सिविल सेवा में देख रहे हैं कैरियर तो जानिये क्या जानना है जरूरी ?

 



दिल्ली स्थित नालंदा आइएएस एकेडमी की डायरेक्टर कल्पना कहती हैं कि आइएएस बनने के लिये सबसे पहले यह तय करें कि क्या आप इस क्षेत्र में देश सेवा के लिये आना चाहते हैं...अगर ऐसा है तो यह क्षेत्र आपका स्वागत करता है और अगर आप पैसा कमाना चाहते हैं तो बेशक विभिन्न विकल्प आपके सामने हो सकते हैं। जहाँ तक सिविल सर्विसेज का सवाल है, कुछ समय पूर्व किये गये एसोचेम के सर्वे के अनुसार आज युवा देश के जिन प्रतिष्ठित नौकरियों के लिये आवेदन कर रहे हैं, उनमें आइएएस का प्रमुख स्थान है। एक साल के दौरान ही उम्मीदवारों की संख्या में लगभग 2 लाख की वृद्धि हुई। सर्वे के अनुसार यह पता चलता है कि ऐसे उम्मीदवार आइएएस बनने की आकांक्षा इसलिये रखते हैं क्योंकि अच्छे वेतन और भत्ते के साथ यह सिविल सेवा का सर्वोच्च पद है, जिसकी सामाजिक प्रतिष्ठा बहुत अधिक है।


इसी तरह युवाओं की दूसरी पसंद भारतीय विदेश सेवा(इंडियन फॉरेन सर्विस) है, क्योंकि यह शांत और बौद्धिक प्रकृति का पद है। जबकि जो उम्मीदवार आइएएस का रैंक नहीं पाते हैं, उनकी पसंद आइपीएस बनने की होती है।


हालांकि कुछ क्षेत्रों में सुरक्षा जोखिम भी शामिल है, जिसमें व्यक्तिगत प्रतिबद्धता की जरूरत होती है। लेकिन बावजूद इसके सामाजिक रूतबे की वजह से यह युवाओं की पहली पसंद है।



सबसे पहले जानते हैं कि सिविल सर्विसेज को कैरियर के रूप में देखने वाले अभ्यर्थियों को किन बातों पर ध्यान देने की जरूरत हैं-



  • संघ लोक सेवा आयोग द्वारा प्रति वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर सिविल सर्विसेज प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन किया जाता है, जिसके अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा(आइएएस), भारतीय विदेश सेवा(आईएफएस), भारतीय पुलिस सेवा(आईपीएस), इंडियन रेवेन्यू सर्विस( आइआरएस) सहित भारत सरकार के विभिन्न नागरिक सेवाओं के पद शामिल हैं। संघ लोक सेवा आयोग हर साल इन पदों के लिये रिक्तियाँ निकालता है उनमें कुछ अंतर जरूर होते हैं मगर सामान्य रूप से पिछले 4 सालों के दौरान इनकी संख्या 1000 से 1200 रही है।


योग्यता


आइएएस और आइपीएस अभ्यर्थियों के लिये भारत की नागरिकता अनिवार्य है।


दूसरी सेवाओं के लिये निम्नलिखित में से एक जरूरी है-



  1. भारत का नागरिक हो अथवा

  2. नेपाल से संबंधित हो, अथवा

  3. भूटान से संबंधित हो, अथवा

  4. तिब्बती रिफ्यूजी जो 1जनवरी 1962 से पहले भारत में हमेशा के लिये रहने आ गया हो अथवा भारतीय मूल का व्यक्ति जो पाकिस्तान, बर्मा, श्रीलंका, यूनाइटेड रिपब्लिक ऑफ तंजानियां, केन्या के पूर्वी अफ्रीकी देशों, यूगांडा, जांबिया, मालाबी, जैर, यूथोपिया एवं वियतनाम जैसे देशों से लौटकर हमेशा के लिये भारत में बसने के लिये आया हो।


शैक्षणिक योग्यता


अभ्यर्थी, यूजीसी की धारा 1956, द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी राज्य या केन्द्रीय विश्वविद्यालय या डिम्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक या उसके समकक्ष डिग्री प्राप्त हो। अथवा स्नातक के समकक्ष डिग्री प्राप्त किसी भी नंबर से पास हो।


स्नातक के अंतिम वर्ष में रहने वाला भी इस परीक्षा में बैठ सकता है। 


उम्र सीमा



  • सामान्य वर्ग के लिये उम्र सीमा 21 से 32 वर्ष

  • ओबीसी के लिये उम्र सीमा 21 से 35 वर्ष

  • एससी/एसटी के लिये 21 से 37 वर्ष

  • दिव्यांगों के लिये 21 से 42 वर्ष एवं

  • पूर्व सर्विसमैन के लिये उम्र सीमा 21 से 37 वर्ष है।


परीक्षा में बैठने के अवसरों की संख्या



  • सामान्य वर्ग के लिये 6 अवसर

  • ओबीसी के लिये 9 अवसर

  • एससी/एसटी 37 वर्ष तक बैठ सकते हैं।

  • दिव्यांगों को 9 बार बैठने की अनुमति है।

  • अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / शारीरिक रूप से विकलांग श्रेणियों के सभी उम्मीदवारों एवं महिला उम्मीदवारों को शुल्क का भुगतान करने से छूट दी गई है।


सिविल सेवा के सर्वोच्च पद के लिये जरूरी है गुणात्मक अध्ययन


दिल्ली स्थित नालंदा आइएएस एकेडमी की डायरेक्टर कल्पना झा कहती हैं कि कड़ी मेहतन का कोई विकल्प नहीं है, और अपना लक्ष्य पाने के लिये लगातार मेहनत ही सफलता की कुंजी है। आइएएस बनने के लिये भी पहली शर्त मेहनत ही है, मगर यह पद सम्मान के साथ जिम्मेदारी भी देता है। देश सेवा के लिये महत्वपूर्ण नीतियाँ बनाने की जिम्मेदारी। इसीलिये इसे कैरियर के रूप में अपनाने से पहले यह जरूर तय कर लें कि आपमें देश सेवा का जज्बा है।


अधिकांश लोग यह मानते हैं कि इस जिम्मेदारी को पाने का रास्ता बेहद कठिन और चुनौतिपूर्ण है, जबकि अगर सूझ-बूझ एवं निश्चित रणनीति तैयार किये जाएं तो यह काफी सरल है। इसके लिये कड़ी मेहनत, दृढ़ता एवं प्रयास की आवश्यकता होती है, जैसा कि अन्य विकल्पों को पाने के लिये भी जरूरी होता है। हमारा मानना है कि ऐसे छात्र जो आइएएस बनने की तमन्ना रखते हैं, उनके लिये समय रहते उचित मार्गदर्शन की जरूरत होती है।


इसी बात को ध्यान में रखते हुए यहाँ कुछ जरूरी सुझाव दिये जा रहे हैं, जो निश्चित रूप से आइइएस बनने की इच्छा रखने वालों का मार्ग प्रशस्त करने में मददगार साबित होंगे।



  • ऐसा देखा गया है कि कई बार दूसरों की नजर में बुद्धिमान एवं तेज रहने वाले छात्र भी इस परीक्षा को निकालने में सफल नहीं हो पाते और कभी एक साधारण छात्र सफलता की सीढ़ी पार कर लेता है। ऐसा निरंतर कोशिशों और लगन से संभव है।

  • सिविल सेवा परीक्षा में गुणात्मक अध्ययन का काफी महत्व होता है। अर्थात यदि एक साल में प्रति सप्ताह के 6 दिन नियमित 6 घंटे अध्ययन में समर्पित किया जाए तो यह पर्याप्त है। यह भी ध्यान रखने वाली बात है कि अच्छी तैयारी के लिये अच्छी नींद भी जरूरी है।

  • इस पद को पाने की चाह रखने वाले छात्रों को एनसीइआरटी(NCERT) की किताब पढ़नी चाहिये।

  • छठी से लेकर दसवीं तक साइंस एवं छठी से लेकर 12वीं तक आर्ट्स अर्थात सोशल स्टडीज का गहन अध्ययन जरूरी है।

  • लोकसभा एवं राज्यसभा टीवी पर आने वाले बहस के कार्यक्रम देखने से विश्लेषणात्मक क्षमता में वृद्धि होती है। इसके साथ ही वर्तमान मुद्दों एवं विषयों पर आधिकारिक विचारों की जानकारी मिलती है। ऐसा इसलिये कि यह पद आखिरकार सरकार का प्रतिनिधित्व करता है।

  • इसी के साथ सम-सामयिक विषयों से जुड़े रहने के लिये “द हिन्दु एवं “इंडियन एक्सप्रेस जैसे अखबार नियमित रूप से पढ़ना जरूरी है। ये अखबार इसीलिये कि इनमें पूरी खबर के साथ विश्लेषण भी होते हैं। इसके साथ ही योजना जैसी सरकारी पत्रिकाओं को पढ़ने से सामाजिक एवं आर्थिक मुद्दों की जानकारी मिलती है।

  • इंटरनेट का प्रयोग भी करें, क्योंकि इस क्षेत्र में आने के लिये भी इंटरनेट की जानकारी महत्वपूर्ण है। यही नहीं इंटरनेट उनके लिये और भी सहायक है जिन्हें कोचिंग आदि नहीं मिल पाता। वे इसे ही ट्युटोरियल की तरह प्रयोग में ला सकते है। इंटरनेट और यूट्युब उनके सपनों की उड़ान में चाबी भरने का काम करेंगे। बस जरूरत है कि इसका प्रयोग करते समय वे किसी सीनियर का मार्गदर्शन लें जिन्होंने इस परीक्षा की तैयारी पहले की हो। यह इसीलिये जरूरी है क्योंकि इंटरनेट पर इतनी सारे कन्टेंट भरे हैं, जिन्हें देखकर छात्र भ्रमित हो सकते हैं, इसलिये छँटी हुई एवं व्यवस्थित सामग्री परीक्षा की तैयारी के लिये सहायक होंगे।

  • सिलेबस की जानकारी जरूरी है। सिलेबस के साथ प्रीवियस पेपर यानि पुराने प्रश्न पत्र जरूर देखें, जिससे सवाल के पैटर्न पता चल सके। इसे आप यूपीएससी (UPSC) की वेबसाईट से देख सकते हैं, या फिर नालंदा आइएएस एकेडमी की वेबसाईट से डाउनलोड कर सकते हैं।


आपका भविष्य उज्ज्वल बने, यही हमारी कामना है।  आइएएस की तैयारियों से जुड़ी अन्य जानकारी के लिये लॉग इन करें- http://www.nalandaias.com/


 


 


Popular posts from this blog

पर्यावरण और स्वच्छता के लिहाज से ऐतिहासिक रहा आस्था का कुंभ 2019

मुखिया बनते ही आन्ति सामाड ने पंचायत में सरकारी योजनाओं के लिये लगाया शिविर

झारखंड हमेशा से वीरों और शहीदों की भूमि रही है- हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री झारखंड