भारत के पास ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने और हॉकी में पदक जीतने का एक अच्छा मौका

जापान के हिरोशिमा में 15 से 23 जून के बीच आयोजित एफआईएच श्रृंखला के फाइनल में जीत हासिल करने के बाद युवा मामले और खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) किरेन रिजिजू ने नई दिल्ली में भारतीय महिला हॉकी टीम से मुलाकात कर बधाई देते हुए कहा- 'भारतीय महिला हॉकी टीम ने बहुत शानदार खेला और हमें गौरवान्वित किया। मैं टीम को उसके शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई देता हूं। मंत्रालय खिलाड़ियों को, व्यक्तिगत और एक टीम के रूप में हरसंभव मदद करेगा। मैं टीम की आवश्यकताओं पर चर्चा करने के लिए उनके कोचों से मिलने के लिए बेंगलुरु स्थित उनके प्रशिक्षण केंद्र का दौरा करूंगा। भारत के पास ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने और हॉकी में पदक जीतने का एक अच्छा मौका है।'


इस जीत के साथ भारत ने अगले साल के टोक्यो में होने वाले ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ा लिया है, क्योंकि अब वह इस साल के अंत में होने वाली 14-टीमों के एफआईएच ओलंपिक क्वालीफायर में भाग लेगा। क्वालीफायर एक द्विपक्षीय दो मैचों की श्रृंखला होगी, जहां सात मैचों में से प्रत्येक विजयी टीम ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करेगी।



भारत अपने पूरे अभियान में अजेय रहा और उसने 29 गोल किए और सिर्फ चार मौके गंवाए। महिला टीम ने चिली पर शानदार जीत दर्ज की और सेमीफाइनल में उन्हें 4-2 हराया। फाइनल में भारतीय टीम ने मेजबान और एशियाई खेलों की चैंपियन जापान को 3-1 से हराया। पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ गुरजीत कौर भारत की तरफ से सर्वाधिक गोल करने वाली खिलाड़ी रहीं और उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में कुल 11 गोल किए। कप्तान रानी रामपाल ने अपनी करियर में एक और उपलब्धि हासिल की क्योंकि उन्हें प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट से नवाजा गया। 19 साल की लालरेमसियामी का बेहद खास प्रदर्शन रहा क्योंकि सेमीफाइनल से एक दिन पहले ही उन्हें खबर मिली कि उनके पिता का निधन हो गया है, इसके बावजूद भी उन्होंने सेमी-फ़ाइनल और फाइनल मैच खेला।


पिछली बार भारतीय महिला हॉकी टीम ने दो बार ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में भाग लिया था जहां 1980 और 2016 में वह चौथे स्थान पर रही। वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को बेहतर बनाने के साथ, टीम 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के सेमीफाइनल में पहुंची और एशियाई खेलों में रजत अपने नाम किया।


Popular posts from this blog

पर्यावरण और स्वच्छता के लिहाज से ऐतिहासिक रहा आस्था का कुंभ 2019

मुखिया बनते ही आन्ति सामाड ने पंचायत में सरकारी योजनाओं के लिये लगाया शिविर

झारखंड हमेशा से वीरों और शहीदों की भूमि रही है- हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री झारखंड