बिहार के पैसों से केवल महाराष्ट्र, गुजरात के उद्यमियों को ही लोन मिले, ऐसा नहीं होगा - उद्योग मंत्री बिहार


   बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा कि बिहार के तमाम बैंकों में बिहारवासियों का लगभग 3 लाख करोड़ रुपया जमा है। वहीं क्रेडिट मात्र 1लाख 20 हजार करोड़ रुपया है। जबकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमों के अनुसार सीडी रेसीओ कम से कम 60 प्रतिशत होना चाहिए लेकिन बिहार का सीडी रेसीओ 40 प्रतिशत से भी कम है। जबकि महाराष्ट्र, चंडीगढ़, गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु में सीडी रेसीओ लगभग 100 प्रतिशत या कहीं कहीं उससे भी अधिक है।


बिहार के पैसों से महाराष्ट्र का विकास हो, गुजरात का विकास हो, सिर्फ वहां से उद्यमियों को ही लोन मिले ऐसा नहीं होगा। इसे जल्द से जल्द ठीक किया जाए।


        उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के अंतर्गत 4604 स्वीकृत आवेदन अभी तक बैंकों के स्तर पर वितरण के लिए लंबित है। आखिर इतना बड़ा गैप क्यों। इसके अलावा प्रधानमंत्री बुनकर मुद्रा योजना (2018-19) के अंतर्गत बिहार के विभिन्न जिला उद्योग केंद्रों के द्वारा 184 आवेदनों की अनुशंसा कर बैंकों को भेजा गया था, जिसमें सिर्फ 4 बुनकरों को ही बैंकों द्वारा मुद्रा कार्ड स्वीकृति किया गया, आखिर ऐसा क्यों हुआ।


अगर बैंकों का ऐसा रवैया रहा तो सरकार द्वारा राज्य के बुनकरों के विकास हेतु बनाई गई यह योजना कैसे सफल हो पाएगी।


        उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा वित्तीय वर्ष के अंतिम तिमाही में उद्यमियों का ऋण स्वीकृत किया जाता है, जिससे उद्यमियों को समय पर ऋण नहीं मिल पाता।


       बिहार के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर देकर आगे बढ़ाया जा सके, इसके लिए बैंको को भी अपनी जिम्मेवारी समझने की जरूरत है। अगर सरकारी योजनाओं के तहत बैंक ऋण देने में कोताही बरतेगी तो सरकार का यह संकल्प पूरा नहीं हो सकता।


पटना में आयोजित राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 69वीं त्रैमासिक समीक्षात्मक बैठक में उद्योग मंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी जी, सहित अन्य मंत्रियों की उपस्थिति में यह बात कही।


 


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