रहने की आदत के चलते हम धूप में गुजारने के लिये समय नहीं निकाल पाते।


 आप दूध, मक्खन, दूध, मक्खन, अंडा, मशरूम, मछली, कॉड लिवर ऑयल, संतरा, गाजर आदि का सेवन कर शरीर में विटामिन डी की पूर्ति कर सकते हैं।


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