बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से एनडीआरएफ ने 11 हजार से अधिक लोगों को निकाला सुरक्षित
मूसलाधार वर्षा के कारण देश के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं जिससे आम जन जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) .असम और बिहार के बाढग्रस्त क्षेत्रों में लगातार बचाव अभियान चला रहा है। बचावकर्मी रबर की नौकाओं के जरिए बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं और प्रभावित क्षेत्रों में खाने के पैकेटों और पीने के पानी जैसी आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति भी कर रहे हैं।
असम
मानसून के मद्देनजर असम में एनडीआरएफ की 18 टीमें तैनात की गई हैं। राज्य के मोरीगांव जिले में तैनात एनडीआरएफ की टीम ने आज राहत और बचाव अभियान चलाते हुए बाढ़ में फंसे 500 गांववासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इसके अतिरिक्त एनडीआरएफ के डॉक्टरों तथा अर्द्धचिकित्सकों की टीम ने गोलाघाट जिले में चिकित्सा शिविर भी लगाया और करीब 116 जरूरतमंद लोगों को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराईं।
बिहार
एनडीआरएफ के कई दल बिहार के अररिया, दरभंगा, कटिहार, मधुबनी, मोतीहारी, सीतामढ़ी और सुपौल जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव अभियान चला रहे हैं तथा बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में खाने-पीने की चीजें पहुंचाने में स्थानीय प्रशासन की मदद कर रहे हैं। बिहार में एनडीआरएफ की टीमें अब तक 4100 से ज्यादा लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित निकाल चुकी हैं।
एनडीआरएफ के बचावकर्मी राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे प्रत्येक व्यक्ति के साथ संपर्क साधने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। मौजूदा मानसून के मौसम में एनडीआरएफ की टीमें 11000 से ज्यादा लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित निकाल चुकी हैं और 230 लोगों को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं।
एनडीआरएफ के महानिदेशक श्री एस एन प्रधान बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चलाए जा रहे राहत अभियान की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहे हैं और बचावकर्मियों को सभी आवश्यक निर्देश दे रहे हैं।
एनडीआरएफ ने नई दिल्ली में 24X7 काम करने वाला नियंत्रण कक्ष खोला है जो उसके सभी अभियानों पर नजर रख रहा है और आपात स्थितियों में तुरंत मदद पहुंचाने के लिए अन्य एजेंसियों के साथ संपर्क भी बनाए हुए है।