आत्मविश्वास है परीक्षा में सफलता की असल कुंजी


परीक्षा में सफलता के लिये विद्यार्थी में जितना विषयों को ज्ञान जरूरी है, उतना ही जरूरी उनमें आत्मविश्वास का होना भी है। दरअसल अधिकाश बच्चों में परीक्षा शब्द सुनते ही चेहरे की मुस्कुराहट जैसे गायब हो जाती है। वह अचानक सचेत नजर आने लगते हैं। वर्ष भर यूँ ही मस्ती करने वाले बच्चे परीक्षा की तारीख घोषित होते ही पढ़ाई करने बैठ जाते हैं। दिन-रात बस परीक्षा का ही ख्याल होता है, और यह सब सोचते उनमें घबराहट घर करने लगती है। बस एक ही ख्याल होता है, अधिक से अधिक देर तक पढ़ाई करते परीक्षा में पूरे अंक ले आएँगे। उन बच्चों में यह घबराहट परीक्षा के शुरूआत से लेकर उसके खत्म होने तक होती है। इसका असर कई बार उनके स्वास्थ्य पर भी पड़ता है, और परीक्षा के दौरान कई बच्चे बीमार भी होने लगते हैं।


दरअसल 365 दिन की पढ़ाई अगर विद्यार्थी परीक्षा के पूर्व या उसके दौरान चंद दिनों में करने लगे तो उसे किसी चिराग के जिन्न की ही आस होती है, जो उसे जल्दी से सारे सवालों के जवाब याद दिला दे। परीक्षा के वक्त पूर्ण रूप से विषयों का ज्ञान न होना उनमें भय और आत्मविश्वास की कमी को बढ़ाता है।


लेकिन परीक्षा के दौरान आत्मविश्वास का होना बेहद जरूरी है, जिसके लिये समय रहते विचार करने की जरूरत होती है। महज 3 घंटे में समाप्त होने वाली परीक्षा में विद्यार्थी की साल भर की गई पढ़ाई और विषय से जुड़ी उसकी समझ को आंका जाता है। प्रश्न पत्र कुछ इस तरह तैयार किये जाते हैं, जो छात्रों के कौशल, स्मरण शक्ति और अध्ययनशीलता की परख करता है। इसलिये यह जरूरी है कि छात्र वर्ष भर अपने विषयों का निरंतरता से अध्ययन करें, और परीक्षा के नजदीक आते ही इसका पुनरावलोकन करें, ताकि जानकारी सुदृढ़ हो सके। फिर परीक्षा के वक्त दिन-रात की पढ़ाई जरूरी नहीं है, और न ही अपने अंदर भय पैदा करने की। जिन विषयों का वे लगातार अध्ययन कर रहे हैं, उनके पुनरावलोकन से पक्का ज्ञान मिलता है और परीक्षा के वक्त छात्र आत्मविश्वासी नजर आते हैं। उनके चेहरे पर सब हल करने का सुकून नजर आता है।



अक्सर यह बात भी ध्यान रखने योग्य है कि समय बीतते हमारा दिमाग उन सारी बातों को भूलने लगता है, जिनका प्रयोग करना बंद कर देते हैं। इसलिये यह भी जरूरी है कि लगातार अभ्यास को अपनी दिनचर्या का अंग बना लिया जाए तो किसी बात और ज्ञान को भूला नहीं जा सकता है। कुछ ऐसे विषय जो विद्यार्थी को बहुत आसान लगते हैं, इसके पीछे भी एक वजह है। उन विषयों को छात्र अच्छी तरह समझने लगते हैं, और उन्हें आसान लगने लगता है। उसी के उलट कुछ ऐसे विषय भी होते हैं, जिनसे विद्यार्थी दूर भागते हैं। ऐसा इसलिये होता है कि वो विषय को पढ़ने और समझने की कोशिश नहीं करते और उनसे दूर भागने लगते हैं। जबकि यह सही नहीं है। दसवीं तक की कक्षा के दौरान सभी विषयों की समझ जरूरी है, जो आगे की पढ़ाई एवं ज़िन्दगी के लिये भी जरूरी होते हैं। कुछ ऐसी बातें जो विद्यार्थी के लिये गौर करना जरूरी हैं, जैसे- 



  •  विद्यार्थी किसी विषय को लेकर मन में पूर्वाग्रह नहीं पालें। सारे विषयों का ज्ञान जरूरी है, और निरंतर अध्ययन करने पर सब आसान हो जाता है। इसलिये पढ़ाई में रूचि लें। 

  • किताबी कीड़ा बनने की जरूरत नहीं है, इससे भी ग्रहणशीलता पर असर पड़ता है। अपने अध्ययन के लिये समय सूचि तैयार करें। और नियत समय पर जरूर बैठे, क्योकि यह अनुशासन आपको विषयों से जोड़ता भी है।

  • पढ़ाई के साथ-साथ अन्य रूचिकर एवं रचनात्मक कार्यों में भी ध्यान दें, और खेल- कूद को अपनी दिनचर्या का हिस्सा जरूर बनाएँ। यह आपका शारिरिक के साथ मानसिक विकास भी करता है। 

  • पढ़ाई करते वक्त तनाव मुक्त रहें, इससे आप विषयों को अच्छी तरह समझ पाएँगे। कभी भी मजबूरी या किसी के कहने से न पढ़ेयह ललक और ज्ञान आपके अंदर स्वयं होनी चाहिये। सोचिये यह ज्ञान अर्जन के साथ आपका काम भी है, और आप कामचोर नहीं हैं।

  •  ध्यान रहे, विद्यार्थी जीवन में नई-नई समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। इसे गंभीरता से न लें। बहिर्मुखी बनकर अपने अभिभावक एवं गुरूओं से चर्चा कर उचित मार्गदर्शन प्राप्त करें

  • मुश्किल विषयों को संक्षिप्त बनाएँ। इसके लिये मुख्य शीर्षक एवं उप शीर्षक बनाकर इसे आसान करें।

  • पढ़ाई करते वक्त केवल रट्टे मत मारें, उन्हें प्रयोगात्मक बनाते हुए समझकर पढ़ेंसमझने के बाद उसे लिखें। 


सबसे बड़ी और खास बात यह है कि विद्यार्थी अपने स्वास्थ्य का ध्यान जरूर रखें, क्योंकि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है। कोई भी परीक्षा जिन्दगी का अंत नहीं होता हैसमझ जहाँ से आए एक अच्छी शुरूआत वहीं से हो सकती हैइसीलिये कोशिश करें, एक अच्छा विद्यार्थी बनने की जो हर पल, हमेशा कुछ नया सीखता है, और इसी के साथ भविष्य के सपने संजोता है।


बात जब परीक्षा की हो, तो समझाने वालों की कमी नहीं रहती। सही-गलत का भेद और परीक्षा की। तैयारी के तरीके बताने वाले भी मिल जाएंगे। इन सबके बीच हम यही कहना चाहेंगे कि बात किसी भी परीक्षा कीहो, आत्मविश्वास से कारगर कोई कुंजी नहीं हो सकती। परीक्षा एक दिन या एक रात की तैयारी का नाम नहीं । है, यह आपके सतत प्रयासों का लेखा-जोखा है। आत्मविश्वास से परिपूर्ण व्यक्ति हर परीक्षा को आसानी से पार कर लेता है। वहीं आत्मविश्वास की कमी हो, तो व्यक्ति सामान्य सी चुनौती से भी हार मान लेता है। 


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