मुमताज महल और शाहजहां के संयुक्त मकबरा ताजमहल से झलकता है शाहजहां का नाम

14वीं शताब्दी के शासक तैमूर लंग के वंश में 5 जनवरी 1592 को लाहौर में शाहजहां ने मुगल सम्राट जहांगीर के पुत्र के रूप में जन्म लिया। शाहजहां पांचवें मुगल सम्राट थे, जो अपनी न्यायप्रियता के कारण लोकप्रिय रहे। इनका शासन काल मुगल शासन काल का स्वर्णयुग कहलाया। शाहजहां का नाम ऐसे आशिक के तौर पर लिया जाता है जिसने अपनी बेगम मुमताज महल के मकबरा के रूप में ताजमहल का निर्माण करवाया। ताजमहल मुमताज महल का संक्षिप्त नाम है।


     नूरजहां के भाई अब्दुल हसन असद खान के पुत्री के रूप में 27 अप्रैल 1593 को मुमताज महल का जन्म हुआ। शाहजहां और मुमताज का निकाह 30 अप्रैल 1612 में हुआ। 1628 में शाहजहां ने मुमताज को मलिका ए जहां अर्थात दुनियां की रानी और मलिका उज ज़मानी की उपाधि से नवाजा। मुमताज महल ने 17 जून 1631 को मध्यप्रदेश के बुहरान पुर में अंतिम सांस ली। बुहरान पुर में ही इनको दफनाया गया और छह महीने बाद इनके कब्र को आगरा लाया गया।


     मुमताज की अंतिम इच्छा थी कि शाहजहां उनकी स्मृति में एक ऐसे महल का निर्माण करें, जो विश्व प्रसिद्ध हो। शाहजहां ने इस इच्छा की पूर्ति के लिए मुमताज के मकबरा के रूप में ताजमहल का निर्माण करवाया। ताजमहल के निर्माण में 22 वर्ष लगे। और इसमें 20 हजार मजदूरों ने योगदान दिया। 22 जनवरी 1616 को आगरा में शाहजहां ने अंतिम सांस ली। मुमताज महल और शाहजहां के संयुक्त मकबरा ताजमहल से झलकता है शाहजहां का नाम जो विश्व के सात आश्चर्यों में एक हैं। इसके बाद शाहजहां के पुत्र जहांआरा ने आगरा में जामा मस्जिद का निर्माण करवाया था।  


उपरोक्त जानकारी पाठक मंच के साप्ताहिक कार्यक्रम इंद्रधनुष की 699वीं कड़ी में दी गई। 


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