क्या चमकीले दाँत बताते हैं स्वस्थ शरीर का राज
आपका मुँह स्वास्थ्य के लिये प्रवेश द्वार की तरह है। ऐसा दंत चिकित्सक कहते हैं, क्योंकि हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में दाँतों की भूमिका काफी अहम होती है। दाँत के सहयोग से ही खाने को अच्छी तरह चबाकर खाया जाता है और फिर वह खाना हमारे शरीर में समाहित होकर हमें खूबसूरत और ताकतवर बनाता है।
इसलिये दांत हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। ऐसे में जरूरी है कि हम अपने दाँत की देखभाल भी अच्छी तरह करें। जबकि ऐसा कम ही होता है। हम रोजमर्रा की ज़िन्दगी में इतने व्यस्त रहते हैं कि इस जरूरी काम को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हैं, और यह बस नियमित कार्य ही बनकर रह जाता है।
परिणामस्वरूप बाद में हमें दांतों की कई परेशानियों से जूझना पड़ता है। जैसे- दांत में कीड़े लगना, दाँत में तेज दर्द, सड़न आदि के होने से हमें अपने प्राकृतिक दांत से हाथ धोना पड़ता है, और कृत्रिम दांतों के सहारे ज़िन्दगी गुजारनी पड़ती है। ऐसी स्थिति आए, इससे पहले जरूरी है कि कुछ सावधानियों पर अमल किये जाएँ जिससे दाँत सदैव चमकीले और स्वस्थ रहें।
दांतों को स्वस्थ रखने के लिये दंत चिकित्सक डॉ. वरूण प्रताप कुछ महत्वपूर्ण सलाह देते हैं,.जो इस प्रकार हैं..
- दांतों से चिपकने वाला खाना कम खाएँ
- मैदे से बनी चीज़ें, या फास्ट फूड खाने से परहेज करें
- दिन में दो वक्त ब्रश करें, ब्रश करने के कई तकनीक हैं, जिन्हें इंटरनेट की मदद से भी सीखा जा सकता है।
- अगर दांतों के बीच खाना फंसता है तो उसे फ्लॉश से साफ करें
- खाना खाने के बाद कुल्ला जरूर करें। ऐसा करने से दातों में लगा 30 से 40 प्रतिशत खाना हट जाता है । ब्रश करने से लगभग 90 प्रतिशत खाने की सफाई हो जाती है। फ्लॉशिंग से जहाँ ब्रश नहीं पहुँच पाता वहाँ की सफाई हो जाती है।
- आप नियमित रूप से अपने दांतों की सफाई करते रहे हैं, और आपकी खाने की आदतें भी अच्छी हैं, फिर भी साल में एक बार डॉक्टर के पास जाकर अपने दांतों का चेकअप कराएँ, एवं जिनकी खाने-पीने की आदत अच्छी नहीं हैं और वे अपने दांतों की ठीक तरह से देखभाल भी नहीं करते उन्हें साल में दो से तीन बार दांतों का चेकअप कराने की आवश्यकता होती है।
- ज्यादातर छोटे बच्चे और 40 की उम्र के आस-पास के लोग दांत की समस्या को लेकर डॉक्टर के पास पहुँचते हैं। दांत में दर्द होने का मुख्य कारण यह है कि दांतों की नसों में क्षति होने की वजह से दांत दर्द होता है। जिसे रूट केनाल ट्रीटमेंट से ठीक किया जाता है। अगर दांत दर्द तत्कालिक हुआ हो तो केमिस्ट से आब्रुफेन या कम्बीफ्लेम मेडिसीन ली जा सकती है।
- जहाँ तक दाँत में ठंडा गरम लगने की बात है तो इसकी वजह ठीक से ब्रश नहीं करना है। जैसे कई बार लोग ताकत के साथ ब्रश करते हैं तब इससे इनेमल घिस जाते हैं। इसी तरह ब्रश बहुत कम समय करने से भी ठंडा गरम लगता है। डॉ. वरूण कहते हैं कि ज्यादातर लोगों को पता नहीं है कि ब्रश कैसे करना है। डॉक्टर के अनुसार ब्रश करते समय 3 से 4 मिनट का वक्त देना जरूरी होता है। जोर से घिसकर नहीं बल्कि दांतों पर सॉफ्ट ब्रश करना चाहिये।
- कोशिश करें कि अपने नेचुरल दांतों की देखभाल कर उसे बचाया जा सके। आर्टिफीशियल दांत दूसरे विकल्प की तरह हैं जो कभी नेचुरल दांतों की जगह नहीं ले सकते।
- इस बात का खास ख्याल रखें कि छोटे बच्चों को उनकी जिद व प्यार से ढ़ेर सारा चॉकलेट नहीं खिलाएँ। अगर उन्हें चॉकलेट खिलाना है तो शाम को 6 से 8 बजे के बीच दें, और सोने से पहले अपनी देख-रेख में ब्रश कराएँ।
- दांत में दर्द की शिकायत बार-बार हो रही हो तो किसी अन्य नुस्खे को आजमाने की जगह डॉक्टर से चेक कराएँ।