आवारा से राज कपूर को मिली अंतर्राष्ट्रीय ख्याति

हिन्दी सिनेमा जगत में अपने अभिनय, निर्देशन एव कला कौशल द्वारा अपना लोहा मनवा लेने वाले राजकपूर का निधन 2 जून 1988 को हो गया, मगर आज भी उन्हें कई रूपों में सिनेप्रेमियों द्वारा दिल से याद किया जाता है, क्योंकि कहीं न कहीं आज की फिल्मों में उनकी कमी महसूस होती है।


गैर सरकारी संस्था दर्शन मेला म्यूजियम डेवलपमेंट सोसायटी के कार्यक्रम इंद्रधनुष की 668वी कड़ी में बताया गया कि राज कपूर का जन्म 14 दिसंबर 1924 पेशावर स्थित कपूर हवेली में हुआ था। पेशावर अब पाकिस्तान में है। हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता] निर्माता एवं निर्देशक रहे राज कपूर नायक के रूप में सुप्रसिद्ध अभिनेत्री मधुबाला के साथ अपने सफर के शुरुआत की। 1946&47 में प्रदर्शित नीलकमल, चित्तौड़ विजय] दिल की रानी एवं 1948 में प्रदर्शित अमर प्रेम में मधुबाला राज कपूर की अभिनेत्री रही। नरगिस के अतिरिक्त मधुबाला राज कपूर की प्रसिद्ध अभिनेत्री रही।



     अभिनेता के साथ निर्माता- निर्देशक के रूप में 1948 में प्रदर्शित 'आग' राज कपूर की पहली फिल्म रही। इस क्रम में 1949 में 'बरसात' की सफलता ने नए मानदंड कायम कर दिया। बरसात के प्रचंड सफलता के परिणाम से 1950 में राज कपूर की छह सिनेमा आई। राज कपूर के जीवन में एक वर्ष में इससे अधिक सिनेमा फिर कभी नहीं आई। 1950 में ही नरगिस के साथ इनकी सिनेमा ^जान पहचान^ और ^प्यार^ आई।


     इनकी 1951 में प्रदर्शित 'आवारा' हिन्दी सिनेमा के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ। आवारा से राज कपूर को अंतर्राष्ट्रीय ख्याति मिली। अब भी पेइचिंग और मास्को की सड़कों पर घूमते टहलते हुए अक्सर 'आवारा हूं....' गीत सुनाई पड़ने लगते हैं। यह राज कपूर की लोकप्रियता की विशाल दायरे का एक उदाहरण मात्र है। इन ख्यातियों के बीच नई दिल्ली में 2 जून 1988 को इनका प्राणांत हो गया।


 


 


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