नई दिल्ली में एक विशेष समारोह में मोशन पिक्चर आर्टस एंड सांइसेज (ऑस्कर अकादमी के रूप में लोकप्रिय) के प्रेसीडेंट जॉन बैली ने हाल ही में अकादमी प्रकाशन 'डिजिटल डिलेमा' के हिंदी संस्करण का ई लांच किया। इस अवसर पर जाने माने फिल्म एडीटर तथा अकादमी की गवर्नर कैरोल लिटिलटन, एफसीएटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मनमोहन सरीन,सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे, सीबीएफसी के अध्यक्ष प्रसून जोशी अकादमी के सदस्य उज्जवल निरगुडकर तथा एनएफएआई के निदेशक प्रकाश मगदम उपस्थित रहे।
इस दौरान जॉन बैली ने अपने भाषण में कहा कि भारत की फिल्म बिरादरी तक पहुंचने के लिए अकादमी प्रकाशन का हिंदी में अनुवाद महत्वपूर्ण है। फिल्म संग्रह माध्यम में टेक्नोलॉजी से हुए परिवर्तनों के कारण अनेक चुनौतियां आई हैं और यह पुस्तक प्रारंभ से डिजिटल सामग्री के संग्रहण को समझने और नियोजन में फिल्मकारों को सहायता देगी। डिजिटल डिलेमा पुस्तक मिल्ट शेल्टन तथा ऐंर्डी मालट्ज की लिखित पुस्तक है और विश्वभर में अनेक भाषाओं में इसका अनुवाद किया गया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय का संगठन राष्ट्रीय फिल्म संग्रहालय फिल्म संरक्षण, सुरक्षा तथा पुन:स्थापन का कार्य करता है। संग्रहालय ने अकादमी के साथ प्रकाशनों के हिंदी अनुवाद के लिए समझौता किया है ताकि देश में विभिन्न हितधारकों को लाभ मिल सके।
अकादमी मोशन पिक्चर्स की कला और विज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करती है।
अकादमी की विज्ञान तथा टेक्नोलॉजी परिषद ने अपनी एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट में यह पता लगाया कि कौन-कौन से बड़े मूवी प्रतिष्ठान, डिजिटल डाटा के संग्रहण और डाटा एक्सेस का कार्य कर रहे हैं। वर्षों बाद परिषद ने पाया कि डिजिटल संग्रहण की विश्वसनीयता का विषय काफी व्यापक है। इस पुस्तक में सक्षम रूप से अभिलेख तैयार करने की चुनौतियों और दीर्घकालिक दृष्टि से बड़े डाटा एक्सेस की चुनौतियों की चर्चा की गई है।